Rajat Sharma

महाकुंभ को किसने बदनाम किया ?

AKBप्रयागराज में महाशिवरात्रि पर्व पर संगम में डुबकी लगाने वालों की संख्य़ा शाम तक 3 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. 45 दिनों से चल रहे महाकुम्भ का अब समापन होगा. श्रद्धालुओं की कुल संख्या 66 से 67 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. यह संख्या अमेरिका की कुल आबादी 34 करोड़ से लगभग दुगुनी है. पूरे महाकुंभ में योगी के विरोधियों अफवाहों की लाइन लगा दी थी, फेक न्यूज, फर्जी रील्स चला दी थी. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के तमाम नेताओं ने महाकुंभ को बदनाम करने की जी तोड़ कोशिश की. योगी आदित्यनाथ ने हर सवाल का करारा जवाब दिया. हर अफवाह को झूठी साबित की. अखिलेश यादव ने कहा कि गंगा के जल में मल है. कुछ नेताओं ने कहा कि संगम में डुबकी लगाकर लोग बीमार पड़ रहे हैं. एक फेक न्यूज ये फैलाई गई कि कुंभ में हजारों लोगों की मौत हो गई, सरकार ने लाशों को गंगा में बहा दिया. गंगा के पानी को दूषित कर दिया. इल्जाम ये लगा कि महाकुंभ में हजारों लोग लापता हो गए. सरकार आंकड़े छिपा रही है. प्रयागराज में भगदड़ को लेकर पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल के फर्जी वीडियो पोस्ट किए गए. योगी ने कहा कि महाकुंभ को बदनाम करने के लिए सनातन विरोधियों ने पूरी ताकत लगाई. हर अनैतिक फॉर्मूला अपनाया, लोगों को डराया लेकिन इसके बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह न तो कम हुआ, न ही महाकुंभ की महिमा पर कोई दाग लगा पाए. अखिलेश यादव अच्छी तरह जानते हैं कि योगी ने किसके लिए कहा था कि गिद्ध को लाशें दिखाई देती हैं और सुअर को गंदगी दिखाई देती है. वह नादान नहीं हैं पर जान-बूझकर अनजान बन रहे हैं. योगी की ये बात सही है कि पहले दिन से बड़े व्यवस्थित तरीके से महाकुंभ को बदनाम करने की कोशिश की गई. आपको याद होगा महाकुंभ शुरू होते ही कहा गया कि वहां कोई जा नहीं रहा, ट्रेनें खाली आ रही हैं पर आस्था के सैलाब की तस्वीरों ने इस तरह के हर आरोप को नकार दिया. फिर इल्जाम लगे जल, सफाई, प्रबंध को लेकर. इन सारी बातों का जवाब महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं ने कैमरे पर दिया. जब फर्जी वीडियो दिखाकर पाकिस्तान और बांग्लादेश की तस्वीरें लगाकर फेक नैरेटिव खड़ा किया गया तो भी योगी ने तुरंत जवाब दिया था. फिर कहा गया कि भगदड़ में हजारों लोग मारे गए, गंगा में लाशें बहा दी गईं, पर आरोप लगाने वालों ने ये नहीं सोचा कि ये AI का जमाना है, हजारों सीसीटीवी निगरानी कर रहे हैं. वे भूल गए कि सैकड़ों ड्रोन दिन रात लाइव तस्वीरें ले रहे हैं. ऐसे में लाशों को छुपाने की, गंगा में बहाने की, हिमाकत कौन कर सकता है? योगी ने अफवाह फैलाने वालों को एक बार फिर आड़े हाथों लिया. ये ज़रूरी था. एक-एक फर्जी खबर को झूठ साबित किया गया. ये आवश्यक था. हालांकि ये बात अपनी जगह है कि पानी को लेकर, लाशों को लेकर, लोगों के लापता होने को लेकर जितनी भी अफवाहें फैलाई गईं, उनका जनता पर कोई असर नहीं हुआ. महाकुंभ में जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती गई. लोग टीवी पर प्रबंध भी देख रहे थे, पानी का प्रवाह भी देख रहे थे, श्रद्धालुओं के अनुभव भी लाइव सुन रहे थे. इसलिए असलियत तो सब जानते हैं. ये एक कड़वा सच है कि अगर ये आयोजन किसी और धर्म का होता तो कोई इस तरह के बेबुनियाद इल्जाम लगाने की हिम्मत न करता. ये महाकुंभ लोगों के दिलों पर पीढ़ियों तक सनातन की छाप छोड़ेगा. इस महाकुंभ को सदियों तक पूरी दुनिया में याद किया जाएगा.

दिल्ली : CAG रिपोर्ट के पीछे क्या है ?

दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शराब घोटाले पर CAG की रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में कहा गया है कि केजरीवाल की नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2000 करोड़ रु. से ज्यादा का नुकसान हुआ. 166 पन्ने की इस रिपोर्ट में कहा गया कि लाइसेंस प्रक्रिया के नियमों की अनदेखी की गई, शराब निर्माताओं के कार्टेल को फायदा पहुंचाने की नीयत से कैबिनेट और LG की मंजूरी के बगैर निय़म बनाए गए, .कीमतें तय करने में पारदर्शिता नहीं बरती गई. दिलचस्प बात ये है कि आम आदमी पार्टी के नेता CAG की रिपोर्ट को अपनी जीत बता रहे है. पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी का कहना है कि जिन खामियों का जिक्र किया गया है, वो शीला दीक्षित की सरकार के वक्त की शराब नीति को लेकर हैं. आतिशी और आम आदमी पार्टी के नेता बातों को घुमाने में माहिर हैं. उनकी रणनीति है, Attack is the best defence. CAG रिपोर्ट का मोटा मतलब ये है कि केजरीवाल के शासन काल में जो शराब नीति बनी, वो कुछ व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनी. जिन लोगों को फायदा पहुंचा, उन्हीं लोगों ने केजरीवाल की पार्टी को करोड़ों का फायदा पहुंचाया. ये आरोप पहले भी लगे हैं. CBI और ED इन्हीं की जांच कर रही है पर आम आदमी पार्टी ने शराब घोटाले के आरोपों का कभी साफ साफ जवाब नहीं दिया. CAG रिपोर्ट को शीला दीक्षित सरकार की शराब नीति पर रिपोर्ट बताया. लेकिन वे भूल जाते हैं कि दिल्ली में सरकार बदल चुकी है, रेखा गुप्ता की सरकार को सारी फाइलों तक access है. अब न सच को छुपाया जा सकेगा, न बात को घुमाया जा सकेगा.

बिहार : नीतीश के बेटे के दिल में क्या है ?

बिहार में आजकल सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री की खूब चर्चा है. निशांत कुमार ने खुद राजनीति में आने की बात नहीं कही, लेकिन पटना में JD(U) के दफ्तर के बाहर पोस्टर लगे हैं जिनमें निशांत कुमार से राजनीति में आने और JDU का नेतृत्व करने की अपील की गई हैं. निशान्त कुमार भी आजकल कैमरों के सामने आने लगे हैं. पिछले एक हफ़्ते में निशांत कुमार दो बार अपने पिता नीतीश कुमार को वोट देने की अपील कर चुके हैं. निशांत अब तक राजनीति से दूर रहे हैं इसीलिए कोई दावे से नहीं कह सकताकि वह इस बार बिहार विधानसभा के चुनाव में उतरेंगे या नहीं. लेकिन आजकल बिहार में ये चर्चा गर्म है कि निशांत पर राजनीति में आने का दबाव बनाया जा रहा है. कोई उनसे नीतीश कुमार की विरासत संभालने की जिद कर रहा है, तो कोई निशांत को ये समझाने में लगा है कि नीतीश कुमार का एक अपना सपोर्ट बेस है और वह सिर्फ उनके बेटे को ट्रांसफर हो सकता है. कई लोग निशांत को नीतीश बाबू की सेहत का हवाला देकर कहते हैं कि उन्हें जिम्मेदारी संभालनी चाहिए. अब इस बात के संकेत मिलने लगे हैं कि निशांत कुमार थोडा-थोड़ा पिघलने लगे हैं.

प्रीति ज़िंटा: 18 करोड़ की स्टोरी क्या है ?

फिल्म एक्ट्रेस प्रीति ज़िंटा के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के मामले में कांग्रेस को बड़ी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. केरल कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया था कि मुंबई के न्यू इंडिया कोआपरेटिव बैंक से प्रीति ज़िंटा ने 18 करोड़ रुपए का कर्ज़ लिया था, इसकी वसूली से बचने के लिए उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट बीजेपी को दे दिया. इसके बदले प्रीति जिंटा का कर्ज़ माफ कर दिया गया और पिछले हफ्ते बैंक डूब गया. कांग्रेस के इस आरोप पर प्रीति ज़िंटा ने तुंरत जबाव दिया. प्रीति ने X पर लिखा कि वो अपना सोशल मीडिया अकाउंट खुद ऑपरेट करती हैं, ऐसे फेक न्यूज़ फैलाने वालों को शर्म आनी चाहिए, उन्होंने जो कर्ज़ लिया था, उसे दस साल पहले पूरी तरह चुका दिया था. जैसे ही प्रीति जिंटा का जवाब आया तो केरल कांग्रेस के नेता डिफेंसिव पर आ गए. केरल कांग्रेस की तरफ से X पर लिखा गया कि ये जानकर अच्छा लगा कि आप अपना अकाउंट खुद मैनेज कर रही हैं. केरल कांग्रेस ने लिखा कि अगर हमसे कोई गलती हुई तो उसे मानने के लिए तैयार हैं. प्रीति जिंटा का केस इस बात का उदाहरण है कि सोशल मीडिया पर झूठ कैसे फैलाया जाता है. कांग्रेस ने झूठ बोला, हजारों लोगों ने प्रीति जिंटा के बारे में तरह तरह की बातें लिखीं पर मैं प्रीति जिंटा की तारीफ करूंगा कि उन्होंने हिम्मत दिखाई, सच सामने रखा, तो कांग्रेस को माफी मांगनी पड़ी लेकिन ज्यादातर सेलिब्रिटिज इस तरह की फेक न्यूज को अनदेखी कर देते हैं, सोचते हैं कौन झगड़े में पड़े. इससे झूठ बोलने वालों की हिम्मत बढ़ती है. फेक न्यूज फैलाने वालों को छोड़ना नहीं चाहिए. अगर वो सार्वजनिक तौर पर माफी ना मांगे तो उनको कोर्ट में घसीटना चाहिए. जब तक ऐसे दो-चार लोगों को सजा नहीं मिलेगी तब तक ये ठीक नहीं होंगे.

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