Rajat Sharma

कोविड महामारी की चुनौती से निपटने के लिए देश तैयार

AKB

देश पर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है, लेकिन मुझे यह देखकर दुख हो रहा है कि कुछ शहरों में लोगों का रवैया बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। करीब 50 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें दक्षिण अफ्रीका से वापस लौटे लोगों ने अपना पता और फोन नंबर गलत लिखाया और फिर गायब हो गए। अब राज्य सरकारों को इन लोगों का पता लगाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

यह पूरी घटना पिछले साल मार्च और अप्रैल महीने की याद दिलाती है जब कोरोना ने पहली बार देश में दस्तक दी थी। उस वक्त भी लोगों ने इसी तरह का गैर-जिम्मेदाराना रवैया अपनाया था। विदेश से आनेवालों की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बावजूद उन्हें सात दिनों तक आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी जा रही है, लेकिन कई मामलों में ये यात्री लापता हो जा रहे हैं। इनमें से कई यात्रियों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव रही है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में विदेश से आए 45 से ज्यादा यात्री गायब हो गए हैं।

सबसे ज्यादा परेशान करने वाली खबर जयपुर से आई जहां दक्षिण अफ्रीका से आया एक परिवार शादी समारोह में शामिल हुआ। इसके बाद कुछ रिश्तेदारों की तबीयत खराब हुई तो कोविड टेस्ट कराया गया। एनआरआई परिवार के दो बच्चों समेत चार लोगों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अब प्रशासनिक अमला इनके प्राइमरी और सेकेंडरी कॉन्टैक्ट्स की खोज में जुटा हुआ है। इनका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है। यह परिवार सीधे दक्षिण अफ्रीका से यहां नहीं आया था बल्कि दुबई के रास्ते पहुंचा था। इसलिए एयरपोर्ट पर जरूरी आरटी-पीसीआर टेस्ट से बच गया। 25 नवंबर को यह परिवार जब मुंबई पहुंचा तो उसने 48 घंटे पहले की निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाई। 28 नवंबर को यह परिवार जयपुर पहुंचा और रॉयल सिटी पैलेस होटल में आयोजित एक शादी समारोह में शरीक हुआ। और अब पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव है। इस शादी समारोह में कई सौ लोग शामिल हुए थे। अब इस परिवार के संपर्क में आए सभी लोगों को ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल है।

ठीक इसी तरह एक और एनआरआई परिवार शादी समारोह में शामिल होने अमेरिका से जयपुर पहुंचा। पूरा परिवार बाद में दिल्ली, वैष्णो देवी, बीकानेर गया और फिर जयपुर वापस लौट आया। 27 नवंबर को जब इनका टेस्ट हुआ तो परिवार के दो बच्चे कोविड पॉजिटिव पाए गए। यह परिवार दो सप्ताह तक भारत में रहा और जबतक बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई तब तक वापस अमेरिका चला गया। अब जयपुर के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए उनके कॉन्टैक्ट्स का पता लगाना सिरदर्द बन गया है। अब प्रशासन कहां-कहां जाए, किस-किस से पूछे, किस किस का टेस्ट कराए।

जयपुर में ही तीसरा मामला सामने आया पूर्व मंत्री बृज किशोर शर्मा का जिनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। एक दिसंबर को उनका कोरोना टेस्ट हुआ था। इससे पहले 30 नवंबर को वे कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं के साथ मीटिंग में मौजूद थे। दरअसल, राहुल गांधी 12 दिसंबर को जयपुर में कांग्रेस की एक रैली करनेवाले हैं। राहुल की इसी जनसभा की तैयारियों के सिलसिले में जयपुर कांग्रेस दफ्तर में यह मीटिंग रखी गई थी। इस मीटिंग में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके मंत्रिमंडल के ज्यादातर सदस्यों के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा समेत राजस्थान कांग्रेस के 50 से ज्यादा नेता और विधायक मौजूद थे। इनमें ज्यादातर नेता बिना मास्क के एक-दूसरे के पास बैठे थे। अब बृज किशोर शर्मा की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद पूरी कांग्रेस और सरकार परेशान है। बैठक में मौजूद सभी लोगों को अपना टेस्ट कराने के लिए कहा गया है। चूंकि रैली में करीब एक लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है, इसलिए किसी ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर रैली पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। वहीं, इसके जवाब में कांग्रेस के एक नेता ने 5 दिसंबर को जयपुर में गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्तावित रोड शो पर प्रतिबंध की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

