Rajat Sharma

नशे की गिरफ्त में पंजाब

akb full_frame_74900पंजाब एक खतरनाक स्तर तक नशे की चपेट में आ चुका है। अमृतसर समेत तमाम शहरों में लड़के और लड़कियां खुलेआम ड्रग्स लेते नजर आ जाते हैं। मंगलवार की रात अपने प्राइमटाइम शो ‘आज की बात’ में हमने एक नवविवाहिता की परेशान करने वाली तस्वीरें दिखाईं। दुल्हन के कपड़े और शादी का चूड़ा पहनी हुई वह लड़की सड़क पर चल भी नहीं पा रही थी। उसके लिए अपने पैरों पर खड़े हो पाना भी मुश्किल लग रहा था। यह वीडियो ड्रग्स के कारोबार के लिए बदनाम अमृतसर के मकबूलपुरा इलाके का है। संभलने के लिए वह एक ही जगह पर काफी देर तक खड़ी रही। वह अफीम के नशे में थी।

यह वीडियो तो एक बानगी भर है। पूरे पंजाब में खुलेआम नशाखोरी और ड्रग्स की बिक्री का सिलसिला जारी है। अपने शो में हमने दिखाया कि कैसे सड़क के किनारे इस्तेमाल की हुई सीरिंज का अंबार लगा हुआ है। मकबूलपुरा को, जहां ज्यादातर लोगों की मौत ड्रग्स के ओवरडोज से हुई है, अनाथों और विधवाओं का गांव कहा जाता है।

नवविवाहिता का वीडियो देखने के बाद मैंने अपने रिपोर्टर्स को अमृतसर के मकबूलपुरा इलाके में रहने वाले लोगों से मिलने के लिए भेजा। उन्होंने जो पाया वह बेहद भयावह था। ड्रग्स की लत ने पंजाब के सामाजिक ताने-बाने को बर्बाद कर दिया है।

अमृतसर गईं इंडिया टीवी रिपोर्टर गोनिका अरोड़ा ने बताया कि पास में पुलिस चौकी होने के बावजूद मकबूलपुरा में खुलेआम ड्रग्स को खरीदा और बेचा जा रहा था। यहां के लोगों ने बताया कि ड्रग्स के कारण तमाम परिवारों ने अपनों को खो दिया। एक लड़की ने हमारी रिपोर्टर को बताया कि वह पिछले 10-12 साल से ड्रग्स ले रही है और वह ड्रग्स खरीदने के लिए ही मकबूलपुरा जाती है। हमारी रिपोर्टर ने रिक्शे में बैठकर नशे की डोज लेने जाती लड़कियों के भी वीडियो रिकॉर्ड किए।

मकबूलपुरा के कई लोगों ने हमारी रिपोर्टर को बताया कि नशेड़ियों से परेशान होकर वे अपना घर बेचने जा रहे हैं, क्योंकि जब वे लोगों को यहां नशा करने से मना करते हैं तो वे धमकियां देने लगते हैं। मकबूलपुरा मोहल्ले में 12 गलियां हैं और हर गली में नशे का कारोबार खुलेआम होता है। न तो नशा करने वाले रिहैब सेंटर जाने को तैयार हैं और न ही पुलिस कार्रवाई करती है।

कुछ दिन पहले चंड़ीगढ़ PGI में एक रिसर्च हुई थी, जिसमें यह पता लगा कि पंजाब का हर सातवां व्यक्ति नशे का आदी है। एक अनुमान के मुताबिक, पंजाब में एक साल में 7,500 करोड़ रुपये का नशे का कारोबार होता है। नशे के कारण पंजाब में क्राइम रेट करीब 33 फीसदी तक बढ़ गया है। चिंता की बात यह है कि नशे के कारण मौत ने पंजाब के ज्यादातर घरों का दरवाजा देख लिया है। तमाम घरों की दीवारों पर उन नौजवान लड़कों की तस्वीरें टंगी है जो नशे का शिकार हो गए।

हमारी रिपोर्टर ने मकबूलपुरा में नशा प्रभावित परिवारों की 5 केस स्टडीज को नोट किया।

पहले घर में एक महिला राजबीर ने खुलासा किया कि कैसे उसका पति नशे का आदी हो गया और उसने घर का सामान तक बेच डाला। घर में बच्चों को दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल रही, परिवार अब भुखमरी के कगार पर है, लेकिन उसका पति नशीले पदार्थों का सेवन बंद करने को राजी नहीं है।

दूसरा घर 70 साल के सतपाल सिंह का था। उनका एक ही बेटा है जो 3 साल पहले नशे का आदी हो गया था। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में सिर्फ बेटा ही कमाता है, राजमिस्त्री का काम करता है, लेकिन घर में एक भी पैसा नहीं देता। सारा पैसा ड्रग्स पर उड़ा देता है। पुलिस उसे दो बार गिरफ्तार भी कर चुकी है।

तीसरे केस में हमारी रिपोर्टर एक बुजुर्ग दंपत्ति के घर गईं। वे आंखों में आंसू लिए अपने बेटे की तस्वीर लेकर बैठे थे। उनके बेटे की मौत ड्रग्स के ओवरडोज से हो गई। बुजुर्ग दंपत्ति ने बिस्तर पकड़ लिया है और उनका कोई सहारा भी नहीं है।

चौथे घर में भोली नाम की एक महिला ने बताया कि कैसे ड्रग्स ने उनसे उनके पति और बेटे को छीन लिया। उनका पति एक शराबी था और 4 साल पहले उसकी मौत हो गई थी। पति की मौत के 5 महीने बाद ही उनका 21 साल का बेटा भी ड्रग्स की लत के कारण दुनिया से चला गया।

