Rajat Sharma

अब सीबीआई के हवाले हुआ सुशांत सिंह राजपूत केस

rajat sir2 ऐक्टर सुशांत सिंह राजपूत के परिवार को मिली एक बड़ी जीत में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जांच को बिहार से मुंबई ट्रांसफर करने की रिया चक्रवर्ती की याचिका को खारिज कर दिया और सीबीआई को मामले की जांच करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने मुंबई पुलिस से कहा कि वह सीबीआई को अब तक इकट्ठा किए गए सभी साक्ष्य सौंप दे।

शीर्ष अदालत ने माना कि बिहार सरकार के पास मामले की जांच को सीबीआई को ट्रांसफर करने का अधिकार है। जस्टिस हृषिकेश रॉय ने कहा कि यदि सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित कोई अन्य मामला भी सामने आता है तो उसे भी जांच के लिए सीबीआई को ट्रांसफर करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मुंबई पुलिस का क्षेत्राधिकार आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत सीमित है और सीबीआई द्वारा की जा रही जांच वैध है। कोर्ट ने सुशांत के पिता के. के. सिंह की शिकायत के आधार पर पटना पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR को भी वैध माना।

इसके साथ ही अब मुंबई पुलिस, बिहार पुलिस और सीबीआई के बीच चल रही कानूनी रस्साकशी का अंत हो गया है। सीबीआई अब सुशांत की मौत की जांच करने के लिए स्वतंत्र है, हालांकि अब इस घटना को हुए 2 महीने से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है।

हम सबको उम्मीद करनी चाहिए कि अब सीबीआई द्वारा की जाने वाली जांच सही रुख अख्तियार करेगी। पिछले 2 महीनों से मुंबई पुलिस जिस तरह इस मामले को निपटा रही थी, उससे कई सवाल खड़े हो गए थे। इस मामले में पटना पुलिस के साथ-साथ बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय की तारीफ करनी चाहिए, जिन्होंने अपनी जांच टीम को मुंबई भेजा और पूरे इन्वेस्टिगेशन का रुख ही बदल दिया। मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार ने बिहार पुलिस को जांच में शामिल होने से रोकने की पूरी कोशिश की थी। यहां तक कि उन्होंने मामले की जांच के लिए पहुंचे बिहार के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को क्वॉरन्टीन भी कर दिया था।

दोनों राज्यों की पुलिस के बीच 2 महीने तक चली इस खींचतान के दौरान तमाम व्यक्तिगत हमले भी हुए जिनमें से कुछ निंदनीय थे। मंगलवार को रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने सुशांत की बहन प्रियंका पर यह आरोप लगाया कि पिछले साल अप्रैल में प्रियंका ने रिया के साथ छेड़छाड़ की कोशिश की थी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एक दिन पहले दिए गए इस बयान में रिया के वकील मानशिंदे ने कहा, ‘सुशांत फोन पर कई बार अपने परिवार को मुंबई छोड़ने के अपने फैसले के बारे में जानकारी दी थी और उनसे आकर मिलने के लिए कहा था। सुशांत के कई दिनों तक फोन करने और रोने के बाद उनकी बहन मीतू 8 जून 2020 को उनके साथ रहने के लिए तैयार हो गईं। इसी वजह से सुशांत ने रिया से कहा कि वह कुछ समय के लिए अपने माता-पिता के घर जाकर रहे।

बयान में कहा गया, ‘रिया खुद मानसिक तौर पर परेशान हो गई थी और उसे अक्सर पैनिक अटैक्स आते थे। सुशांत के व्यवहार ने उसकी परेशानियों को और बढ़ा दिया था। रिया अपने परिवार से मिलने जाना तो चाहती थी, लेकिन सुशांत की हालत देखकर खुद को रोके हुए थी। उसी दिन, 8 जून 2020 को, रिया ने डॉक्टर सुसान वॉकर के यहां खुद के लिए थेरेपी सेशन का अपॉइंटमेंट लिया और सुशांत से कहा कि वह इस थेरेपी के बाद घर से चली जाएगी। लेकिन सुशांत ने अपनी बहन मीतू के आने से पहले ही रिया को घर से चले जाने के लिए कहा। इस तरह रिया न चाहते हुए भी वहां से चली गई और सुशांत से कहा कि यदि उन्हें किसी तरह की जरूरत हो तो वह उसे या उसके भाई शौविक को बताएं।’