आपको याद होगा कि इस साल अप्रैल में कोरोना महामारी की दूसरी लहर जयपुर, इंदौर, पुणे और नागपुर से शुरू हुई थी। लोग अपनी जांच रिपोर्ट छिपा रहे थे और वायरस तेजी से फैलता जा रहा था। अब दक्षिण के राज्यों में भी ठीक उसी तरह के मामले सामने आ रहे हैं।

कर्नाटक में ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो मामले सामने आए हैं वहीं विदेश से आए 10 यात्री लापता हैं। उनके फोन स्विच ऑफ हैं। पिछले दो हफ्ते में 57 यात्री कर्नाटक पहुंचे। इनमें से कई का आरीटी-पीसीआर टेस्ट नहीं हुआ, क्योंकि वे 24 नवंबर से पहले दक्षिण अफ्रीका से बेंगलुरु पहुंचे थे। उस वक्त ज्यादातर देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता नहीं चला था। अब 57 यात्रियों में से 47 को पुलिस ने ट्रेस कर लिया है लेकिन बाकी के 10 अभी-भी लापता हैं। राज्य सरकार अब इन लोगों से अपील कर रही है कि आगे आएं और अपना टेस्ट कराएं।

वहीं, पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में विदेश से आए 30 यात्री गायब हैं। विशाखापट्टनम में 60 यात्री विदेश से आए जिनमें 3 दक्षिण अफ्रीका से और 6 बोत्सवाना से लौटे थे। इनमें से 6 को ट्रेस कर लिया गया है जबकि बाकी के तीन यात्री गायब हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने भी इन यात्रियों से अपील की है कि वे आगे आएं और अपना टेस्ट कराएं। जो लोग विदेश से आए हैं वो भी कोरोना के खतरे को जानते हैं, लेकिन दिक्कत यह है कि लोगों को लगता है कि टेस्ट होगा और पॉजिटिव आए तो सरकारी हॉस्पिटल में रहना पड़ेगा। इसलिए लोग सामने आने के बजाए छुप जाते हैं। विदेशों से आए लोगों का गायब होना ज्यादा चिंता की बात है। क्योंकि ये लोग जानबूझ कर हजारों लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। तमिलनाडु में सिंगापुर से तिरुचिरापल्ली पहुंचा एक यात्री और ब्रिटेन से चेन्नई पहुंचे एक एनआरआई की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनके सैंपल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं।

इस बीच, सभी महानगरों और बड़े शहरों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने युद्धस्तर पर तैयारी कर ली है। मुंबई में बीएमसी ने अपने स्पेशल कोविड सेंटर को एक्टिवेट कर दिया है। इन सेंटर्स में वॉर रूम, वॉर्डस, ऑक्सीजन फ्लो मीटर, ऑक्सीजन टैंक और ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को पूरी तरह से एक्टिवेट किया गया है। बीएमसी के सभी अस्पतालों को भी अपनी तैयारी पूरी रखने के निर्देश दिए गए हैं। मुंबई में कोरोना का सबसे बड़ा सेंटर BKC का जंबो कोविड केंद्र है, यहां दो हज़ार 328 बेड हैं। इस केंद्र को भी तैयार रखा गया है। अच्छी बात यह है कि यह सेंटर अभी पूरी तरह से खाली है। यहां कोरोना वायरस का एक भी मरीज नहीं है। मुंबई मेयर ने बताया कि 288 सैंपल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं। अभी तक ओमिक्रॉन का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

इसी तरह, गुजरात में भी सरकार अलर्ट मोड पर है। किसी भी हालात से निपटने के लिए अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की संख्या दोगुनी कर दी गई है। एक लाख 10 हजार से ज्यादा बेड तैयार रखे गए हैं। महामारी की दूसरी लहर के दौरान 65 हजार बेड की डिमांड थी। आईसीयू के 25 हजार बेड तैयार रखे गए हैं। हालात से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 10 हजार नए वेंटिलेटर खरीदे हैं । इसके अलावा ऑक्सीजन जेनरेटर भी ख़रीदे जा रहे हैं। पूरे राज्य में 400 PSA ऑक्सीजन जेनरेटर लगाए गए हैं। 400 से ज़्यादा प्रेशर स्विंग ऑक्सीजन प्लांट भी तैयार हैं। यहां बोत्सवाना से आए दो यात्रियों का कोविड टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। जामनगर पहुंचे एक दक्षिण अफ्रीकी की टेस्ट रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। अकेले जामनगर में अब तक कोरोना के 34 मामले सामने आए हैं।

