Rajat Sharma

बाजारों में उमड़ती भीड़ कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकती है

akb full_frame_74900वर्ष 2021 के जाते-जाते देश पर कोरोना की एक नई लहर का खतरा मंडराने लगा है। खतरे की आहट को देखते हुए केंद्र ने राज्यों से अपने-अपने कोविड वॉर रूम्स को फिर से सक्रिय करने के लिए कहा है। ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के रोज़ाना मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बुधवार को दिल्ली में कोविड-19 से संक्रमण के 125 मामले सामने आए जो कि पिछले 6 महीनों में सबसे ज्यादा हैं। दिल्ली में अब तक 57 लोग ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने राजधानी में क्रिसमस और नए साल के समारोहों और कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया है। डीडीएमए ने सभी जिला मजिस्ट्रेट को कोविड दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है। साथ ही संक्रमित इलाकों, कॉलोनियों, बाजारों, झुग्गियों और भीड़-भाड़ वाले स्थानों की पहचान करने के लिए गहन सर्वेक्षण करने के निर्देश जारी किए हैं। ये इलाके कोविड के सुपर-स्प्रेडर या हॉटस्पॉट बन सकते हैं।

दूसरे राज्यों ने भी कदम उठाने शुरू कर दिए है। हरियाणा सरकार ने 1 जनवरी से राज्य में सभी वयस्कों के लिए टीकाकरण अनिवार्य कर दिया है। 1 जनवरी से सिर्फ वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को ही शॉपिंग मॉल, सिनेमा हॉल, मैरिज पैलेस, होटल, कार्यालय, बैंक, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों में प्रवेश की अनुमति होगी। कर्नाटक में 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक राज्य भर में नए साल के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। क्लब, पब और अपार्टमेंट्स में नववर्ष की पूर्व संध्या पर होने वाले आयोजनों पर रोक लग गई है। चेन्नई में मरीना बीच और अन्य तटों पर नए साल का जश्न मनाने वालों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। गुजरात के 8 शहरों में नाइट कर्फ्यू 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। पंजाब सरकार ने उन कर्मचारियों को वेतन नहीं देने का फैसला किया है, जिन्होंने दोनों वैक्सीन की दोनों डोज नहीं ली हैं।

मुंबई में वैसे तो रोजाना कोरोना के लगभग 500 नए मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन वायरस के फैलने की दर तेज होती जा रही है। नया ओमिक्रॉन वेरिएंट तेजी से फैलता है पिछले 20 दिनों में इससे संक्रमित लोगों की संख्या 2 से बढ़कर 236 तक पहुंच गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि फरवरी के महीने में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। अब लोग पूछ रहे हैं कि क्या तीसरी लहर भी दूसरी लहर जैसी ही घातक होगी, क्या फिर से अस्पतालों में बिस्तर कम पड़ जाएंगे, क्या फिर से ऑक्सीजन के लिए हाथ फैलाना पड़ेगा, और क्या फिर से पूरी तरह लॉकडाउन लग जाएगा। यह भी पूछा जा रहा है कि क्या वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके सभी लोगों को तीसरी बूस्टर डोज लगवाने की जरूरत है।

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में वैक्सीन लगवाने का इंतजार कर रहे लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने घोषणा की है कि सरकार अगले महीने से घर-घर जाकर जांच करने के लिए 50 करोड़ रैपिड टेस्ट किट भेजेगी। वहां सरकार कोविड मरीज़ों से भरे अस्पतालों की मदद के लिए सेना भेजने वाली है। अमेरिका एक बार फिर से महामारी में आई उभार को झेल रहा है। ब्रिटेन में, जहां करीब 80 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज़ दिए जा चुके हैं, पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1,06,122 मामले सामने आए हैं। ब्रिटेन में रोजाना औसतन 90,000 से ज्यादा कोविड के केस सामने आ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में संक्रमण बढने के कारण कोविड टेस्टिंग केन्द्रों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं।

लेकिन भारत में लोग कोरोना के खतरे के प्रति पूरी तरह लापरवाह हैं और यह चिंताजनक बात है। बुधवार की रात अपने प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में हमने दिखाया कि कैसे दिल्ली के बड़े बाजारों जैसे लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, चांदनी चौक और लक्ष्मी नगर में खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस भीड़भाड़ में बहुत से लोग बिना मास्क लगाये घूम रहे थे। इसी तरह की भीड़ मुंबई के क्रॉफर्ड मार्केट और अन्य बाजारों में भी देखने को मिली। पटना के स्टेशन बाजार में खरीदारों की भारी भीड़ थी और ज्यादातर लोग बिना मास्क के घूम रहे थे। यह हाल ऐसे वक्त है जब केन्द्र राज् सरकारों से बार बार कह रहा है कि कोविड के दिशानिर्देशों को कड़ाई के साथ लागू किया जाय।

मैंने आज कई सीनियर डॉक्टर्स और मेडिकल एक्सपर्ट्स से बात की। उनमें से अधिकांश ने कहा कि महामारी का खतरा तो है लेकिन कितना बड़ा है यह बात आज दावे से कोई नहीं कह सकता क्योंकि वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने बुधवार को ट्वीट किया कि उनका और उनकी बेटी का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मैंने पूर्ण टीकाकरण कराया है। फिलहाल कोई लक्षण भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। अपनी और दूसरों की सुरक्षा की दृष्टि से मैंने खुद को पृथकवास में रखा है। हाल फिलहाल मुझसे मिलने वाले सभी लोगों से अनुरोध है कि वे जल्दी अपनी जांच कराएं।’

ये सच है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद संक्रमण हो सकता है, लेकिन इसका असर हल्का होगा और जब तक कोई दूसरी गंभीर बीमारियां न हों, मरीज को अस्पताल ले जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। 70 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों को संक्रमण होने पर अस्पताल जाना पड़ सकता है। यह वायरल उनके लिए घातक हो सकता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगवाए 6 महीने हो चुके हैं, उन्हें बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है। चूंकि अब भारत में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है, इसलिए बूस्टर वैक्सीनेशन को जल्दी शुरू किया जा सकता है। ये सही है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट ज्यादा तेजी से फैलता है, लेकिन ये इस साल अप्रैल-मई में दूसरी लहर लाने वाले डेल्टा वेरिएंट जितना खतरनाक नहीं है।

इस समय जरूरत है सावधानी बरतने की। अगर लोग सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने के मानक प्रोटोकॉल का पालन करते हैं, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचते हैं और बार-बार हाथ धोते हैं, तो वे खुद को वायरस से बचा सकते हैं। ऐसे में अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी। कोविड मैनेजमेंट के जानकारों का कहना है कि इस बार शायद लॉकडाउन की जरूरत ही न पड़े। ऐसा तभी संभव है जब बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ न हो अन्यथा नया ओमिक्रॉन वेरिएंट तेजी से म्यूटेट हो सकता है और बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर सकता है। निश्चित तौर पर यह सभी के लिए गंभीर चिंता की बात है।

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