Rajat Sharma

कर्नाटक में सीएम को लेकर खींचतान खत्म

akbचार दिन तक चली माथापच्ची के बाद, कांग्रेस ने गुरुवार को ऐलान किया कि पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामैया कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे और डी के शिवकुमार उपमुख्यमंत्री बनेंगे। नये मंत्रिमंडल का शपथ समारोह 20 मई को दोपहर साढे़ बारह बजे श्री कान्तिरवा स्टेडियम, बैंगलुरु में होगा. कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि डी के शिवकुमार अगले साल लोकसभा चुनाव तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे. उन्होंने यह नहीं बताया कि सीएम पद को लेकर दोनों नेताओं के बीच किस फॉर्मूले पर सहमति हुई है. बुधवार रात तक, डीके शिवकुमार सीएम पद के सवाल पर अड़े हुए थे लेकिन गांधी परिवार की तरफ से दबावों के बाद उन्होंने मान लिया. कांग्रेस के सामने कर्नाटक में चुनावी वादों को पूरा करने के साथ-साथ अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनावों में कर्नाटक से अच्छे नतीजे लाने की चुनौती है. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कर्नाटक की कुल 28 लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई थी. ये सीट डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने जीता था. कांग्रेस आला कमान को पता है कि अच्छे नतीजे लाने के लिए पार्टी के सभी नेताओं को मिल जुल कर काम करने की ज़रूरत है. अब चूंकि समझौता हो गया है, पार्टी को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में भी उसे अच्छे नतीजे हासिल होंगे.

बागेश्वर धाम प्रमुख की बिहार यात्रा

बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चार दिन बिहार में हनुमंत कथा करने के बाद लौट गये. जब वह एयरपोर्ट से रवाना होने वाले थे, उस वक्त हजारों श्रद्धालु एयरपोर्ट के अन्दर पहुंच गए. बुधवार को पटना के डाकबंगला चौराहे पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पोस्टरों पर कालिख पुती हुई नज़र आई और कुछ पोस्टरों पर ‘420’ लिखा हुआ मिला. बीजेपी नेता मनोज तिवारी और विजय सिन्हा ने पोस्टर पर कालिख पोतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. जवाब में आरजेडी नेता मृतुयंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी को चाहिए, वह अगले चुनाव में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को मुख्यमंत्री पद के लिए अपने प्रत्याशी के रूप में पेश करे. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अब गुजरात जाएंगे. कुल मिला कर बिहार में धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के नाम पर जो सियासत हुई, जो बयानबाजी हुई, उससे तीन बातें साफ हैं. एक, तेजप्रताप यादव ने कहा था कि बागेश्वर वाले धीरेन्द्र शास्त्री को बिहार में नहीं घुसने देंगे, धीरेन्द्र शास्त्री बिहार गए, चार दिन रुके, कथा की, दरबार लगाया और उनको देखने सुनने के लिए इतनी भीड़ जुटी कि तेजप्रताप यादव और आरजेडी के दूसरे नेता चुपचाप तमाशा देखने पर मजबूर हो गए. दो,आरजेडी के नेता धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर संविधान और कानून के खिलाफ बात करने का इल्जाम लगा रहे हैं, लेकिन धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की लोकप्रियता को देखते हुए, बिहार में सरकार होने के बाद भी, आरजेडी और जेडीयू के नेता उनके खिलाफ FIR दर्ज कराने की, कार्रवाई करवाने की, हिम्मत नहीं दिखा पाए. तीन, जब आरजेडी के नेताओं ने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को ‘मदारी’, ‘लोगों को बेवकूफ बनाने वाला’, ‘ढोंगी’ कहा, तो जवाब में धीरेन्द्र शास्त्री ने “सेम टू यू” कह दिया. कथा के चौथे दिन जब धीरेन्द्र शास्त्री के पोस्टर्स पर कालिख पोती गई, तो जवाब में बागेश्वर धाम वाले बाबा ने कहा कि पोस्टर फाड़ सकते हैं, कालिख पोत सकते हैं लेकिन बिहार के लोगों के दिल से कैसे निकाल सकते हैं ? धीरेन्द्र शास्त्री ने अपनी हाजिरजवाबी से दिखा दिया कि वाकपटुता में वो नेताओं से ज्यादा चतुर हैं, धीरेन्द्र शास्त्री कथा करके पटना से लौट आए, कोई उन्हें नहीं रोक पाया. बेहतर तो ये होता आरजेडी और जेडीयू के नेता भी धीरेन्द्र शास्त्री की कथा में शामिल होते, विरोध में बयान देने की बजाए खामोश रहते, तो शायद न बाबा को बोलने का मौका मिलता और न बीजेपी के नेताओं को.

त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग को अपवित्र करने की कोशिश

महाराष्ट्र की शिव सेना-बीजेपी सरकार ने नासिक के त्रयम्बकेश्वर मंदिर में 13 मई की रात को कुछ मुस्लिम युवाओं द्वारा घुसने की कोशिश के मामले की जांच स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम से कराने का ऐलान किया है. दस से बारह मुसलिम युवा हरे रंग की चादर और फूल लेकर मंदिर के प्रांगण में घुसने की कोशिश करने लगे, लेकिन जब सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें रोका, तो वे सब कुछ छोड़ कर भाग गए. मंगलवार को हिन्दू संगठनों ने गोदावरी जल और गोमूत्र से मंदिर का शुद्धिकरण किया और सात नदियों के जल से ज्योतिर्लिंग का अभिषेक किय़ा. इस मंदिर में गैर-हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है. चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुआ है, जिनमें पास की एक दरगाह के केयरटेकर मतीन सैयद और सलीम सैयद के नाम शामिल हैं. मतीन सैयद ने कहा कि वो हर साल मंदिर के मुख्य द्वार के बाहर लोबान जलाते हैं, क्योंकि मंदिर में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं से उनकी आजीविका चलती है. मंगलवार को हिन्दू संगठनों ने शिवाजी चौक पर प्रदर्शन किया. मंदिर के आसपास सुरक्षा बढा दी गयी है. हिन्दू संगठनों की मांग है कि शरारत करने वालों के खिलाफ मकोका कानून के तहत मामला दर्ज हो. शिव सेना (उद्धव) के नेता संजय राउत ने कहा कि यह बीजेपी की साज़िश लगती है, लेकिन बीजेपी के नेता तुषार भोसले ने कहा कि शिव सेना (उद्धव) हिन्दू विरोधी पार्टी बन चुकी है और उन्हें लगता है कि संजय राउत भी हिन्दू धर्म छोड चुके हैं. एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि अतीत में कई बार मुस्लिम कलाकार इस मंदिर के प्रांगण में गीत-संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं, लेकिन उस वक्त किसी ने सवाल नहीं उठाया. भुजबल ने आरोप लगाया कि बीजेपी असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. त्रयम्बकेश्वर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र है, इसलिए ऐसे पवित्र स्थान पर गड़बड़ी की अगर कीशिश होती है, तो लोगों की भावनाएं भड़कना स्वाभाविक है. ये अच्छी बात है कि देवेन्द्र फड़नवीस ने बिना देर किए इस मामले की जांच के आदेश दिए, SIT का गठन कर दिया. जिन लोगों पर मंदिर में घुसने की कोशिश का आरोप लगा, उन लोगों ने भी सामने आकर सफाई दी है. मुझे लगता है कि अब जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए और इस मामले में सियासत बंद होनी चाहिए.

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