Rajat Sharma

2036 के ओलंपिक खेल भारत में करवाने का सपना देख रहे हैं मोदी

AKB30 आज मैं खेल के क्षेत्र में अपने देश के उन नए नायकों के बारे में बात करने जा रहा हूं जो 23 जुलाई से शुरू होने वाले तोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए कमर कस चुके हैं, लेकिन इससे पहले मैं एक दुखद खबर साझा करना चाहता हूं। 1983 की विश्व कप विजेता भारतीय टीम का हिस्सा रहे पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का मंगलवार को अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

यशपाल शर्मा एक साहसी क्रिकेटर थे और वह कई साल से इंडिया टीवी न्यूज चैनल के क्रिकेट एक्सपर्ट थे। उनके निधन की खबर इसलिए ज्यादा चौंकाने वाली थी क्योंकि वह अपनी फिटनेस का काफी ख्याल रखा करते थे। वह रोज सुबह दोस्तों के साथ साइक्लिंग के लिए जाते थे, जॉगिंग करते थे, जिम में पसीना बहाते थे और अपने खान-पान का बहुत ध्यान रखते थे। वह तो अपनी जेब में अखरोट और बादाम रखने वालों में से थे। वह कभी बीमार नहीं पड़े और न ही उन्हें कभी खांसी-जुकाम हुआ।

मंगलवार को मॉर्निंग वॉक से लौटने के बाद, दिल का दौरा पड़ने से कुछ मिनट पहले उन्हें अचानक बेचैनी महसूस हुई। वह एक बड़े क्रिकेटर थे। उन्होंने अपने करियर में 37 टेस्ट मैच खेलकर 1606 रन बनाए, जबकि 42 वनडे मैचों में कुल 823 रन जोड़े। वह व्यवहार में बहुत सहज, सरल और विनम्र थे। 1983 के विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ उनका शानदार अर्धशतक हमेशा याद रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं और बड़े खिलाड़ियों ने उनके निधन पर दुख जताया है। मैं इंडिया टीवी की तरफ से उनके परिवार के सदस्यों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।

अब अच्छी खबर पर आते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को तोक्यो ओलंपिक की तैयारी कर रहे शीर्ष भारतीय एथलीटों के साथ काफी जीवंत और मजेदार बातचीत की। मोदी ने कहा, ‘हमारे साहसी, आत्मविश्वासी और सकारात्मक एथलीट न्यू इंडिया की आकांक्षाओं को दर्शाते हैं।’ वर्चुअल सेशन के दौरान मोदी ने तीरंदाज दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव, भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, धावक दुती चंद, मुक्केबाज आशीष कुमार और एमसी मैरी कॉम, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, निशानेबाज ई. वलारिवन और सौरभ चौधरी, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा, पहलवान विनेश फोगट, तैराक साजन प्रकाश, हॉकी खिलाड़ी मनप्रीत सिंह और टेनिस स्टार सानिया मिर्जा सहित उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की।

मोदी ने एथलीटों के ‘अनुशासन, समर्पण और दृढ़ संकल्प’ की सराहना की और कहा कि वे खेल के क्षेत्र में भारत के आशाजनक भविष्य के प्रतीक हैं। उन्होंने खेद जताया कि मौजूदा महामारी के कारण वह पहले की तरह एथलीटों की मेजबानी नहीं कर सके। मोदी ने कहा, तोक्यो ओलंपिक में जाने वाले हमारे एथलीटों के साथ 135 करोड़ भारतीयों का आशीर्वाद है। भारत 126 एथलीटों का अपना सबसे बड़ा दल भेज रहा है और ये खिलाड़ी 18 खेलों में हिस्सा लेंगे। मोदी ने हल्के-फुल्के माहौल में मैरी कॉम से पूछा कि बॉक्सिंग में उनका पसंदीदा पंच कौन सा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक सपना है। वह चाहते हैं कि भारत ओलंपिक खेलों की मेजबानी करे, विशेषकर 2036 में। मोदी ने अहमदाबाद में ओलंपिक की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने की तैयारी शुरू कर दी है। हमारे संवाददाता निर्णय कपूर ने बताया है कि ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए अहमदाबाद में 3 तरह से इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है- स्पोर्टिंग फैसेलिटी, ट्रेनिंग फैसेलिटीज और नॉन स्पोर्टिंग फैसेलिटी।

