पश्चिम बंगाल में हाईकोर्ट की सख्ती और संदेशखाली की जनता के दबाव के सामने आखिरकार ममता बनर्जी को झुकना पड़ा. 56 दिन से फरार तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता शेख शाहजहां को बंगाल की पुलिस ने 48 घंटे में खोज निकाला, उसकी गिरफ्तारी हो गई और उसे दस दिन की हिरासत में CID के हवाले कर दिया गया. शेख शाहजहां के खिलाफ 42 केस दर्ज हैं जिनमें जमीनों पर कब्जे, महिलाओं के साथ बलात्कार, आम लोगों की संपत्ति हड़पने जैसे मामले हैं लेकिन बंगाल की पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि शाहजहां को ED की टीम पर 5 जनवरी को किये गए हमले के मामले में गिरफ्तार किया गया है. मज़े की बात ये है कि शेख शाहजहां को पुलिस ने संदेशखाली से सिर्फ 30 किलोमीटर दूर, उत्तरी 24 परगना के मीनाखान से गिरफ्तार करने का दावा किया है. शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही संदेशखाली पहुंची, वहां के लोगों ने गुरुवार को जश्न मनाया. संदेशखाली में महिलाओं ने एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाया, शंख बजाया और थाली बजाकर डांस किया. इन महिलाओं ने कहा कि ये सही है कि शेख शाहजहां अभी सिर्फ गिरफ्तार हुआ, उसे सजा नहीं मिली है लेकिन न्याय की उम्मीद तो जगी है. उसके आतंक और जुल्म से अब उन्हे मुक्ति मिलेगी. कई महिलाओं ने कहा कि केन्द्र सरकार को ऐसा इंतजाम करना चाहिए जिससे शेख शाहजहां कभी जेल से बाहर न आ सके.
इन महिलाओं के मन में शाहजहां शेख का डर इतना क्यों है, इसका अंदाज़ा गुरुवार की तस्वीरों से लग गया. जब शाहजहां को बसीरहाट कोर्ट में पेश किया गया, तो पश्चिम बंगाल की पुलिस पूरी अकड़ के साथ आगे आगे चल रहा था, हाथ हिलाकर विक्ट्री साइन दिखा रहा था, और बंगाल पुलिस के अफसर उसके पीछे-पीछे चल रहे थे. कोर्ट में पुलिस ने जो रिमांड कॉपी पेश की, उसमें बताया गया कि शेख शाहजहां ने ये माना है कि 5 जनवरी को ईडी की टीम पर उसने हमला करवाया था, ED की टीम से जो सामान लूटा गया और जिन हथियारों से हमला किय़ा गया, वो उसने दूसरे राज्यों में छुपा रखे हैं, उसे बरामद करना है, ED की टीम पर हमले में शामिल शेख शाहजहां के साथियों को गिरफ्तार करना है, इसलिए उसे पुलिस की हिरासत में दिया जाए. इसके बाद कोर्ट ने शेख शाहजहां को दस दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. लेकिन हैरानी की बात ये है कि शाहजहां की गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाता, उससे पहले ही शाहजहां के वकील कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंच गए और जमानत की अर्जी फाइल कर दी. वकील ने कोर्ट से शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया. लेकिन मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवज्ञानम ने साफ-साफ कहा कि शेख शाहजहां कोई छोटा मोटा अपराधी नहीं हैं, उसके खिलाफ रेप, जमीनों पर कब्जे, मारपीट और सरकारी टीम पर हमले जैसे 42 संगीन मामले हैं, वो 56 दिन तक फरार रहा, कोर्ट के कहने पर भी पेश नहीं हुआ और आप चाहते हैं कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद उसे जमानत दे दी जाए, उसकी अर्जी पर तुरंत सुनवाई कर ली जाए, ये संभव नहीं है. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोर्ट को शेख शाहजहां जैसे अपराधी से कोई सहानुभूति नहीं है. मुख्य न्यायाधीश ने शाहजहां के वकील से कहा कि उसे कुछ दिन पुलिस की हिरासत में रहने दीजिए, तत्काल सुनवाई की कोई जरूरत नहीं हैं. शाम को तृणमूल कांग्रेस ने शाहजहां शेख को 6 साल के लिए पार्टी से निलम्बित कर दिया. शाहजहां शेख संदेशखाली विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के संयोजक और जिला परिषद के सदस्य हैं. साफ है कि ममता बनर्जी दो महीने तक शाहजहां का बचाव करने के बाद अब समझ चुकी है कि अब वह पार्टी के लिए राजनीतिक बोझ बन सकता है, इसलिए पार्टी अब उससे पीछा छुड़ाना चाहती है.