Rajat Sharma

हमारे युवाओं को मानव तस्करों से बचाओ

AKB30 आज सबसे पहले देश के नौजवानों और उनके माता-पिताओं को सावधान करना चाहता हूं. सोशल मीडिया यू-ट्यूब, फेसबुक, इन्स्टाग्राम, ट्विटर या किसी भी प्लेटफॉर्म पर कोई नौकरी का ऑफर देता है, स्टूडेंट वीजा पर विदेश भेजकर वहां हर महीने लाखों रूपए कमाने का लालच देता है, तो बिल्कुल भरोसा मत कीजिए, वरना पैसा भी जाएगा और जान जाने की नौबत भी आ सकती है क्योंकि इसी तरह के वीडियो के चक्कर में फंस कर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों के लड़के रूस पहुंच गए. उन्हें रूस में कोई नौकरी नहीं मिली बल्कि धोखे से उन्हें वहां की प्राइवेट आर्मी में भर्ती करवा दिया गया. हथियार थमा कर, बंदूक दे कर, यूक्रेन में जंग के मैदान में भेज दिया गया. रूस और यूक्रेन की जंग से भारत का कोई लेना- देना नहीं है लेकिन इस जंग में हमारे दो नौजवान मारे जा चुके हैं. दोनों जालसाजों के चक्कर में फंस कर रूस पहुंचे थे. कम से कम 35 नौजवान ऐसे हैं, जो जंग में मौत के दरवाजे पर खड़े हैं. हालांकि अब सरकार इस तरह की धोखाधड़ी करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, CBI ने जांच शुरू कर दी है, 13 प्लेसमेंट एजेंसीज के ठिकानों पर रेड की गई है, जिन परिवारों के बच्चे रूस में फंसे हैं, उनसे संपर्क किया जा रहा है लेकिन सरकार के लिए इन नौजवानों को जंग के मैदान से सुरक्षित वापस लाना आसान नहीं हैं क्योंकि रूस की सरकार का इन भारतीय नौजवानों के रूस पहुंचने में या recruitment में कोई सीधा हाथ नहीं हैं. ये सब प्राइवेट एजेंसीज और एजेंट्स का खेल है. इंडिया टीवी पर शुक्रवार रात को ‘आज की बात’ शो में हमने वीडियो दिखाए. इन तस्वीरों में हमारे नौजवान सैनिक की वर्दी पहने नज़र आए, लेकिन इन्हें ऐसा पहनने के लिए मजबूर किया गया. इन्हें सेना की कोई ट्रेनिंग नहीं मिली, लेकिन इनकी ड्रेस असली है, इन्हें असली बंदूकें दी गई हैं और ये जंग के असली मैदान में हैं. हैरानी की बात ये है कि न ये रूसी भाषा जानते हैं, न यूक्रेनी, और इन्हें ये भी नहीं मालूम कि वो रूस के इलाके में हैं या फिर यूक्रेन के बॉर्डर में, बस चारों तरफ गोलियों और धमाकों की आवाजें सुनाई पड़ रही है. इनके पास फोन हैं, उससे इन लड़कों ने अपना वीडियो बनाया, परिवार वालों को भेजा, तब जाकर ये राज़ खुला कि अच्छी नौकरी, लाखों के पैकेज के चक्कर में रूस पहुंचे इन नौजवानों को न नौकरी मिली, न पैसा, ऊपर से जिंदगी खतरे में पड़ गई. ये भारतीय नागरिक हैं, रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं.ऐसे एक दो नहीं कई वीडियो हैं और सभी वीडियो में रूस में फंसे नौजवान ये बता रहे हैं कि वो तो घूमने के लिए रूस गए थे और वहां उन्हें एक एजेंट ने झांसा देकर फंसा लिया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें ज़बरन सेना के हवाले कर दिया और उन्हें यूक्रेन में रूस की तरफ़ से जंग लड़ने के लिए भेज दिया गया जबकि उन्हें बंदूक चलानी तो दूर, बंदूक पकड़नी भी नहीं आती. जिन सात लड़कों ने ये वीडियो भेजा है, वो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के रहने वाले हैं. लेकिन ये रैकेट दक्षिण भारत तक फैला हुआ है. तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु से चार लड़कों को नौकरी के नाम पर रूस भेजा गया और फिर उन्हें ज़बरदस्ती यूक्रेन में