Rajat Sharma

सांप्रदायिक नफरत फैलाने वालों को गिरफ्तार कर दिल्ली पुलिस ने उठाया सही कदम

akbमंगलवार को एक अच्छी खबर आई जब दिल्ली पुलिस ने रविवार को जंतर-मंतर पर भड़काऊ और सांप्रदायिक नफरत फैलानेवाले नारे लगाने के आरोप में कार्यक्रम के आयोजक अश्विनी उपाध्याय सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। हिंदुत्व समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक नारे लगाने का वीडियो सामने आने के बाद लोगों में जबरदस्त आक्रोश पैदा हो गया था। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मामले में और भी संदिग्धों की गिरफ्तारी की संभावना है। बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता और वकील अश्विनी उपाध्याय को मंगलवार को उनके घर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से पहले इन सभी 6 लोगों से पुलिस ने 6 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की।

पुलिस ने उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिए और अब नारे लगाने वालों की वीडियो क्लिप खंगाल रही है। इसके साथ ही इनके मीडिया प्रोफाइल की भी जांच कर रही है क्योंकि ऐसी खबरें थीं कि उनमें से कुछ लोग नारेबाजी के दौरान फेसबुक लाइव कर रहे थे। पुलिस अब हिंदू रक्षक दल की पिंकी चौधरी और एक अन्य कार्यकर्ता उत्तम मलिक को गिरफ्तार करने के लिए छापे मार रही है।

सोमवार की रात अपने प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में मैंने जंतर-मंतर पर हुए विरोध-प्रदर्शन की तस्वीरें दिखाई थीं। इस प्रदर्शन में ऐसे नारे लगे थे जिन्हें हम आपको सुना भी नहीं सकते। मैंने कहा था कि इस तरह के नारे लगाने वाले लोगों और मजहबी उन्माद फैलाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए। अच्छी बात ये है कि दिल्ली पुलिस ने एक्शन लिया क्योंकि सांप्रदायिक नफरत फैलानेवाले तत्वों को लोकतंत्र में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

अश्विनी उपाध्याय के अलावा गिरफ्तार लोगों में प्रीत सिंह, दीपक सिंह, दीपक कुमार, विनोद शर्मा और विनीत वाजपेयी शामिल हैं। इन लोगों की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही हिंदुत्व समर्थक कार्यकर्ता संसद मार्ग थाने के बाहर जमा हो गए और उनकी रिहाई की मांग करने लगे। दीपक सिंह हिंदू फोर्स नाम का एक संगठन चलाता है और विनोद शर्मा सुदर्शन वाहिनी का प्रमुख है। थाने के बाहर प्रदर्शन करने वाले लोग इन हिंदुत्ववादी संगठनों के समर्थक थे। इन लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ महिलाएं तो थाने के अंदर तक पहुंचने की कोशिश कर रही थीं लेकिन किसी तरह उन्हें पुलिस स्टेशन के बाहर रोका गया। हालात ऐसे थे कि इनलोगों को रोकने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स तक बुलानी पड़ गई।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने ठोस वीडियो सबूतों के आधार पर छह लोगों को गिरफ्तार किया है। मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कि जिन लोगों ने जंतर-मंतर पर उल्टे-सीधे नारे लगाए और हिंदूवादी होने का दावा करते हैं, इन लोगों का हिंदू समाज से कोई लेना-देना नहीं है।

ये ऐसे छुटभैय्ये नेता हैं जो अपनी लीडरी चमका कर अपनी दुकान चलाना चाहते हैं। ये हिंदुओं और मुसलमानों की भावनाएं भड़काकर पब्लिसिटी पाना चाहते हैं। हिंदुत्व नफरत नहीं सिखाता। हिंदुत्व आपस में नहीं लड़ाता। हिंदू समाज तो ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के संदेश को मानता है। पूरी धरती पर रहने वाले लोगों को अपना परिवार मानता है इसीलिए जिस तरह के नारे लगाए गए और मुसलमानों के बारे में जिस तरह की अशोभनीय बातें कही गईं वो सिर्फ कानून की नज़रों में ही नहीं बल्कि एक सच्चे हिन्दू की दृष्टि से भी अपराध है।

मुझे खुशी है कि जब मैंने इस मुद्दे को उठाया तो आप सबने समर्थन किया और पुलिस ने एक्शन लिया। मुझे यकीन है कि दिल्ली पुलिस की पूछताछ में सारा सच सामने आएगा। नफरत फैलाने वाला कोई भी हो, चाहे वो किसी भी मजहब का सहारा ले, उसके खिलाफ एक्शन तो होना ही चाहिए क्योंकि कहीं तो लाइन खींचनी पड़ेगी। कहीं तो नफरत फैलाने वालों को रोकना पड़ेगा। अगर देश को बड़ा बनाना है तो समाज में भाईचारा, सद्भाव सबसे पहली जरूरत है। इसके बिना कैसे आगे बढ़ेंगे।

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