पांचवीं केस स्टडी में, हमारी रिपोर्टर की मुलाकात 16 साल के एक लड़के से हुई। उसके परिवार में कोई बड़ा-बुजुर्ग नहीं बचा था। उसके पिता और 2 चाचाओं की मौत ड्रग्स के कारण हुई थी। लड़का अब अपनी मां और दो चाचियों का पेट भरने के लिए काम करता है।

इंडिया टीवी की रिपोर्टर ने आम आदमी पार्टी की स्थानीय विधायक जीवन ज्योत कौर से मुलाकात की, जिन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता नवजोत सिंह सिद्धू को मात दी थी। उन्होंने दावा किया कि अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं और यहां के लोगों ने खुद ही शिकायत की है कि पुलिस कुछ मामलों में परिजनों को तंग कर रही है। जीवन ज्योत ने दावा किया कि पुलिस तस्करों के पास से ड्रग्स की बरामदगी कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बताती है।

हमारी संवाददाता ने अमृतसर के पुलिस कमिश्नर अरुण पाल सिंह से भी मुलाकात की। सिंह ने कहा कि उन्होंने नवविवाहित युवती का वीडियो देखा है, और उसे एक रिहैब सेंटर भेज दिया गया है। पुलिस चीफ ने माना कि मकबूलपुरा ड्रग तस्करों का हॉटस्पॉट बन चुका है, लेकिन चूंकि अमृतसर अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास है, इसलिए ड्रग तस्करों पर लगाम लगाना एक बड़ी चुनौती है।

पंजाब पुलिस का दावा है कि उसने 5 जुलाई से पिछले 2 महीनों में उसने 2.73 करोड़ रुपये कैश, 322 किलो हेरोइन, 167 किलो अफीम, 145 किलो गांजा, 222 क्विंटल चूरा पोस्त और 16.9 लाख रुपये कीमत के ड्रग टैबलेट्स, कैप्सूल और इंजेक्शन जब्त किए हैं। पुलिस के मुताबिक, उसने 4,223 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है और 3,236 FIR दर्ज की है।

इन आंकड़ों को खंगालने के बाद मैंने पाया कि इनमें से सिर्फ 328 मामले ऐसे हैं जो ड्रग्स के धंधे से जुड़े हैं, और बाकी सारे मामले ड्रग्स के इस्तेमाल के हैं। यानी कि पुलिस ने जो ऐक्शन लिया है उसमें नंबर तो बड़े-बड़े नजर आते हैं, दावे भी बड़े-बड़े किए जा रहे हैं, लेकिन जो मामले बनाए गए हैं वे कमजोर हैं। ज्यादातर लोग बड़ी आसानी से छूट जाते हैं और फिर इसी धंधे में लग जाते हैं।

मंगलवार की रात जब मेरा प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ टेलिकास्ट हो रहा था तो खबर आई कि मकबूलपुरा के एसएचओ समेत पंजाब पुलिस के 17 अफसरों का तबादला कर दिया गया है। लेकिन इस तरह की दिखावे की कार्रवाई से इस गंभीर समस्या से छुटकारा नहीं मिलेगा।

यह एक कड़वी सच्चाई है कि पंजाब में ड्रग्स के खिलाफ राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी है। कोई भी पार्टी हो, किसी ने इस मामले में ईमानदारी से काम नहीं किया। अकाली दल की सरकार थी तो कांग्रेस ड्रग्स का मुद्दा जोर-शोर से उठाती थी। राहुल गांधी ने पंजाब को ड्रग मुक्त करने का वादा किया था। कांग्रेस की सरकार आई तो नवजोत सिंह सिद्धू ने ड्रग्स को लेकर बहुत शोर मचाया, लेकिन 5 साल में ड्रग्स के खिलाफ कोई बड़ा काम नहीं हुआ।

चुनाव से कुछ पहले अकाली दल के नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज करवाकर उनकी गिरफ्तारियां करवा दीं , हालांकि जनता ने हकीकत समझ ली और सिद्धू को चुनाव में जबाव दे दिया। जनता ने इसके बाद जीवन ज्योत कौर को विधायक बनाया, लेकिन वह भी अभी तक कुछ खास नहीं कर पाई हैं। मुझे लगता है कि चुनाव के वक्त AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पंजाब को ड्रग्स के जहर से मुक्त करने का जो वादा किया था, उस पर खरा उतरने की उन्हें पुरजोर कोशिश करनी चाहिए।

मुझे आज भी याद है कि मैं 2014 में ‘आप की अदालत’ का एक स्पेशल शो रिकॉर्ड करने के लिए अमृतसर गया था। उसमें अमृतसर से चुनाव लड़ रहे बीजेपी नेता अरुण जेटली मेरे मेहमान थे। उस शो के दौरान एक लड़की ने खड़े होकर, हाथ जोड़कर रोते हुए कहा था, ‘पंजाब के पास सब कुछ है, बस भगवान के लिए हमारे सूबे को ड्रग्स से मुक्ति दिलवा दीजिए। पंजाब के बेटों को बचा लीजिए।’

उस बेटी की आवाज आज भी मेरे कानों में गूंजती है। ड्रग्स ने पंजाब का पानी और पंजाब की जवानी दोनों को बर्बाद कर दिया है। यह एक ऐसा मसला है जिस पर सारे राजनैतिक दलों को मिलकर काम करना चाहिए। राज्य और केंद्र सरकारों को मिलकर इस समस्या के निदान के लिए एक ठोस रणनीति बनानी चाहिए।

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