Rajat Sharma

आर्यन की ज़मानत अर्ज़ी खारिज करना नाइंसाफी है

vlcsnap-error474मुंबई की NDPS कोर्ट ने बुधवार को एक चौंकाने वाला फैसला दिया। NDPS कोर्ट के जज वी.वी.पाटिल ने 13 दिन से मुंबई की ऑर्थर रोड जेल में बंद शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत याचिका नामंजूर कर दी। जज ने 5 दिन पहले सुनवाई के बाद आर्यन की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और बुधवार को इस पर अपना आदेश सुनाया। कोर्ट ने आर्यन खान और उनके 2 दोस्तों, मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट की जमानत याचिका खारिज करते हुए अपना फैसला सुना दिया।

अपने विस्तृत आदेश में जज ने उन कारणों का खुलासा किया जिसके चलते उन्होंने इन सभी लोगों की जमानत याचिकाएं खारिज की। हालांकि सच्चाई ये है कि आर्यन खान के पास न तो ड्रग्स बरामद हुई, न ही पैसा बरामद हुआ। आर्यन खान ने ड्रग्स खरीदी, इसका कोई सबूत नहीं है। आर्यन ने ड्रग्स की सप्लाई की, इसका कोई जिक्र न तो NCB की रिपोर्ट में है और न ही वकीलों की दलीलों में इसका कोई उल्लेख है। अब सवाल उठता है कि इसके बाद भी आर्यन खान को जमानत क्यों नहीं मिली? उनके वकील अमित देसाई और सतीश मानशिंदे को पूरी उम्मीद थी कि आर्यन खान को जमानत मिल जाएगी। उन्हें अपनी दलीलों पर पूरा भरोसा था। लेकिन अदालत ने इनकी दलीलों को खारिज करते हुए आर्यन की जमानत याचिका नामंजूर कर दी।

आर्यन खान पिछले 17 दिनों से कानून के शिकंजे में हैं। वह पहले NCB की हिरासत में रहे और फिर 8 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में मुंबई की आर्थर रोड जेल में हैं। जब मैंने सेशन कोर्ट के विस्तृत आदेश को पढ़ा तो हैरान रह गया। ऐसा लगा जैसे किसी इंटरनेशनल ड्रग्स माफिया के खिलाफ लगे आरोप पढ़ रहा हूं। NCB की जिन दलीलों और आरोपों के आधार पर अदालत ने आर्यन की जमानत याचिका खारिज की है, उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे NCB ने किसी आदतन ड्रग एडिक्ट, ड्रग विक्रेता और इंटरनेशल ड्रग रैकेट चलाने वाले अपराधी का कच्चा चिट्ठा उजागर किया हो।

सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि NCB ने अपनी दलीलों में कहीं भी यह नहीं कहा है कि आर्यन खान के पास से ड्रग्स बरामद की गई थी। NCB ने ये भी माना है कि आर्यन ड्रग्स लेकर आए थे या ड्रग्स खरीदने जा रहे थे, इसके भी कोई सबूत नहीं हैं। अब सवाल ये है कि फिर आर्यन के खिलाफ इंटरनेशनल ड्रग रैकेट का हिस्सा होने का इल्जाम किस आधार पर लगा?

अपने जवाब में NCB ने आर्यन की अपने दोस्तों के साथ फोन पर हुई व्हाट्सऐप चैट का जिक्र किया। इस चैट में ‘हार्ड ड्रग्स’ और ‘बल्क क्वॉन्टिटी’ जैसे एक-दो शब्द ऐसे हैं जिनसे शक पैदा हो गया कि शाहरुख खान के 23 वर्षीय बेटे आर्यन एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का हिस्सा हो सकते हैं। अदालत के आदेश में कहा गया है कि NCB के मुताबिक आर्यन खान के व्हाटसएप चैट में ‘हार्ड ड्रग’ और ‘बल्क क्वॉन्टिटी’ जैसे शब्द इस्तेमाल किए गए हैं। इन्हीं दोनों शब्दों की वजह से NCB ने आर्यन को इंटरनेशनल ड्रग रैकट का हिस्सा मान लिया। यही शब्द और NCB का यही दांव आर्यन खान की जमानत के आड़े आ गया और अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी। हालांकि जिस दिन NCB ने आर्यन के खिलाफ दर्ज केस में NDPS एक्ट की दफा 29 जोड़ी थी उसी दिन ये अंदाजा हो गया था कि इसी आधार पर अब आर्यन की जमानत याचिक नामंजूर करने की अपील की जाएगी और हुआ भी यही।

