कर्नाटक के नतीजे आए चार दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक ये तय नहीं हो पाया है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा. बुधवार को मुख्यमंत्री पद के दोनों मुख्य दावेदार – सिद्धरामैया और डी के शिवकुमार ने सोनिया और राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे से मुलाकात की, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, हालांकि मीडिया की खबरों के मुताबिक, सिद्धरामैया सीएम बनेंगे, और शिवकुमार डिप्टी सीएम पद के साथ कई महत्वपूर्ण विभाग संभालेंगे. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 48 से 72 घंटे के अन्दर नयी सरकार शपथ लेगी. सिद्धरामैया कह रहे हैं कि 90 से ज्यादा विधायक उनके साथ हैं, उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि डीके शिवकुमार कह रहे हैं कि सभी 135 विधायक उनके हैं, कांग्रेस पार्टी उनकी मां है, और मां अच्छी तरह समझती है कि उसके बच्चे को क्या चाहिए, इसलिए वो कुछ नहीं कहेंगे, कुछ नहीं मांगेंगे, न किसी की पीठ में छुरा घोंपेंगे और न बगावत करेंगे । मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेताओं को मशक्कत करनी पड़ रही है, इसमें कोई नई बात नहीं है. जब भी कोई पार्टी विषम परिस्थितियों में जीतती है, लंबी लड़ाई के बाद सफलता हासिल करती है तो जीत के कई दावेदार होते हैं. कर्नाटक में दो दावेदार तो सामने दिखाई दे रहे हैं, कई पर्दे के पीछे हैं, इसलिए फैसला करना आसान नहीं होगा. सिद्धरामैया का दावा है कि उनके साथ ज्यादा एमएलए हैं, डीके का दावा है कि जीत में उनका योगदान ज्यादा है. सिद्धरामैया की अपील है कि उम्र को देखते हुए उनके लिए आखिरी मौका है, डीके का कहना है कि गांधी परिवार के प्रति उनकी लॉयल्टी को देखते हुए चांस तो उनका बनता है. मुझे लगता है कि एक दो दिन में मामला सुलझ जाएगा. कांग्रेस ऐसी गलती नहीं करना चाहती कि एक और राजस्थान खड़ा हो जाए. इसलिए सोच-विचार करके टाइम लगाकर ही फैसला करने में समझदारी है.
बिहार में बागेश्वर धाम प्रमुख को लेकर सियासत
बिहार में धीरेन्द्र शास्त्री के दरबार ने सियासत को गरम कर दिया है. जेडी-यू और आरजेडी के नेताओं ने धीरेन्द्र शास्त्री पर हमले शुरू कर दिए हैं. लालू यादव ने कहा कि ये कोई बाबा नहीं है, आरजेडी नेता जगदानंद सिंह ने कहा कि मदारी भी डुगडुगी बजाता है, तो भीड़ जुट जाती है इसलिए धीरेन्द्र शास्त्री के दरबार में भीड़ जुटना कौन सी बड़ी बात है. जवाब में गिरिराज सिंह ने कहा कि जो लोग जालीदार टोपी लगाकर इफ्तार पार्टियों में जाते हैं, उन्हें हनुमान कथा कहने वाला जोकर ही लगेगा. धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर इस तरह की खूब बयानबाजी हुई. धीरेन्द्र शास्त्री की कथा से ज्यादा चर्चा उनको लेकर हुई राजनीति पर हो रही है, लेकिन धीरेन्द्र शास्त्री अपने काम में लगे हैं, और उन्हें सुनने देखने के लिए जिस तरह से लाखों की भीड़ उमड़ी है, उसे देखकर हर कोई हैरान है. दिन हो या रात, कथास्थल हो या बाबा का होटल, पटना में चारों तरफ सिर्फ बाबा के भक्तों की भीड़ दिख रही है, ट्रैफिक जाम है. भयानक गर्मी में लोग बाबा की एक झलक पाने के इंतजार में कई कई घंटों से सड़क पर खड़े हैं. लालू यादव के बेटे और बिहार सरकार में मंत्री तेजप्रताप यादव ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री बिहार के लोगों को गाली दे रहे हैं, सबको पागल कह रहे हैं, उनके प्रोग्राम में लोगों की तबीयत खराब हो रही है, ऐसा इंसान कोई बाबा नहीं हो सकता. तेजप्रताप ने कहा कि बिहार में आकर बिहारियों को गाली देने वालों को हमेशा याद रखना चाहिए कि गाली देने वालों पर श्रीकृष्ण ने सुदर्शन चक्र चलाया था. गिरिराज सिंह को जवाब देने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देरी नहीं की. नीतीश कुमार से जब ये पूछा गया कि बाबा के दरबार से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कही जा रही है, तो नीतीश ने कहा कि ये फिजूल की बातें हैं, वो इस पर ध्यान भी नहीं देते. एक बात नोट करने वाली है. तेजप्रताप यादव ने पहले धमकी दी थी कि वो धीरेन्द्र शास्त्री को बिहार में घुसने नहीं देंगे लेकिन जब धीरेन्द्र शास्त्री की कथा के पंडाल लगे, उनके पहुंचने से पहले ही लाखों की संख्या में भक्त पहुंच गए , तो लोगों की तादाद देखकर तेजप्रताप खामोश हो गए. लेकिन आरजेडी के एक नेता ने उन्हें मदारी कह दिया, जेडीयू के नेताओं ने भी कटाक्ष किए . मुझे हैरानी है जिस व्यक्ति के लिए लाखों लोग पहुंचे, दिन हो या रात, मैदान हो या होटल, लोगों की ऐसी दीवानगी दिखाई दी, भारी गर्मी में बिना सुविधाओं के लोग बागेश्वर धाम के बाबा के लिए पहुंचे, जब किसी के पास इतना जन समर्थन हो , तो उसका विरोध करने की क्या जरूरत? धीरेंद्र शास्त्री का विरोध इसलिए किया जा रहा है कि उनकी कथा में मंच पर बीजेपी के बड़े-बड़े नेता पहुंचे? क्या सिर्फ इसलिए आरोप लगाया गया कि बीजेपी माहौल खराब करने के लिए धार्मिक उन्माद पैदा करने के लिए धीरेन्द्र शास्त्री को बिहार लाई है? इससे ज्यादा समझदारी तो मध्यप्रदेश में नेताओं ने दिखाई थी,जहां शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ दोनों बागेश्वर धाम पहुंचे थे.
