Rajat Sharma

मोदी ने डीजल, पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई, अब वैट कम करें राज्य

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बुधवार की रात पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से देश के लोगों को दीपावली का तोहफा है। जी20 और COP शिखर सम्मेलनों की व्यस्त और सफल यात्रा से प्रधानमंत्री के लौटने के कुछ ही घंटों बाद लिया गया यह निर्णय व्यस्तता के बावजूद लगातार काम करते रहने की उनकी क्षमता को दर्शाता है।

यह फैसला आम लोगों की समस्याओं के प्रति प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और वक्त के हिसाब से निर्णय लेने की उनकी क्षमता को भी दर्शाता है।

यह एक ऐसा कदम है जो निश्चित रूप से उपभोक्ताओं और किसानों समेत समाज के सभी वर्गों को राहत देगा। एक्साइज ड्यूटी में कटौती के साथ ही केंद्र ने सभी राज्य सरकारों से पेट्रोल और डीजल पर वैट (value added tax) को कम करने का आग्रह किया है। NDA शासित 9 राज्यों ने बुधवार देर रात पेट्रोल और डीजल पर वैट में तत्काल कटौती की घोषणा भी कर दी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल दोनों पर वैट घटाया और इनकी कीमतें 12 रुपये प्रति लीटर कम हो गईं। यूपी में पेट्रोल और डीजल पर वैट में क्रमश: 7 रुपये और 2 रुपये की कमी की गई है। इसी तरह उत्तराखंड, गुजरात, बिहार, कर्नाटक, असम, त्रिपुरा, गोवा और मणिपुर ने भी आम लोगों को राहत देते हुए पेट्रोल और डीजल दोनों पर वैट कम किया है।

केंद्र ने एक विज्ञप्ति में बुधवार को कहा कि उत्पाद शुल्क में यह कटौती ‘अर्थव्यवस्था को और रफ्तार देने के लिए की गई है। आज के फैसले से समग्र आर्थिक चक्र को और गति मिलने की उम्मीद है।’ विज्ञप्ति में कहा गया कि हाल के महीनों में, दुनिया भर में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा गया है। इसके कारण भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढी और इससे मुद्रास्फीति का दबाव बना। केंद्र ने कहा, इस कदम से बाजार में खपत को बढ़ावा मिलेगा और मुद्रास्फीति कम रहेगी, तथा इससे गरीब और मध्यम वर्ग को मदद मिलेगी।

केंद्र ने कहा, ‘भारतीय किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से लॉकडाउन के दौरान भी आर्थिक विकास की गति को बनाए रखा और अब डीजल सस्ता होने से आने वाले रबी फसल के लिए किसानों को राहत मिलेगी।’

गेंद अब गैर बीजेपी पार्टियों के पाले में है। तथ्यों की बात करें तो गरीबों, मध्यम वर्ग और किसानों की हितैषी होने का दिखावा करने वाले कई विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों की सरकारों ने अपने यहां पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरें बहुत अधिक रखी हैं। ये विपक्षी दल केंद्र की लगातार आलोचना करते रहे हैं और ईंधन की कीमतें कम करने की मांग करते रहे हैं। अब उन्हें अपनी कथनी को करनी में भी बदलना होगा।

मिसाल के तौर पर आम आदमी पार्टी द्वारा शासित दिल्ली में पेट्रोल पर वैट 30 फीसदी है, शिव सेना शासित महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में यह 26 फीसदी से ज्यादा है और साथ ही 10.12 रुपये प्रति लीटर का एडिशनल टैक्स लगता है, तृणमूल कांग्रेस द्वारा शासित पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में पेट्रोल पर 25 फीसदी वैट या 13.12 रुपये प्रति लीटर (जो भी अधिक हो) वसूला जाता है, TRS शासन के तहत हैदराबाद में 35.20 प्रतिशत वैट लिया जाता है। कांग्रेस शासित राजस्थान में वैट की दर सबसे ज्यादा 36 फीसदी है और इसके अतिरिक्त 1,500 रुपये प्रति किलोलीटर भी वसूला जाता है।

विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में डीजल पर भी काफी ज्यादा वैट वसूला जाता है। इसकी तुलना गुजरात जैसे बीजेपी शासित राज्यों से करें तो वहां वैट की दर सिर्फ 20 फीसदी है। बुधवार की रात गुजरात सरकार ने वैट की इस दर को और कम कर दिया।

कुल मिलाकर कहने का आशय यह है कि अगर राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करें, तो ईंधन सस्ता हो सकता है। इस समय गैर-भाजपा शासित राज्यों में ईंधन पर वैट की दरें ज्यादा हैं।

कुल मिलाकर तस्वीर कुछ ऐसी है। पेट्रोल और डीजल का बेस प्राइस क्रमशः 47.28 रुपये और 49.36 रुपये प्रति लीटर है। इसकी ढुलाई के भाड़े के रूप में 28 से 30 पैसे जोड़ दिया जाए तो वैट और एक्साइज ड्यूटी को छोड़कर डीलरों को पेट्रोल और डीजल क्रमश: 47.58 रुपये और 49.64 रुपये का पड़ता है। बुधवार की रात सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी में कमी के बाद पेट्रोल और डीजल के लिए नई एक्साइज ड्यूटी 27.90 रुपये और 21.80 रुपये है। पेट्रोल और डीजल पर डीलर का कमीशन क्रमश: 3.90 रुपये और 2.61 रुपये प्रति लीटर होता है। पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हैं और ये 14.37 रुपये से 25.31 रुपये प्रति लीटर के बीच हैं। उपभोक्ता को दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के लिए क्रमशः 109.69 रुपये और 98.42 रुपये प्रति लीटर देने पड़ते हैं।

पेट्रोल और डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी को कम करने के लिए उठाया गया प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम सही दिशा में उठाया गया एक सही कदम है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, जो कि पिछले साल अप्रैल में महामारी के कारण आई मंदी के बाद अब रफ्तार पकड़ने लगी है। इस खुशखबरी के साथ आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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