दिल्ली में ओमिक्रॉन वेरिएंट के 12 संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इनमें से चार-चार मामले ब्रिटेन और फ्रांस से जबकि एक-एक मामले नीदरलैंड और तंजानिया से हैं। एलएनजेपी हॉस्पिटल की लैब देश की उन 37 लैब में एक है जिसमें जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा उपलब्ध है। इस हॉस्पिटल में विदेश से आनेवाले यात्रियों के लिए 40 बेड अलग से रखे गए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत तेजी से फैलेगा लेकिन यह वेरिएंट घातक होगा या नहीं, इस पर इनकी राय अलग-अलग है।

कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट, डेल्टा की तरह घातक नहीं हो सकता जिसने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़े पैमाने पर तबाही मचाई थी। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। वायरस ज्यादा नुकसान नहीं करेगा क्योंकि एक तो इसके इन्फेक्शन से न तो सांस की दिक्कत हो रही है और न ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। दूसरी बात यह है कि बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन के कारण वर्तमान में लोगों में 70 प्रतिशत से अधिक हर्ड इम्युनिटी है। अगर तीसरी लहर भी आती है तो भारत का स्वास्थ्य ढांचा पूरी तरह से तैयार है।

संसद में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि सरकार ने कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ने के लिए किस तरह की तैयारी की है। उन्होंने कहा कि अब देश में जीनोम सीक्वेंसिंग 30 घंटे में हो जाती है जबकि पहले इसमें 30 दिन का वक्त लगता था। उन्होंने दावा किया कि देशभर में 44 हजार से ज्यादा वेंटीलेटर्स लगाए गए हैं और इनके इन्स्टॉलेशन की रिपोर्ट और फिटनेस सर्टिफिकेट भी राज्य सरकारों से प्राप्त हुए हैं।

यह बात सही है कि आज हमारा देश कोरोना वायरस की तीसरी लहर से लड़ने के लिए हर तरह से तैयार है। अब टेस्टिंग के लिए लैब्स हैं और ट्रेसिंग के लिए पूरा सिस्टम है। जीनोम सीक्वेंसिंग भी अब तेज गति से केवल 30 घंटे में हो जाती है। हमारे देश में बनी वैक्सीन पर्य़ाप्त मात्रा में उपलब्ध है और 18 साल से ऊपर के करीब 50 प्रतिशत लोगों को डबल डोज लग चुकी है। कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं और ना हॉस्पिटल्स पर दबाव है और ना आज कहीं आईसीयू की कमी है। कोरोना वायरस से लड़ने के मामले में आज हमारा देश दुनिया के बड़े-बड़े देशों के मुकाबले बेहतर स्थिति में है।

लेकिन समस्या ये है कि यह वायरस ऐसा है जो धोखा देता है। यह तेजी से रूप बदलकर आता है। ये आज भी पूरी दुनिया के साइंटिस्ट और डॉक्टर्स के लिए चैंलैंज बना हुआ है। हमने इस पर काबू पाया क्योंकि देश के ज्यादातर लोगों ने सावधानी बरती। हमारे डॉक्टर्स औऱ हेल्थ वर्कर्स ने जी-जान से दिन-रात मेहनत की। हमारे वैज्ञानिकों ने अपनी वैक्सीन ईजाद की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लड़ाई को फ्रंट से लीड किया। लेकिन खतरा अभी-भी बना हुआ है। सावधान रहने की जरूरत है। मुझे लगता है कि नए वेरिएंट का खतरा इस लड़ाई का आखिरी मोर्चा है। अगर हम चौकन्ने रहे, बाहर जाने पर मास्क लगाए रहते हैं, भीड़ में जाने से बचते हैं तो हम खुद भी बचेंगे और देश को भी इस वायरस से बचाएंगे।

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