Rajat Sharma

पंजाब में नशे के खिलाफ जंग : पंजाबियों को खुद लड़नी होगी

AKb (1)मंगलवार की शाम मेरे प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में हमने पंजाब के तरन तारन में 18 साल के एक नौजवान की लाश से लिपट कर रोती एक मां की दिल दहला देने वाली तस्वीरें दिखाई । हमने दिखाया, कैसे पिता चिता की परिक्रमा करते वक्त जोर-जोर से रोने लगे, और कैसे एक ग्रन्थी वहां मौजूद सभी लोगों से रोते हुए कह रहा था कि ‘ सरकार और पुलिस के भरोसे न रहें और अपने बच्चों को ड्रग्स के कहर से बचाने के लिए खुद आगे आएं।‘

ग्रन्थी ने कहा, ‘ये मत सोचना कि हमारे बच्चे का संस्कार हो गया, अब अपने घर ये आग नहीं आएगी। अगर आपने अपने बच्चों को नहीं बचाया तो चिता की ये आग हर घर के बच्चों को अपनी चपेट में ले लेगी।’

ग्रन्थी की बात सुनकर मैं भी सन्नाटे में आ गया। आखिर पंजाब के लोगों को क्या हो गया है? ड्रग्स का जाल इतनी तेजी के कैसे फैल रहा है कि अधिकांश परिवार इसकी चपेट में हैं। पंजाब की सरकार इस जहर को फैलने से रोकने में नाकाम क्यों है? जब बच्चे-बच्चे को पता है कि ड्रग्स कहां मिलती है, कौन बेचता है, तो पुलिस ड्रग्स बेचने वालों को क्यों नहीं पकड़ती? पुलिस हर बार मौत पर मातम के वक्त ही क्यों पहुंचती है? ऐसे न जाने कितने सवाल हैं जो ज़ेहन में लगातार घूम रहे हैं।

ड्रग्स से नौजवानों की मौत की बेचैन करने वाली खबरें रोज आती हैं। मंगलवार को ऐसी तीन-तीन खबरें आईं। पंजाब के तरनातारन जिले में दो नौजवानों की ड्रग्स के कारण मौत हो गई। इनमें एक की उम्र 18 साल थी और दूसरा 26 साल का था। अमृतसर में दो सगे भाइयों की जान ड्रग्स ने ले ली। ड्रग्स की वजह से हजारों परिवार बर्बाद हो चुके हैं। नशे के कारण हजारों माता-पिता बेऔलाद हो गए, छोटे-छोटे बच्चे यतीम हो गए, पूरे के पूरे परिवार सड़क पर आ गए, लेकिन ड्रग्स पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं।

18 साल के महकदीप की मौत ड्रग्स की ओवरडोज के कारण हुई। अब परिवार वालों के पास रोने के सिवाय कुछ नहीं बचा। पंजाब में जब किसी जवान लड़के की मौत होती है, और अगर उसकी शादी नहीं हुई हो तो माता-पिता अन्तिम संस्कार से पहले अपने बच्चे की सेहराबंदी करते हैं, उसे दुल्हे की तरह सजाते हैं और श्मशान ले जाते हैं। महकदीप की भी सेहराबंदी हुई और जब उसे सेहरा पहनाया गया तो उसके पिता सदमे में चले गए और मां बेसुध हो गई। पिता को अपने बेटे की अर्थी को कांधा देना पड़ा। श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान उसके पिता बेसुध हो गए।

पंजाब के लोगों के लिए इस तरह का दर्द झेलना आम बात हो गई है। जब महकदीप को मुखाग्नि दी गई, उसी वक्त एक ग्रन्थी जलती हुई चिता के सामने खड़ा हो गया। उसने जो कहा वह ये बताने के लिए काफी है कि पंजाब में ड्रग्स का जहर कितना फैल चुका है। उस ग्रन्थी ने जलती चिता के सामने खड़े होकर श्मशान मौजूद लोगों से कहा, ‘मैंने बच्चों को समझाया है कि वे ड्रग्स न लें, लेकिन बच्चे कहते हैं कि ‘हम फंस गए हैं, अब पीछे नहीं हट सकते।’ आप लोग अब संभल जाइए और अपने बच्चों को समझाइए। उन्हें इस जहर से बचाइए।’

पंजाब में महकदीप जैसे लाखों नौजवान ड्रग्स की लत के शिकार हैं। अब महकदीप के परिवार वाले घर में मातम मना रहे हैं। महकदीप के कजिन रंजोत बीर सिंह ने बताया कि जब परिवार को उसके लापता होने की बात पता चली तो वह कैसे उसे खोजने गए। उन्होंने कहा, ‘महकदीप बेसुध पड़ा था। उसने ड्रग्स ली हुई थी। आसपास नशे के तमाम इंजेक्शन पड़े थे। वहां और भी लड़के थे और सब ड्रग्स के शिकार थे।’ रंजोत बीर सिंह ने कहा, ‘सरकार, पुलिस, प्रशासन सब झूठ बोलते हैं। जो यह कहता है कि पंजाब में नशा नहीं बिकता, वह सबसे बड़ा झूठा है।’