NDPS कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘प्रथम दृष्टया कागजात दिखा रहे हैं कि खान प्रतिबंधित नशीले पदार्थों का कारोबार करने वाले व्यक्तियों के संपर्क में थे, जैसा कि अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है।’ अदालत ने कहा, रिकॉर्ड से पता चलता है कि खान और मर्चेंट ने माना कि वे लंबे समय दोस्त हैं, पार्टी में साथ-साथ और एक साथ पकड़े गए। कोर्ट ने अपने 22 पृष्ठ के आदेश में कहा, ‘आर्यन खान एवं अरबाज मर्चेंट के स्वैच्छिक बयानों से पता चलता है कि उनके पास सेवन और मौज-मस्ती के लिए मादक पदार्थ थे। इसके अलावा, आर्यन खान की व्हाट्सएप चैट से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि वह ‘नियमित आधार पर मादक पदार्थ संबंधी अवैध गतिविधियों में शामिल थे।’

अदालत ने कहा, ‘साजिश साबित करने के पहलू पर सिर्फ ट्रायल के दौरान विचार करने की जरूरत है, लेकिन प्रथम दृष्टया यह कॉन्सपिरेसी का केस लगता है।’ अदालत ने कहा कि NCB के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने आर्यन खान के साथ विदेशी नागरिक और अज्ञात लोगों की व्हाट्सऐप चैट दिखाई, जो ड्रग्स में डील कर रहे थे, और इसे पढ़ने पर ‘बल्क क्वॉन्टिटी और हार्ड ड्रग्स’ के बारे में पता चला। हालांकि, आरोपी अरबाज मर्चेंट के वकील ने कहा कि आर्यन खान ने फुटबॉल मैचों के लिए ‘बल्क क्वॉन्टिटी’ शब्द का इस्तेमाल किया था, जबकि NCB ने इसे ड्रग्स के लेनदेन से जोड़ दिया।

आर्यन खान के वकीलों ने कोर्ट से कहा कि व्हाट्सऐप चैट को कोर्ट में बतौर सबूत पेश नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उन्हें इंडियन एविडेंस ऐक्ट के तहत सबूत नहीं माना जाता है। ऐक्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि व्हाट्सएप चैट, धारा 65 बी के तहत प्रमाणीकरण के बिना, अदालत में सबूत के रूप में स्वीकार्य नहीं हैं। वकीलों ने कहा कि उन्हें विश्वसनीय सबूत नहीं माना जाता है। हालांकि, अदालत ने कहा कि भले ही कोई यह माने कि व्हाट्सऐप चैट कोर्ट में सबूत के रूप में स्वीकार्य नहीं है, कोई सर्टिफिकेट नहीं है, मामले की जांच जारी है इसलिए अभी सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं है।

अपने विस्तृत आदेश में जज ने कहा कि प्रत्येक आरोपी के मामले को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है और अलग से नहीं देखा जा सकता। आदेश में कहा गया, ‘गंभीर अपराध में प्रथम दृष्टया संलिप्तता को देखते हुए, यह जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।’

अपने आदेश में, जज ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को भी माना कि हालांकि तीनों आरोपियों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, लेकिन चूंकि आर्यन खान सहित सभी ‘प्रभावशाली’ हैं, इसलिए अगर उन्हें रिहा किया जाता है तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। जज ने कहा, NCB अब ‘अन्य ड्रग डीलरों की जांच कर रहा है जो एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का हिस्सा प्रतीत होते हैं।’