जंग लड़ने के लिए भेज दिया गया. ट्रैवल एजेंट्स, टूर ऑपरेटर्स और वीज़ा दिलाने के नाम पर लोगों को फंसाने का मानव तस्करी का ये नेटवर्क बड़े सुनियोजित तरीके से काम करता है. प्राइवेट वीजा कंसल्टेंसी की अलग अलग कपनियां सोशल मीडिया पर वीडियो, और यू-ट्यूब पर Vlog के ज़रिए, उन युवाओं से कनेक्ट होते थे जो विदेश में नौकरी करना चाहते हैं, फिर इन नौजवानों को बताया जाता था कि विदेश में उनके लिए नौकरियों के तरह तरह के ऑप्शन हैं. जैसे डिलीवरी बॉय, हेल्पर, डेटा ऑपरेटर वग़ैरह. रूस के बारे में ये एजेंट दावा करते थे कि युवकों को वहां जाकर बॉर्डर पर जाकर न टैंक चलाना है, न तोप के गोले दाग़ने हैं, इन कंपनियों के एजेंट रूस में भी मौजूद हैं. वो वहां से वीडियो बनाकर दिखाते थे कि रूस में हालात बिल्कुल नॉर्मल हैं, सेना मोर्चे पर है, लेकिन सिविलियन इलाकों में लाइफ नॉर्मल है और उनको सिविलियन इलाकों में काम करना है. ये एजेंट दावा करते थे कि ये सब काम करने के लिए युवकों को तीन महीने ट्रेनिंग दी जाएगी और पहले तीन महीने तक हर महीने 40 हज़ार रूपये सैलरी भी मिलेगी. तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद जब इन युवकों की पोस्टिंग होगी, तो उनकी सैलरी बढ़कर एक लाख रुपए प्रति महीना हो जाएगी. विदेश में बसने का सपना देख रहे पढ़े-लिखे नौजवान उनके झांसे में आ जाते थे और वो रूस जाने के लिए जैसे तैसे तीन लाख रुपए इकट्ठा करते थे लेकिन, जैसे ही ये युवक रूस पहुंचते थे, इन एजेंटों का असली खेल शुरू हो जाता था. उनसे रूसी भाषा में एक कॉन्ट्रैक्ट पर ज़बरन साइन कराया जाता था और बंदूक, राइफल चलाने की थोड़ी बहुत ट्रेनिंग देकर जंग के मोर्चे पर भेज दिया जाता था. जो लोग इसका विरोध करते थे, उनको 10 साल के लिए जेल में डालने की धमकी दी जाती थी. इस पूरे रैकेट में सबसे ज़्यादा चर्चा Babavlogs नाम के एक एजेंट की हो रही है. ये असल में दुबई में रहने वाले फ़ैसल अब्दुल मुतालिब ख़ान का वीडियो ब्लॉग है . सबसे ज़्यादा नौजवान इसी फ़ैसल अब्दुल मुतालिब ख़ान के वीडियो देखकर एजेंट्स के जाल में फंसे. इस बाबा व्लॉग के कई वीडियो अब भी सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं. ये फ़ैसल अब्दुल मुतालिब ख़ान दुबई की एक कंपनी में डायरेक्टर है. इस कंपनी का नाम बाबा व्लॉग्स ओवरसीज़ रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड है. ये शख़्स रूस के अलग अलग शहरों से अपने वीडियो डालकर लोगों को यक़ीन दिलाता था कि रूस में सब कुछ नॉर्मल है, ऐसे में नौजवानों को वहां आकर नौकरी करने में कोई रिस्क नहीं है. इस ब्लॉगर ने दो दर्जन लड़कों को रूस भेजा लेकन जब रूस यूक्रेन की जंग में दो भारतीय नौजवानों की मौत की खबर आई तो हमारी सरकार और एजेंसीज एलर्ट मोड में आईं. धोखाधड़ी की ऐसी ही घटनाओं पर एक्शन लिया. CBI ने इस तरह की 17 प्लेसमेंट एजेंसीज़ का पता लगाया. दिल्ली, मुंबई, अंबाला चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नै समेत 13 जगहों पर छापेमारी की. CBI ने 17 कंपनियों और उनके मालिकों पर केस दर्ज किया. दिल्ली में ओवरसीज़ फाउंडेशन और इसके निदेशक सुयश मुकुट के ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ है. ओवरसीज फाउंडेशन के ठिकानों पर रेड्स भी हुई हैं. ओवरसीज़ फाउंडेशन का ऑफ़िस दिल्ली में कस्तूरबा गांधी रोड पर अंबादीप बिल्डिंग में है. इसी