इंडिया टीवी के संवाददाता पुनीत परींजा तरनतारन के खडूर साहिब पहुंचे और महकदीप के परिजनों से मिले। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से भी बात की। महकदीप की मां मलकीत कौर ने कहा कि उनके बेटे ने कभी ड्रग्स नहीं लिया था।

मलकीत कौर ने कहा, ‘उसे जानबूझकर ड्रग्स की ओवरडोज दी गई थी। मेरे बच्चे को कत्ल किया गया। उसकी अपने दोस्तों से कुछ तू-तू मैं-मैं हुई थी। बस उन्होंने मेरे बेटो के ड्रग की ओवरडोज जबरदस्ती लगा दी। मेरे बच्चे को ऐसी चीजों की बिल्कुल भी आदत नहीं थी। उसने कभी भी एक्सट्रा पैसे नहीं लिए। मैं खुद ग्रैजुएट हूं, पढ़ी-लिखी हूं। दसवीं तक के बच्चों को मैंने पढ़ाया है। मैंने कभी भी अपने बेटे को नशे की हालत में नहीं देखा।’

महकदीप के पिता ने कहा, ‘मैंने 14 अक्टूबर को शाम करीब 4.30 बजे अपने बेटे को फोन किया था। वह मेरी बाइक लेकर गया था और कहा था कि 20-25 मिनट में घर लौट आएगा, लेकिन 4 घंटे बीतने के बाद भी वह नहीं लौटा। जब मैंने अपने बेटे को दोबारा फोन किया तो घंटी बजी, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। उसके बाद मुझे अपने बेटे की मौत की खबर मिली।’

महकदीप की मां ने आरोप लगाया कि उन्होंने पुलिस को उन संदिग्ध लोगों के बारे में बताया था जिन्होंने उनके बेटे को ड्रग की ओवरडोज दी। उन्होंने कहा कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उनके माता-पिता को थाने बुलाकर उनकी मेहमाननवाजी करती है। उन्होंने कहा, ‘पुलिस अफसर मेरे पति से पूछते हैं कि क्या कार्रवाई की जाए। इसी से आप अंदाजा लगा लीजिए कि मुझे कितना इंसाफ मिला है।’

इंडिया टीवी के रिपोर्टर ने खडूर साहिब के थाना प्रभारी जतिंदर सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘परिवार वालों की शिकायत पर गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। जिन 14 लोगों के नाम महकदीप के परिवार वालों ने बताए हैं, उनमें से 6 को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में से 4 तो महकदीप के दोस्त ही हैं।’

सभी जानते हैं कि पुलिस की इस जांच का अंजाम क्या होगा। ड्रग्स का कारोबार जैसा चल रहा है, वैसा ही चलता रहेगा। पंजाब में ड्रग्स की ओवरडोज से यह न पहली मौत है और न आखिरी।

मंगलवार को पंजाब के तरनतारन जिले के एक और गांव में भी ड्रग्स से मौत का केस सामने आया। तरनतारन के मरहाना गांव में 26 साल का नौजवान सिकंदरजीत सिंह भी ड्रग्स का शिकार हो गया। सिकंदरजीत अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। पिता की मौत पहले ही हो चुकी है, परिवार में सिर्फ मां है। सिकंदरजीत परिवार में अकेला कमाने वाला था, लेकिन उसको नशे की लत लग गई। वह ड्रग्स लेने लगा था। दो दिन पहले उसने ड्रग्स की ओवरडोज ले ली और उसकी मौत हो गई। रो-रोकर मां की आंखों के आंसू भी सूख गए। उन्होंने रोते हुए कहा, ‘मेरे बेटे को बुरी संगत खा गई। यह क्या हो गया? मेरा बेटा तो मारा ही गया, अब मैं सरकार से क्या मांग करूं? मैं तो लुट गई।’

अमृतसर शहर के कटरा बघियां मुहल्ले में एक गरीब परिवार के दो भाइयों की जान ड्रग्स ने ले ली। बड़ा भाई हरगुन जेल में बीमार पड़ गया था। उसे गुरु नानक देव अस्पताल के नशामुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां मंगलवार को उसकी मौत हो गई। जब उसकी लाश उसके घर पहुंची तभी खबर आई कि उसके छोटे भाई की भी ड्रग्स की वजह से मौत हो गई है। दोनों की उम्र 21 और 19 साल थी। सदमे की वजह से उनके बुजुर्ग माता-पिता की हालत खराब है।

पंजाब पुलिस और सरकार लगातार दावा कर रही है कि ड्रग्स के सेवन के खिलाफ उनकी मुहिम जोर पकड़ रही है। अधिकारियों के मुताबिक, पिछले एक हफ्ते में 350 से अधिक ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया और करोड़ों रुपये की हेरोइन और अफीम के साथ-साथ लाखों रुपये नकद बरामद किए गए। NDPS ऐक्ट (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को सख्त से सख्त सजा दिलाने की कोशिश की जा रही है।

