महाराष्ट्र में नरेन्द्र मोदी ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे का मतलब समझाया. मोदी ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण को खत्म करने का मंसूबा पाल रही है. मोदी ने कहा कि इस साजिश का पहला कदम है, आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग को जातियों में बांटों, फिर जातियों को आपस में लड़वाओ, इसके बाद जब समाज के ये वर्ग और कमजोर हो जाएं, तो आरक्षण को खत्म कर दो. महाराष्ट्र की रैलियों में मोदी ने कहा इसीलिए वो आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों को सावधान कर रहे हैं, बार-बार कह रहे हैं, ‘एक रहेंगे, तो सेफ रहेंगे’.
संभाजी नगर, रायगढ और मुंबई की तीनों रैलियों में मोदी ने पहली बार जातियों के नाम गिनाए. अब तक रैलियों में मोदी ये कहते थे कि कांग्रेस आरक्षण विरोधी हैं, आरक्षण को खत्म करना चाहती है लेकिन आज पहली बार मोदी ने जातियों के नाम गिनाकर कहा कि कांग्रेस की साजिश क्या है, कांग्रेस चाहती क्या है, आरक्षण को खत्म करने के लिए कांग्रेस क्या क्या चालें चल रही है?
महाराष्ट्र के चुनाव में आरक्षण बड़ा मुद्दा है, जज़्बों से जुड़ा मुद्दा है. मराठा और धनकर समाज के लोग सड़कों पर है और चुनाव का वक्त है. इसलिए कांग्रेस और बीजेपी दोनों हालात को अपने पक्ष में करने के लिए ताकत लगा रही हैं. लेकिन आज मोदी ने जातियों के नाम क्यों गिनाए?
इसकी पृष्ठभूमि को समझने की जरूरत है. अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था है, जिसका सब सम्मान करते हैं, पालन करते हैं. कुछ लोगों की शिकायत थी कि कुछ जातियों को आरक्षण का लाभ ज्यादा मिलता है और कुछ जातियां पीछे रह जाती हैं. ये मामला कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के सामने आया. सुप्रीम कोर्ट ने सबकी बात सुनने के बाद कोटे में कोटे की व्यवस्था कर दी. सबसे बड़ी अदालत ने कहा की SC-ST के आरक्षण में अलग से उपवर्गीकरण (sub-classification) किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने 20 साल पुरानी व्यवस्था को बदल दिया. कहा, ज्यादा जरूरत वाले वंचित लोगों को आरक्षण के भीतर आरक्षण दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के चुनाव से पहले आया था. बीजेपी ने लोगों से वादा किया कि वो इसे लागू करेगी. बुधवार को ही हरियाणा की विधानसभा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने ऐलान कर दिया कि उनके मंत्रिमंडल ने कोटे में कोटा की व्यवस्था लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है.
इसके तहत सरकारी नौकरियों में 10 परसेंट कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के लिए और 10 परसेंट अन्य अनुसूचित जातियों के लिए होगा. अन्य अनुसूचित जातियों की श्रेणी में 15 जातियां और वंचित अनुसूचित जातियों की श्रेणी में 66 जातियां शामिल की गई हैं. इसका लाभ सबसे वंचित अनुसूचित जाति श्रेणी में शामिल 66 जातियों को मिलेगा. हरियाणा ऐसा पहला राज्य बन गया जिसने दलितों के आरक्षण में भी आरक्षण की व्यवस्था को लागू कर दिया.
इस संदर्भ में आप मोदी की बात सुनेंगे तो समझ जाएंगे कि वो क्या कहना चाहते हैं और क्या करना चाहते हैं. महाराष्ट्र में कुछ ऐसी जातियां हैं जिन्हें आरक्षण का लाभ कम मिलता है. अगर महाराष्ट्र में भी कोटे में कोटा का सिस्टम लागू किया गया तो उसका लाभ अनुसूचित जातियों और जनजातियों के एक बड़े वर्ग को मिलेगा. अब ये बताने की जरूरत नहीं कि चुनाव में इसका फायदा किसको होगा.