धर्मांतरण के ज़रिए आतंक
मध्य प्रदेश पुलिस ने युवकों और युवतियों का ब्रेनबॉश करके उनका धर्मपरिर्वतन कराने वाले एक गिरोह को पकड़ा है . इस गिरोह में शामिल 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है . मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वो मध्य प्रदेश में एक और केरला स्टोरी नहीं बनने देंगे. 11 लोगों को भोपाल से और पांच लोगों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों पर हिन्दुओं को बहला फ़ुसलाकर इस्लाम क़ुबूल करवाने का इल्जाम है. दावा ये किया गया है कि ये सारे लोग हिज़्ब उत तहरीर नाम के कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के लिए काम कर रहे थे. ये संगठन दुनिया के पचास देशों में फैला है, इसके 10 लाख से ज्यादा सक्रिय सदस्य हैं और इस संगठन को ISIS से भी ज्यादा कट्टर माना जाता है . सरकार ने केस की जांच मध्य प्रदेश के एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) को सौंपी है. ATS ने भोपाल से जिन 11 लोगों को अरेस्ट किया है, इनमें से तीन ऐसे हैं, जो हिंदू और जैन धर्म छोड़कर इस्लाम में कनवर्ट हुए थे. और इसके बाद इन तीनों ने चार हिंदू लड़कियों को इस्लाम क़ुबूल कराया था, उनके नाम बदल दिए और उनसे शादी कर ली. तेलंगाना की पुलिस ने हैदराबाद से पांच लोगों को गिरफ़्तार किया. गिरफ़्तार लोगों में कोई सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, तो कोई जिम ट्रेनर, कोई कोचिंग सेंटर चला रहा था, तो कोई कंप्यूटर टेक्निशियन है. 11 आरोपी भोपाल के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे थे. पुलिस का दावा है कि इन लोगों ने मध्य प्रदेश के रायसेन ज़िले में हथियारों की ट्रेनिंग का एक कैंप भी लगाया था. सारे लोग, कट्टरपंथी मुस्लिम प्रचारक ज़ाकिर नाइक से प्रेरित थे. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने कहा कि ये मामला तो लव जिहाद से भी आगे की बात है. ऊंचे तबक़े के पढ़े लिखे लोग, बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा रहे थे, लोगों को जिहाद के लिए तैयार कर रहे थे. नरोत्तम मिश्र ने बताया कि पकड़ा गया एक आरोपी, हैदराबाद में ओवैसी के छोटे भाई के कॉलेज में काम करता था. मध्य प्रदेश ATS की अब तक की जांच में पता चला है कि गिरफ़्तार तीन लोग इस्लाम में कनवर्ट हो चुके थे. वेणु कुमार, अब्बास अली बन गया था. देवीप्रसाद पांडे ने इस्लाम कबूल करके अपना नाम अब्दुर्रहमान रख लिया था. ये दोनों हैदराबाद में रह रहे थे, जबकि सौरभ राजवैद्य मुहम्मद सलीम बन गया था. उसने इस्लाम क़ुबूल कर लिया उसके बाद उसने मानसी नाम की लड़की से शादी की और उसका भी धर्म परिवर्तन करा दिया. मध्य प्रदेश पुलिस ने जो खुलासा किया है, उसमें नोट करने वाली बात ये है कि धर्म परिवर्तन का धंधा तेरह साल से चल रहा था. सौरभ राजवैद्य ने 2010 में इस्लाम कबूल किया था ,इसके बाद वो खुद धर्म परिवर्तन कराने के खेल में शामिल हो गया, कई हिन्दू लड़कों और लड़कियों को इस्लाम कबूल करवाया, इसीलिए मध्य प्रदेश पुलिस का कहना है कि अभी तो सिर्फ 16 लोग पकड़े गए हैं, जांच आगे बढ़ेगी तो और भी मामले सामने आएंगे. हालांकि अब कुछ लोग ये कहेंगे कि संविधान हर नागरिक को अपनी मर्जी के हिसाब से किसी भी धर्म को फॉलो करने की आजादी देता है, तो अगर कोई हिन्दू इस्लाम कबूल करता है तो गलत क्या है ? ये बात सही भी है, लेकिन ये भी सही है कि साजिश के तहत, लालच देकर, बहला फुसलाकर या दबाव बनाकर किसी का धर्म परिवर्तन कराने की इजाजत संविधान नहीं देता. मध्य प्रदेश में जो मामला सामने आया है उससे लगता है कि लोगों को गुमराह करके देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करने की साजिश के तहत इस्लाम कबूल करवाया गया, इसलिए इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और हकीकत सामने आनी ही चाहिए, क्योंकि इस तरह की हरकतों से देश का माहौल खराब होता है.