Rajat Sharma

सुशांत की मौत का मामला: सीबीआई को जांच के बारे में बताना चाहिए

akb0309बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत का परिवार सीबीआई द्वारा अभिनेता की मौत मिस्ट्री की जांच में अबतक कोई ठोस प्रगति नहीं होने से उलझन में है। इसकी आंशका मैंने उसी दिन जताई थी जिस दिन सुशान्त की मौत के केस में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)की एंट्री हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुशान्त की मौत मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। लेकिन जिस तरह से इस केस में एनसीबी एक्टिव हुई। उसके कारण सुशान्त की मौत की मिस्ट्री का केस पीछे छूट गया। एनसीबी ने जांच को पूरी तरह से ड्रग्स एंगल की ओर मोड़ दिया। अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती और उसका भाई ड्रग्स लेने के आरोप में अब अपने सहयोगियों के साथ जेल में है। वहीं इस कड़ी में दीपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर जैसी बॉलीवुड की अभिनेत्रियां एनसीबी के सामने हैं।

शुक्रवार को सुशांत के पिता के.के सिंह के वकील विकास सिंह ने मीडिया से कहा कि परिवार में इस बात को लेकर निराशा है कि जांच सही दिशा में नहीं जा रही है। उन्होंने कहा, ‘जांच होनी थी सुशांत की मौत की, लेकिन जिस तरह से जांच हो रही है उससे आशंका लग रही है कि सुशान्त की मौत का सच सामने आएगा भी या नहीं, सच्चाई कब पता लगेगी यह कोई नहीं कह सकता।’ उन्होंने कहा कि एनसीबी की जांच अब मुंबई पुलिस वाली जांच जैसी बनकर रह गई है। सभी स्टार्स को बुलाया जा रहा है और सुशांत का केस पीछे छूट गया है।

वकील विकास सिंह ने कहा, ‘एम्स के डॉक्टर ने मुझे बताया कि सुशांत की मौत गला घोंटने से हो सकती है। सीबीआई की जांच सही ट्रैक पर नहीं है। मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं सीबीआई से खुश नहीं हूं, लेकिन सुशांत की मौत के मामले को कम महत्व मिलने से चिंतित हूं। एम्स फॉरेंसिक बोर्ड के रिस्पॉन्स को सार्वजनिक किया जाए, इससे सुशांत के परिवार को संतुष्टि मिलेगी। ‘

सुशांत परिवार के वकील ने आगे कहा, ‘आज हमलोग असहाय महसूस कर रहे हैं, हम ये नहीं जानते कि इस केस की जांच किस दिशा में जा रही है। एक महीने से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद आज तक सीबीआई ने अपनी जांच के बारे में कुछ नहीं कहा, एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये नहीं बताया कि अबतक की जांच में उन्होंने क्या पाया। मैं जांच की रफ्तार से खुश नहीं हूं।’

विकास सिंह का कहना है कि एनसीबी बिना किसी ठोस कारण के बड़े-बड़े स्टार्स को समन कर रही है, पूछताछ कर रही है, जबकि इन स्टार्स के खिलाफ कोई केस बनता ही नहीं हैं। विकास सिंह ने एक और बड़ी बात कही। उन्होंने कहा, ‘रिया एक आरोपी है और आरोपी के बयान के आधार पर किसी को भी आरोपी कैसे बनाया जा सकता है? किसी को भी पूछताछ के लिए कैसे बुलाया जा सकता है? जिस तरह से पहले मुंबई पुलिस सुशांत के केस को लटका रही थी अब वही भूमिका एनसीबी की है।’

सुशांत की मौत के बाद उस समय मुंबई पुलिस बड़े-बड़े डायरेक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और बड़ेृ-बड़े फिल्म स्टार्स को पूछताछ के लिए बुलाने लगी थी जिनका सुशांत की मौत से कोई मतलब नहीं था। यह पूरा मामला ऑफ द ट्रैक चला गया है। अगर इस वक्त जांच को ट्रैक पर नहीं लाया गया तो फिर न्याय मिलना मुश्किल है।’

इस बीच, एम्स फॉरेंसिक पैनल के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने गला घोंटने के आरोप को खारिज कर दिया है। डॉ. गुप्ता ने कहा, ‘लिगेचर मार्क और घटनास्थल का जायजा लेकर हत्या या आत्महत्या के किसी नतीजे तक नहीं पहुंचा जा सकता। डॉक्टरों के लिए यह मुश्किल है, और आम लोगों के लिए तो यह असंभव है कि वे तस्वीरों पर लिगेचर मार्क्स देखकर हत्या या आत्महत्या के नतीजे तक पहुंच सकें।

डॉक्टर सुधीर गुप्ता की ये बात सही लगती है कि तस्वीर देखकर इस नतीजे पर पहुंचना नामुमकिन है कि किसी की मौत आत्महत्या है या हत्या। लेकिन सवाल ये है कि सीबीआई इस मामले में खामोश क्यों है? सुशांत मौत मामले की जांच में सीबीआई ने अब तक हुई प्रगति के बारे में क्यों नहीं बताया? एनसीबी द्वारा अभिनेत्रियों को पूछताछ के लिए बुलाकर सुशांत की मौत मामले से पब्लिक का ध्यान हटाकर इसे ड्रग्स एंगल पर केंद्रित किया गया है।

जिस केस को लेकर पब्लिक में इतनी उत्सुकता है, उसकी जांच होने के बजाय दूसरी बातों की जांच हो रही है। लोग तो ये जानना चाहते हैं कि क्या सुशांत ने आत्महत्या की या उसकी हत्या हुई? मुंबई की पुलिस ने भी इस सवाल का जवाब नहीं दिया था और मुंबई पुलिस ‘नेपोटिज्म’ के नाम पर बड़े-बड़े फिल्म स्टार्स को बुलाकर उनसे पूछताछ करने लगी थी। एनसीबी अभिनेता और ड्रग पेडलर्स के बीच ड्रग नेक्सस की जांच करने लगी।

हैरत तो इस बात की है कि शुरू में तो सीबीआई ने तेजी दिखाई थी। सीबीआई की टीम तुरंत मुंबई पहुंच गई थी और रोज-रोज सुशांत के घर के स्टाफ को बुलाया जा रहा था। रिया, उसके भाई, मौजूदा और पूर्व स्टाफ से घंटों पूछताछ की गई है। इस केस से जुड़े अन्य लोगों से भी पूछताछ हुई लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। एम्स की फॉरेंसिक टीम का दावा है कि उसने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है, लेकिन सीबीआई इस रिपोर्ट को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि सुशांत के परिवार के सदस्यों को इस केस की जांच को लेकर शक है। इसलिए सीबीआई को इस जांच में अबतक हुई प्रगति का खुलासा करना चाहिए।

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