Rajat Sharma

राहुल अपने शब्दों के चयन में सावधानी बरतें

AKB30 कांग्रेस ने राहुल गांधी की यात्रा का समापन मुंबई में करवाया, रविवार 17 मार्च को शिवाजी पार्क में बड़ी रैली की, मोदी-विरोधी मोर्चे के सभी नेताओं को एक मंच पर बुलाया लेकिन राहुल के चक्कर में गड़बड़ हो गई. राहुल ने कह दिया कि “हिन्दू धर्म में एक शब्द होता है – शक्ति, हम उसी शक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं”. सोमवार को राहुल की य़ही गलती कांग्रेस को भारी पड़ गई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अब इंडी एलायन्स का लक्ष्य साफ हो गया है, इनका लक्ष्य सनातन की शक्ति को खत्म करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना और कर्नाटक की रैलियों में कहा कि अब तो इंडी एलायंस ने साफ कर दिया कि वो शक्ति के विरोधी हैं, उनकी लड़ाई मोदी से नहीं, शक्ति से है, वो हिंदू धर्म और सनातन के खिलाफ हैं, और ये बात अब पूरा देश जान गया है. मोदी ने कहा कि इंडी एलायंस ने शक्ति के खात्मे का ऐलान किया है, उन्हें यह चुनौती स्वीकार है, क्योंकि वो हर मां में, हर बेटी में, हर बहन में शक्ति का स्वरूप देखते हैं और उनकी रक्षा के लिए जान की बाज़ी लगा देंगे. कर्नाटक के शिवमोगा में मोदी ने एक बार फिर राहुल गांधी के बयान का जिक्र किया. मोदी ने कहा कि शिवाजी पार्क में जो कुछ कहा गया, उससे बाला साहेब ठाकरे की आत्मा को बहुत दुख पहुंचा होगा. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा नारी शक्ति को ध्यान में रखकर नीतियां बनाईं, इसीलिए लोग महिलाओं को बीजेपी का साइलेंट वोटर मानते हैं, लेकिन सच तो ये है कि महिलाएं उनके लिए वोटर नहीं, शक्ति स्वरूपा हैं, सुरक्षा कवच हैं. मोदी का रूख देखकर कांग्रेस को समझ में आ गया कि राहुल का बयान चुनाव में भारी पड़ सकता है, इसलिए तमाम नेता सफाई देने में जुट गए. लेकिन जब इससे बात नहीं बनी तो राहुल को भी सफाई देनी पड़ी. राहुल कैमरे के सामने तो नहीं आए, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर एक लंबी चौड़ी पोस्ट लिखकर अपने बयान को सही ठहराने की कोशिश की. राहुल ने लुखा – “ मोदी जी को मेरी बातें अच्छी नहीं लगतीं, किसी न किसी तरह उन्हें घुमाकर वह उनका अर्थ हमेशा बदलने की कोशिश करते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि मैंने एक गहरी सच्चाई बोली है। जिस शक्ति का मैंने उल्लेख किया, जिस शक्ति से हम लड़ रहे हैं, उस शक्ति का मुखौटा मोदी जी हैं। वह एक ऐसी शक्ति है जिसने आज, भारत की आवाज़ को, भारत की संस्थाओं को, CBI, IT, ED को, चुनाव आयोग को, मीडिया को, भारत के उद्योग जगत को, और भारत के समूचे संवैधानिक ढाँचे को ही अपने चंगुल में दबोच लिया है।… उसी शक्ति के ग़ुलाम नरेंद्र मोदी जी देश के गरीब पर GST थोपते हैं, महंगाई पर लगाम न लगाते हुए, उस शक्ति को बढ़ाने के लिए देश की संपत्ति को नीलाम करते हैं। उस शक्ति को मैं पहचानता हूँ, उस शक्ति को नरेंद्र मोदी जी भी पहचानते हैं, वह किसी प्रकार की कोई धार्मिक शक्ति नहीं है, वह अधर्म, भ्रष्टाचार और असत्य की शक्ति है। इसलिए जब-जब मैं उसके ख़िलाफ़ आवाज उठाता हूँ, मोदी जी और उनकी झूठों की मशीन बौखलाती है, भड़क जाती है।“ राहुल गांधी अब सफाई दे रहे हैं, लेकिन रविवार को उन्होंने मुंबई की रैली में यही कहा था- “हिन्दू धर्म में एक शब्द होता है – शक्ति, हम उसी शक्ति के खिलाफ लड़ रहे हैं”. इस बयान के बाद ही कांग्रेस के नेताओं को समझ आ गया कि राहुल ने फिर “सेल्फ गोल” कर दिया है, इसलिए सुबह से ही इस मामले पर स्पष्टीकरण देने की कोशिशें हुई. कांग्रेस के कई नेताओं के बयान आए जिन्होंने ये समझाने की कोशिश की कि राहुल गांधी ने आसुरी शक्तियों पर हमला बोला था और बीजेपी ने उसका गलत मतलब निकाला. दिग्विजय सिंह ने कहा कि शक्तियां दो तरह की होती हैं – आसुरी शक्तियां और दैवी शक्तियां. राहुल गांधी दैवी शक्तियों के साथ हैं और आसुरी शक्तियों के खिलाफ लड़ रहे हैं, इसमें गलत क्या है? पिछले दिनों कांग्रेस छोड़ने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राहुल गांधी को खुद नहीं पता होता कि वो क्या बोल रहे हैं, क्यों बोल रहे हैं ? उन्हें एक स्क्रिप्ट पकड़ा दी जाती है, जिसे वो पढ़ते हैं और फिर कुछ भी बोल देते हैं लेकिन अब उन्हें स्पष्ट करना होगा कि उनकी लड़ाई बीजेपी से है या फिर हिंदू धर्म से. राहुल गांधी हर थोड़े दिन में कुछ ऐसा कह देते हैं कि उनकी पार्टी के लोग भी परेशान हो जाते हैं. सारी ताकत सफाई देने और लीपापोती करने में लग जाती है. कांग्रेस के एक नेता कह रहे थे कि, क्या करें? राहुल जी full toss फेकेंगे, तो मोदी जी sixer तो लगाएंगे ही. कभी चौकीदार चोर है, तो कभी मोदी का परिवार नहीं है, तो कभी हम हिंदू शक्ति से ल़ड़ रहे हैं, ये ऐसी बातें हैं, जो मोदी को अवसर देती है और मोदी एक जबरदस्त कैंपेनर हैं. वो कोई मौका नहीं छोड़ते और सबसे बड़ी बात ये है कि जिस दक्षिण भारत में कांग्रेस अपना दबदबा मानती है, जहां बीजेपी को ज्यादा सीटें नहीं मिलती है, वहां केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और कर्नाटक की सड़कों पर मोदी को देखने और सुनने के लिए भारी भीड़ आ रही है.

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