तरह, CBI ने मुंबई की ओएसडी ब्रदर्स ट्रैवल्स ऐंड वीज़ा सर्विसेज़ और इसके निदेशक राकेश पांडेय पर केस रजिस्टर किया. इसके ठिकानों पर रेड की, हालांकि राकेश पांडेय गिरफ़्त में नहीं आया. चंडीगढ़ और अंबाला की एडवेंचर वीज़ा सर्विसेज़ और इसके डायरेक्टर मंजीत सिंह के ख़िलाफ़ भी एक्शन हुआ. CBI ने दुबई की बाबा व्लॉग्स ओवरसीज़ रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस और इसके निदेशक फ़ैसल अब्दुल मुतालिब ख़ान उर्फ़ बाबा के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए हैं. CBI के मुताबिक़, जबरन प्राइवेट आर्मी में भर्ती करने के कम से कम 35 मामले सामने आए हैं, अब सबकी जांच की जा रही है. CBI की रेड में 50 लाख नक़द और कई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस और कुछ वीडियो भी मिले हैं. बाबा व्लॉग के झांसे में आकर रूस गए हैदराबाद के एक युवक मुहम्मद आफशान की जंग लड़ते हुए मौत हो गई. उसे वापस भारत लाने के लिए अफ़शान के भाई ने हैदराबाद में असदुद्दीन ओवैसी से गुहार लगाई. ओवैसी ने विदेश मंत्रालय के साथ ये मसला उठाया. पिछले हफ़्ते अफ़शान के परिवार को उसकी मौत की ख़बर मिली. अफ़शान के भाई मुहम्मद इमरान अब अपने भाई की लाश वापस लाने की जद्दोजहद कर रहे हैं.
सूरत के हेमिल मांगुकिया भी अफ़शान की तरह मानव तस्करी करने वालों के चक्कर में फंसकर रूस गए थे. 21 फ़रवरी को यूक्रेन के एक ड्रोन हमले में हेमिल की मौत हो गई. भारत सरकार की कोशिशों का एक असर ये हुआ है कि रूस की सरकार ने मोर्चे पर फंसे भारतीयों को बॉर्डर से हटाना शुरू कर दिया है, उन्हें सुरक्षित इलाकों में भेजा जा रहा है लेकिन मुश्किल ये है कि जो भारतीय नौजवान रूस और यूक्रेन की जंग में फंस गए हैं, उन्हें जंग के मैदान में भेजने में न तो भारत सरकार की और न ही रूसी सरकार की कोई भूमिका है. ये लोग प्राइवेट एजेंट्स के चक्कर में फंसे और उन्हें प्राइवेट रशियन सशस्त्र ग्रुप के हवाले कर दिया जिनका रूसी सेना से कोई लेना देना नहीं.. ये प्राइवेट कॉन्ट्रैक्टर्स हैं. इसलिए इन भारतीयों की पहले पहचान करनी पड़ेगी उनके ठिकानों का पता लगाना होगा. उसके बाद उनको सुरक्षित जगहों पर लाकर उन्हें भारत लाने की कोशिश होगी. ये काम बहुत मुश्किल है, इसलिए इसमें वक्त लगेगा.. इसीलिए सरकार भी कह रही है और मैं भी अपील करूंगा कि विदेश जाने के चक्कर में प्राइवेट एजेंसियों और एजेंट्स के चक्कर में न फंसे. विदेश में बढिया सैलरी पर अच्छी नौकरी का कोई झांसा देता है तो उस पर यकीन न करें.बैकग्राउंड चैक करें. जिस देश में नौकरी की बात कही जा रही है. उसके दूतावास से संपर्क करें. सारे फैक्ट्स चैक करें. फिर अपने विदेश मंत्रलाय के जरिए लीगल डॉक्यूमेंट्स के साथ ही विदेश जाएं.. अगर टूरिस्ट वीजा या स्टूडेंट वीजा पर नौकरी का वादा करके विदेश भेजने की बात कहता है तो उस पर बिल्कुल यकीन न करें, क्योंकि इसमें पैसा भी जाएगा और जिंदगी भी खतरे में पड़ेगी. .इसलिए सावधान रहें. सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो और रील्स पर कतई भरोसा न करें, .वरना मुश्किल में पड़ना तय है. मैं तो सरकार से भी अपील करूंगा कि कोई ऐसा पोर्टल या एप लांच करे .जिस पर जाकर नौजवान इस तरह के ऑफर को वैरीफाई कर सकें और दलालों के चंगुल में फंसने से बच सकें.

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