यह दावा इस तथ्य से बिल्कुल अलग है कि रिया ने झगड़े के उपरांत सुशांत का फ्लैट छोड़ने के बाद उनके नंबर को ब्लॉक कर दिया था। वकील के बयान में यह भी कहा गया है कि, ‘रिया न तो आदित्य ठाकरे को जानती है और न ही वह कभी उनसे मिली है। उसने फोन पर या अन्यथा उनसे कभी भी बात नहीं की है। हालांकि वह उन्हें शिवसेना के एक नेता के रूप में जानती है। वह डिनो मोरिया को जानती है और उनसे सोशली मिली भी है क्योंकि वह फिल्म इंडस्ट्री में उसके सीनियर हैं।’

आरोपों और प्रत्यारोपों को देखते हुए एक बात तो साफ है कि न तो वह सुशांत के परिजनों को पसंद करती थीं, और न तो सुशांत की जिंदगी और प्रॉपर्टी पर दखलअंदाजी के चलते रिया दिवंगत अभिनेता के परिजनों को पसंद थी। सुशांत का परिवार अभी भी अपने इस आरोप के साथ खड़ा है कि रिया और उसके घर के लोगों ने सुशांत के बैंक अकाउंट्स से 15 करोड़ रुपये निकाले हैं।

इस पूरे प्रकरण में सभी मुख्य किरदारों ने सुशांत की मौत के पीछे के कारणों को अपने व्यक्तिगत नजरिए से देखा है। फिर भी अभी तक यह एक रहस्य ही है कि क्या सुशांत ने आत्महत्या की, या उन्हें खुदकुशी के लिए मजबूर किया गया, या उनकी हत्या की गई।

अब एक बात तो साफ हो गई है कि रिया और सुशांत के परिवार के लोगों में झगड़ा चल रहा था और सुशांत बीच में फंस गए थे। अब यदि हम यह मान भी लें कि रिया और उसके घरवालों ने सुशांत के अकाउंट से पैसे उड़ाए हैं तो सवाल उठता है कि ऐसे में उनकी हत्या के पीछे क्या मकसद हो सकता है। दूसरा सवाल यह है कि मुंबई पुलिस ने जांच पूरी किए बिना ही इसे आत्महत्या कैसे घोषित कर दिया। एक सवाल यह भी है कि मुंबई पुलिस ने बिहार पुलिस को मामले की जांच क्यों नहीं करने दी और उनके साथ साक्ष्यों को साझा करने से इनकार क्यों कर दिया।

यह एक सच्चाई है कि किसी ने भी सुशांत के शव को पंखे से लटकते हुए नहीं देखा, और पुलिस के आने से पहले ही उनकी बॉडी बिस्तर पर रख दी गई थी। सवाल यह भी उठता है कि यदि सुशांत का करियर सफलता की राह पर आगे बढ़ रहा था और उनके परिवार से अच्छे रिश्ते थे तो उन्होंने आत्महत्या क्यों की?

लोग इन जरूरी सवालों के जवाब चाहते हैं। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को जांच के निर्देश दे दिए हैं, हम सबको उम्मीद है कि मामला जल्द ही एक तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचेगा और सुशांत की मौत के पीछे के रहस्य पर से पर्दा उठेगा। इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस की छवि को निश्चित रूप से एक धक्का लगा है और उसे जल्द से जल्द अपनी पुरानी प्रतिष्ठा हासिल करने की जरूरत है।

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