कई सीनियर वकील आदेश में व्यक्त जज के विचारों से सहमत नहीं हैं। वकील माजिद मेमन का कहना है कि इस केस में ऐसा कोई आधार नहीं है जिसके ऊपर जमानत से इनकार किया जा सके। उन्होंने कहा कि आर्यन खान आदतन अपराधी नहीं हैं और न ही उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए था। सजा के तौर पर आरोपी को जेल में नहीं रखा जा सकता।

क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के मुताबिक, किसी आरोपी को एक सीमित उद्देश्य के साथ ही गिरफ्तार किया जा सकता है या हिरासत में रखा जा सकता है। आर्यन ने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है जिसमें आजीवन कारावास या फांसी की सजा मिले। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और न ही वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने वाले हैं, इसलिए इस केस में ऐसा कुछ नहीं है जिसके आधार पर जमानत से इनकार किया जा सके।

साफ शब्दों में कहें तो आर्यन को सिर्फ इसलिए जमानत नहीं मिली क्योंकि वह एक सुपरस्टार के बेटे हैं। अदालत को लगा कि एक 23 साल का नौजवान ‘प्रभावशाली’ है, क्योंकि वह शाहरुख खान का बेटा है और वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। मुझे लगता है, यह कुछ हद तक उनके साथ अन्याय है। मशहूर शख्सियत का बेटा होना कोई गुनाह नहीं है। आर्यन पिछले 17 दिनों से हिरासत में हैं और NCB के पास यह पता लगाने के लिए पर्याप्त समय था कि उसका किसी अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क से कोई संबंध है या नहीं।

केवल व्हाट्सएप चैट के आधार पर किसी को अपराधी या अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफिया का हिस्सा कहना एक ऐसा काम है जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। वैसे जब मैं अदालत का आदेश पढ़ रहा था तो ऐसा लगा जैसे किसी आरोप का कोई सबूत नहीं है, पूरा का पूरा केस सिर्फ कल्पना पर, शक और आशंका पर आधारित है। आर्यन के दोस्त अरबाज के पास 6 ग्राम चरस बरामद हुई है। NCB को लगता है कि ये चरस आर्यन खान के लिए थी।

NCB ने ये मान लिया कि कि आर्यन खान को अगर बेल दी गई तो वह जेल से बाहर जाकर फिर से ड्रग्स लेगा, फिर से ड्रग्स का रैकेट चलाएगा। जब पूछा गया कि ड्रग्स रैकेट की बात कहां से आई, तो NCB ने आर्यन और अरबाज की व्हाटसऐप चैट दिखा दी। ‘हार्ड ड्रग’ और ‘बल्क क्वॉन्टिटी’, इन दो शब्दों के सहारे NCB ने आर्यन को इंटरनेशनल ड्रग रैकेट का हिस्सा मान लिया।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आर्यन उन इंटरनेशनल डीलर्स के नाम नहीं बता रहा है जिनके साथ उसका कॉन्टैक्ट है। आर्यन और अरबाज के वकील कह रहे हैं कि दोनों दोस्त आपस में फुटबॉल टूर्नामेंट की बात कर रहे थे। जब किसी से कॉन्टैक्ट ही नहीं है तो आर्यन और अरबाज कौन से डीलर का नाम बता दें?

कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है जैसे 23 साल के एक नौजवान की गलती को आधार बनाकर उसे आदतन अपराधी साबित करने को कोशिश हो रही है। यह अन्याय है। मुझे पूरा यकीन है कि बॉम्बे हाई कोर्ट इन सब बातों पर गौर करेगा और आर्यन को जमानत देकर उनके साथ इंसाफ करेगा। आखिरकार आर्यन अपनी बेगुनाही साबित करेंगे।

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