Rajat Sharma

अडानी को क्लीन चिट : राहुल को अब नई स्क्रिप्ट की ज़रूरत

AKB30 सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच के लिए किसी तरह की SIT बनाने से साफ इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि जो 24 मामले थे, उनमें से 22 की जांच SEBI कर चुकी है, कहीं कोई गड़बड़ी नहीं मिली. बाकी जो दो मामले बचे हैं, उनकी जांच भी SEBI अगले तीन महीने में पूरी करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने SEBI को ये आदेश भी दिया कि अगर हिंडनबर्ग ने कोई गड़बड़ी की है, जिससे भारतीय निवेशकों को नुक़सान हुआ है, तो उसकी जांच भी करे. मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. परदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने अपने फ़ैसले में कहा कि अडानी ग्रुप के ख़िलाफ़ जांच के लिए पेटिशनर्स कोई ठोस सुबूत पेश नहीं कर पाए हैं. CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि बिना ठोस सबूतों के मीडिया में थर्ड पार्टी की रिपोर्ट या किसी संस्था पर भरोसा नहीं किया जा सकता, इनके पास कोई ठोस सबूत नहीं है. अदालत ने कहा कि हिंडनबर्ग या ऐसी किसी बाहरी रिपोर्ट के आधार पर जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पिछले साल 24 जनवरी को आई थी जिसमें अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. दो दिन बाद ही अडानी ग्रुप, देश का सबसे बड़ा फ़ॉलो ऑन पब्लिक ऑफ़र लाने वाली थी. 20 हज़ार करोड़ रुपये के इस FPO को अडानी ग्रुप ने वापस ले लिया था क्योंकि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद कई पेटिशनर्स ने इसकी जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्ज़ी दी थी. इस पर चली लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने डेढ़ महीने पहले नवंबर में अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद गौतम अडानी ने खुशी जाहिर की. गौतम अडानी ने कहा कि सत्य की जीत हुई है, सत्यमेव जयते. उनका ग्रुप देश के विकास में अपना योगदान देना जारी रखेगा. सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने SEBI की जांच पर पूरा भरोसा जताया है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप के काम-काज पर, इन्वेस्टमेंट और मैनेजमेंट पर सवाल उठाए थे. ये मामला संसद में भी ज़ोर-शोर से उठा था. पिछले साल का पूरा बजट सेशन हंगामे का शिकार हो गया था. विपक्षी दलों ने सेबी के काम-काज पर भी सवाल उठाए थे. अब सुप्रीम कोर्ट ने अडानी ग्रुप की जांच SIT से कराने से इनकार कर दिया है तो विपक्षी दल ये इल्ज़ाम लगा रहे हैं कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने निवेशकों के साथ इंसाफ़ नहीं किया. CPI-M महासचिव, सीताराम येचुरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि वो इंसाफ करे, लेकिन कोर्ट के फ़ैसले से उन्हें निराशा हुई है. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद भी कांग्रेस ने सेबी के काम-काज पर सवाल उठाए. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि पूरी सरकार अडानी का घोटाला छुपाने में लगी है, इसीलिए जब उन्होंने मामला संसदीय समिति में उठाया, तो भी बीजेपी ने बहुमत के दम पर उनकी आवाज़ को दबा दिया था. मनीष तिवारी ने कहा कि सेबी चाहती तो वो ईमानदारी से इस मामले की जांच पहले ही पूरी कर सकती थी. दिलचस्प बात ये है कि राहुल गांधी लगातार गौतम अडानी और उनके ग्रुप के कारोबार पर सवाल उठाते रहे हैं, लेकिन जिन जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि अडानी उनके राज्य में आएं, पूंजी लगाएं. तेलंगाना में कांग्रेस की नई नई सरकार बनी है और बुधवार को अडानी ग्रुप के एक प्रतिनिधिमंडल ने तेलंगाना में कांग्रेस के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मुलाकात की. अडानी ग्रुप के इस प्रतिनिधिमंडल में अडानी पोर्ट ऐंड स्पेशल इकॉनमिक ज़ोन के CEO करण अडानी भी शामिल थे. करण अडानी गौतम अडानी के बेटे हैं. अडानी ग्रुप तेलंगाना में डेटा सेंटर और एरो स्पेस पार्क एस्टैब्लिश करना चाहता है. पता ये लगा है कि रेवंत रेड्डी ने अडानी ग्रुप को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है. गौतम अडानी देश के सबसे बड़े उद्योगपतिय़ों में से एक हैं. जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई, उस वक्त अडानी दुनिया के अमीरों में तीसरे नंबर पर थे लेकिन इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी की संपत्ति घटकर आधी रह गई. अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर बुरी तरह गिरे. सिर्फ बीस दिन में अडानी, दुनिया के बीस top अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए. एक विदेशी कंपनी की गलत, झूठी और मनगंढत रिपोर्ट से जो नुकसान हुआ, वो सिर्फ अडानी का नुकसान नहीं था, यह देश का नुकसान था, देश का पैसा डूबा, हमारी अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ. विपक्ष ने इस मुद्दे पर खूब हंगामा किया. संसद नहीं चलने दी, राहुल गांधी ने अडानी के नाम को मोदी पर हमले का हथियार बना लिया लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने अडानी को क्लीन चिट दे दी, तो राहुल कहीं दिखाई नहीं दिए. उन्होंने कोई ट्वीट नहीं किया. मुझे याद है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद जब गौतम अडानी “आपकी अदालत” में आए थे तो उन्होंने कहा था कि उनकी बैलेंस शीट क्लीयर है, पाई-पाई का हिसाब है, न उन्होंने बेईमानी की है, न बेईमानी में यकीन करते हैं, नियम कानून का पालन करते हैं, इसलिए उन्हें कोई चिन्ता नहीं है. अडानी ने बाद में मुझ से कहा था की जल्दी ही वो दिन आएगा जब अडानी ग्रुप फिर आसमान की ऊंचाईयों पर होगा. मुझे लगता है कि अडानी आज सही साबित हुए. उनकी बात सच थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें क्लीन चिट दे दी है. अब सबसे ज्यादा मुसीबत राहुल गांधी को होगी, अब वो अडानी का नाम लेकर मोदी पर आरोप कैसे लगाएंगे ,राहुल के स्क्रिप्ट writers को पूरी कहानी बदलनी पड़ेगी.

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