जमीनी हकीकत काफी अलग है। पंजाब में ड्रग्स की डोज सिर्फ गली-मुहल्लों में नहीं मिल रही है, यहां की जेलों में भी यह आसानी से मिल जाती है। मंगलवार को ही एक वीडियो सामने आया जिसके बारे में दावा किया गया कि यह अमृतसर की सेंट्रल जेल का है। वीडियो में नजर आ रहा है कि जेल में कुछ कैदी गुट बनाकर बैठे हैं और नशा कर रहे हैं। पंजाब के जेल मंत्री हरजोत बैंस ने इस वीडियो को देखने के बाद ऐक्शन का वादा किया और कहा कि जांच के बाद सख़्त कार्रवाई होगी।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य को नशा मुक्त बनाने का वादा किया था। पंजाब पुलिस के आईजी (हेडक्वॉर्टर) सुखचैन सिंह पुलिस की कार्रवाई की पूरी एक लिस्ट लेकर आ गए। उनके मुताबिक अब तक ड्रग तस्करों के खिलाफ 272 FIR दर्ज की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कुछ बड़े तस्करों समेत 350 से ज्यादा ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे ज्यादा 29 केस फिरोजपुर जिले में दर्ज हुए हैं जबकि अमृतसर में 21 और होशियारपुर में 19 केस रजिस्टर किए गए हैं। खन्ना, लुधियाना और मोहाली में भी केस दर्ज हुए हैं।

पुलिस ने आंकड़े गिनाकर, FIR दर्ज करके अपना काम पूरा कर लिया। पुलिस को इससे मतलब नहीं है कि ड्रग्स के खिलाफ कैंपेन का असर हो रहा है या नहीं। जमीनी हकीकत क्या है, यह पंजाब के आम लोग बताते हैं। पंजाब के तरनतारन के लोगों ने कहा कि ड्रग्स कहां से आती है, कौन सप्लाई करता है, कौन बेचता है, कौन खरीदता है, पुलिस को सब पता है। ज्यादातर मामलों में पुलिस दिखावे का ऐक्शन करती है।

पुलिस की गाड़ी इलाके में सायरन बजाती हुई आती है। यह सायरन ड्रग्स का धंधा करने वालों के लिए सिग्नल होता है। सायरन की आवाज सुनकर ड्रग्स बेचने वाले इधर-उधर हो जाते हैं, पुलिस घूमकर निकल जाती है। पुलिस के जाते ही ड्रग्स बेचने वाले फिर अपने काम पर लग जाते हैं। लोगों ने इंडिया टीवी के रिपोर्टर से कहा कि भगवंत मान ने बदलाव का वादा किया था लेकिन कुछ नहीं बदला, हालात और खराब हो गए।

पंजाब नशे की गिरफ्त में है यह बताने के लिए न किसी स्टडी की जरूरत है, न किसी रिपोर्ट की। पूरा पंजाब जानता है, पुलिस जानती है, सरकार को मालूम है कि पंजाब का हर सातवां व्यक्ति नशे की चपेट में है। पंजाब का हर परिवार ड्रग्स के जहर से प्रभावित है। अब नशे के इस भयानक रूप के साथ कई और खतरे भी जुड़ गए हैं।

ड्रग्स के अलावा एक बड़ा खतरा HIV का है। ड्रग एडिक्ट इंजेक्शन लेते हैं, नशे की एक सीरिंज का इस्तेमाल कई लोग करते हैं। इसलिए जानलेवा HIV के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नशे के खौफनाक कारोबार का एक और साइड इफेक्ट यह है कि अब दहशतगर्दों और ड्रग्स तस्करों ने पंजाब के गैंगस्टर्स के साथ कार्टेल बना लिया है। यह देश की सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा है।

मंगलवार को NIA ने आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग तस्करों के कार्टेल को ध्वस्त करने के लिए पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली NCR में करीब 50 जगह रेड की। पंजाब की मुश्किल यह है कि पाकिस्तान से करीब 550 किलोमीटर का बॉर्डर लगता है। पंजाब में ज्यादातर ड्रग्स पाकिस्तान से आता है। अफगानिस्तान में दुनिया की 90 फीसदी अफीम पैदा होती है। अफगानिस्तान से ये अफीम पाकिस्तान पहुंचती है और वहां से पंजाब में इसकी तस्करी की जाती है। अब तस्कर भारत में ड्रोन के जरिए ड्रग्स पहुंचा रहे हैं।

सुरक्षा एजेंसियां बॉर्डर पार से ड्र्गस की तस्करी को रोकने की पूरी कोशिश कर रही हैं, लेकिन लोकल लेवल पर पुलिस सबसे कमजोर कड़ी है। पंजाब के लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ईमानदारी से काम करे तो राज्य के नौजवानों को नशे के कहर से बचाया जा सकता है। यहां मैं आपको उस ग्रन्थी की बात याद दिलाऊंगा जिन्होंने कहा था, ‘पुलिस या सरकार कुछ नहीं करेगी। ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई खुद ही शुरू करनी पड़ेगी।’ नशे के खिलाफ ये जंग पंजाब के हर घर से शुरू होनी चाहिए। पंजाब के भविष्य के लिए ये बहुत जरूरी है।

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