Rajat Sharma

विरोधी दलों के जीत के दावों का सच

AKB30 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि 4 जून को जनता का फैसला क्या होगा, ये साफ दिखाई देने लगा है. कांग्रेस या किसी विरोधी दल को इतनी सीटें भी नहीं मिलेंगी कि लोकसभा में विरोधी दल के नेता की मान्यता के लिए आवश्यक सीटें (55) मिल सकें. मोदी ने कहा कि ये बात विरोधी दलों के नेता समझ गए हैं, इसीलिए अब छोटी-छोटी पार्टियों का कांग्रेस में विलय करने की सलाह दी गई है जिससे कम से कम विपक्ष की मान्यता तो मिल सके. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि 4 जून को बीजेपी की विदाई तय है, सरकार INDIA गठबंधन की बनेगी, वो शर्त लगा सकते हैं कि बीजेपी को 400 तो दूर, 200 सीटें भी नहीं मिलेंगी. अखिलेश यादव ने कहा कि 200 तो बड़ी बात है, बीजेपी 140 का आंकड़ा पार करने को भी तरसेगी. ममता बनर्जी ने भी यही बात कही. उन्होंने तो गिना भी दिया कि बीजेपी की सीटें कहां- कहां कम हो रही हैं, किन-किन राज्यों में बीजेपी हारने वाली है. अरविन्द केजरीवाल ने भी ऐलान कर दिया कि अब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, बीजेपी हारेगी. राहुल गांधी ने तो 4 जून को सरकार बनने के बाद सबसे पहला फैसला कौन सा होगा, इसका ऐलान भी कर दिया. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राहुल गलतफहमी में हैं. 4 जून तो क्या, भविष्य में भी कभी कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी. मोदी के नाम की लहर नहीं, सुनामी है. अमित शाह ने दावा किया कि पहले 4 चरणों में सरकार बनाने लायक सीटें (272 से ज़्यादा) तो मिल ही चुकी हैं, बचे हुए तीन चरणों में हम 400 पार करेंगे. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ये भी बता दिया कि NDA को चार सौं सीटें क्यों चाहिए. उन्होंने कहा कि जब 300 से ज्यादा सीटें जीतने के बाद अयोध्या में राम मंदिर बन गया, तो 400 से ज्यादा सीटें जीतने के बाद, ज्ञानवापी मस्जिद पर काशी विश्वनाथ मंदिर बनेगा और मथुरा की ईदगाह मस्जिद पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर बनेगा. विरोधी दलों के सारे नेता ज़ोर- ज़ोर से कह रहे हैं कि इस बार मोदी हार जाएंगे और जब वो इतने आत्मविश्वास से बोलते हैं तो कभी कभी लगता है कि इन दावों में कुछ तो दम होगा. लेकिन अगर हम पांच साल पहले किए गए दोनों तरफ के दावों की तुलना करें तो समझ में आ जाएगा कि विरोधी नेताओं के जीत के दावे कितने बचकाने हैं. ये मैं आपको सबूत समेत बताता हूं. पांच साल पहले 2019 के चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी जी घबराए हुए हैं, बीजेपी बुरी तरह हारने वाली है. हुआ उल्टा. कांग्रेस बुरी तरह हार गई. मैं आपको एक एक डेट गिनवा सकता हूं. 12 मई 2019 को वोट डालने के बाद राहुल गांधी ने कहा था – ‘ये चुनाव नोट बंदी, किसानों की समस्या, गब्बर सिंह टैक्स और राफेल में भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे पर लड़ा जा रहा है, चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने नफरत का इस्तेमाल किया और हमने प्यार का इस्तेमाल किया और 23 मई को प्यार जीतेगा. बीजेपी हारेगी.’ हुआ उल्टा. राहुल हार गए. अमेठी की सीट भी हाथ से गई. 17 मई 2019 को खरगौन की रैली में नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अबकी बार 300 पार होगा और फिर NDA सरकार ही बनेगी. वही हुआ. अमित शाह के तो कई बयान हैं. 15 मई 2019 को अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी बंगाल में 23 सीटे जीतेगी. ममता बनर्जी ने 13 मार्च 2019 को दावा किया था कि बीजेपी को बंगाल में एक भी सीट नहीं मिलेगी, तृणमूल कांग्रेस बंगाल में क्लीन स्वीप करेगी. ममता गलत साबित हुई. बीजेपी 18 सीटें जीती और ममता की पार्टी 38 से 22 पर आ गई. अमित शाह सही साबित हुए. इसी तरह ममता ने ये भी कहा था कि देश में बीजेपी को 100 सीटें भी नहीं मिलेगी. उसके जवाब में 17 मई 2019 के अमित शाह ने कहा कि बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी, नरेन्द्र मोदी एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. अमित शाह फिर एक बार सही साबित हुए. अब मैं आपको अखिलेश यादव के दावे के बारे में बताता हूं. 20 मार्च 2019 को अखिलेश ने कहा था लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी की सभी 80 सीटें हार जाएगी लेकिन जब नतीजे आए, तो NDA को कुल 80 में से 64 सीटें मिलीं और अखिलेश यादव की पार्टी को सिर्फ पांच सीटें मिलीं, बीएसपी को दस, कांग्रेस को एक. इसलिए अगर सिर्फ दावों की बात की जाए तो विरोधी दलों के दावे बिलकुल गलत साबित हुए हैं. लेकिन मोदी इस बात की ज्यादा परवाह नहीं करते कि उनकी पार्टी जीत की तरफ बढ़ रही है. वो हर हालत में मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ते और हर रोज विरोधी दलों को मुश्किल में डालने वाला एक नया मुद्दा उठा देते हैं. बुधवार की शाम को मोदी ने मुंबई में एक रोड शो निकाला जिसमें हज़ारों मुंबईकरों ने उनका स्वागत किया.

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