कुछ लोग ये पूछ सकते हैं कि अहमदाबाद ही क्यों? भारत का कोई और शहर क्यों नहीं? दरअसल, अहमदाबाद में पहले ही कई तरह की वर्ल्ड क्लास स्पोर्टिंग फैसेलिटीज मौजूद हैं। यहां मोटेरा में दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम और सरदार पटेल स्पोर्टिंग कॉम्प्लेक्स है जहां कम से कम बीस इनडोर और आउटडोर स्पोर्ट्स के लिए फैसेलिटिज मुहैया हो सकती हैं। इसके साथ-साथ अहमदाबाद के नारायणपुरा में 600 करोड़ रुपये की लागत से स्पोर्ट्स कॉम्प्लैक्स तैयार हो रहा है।

सरदार पटेल स्पोर्टिंग कॉम्प्लेक्स में एक स्पोर्ट्स विलेज बन रहा है जिसमें 2 से 4 बेडरूम वाले 3,000 से ज्यादा अपार्टमेंट होंगे। इसमें एक बार में 12,500 से ज्यादा मेहमान ठहर सकते हैं। इनमें से कई अपार्टमेंट रिवर फ्रंट व्यू वाले होंगे और विलेज कॉम्प्लेक्स में एंटरटेनमेंट स्पेस, होटल और रिटेल आउटलेट्स भी होंगे। यहां 7,500 कारों और 15,000 दोपहिया वाहनों के लिए पार्किंग की जगह होगी। खेलों के समापन के बाद ये अपार्टमेंट लोगों के रहने के लिए एक अच्छा सौदा साबित हो सकते हैं।

2036 के ओलंपिक खेलों के लिए बोली 2026 से शुरू होगी। चूंकि अब मुश्किल से 5 साल बचे हैं, इसलिए निर्माण और डिजाइन का काम युद्ध स्तर पर जारी है। इस तथ्य से कोई इनकार नहीं है कि भारत के कई महानगरों में विश्व स्तर के स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में कई स्पोर्ट्स फैसेलिटिज का निर्माण हुआ और हमारे एथलीटों को बेहतर ट्रेनिंग और मैदानों की सुविधा मिली। नई स्पोर्ट्स फैसेलिटिज में लगातार ट्रेनिंग के कारण आज हम अपने एथलीटों से ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद कर सकते हैं।

मोदी औरों से आगे की सोचते हैं। वह न सिर्फ चाहते हैं कि हमारे एथलीट ओलंपिक मेडल जीतें, बल्कि उनका सपना है कि भारत इतिहास में पहली बार ओलंपिक खेलों की मेजबानी करे, ताकि आने वाले समय में हमारा देश खेल जगत में अपनी जगह बना सके। इसीलिए मोदी ने बुधवार को अपनी बातचीत के दौरान कई ऐसे एथलीट्स से उनके बैकग्राउंड के बारे में बात की, जो गरीब या मध्यम वर्ग के परिवारों से आए हैं, लेकिन उन्होंने अपने लिए और निश्चित रूप से भारत के लिए प्रसिद्धि अर्जित की है।

आज भी एथलीट्स को बेहतर क्वॉलिटी की ट्रेनिंग लेने के लिए विदेश की राह पकड़नी पड़ती है, क्योंकि भारत में ऐसी कोई ट्रेनिंग सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। हमारे कई गरीब और मध्यम वर्ग के एथलीट विदेश यात्रा के लिए भी पैसे नहीं दे सकते, विदेशों में ट्रेनिंग की तो बात ही छोड़ दीजिए। यदि भारत में वर्ल्ड क्लास फैसेलिटिज तैयार होती हैं और हम ओलंपिक खेलों की मेजबानी करते हैं तो ये गरीब और आदिवासी पृष्ठभूमि से आए हमारे खिलाड़ियों को लॉन्च करने का आधार हो सकता है। इसके साथ-साथ हमें इन खिलाड़ियों को अच्छी डाइट, क्वॉलिटी ट्रेनिंग और बेहतरीन सपोर्ट सिस्टम देना होगा।

जब तक हमारे एथलीट ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल नहीं जीतेंगे, तब तक वे युवाओं के रोल मॉडल नहीं बनेंगे, और हम चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, विज्ञापनदाता इन खिलाड़ियों पर पैसा नहीं लगाएंगे। खेलों में अमेरिका या चीन के स्तर तक पहुंचने में लंबा समय लग सकता है। अगर 2036 में भारत में ओलंपिक खेल होते हैं, तो मुझे यकीन है कि हम पदक तालिका में जरूर ऊपर आ सकते हैं।

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