मुंबई से चौंकाने वाली खबर आई. फिल्म स्टार सैफ अली खान पर कातिलाना हमला हुआ. सैफ के घर में घुसकर हमलावर ने चाकू से 6 वार किए. दो घाव काफी गंभीर हैं. चाकू सैफ अली खान की रीढ़ की हड्डी में घुस कर टूट गया. उनकी गर्दन पर भी गहरा घाव है. हाथ और पेट पर भी चाकू से चोट लगी है. ऑपरेशन के बाद पीठ में घुसा चाकू का टुकड़ा निकाल दिया गया है. गर्दन और सीने पर आई चोट की सर्जरी की गई है. सैफ अली खान लीलावती अस्पताल में अब खतरे से बाहर हैं और उनको ICU से उनके रूम में भेज दिया गया है.
डॉक्टर्स का कहना है कि सैफ अली खान को जल्द डिस्चार्ज किया जाएगा लेकिन अब ह कई दिन चल फिर नहीं पाएंगे. सबसे बड़ा सवाल ये है कि हमलावर सैफ अली खान के फ्लैट में घुसा कैसे? उसे एंट्री कैसे मिली?
सैफ अली खान अपनी बिल्डिंग के बारहवें फ्लोर पर थे. ये हादसा 11वें फ्लोर पर हुआ. अपार्टमेंट के चारों तरफ सिक्योरिटी है. बिल्डिंग के बाहर और अंदर गार्ड्स तैनात है. किसी अनजान शख्स को बिना पूछताछ के अंदर नहीं जाने दिया जाता.
सैफ अली खान जिस सदगुरू अपार्टमेंट में रहते हैं, उसमें चार लेयर की सिक्योरिटी है. सबसे पहले गेट पर सिक्योरिटी गार्ड्स रहते हैं लेकिन पुलिस का दावा है कि चोर दीवार फांद कर घुसा. दूसरी लेयर लॉबी में लिफ्ट के करीब है. लिफ्ट बिल्डिंग में रहने वाले लोगों के थंब इंप्रैशन से खुलती है लेकिन दावा किया जा रहा है कि ये शख्स लिफ्ट के बजाए सीढियों से ग्यारहवें फ्लोर तक पहुंचा. सिक्योरिटी की तीसरी लेयर हर फ्लोर पर लिफ्ट खुलने के बाद ग्लास का डोर है जो उस फ्लोर पर रहने वाले लोगों के थंब इंप्रैशन, फेस रिकॉग्निशन या कार्ड से खुलता है.
इसके बाद अपार्टमेंट के अंदर जाने के लिए मुख्य दरवाज़े पर कैमरा और वॉयस मैसेज सिस्टम है. गेट पर पासवर्ड वाला लॉक है. इसके बाद भी हमलावर ग्यारहवें फ्लोर पर सैफ अली खान के घर के भीतर कैसे दाखिल हो गया? इसका अब तक कोई जवाब नहीं मिला और जब तक इसका जवाब नहीं मिलेगा तब तक ये साफ नहीं होगा कि जिस शख्स ने सैफ पर जानलेवा हमला किया वो वाकई चोरी के इरादे से घुसा था या उसका मकसद सैफ को नुकसान पहुंचाना था. राहत की बात है कि सैफ अली खान इस कातिलाना हमले में बच गए लेकिन इससे मुंबई की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल तो उठे हैं. इसी इलाके में सलमान खान के घर पर गोली चली थी. इसी इलाके में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की सरेआम हत्या हुई थी. ऐसे में लोगों की चिंता तो वाजिब है इसीलिए ये एक राजनीतिक मुद्दा भी बन गया.
उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की NCP और कांग्रेस ने मुंबई की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए. संजय राउत ने कहा कि ये तो सैफ़ जैसे स्टार के ऊपर हमला था, इसलिए शोर मच रहा है वरना मुंबई के आम लोग रोज़ अपराधियों का शिकार हो रहे हैं. संजय राउत ने कहा कि महायुति सरकार का पूरा ज़ोर उन नेताओं की सुरक्षा पर है, जो दूसरी पार्टियों से टूटकर आए हैं, सरकारी को आम लोगों की कोई फ़िक्र नहीं. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा कि महाराष्ट्र में अपराध तेजी से बढ रहे हैं, अपराधी इतने बेलगाम हैं कि वो हाई सिक्योरिटी ज़ोन में घुसकर हमले कर रहे हैं, ये चिंता की बात है.
AIMIM के प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि जिस दिन प्रधानमंत्री मुंबई में थे, सुरक्षा चाक-चौबंद थी. अगर उस दिन घर में घुसकर सैफ अली खान पर हमला हो सकता है तो बाकी दिनों में आम लोगों के साथ क्या होता होगा, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है. वारिस पठान ने कहा कि बांद्रा जैसे हाई सिक्योरिटी इलाक़े में एक के बाद एक तीन बड़ी वारदात हो चुकी हैं, इसलिए अब सरकार को जवाब तो देना पड़ेगा.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सैफ का परिवार गुरुदेव यानी रवींद्रनाथ टैगोर के ख़ानदान से जुड़ा है और वो सैफ की मां शर्मिला टैगोर का बहुत सम्मान करती हैं, इसलिए वो चाहती हैं कि सैफ के हमलावर को जल्दी से जल्दी पकड़ा जाए और उसको कड़ी से कड़ी सज़ा हो. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने सैफ पर हमले को सीधे सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ दिया. केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी की डबल इंजन की सरकार फेल हो गई है, बीजेपी न सीमाओं की सुरक्षा कर पा रही है, न आंतरिक सुरक्षा संभल रही है, जो हाल मुंबई का है, वहीं हाल दिल्ली की कानून व्यवस्था का है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुंबई भारत का सबसे सुरक्षित शहर है, एक-दो घटनाओं के आधार पर मुंबई को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए.
ये सही है कि सैफ के घर में घुसकर उनपर कातिलाना हमला हुआ, ये बड़ी सुरक्षा चूक है, सरकार जवाबदेह है, लेकिन हमारे यहां राजनीति कितनी कमाल की है, ये भी देखने और समझने की जरूरत है. केजरीवाल के सामने दिल्ली का चुनाव है. उन्होंने मुंबई की घटना को दिल्ली से जोड़ दिया. ममता बनर्जी ने इसमें गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का कनेक्शन ढूंढ लिया. वारिस पठान ने इसे प्रधानमंत्री के मुंबई दौरे से जोड़ दिया और संजय राउत ने इस केस को शिवसेना की टूट से जोड़ कर देखा. इसलिए ऐसे बयानों को कोई गंभीरता से नहीं लेता. लेकिन देवेंद्र फडणवीस को जवाब तो देना होगा. जिस इलाके में कई फिल्मस्टार्स रहते हैं, वहां सुरक्षा में चूक तीन-तीन बार होगी, तो सवाल तो उठेंगे. उम्मीद करनी चाहिए कि कातिलाना हमला का सारा सच जल्द सामने आ जाएगा.