Rajat Sharma

कोझिकोड विमान हादसे पर अटकलों से बचें, जांच एजेंसियों को अपना काम करने दें

विमान का डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिल गया है और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेंस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) ने इसकी जांच शुरू कर दी है। नागरिक उड्डयन मंत्री (सिविल एविएशन मिनिस्टर) हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को हादसे की जगह का निरीक्षण किया। उन्होंने कैप्ठन साठे के बारे में कहा- ‘हमारे सबसे अनुभवी और प्रतिष्ठित कमांडरों में से एक थे जिन्होंने इस एयरपोर्ट के रनवे पर कम से कम 27 बार लैंड किया”। हरदीप पुरी ने कहा कि लोगों को हादसे की वजह को लेकर अटकलें लगाने से बचना चाहिए क्योंकि इस हादसे की जांच की जा रही है।

AKB2103 कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (कोझिकोड) पर शुक्रवार की शाम एयर इंडिया एक्सप्रेस के बोईंग -737 विमान की क्रैश लैंडिंग की घटना से पूरे देशवासियों में शोक व्याप्त है। इस हादसे में विमान के दो पायलटों समेत 18 लोगों की मौत हो गई है।

यह विमान दुबई से 191 लोगों को लेकर आ रहा था और टेबल टॉप रनवे पर उतरते समय ओवरशूट कर गया। ओवरशूट होते ही यह विमान रनवे से 35 फीट नीचे ढलान वाली जगह पर जा गिरा और दो टुकड़ों में बंट गया। अच्छी बात ये रही कि विमान में आग नहीं लगी क्योंकि जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त मूसलाधार बारिश हो रही थी। इससे अधिकांश यात्रियों की जान बच गई। भारी बारिश के बीच विमान के पायलटों ने दो बार रनवे पर सेफ लैंडिंग की कोशिश की लेकिन तीसरे प्रयास में विमान रनवे पर ओवरशूट हुआ और यह हादसा हो गया।

इस विमान में सवार अधिकांश यात्री केरल के प्रवासी थे जो कोरोना वायरस महामारी के चलते विदेशों में फंसे हुए थे। इन यात्रियों को ‘वंदे भारत’ मिशन के तहत देश वापस लाया जा रहा था। विशेषज्ञों के मुताबिक विमान अपने टचप्वॉइंट से आगे जाकर लैंड किया और टेबलटॉप रनवे पर ओवरशूट कर गया।

हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने अपने अथक प्रयासों से घटनास्थल पर राहत और बचाव का काम किया जिससे हादसे के नुकसान को काफी कम किया जा सका। स्थानीय लोग अपनी गाड़ियों से घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को अस्पतालों में पहुंचाना शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों के साथ एयरपोर्ट के कर्मचारी, फायर फाइटर्स, एम्बुलेंस कर्मियों और एयरपोर्ट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने हाथ से हाथ मिलकर राहत और बचाव को अंजाम दिया।

दोनों पायलटों की मौत इस हादसे का दुखद पहलू है। कैप्टन दीपक वसंत साठे भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर रह चुके थे और 10 साल पहले सर्विस से रिटायर होने के बाद उन्होंने एयर इंडिया ज्वॉइन किया था। एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) से 1981 में सोर्ड ऑफ ऑनर के साथ पास आउट होनेवाले साठे एक तेज-तर्रार अधिकारी थे। वहीं इस विमान के दूसरे पायलट अखिलेश कुमार की भी हादसे में मौत हो गई। इस हादसे में जिंदा बचे अधिकांश यात्रियों ने दोनों पायलटों की भूमिका की काफी तारीफ की जिन्होंने यात्रियों की जान बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया।

यह विमान हादसा आज से 10 साल पहले मई 2010 में मैंगलोर एयरपोर्ट के टेबलटॉप रनवे पर हुए विमान हादसे के जैसा ही था। इस हादसे में भी विमान ओवरशूट होकर खाई में जा गिरा था और 158 लोगों की मौत हो गई थी। इस तरह के हादसों से बचने, इन्हें रोकने और उपाय सुझाने के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) ने एक सुरक्षा सलाहकार समिति (कमिटी) का गठन किया था।

इस कमिटी ने तब खराब मौसम के दौरान टेबलटॉप रनवे पर असुरक्षित लैंडिंग को लेकर वॉर्निंग दी थी। रनवे के कई हिस्सों में दरारें और पानी जमा होने के अलावा रनवे पर ‘रबर के अत्यधिक जमा’ होने की समस्याएं भी थीं। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि मैंगलोर एयरक्रैश के बाद गठित कमिटी की वॉर्निंग्स की अनदेखी की गई।

हालांकि, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के चेयरमैन ने शनिवार को कहा कि DGCA के पास 2015 में टेबलटॉप रनवे को लेकर कुछ समस्याएं थीं लेकिन इनका हल करने के बाद पिछले साल टेबलटॉप रनवे को मंजूरी दी गई थी। AAI प्रमुख अरविंद सिंह ने कहा कि पायलटों ने पहले रनवे पर उतरने की कोशिश की लेकिन पहली लैंडिंग असफल होने के बाद उन्होंने दूसरे रनवे पर उतरने की कोशिश की जहां विमान हादसे का शिकार हो गया।

विमान का डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर मिल गया है और एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेंस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) ने इसकी जांच शुरू कर दी है। नागरिक उड्डयन मंत्री (सिविल एविएशन मिनिस्टर) हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को हादसे की जगह का निरीक्षण किया। उन्होंने कैप्ठन साठे के बारे में कहा- ‘हमारे सबसे अनुभवी और प्रतिष्ठित कमांडरों में से एक थे जिन्होंने इस एयरपोर्ट के रनवे पर कम से कम 27 बार लैंड किया”। हरदीप पुरी ने कहा कि लोगों को हादसे की वजह को लेकर अटकलें लगाने से बचना चाहिए क्योंकि इस हादसे की जांच की जा रही है।

नागरिक उड्डयन मंत्री ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया। केरल के मुख्यमंत्री ने भी हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।

इस हादसे में मारे गए लोगों में से ज्यादातर लोग केरल के मलप्पुरम, पलक्कड़ और कोझीकोड जिलों के थे, जो संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में रहते थे। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार रात इंडिया टीवी पर लाइव इंटरव्यू में राहत और बचाव के काम में मदद के लिए कोझिकोड के स्थानीय नागरिकों की तारीफ की। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल यात्रियों में ज्यादातर लोगों की रीढ़ की हड्डी में चोट है।

दुःख की इस घड़ी में हम हादसे के कारणों पर बेकार की अटकलों से बचें और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करें। मेरे पूरी संवेदना उन लोगों के परिवारों के साथ है, जिनकी इस हादसे में मौत हुई है।

Click Here to Watch Full Video | Get connected on Twitter, Instagram & Facebook

Comments are closed.