प्रयागराज के महाकुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या साढ़े तेरह करोड़ से ज्यादा हो गई है. दो दिन बाद मौनी अमावस्या है. 29 जनवरी को महाकुंभ में नौ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. सरकार ने 12 करोड़ श्रद्धालुओं के हिसाब से इंतजाम किए हैं.
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सबकी आस्था और श्रद्धा पर सवाल उठा दिया. खर्गे ने पूछा कि महाकुंभ में डुबकी लगाने से क्या गरीबी दूर हो जाएगी? उन्होने आरोप लगाया कि धर्म के नाम पर गरीबों को लूटा जा रहा है. खरगे ने कहा कि अमित शाह कितनी भी डुबकी लगा लें,इनका भला नहीं होने वाला.
खरगे मध्य प्रदेश में डॉ. बी.आर.आम्बेडकर के जन्मस्थान महू में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. उस समय मंच पर राहुल गांधी बैठे थे. खरगे ने कहा कि आजकल बीजेपी के नेताओं में संगम में डुबकी लगाने की प्रतियोगिता चल रही है. फोटो खिंचाने के लिए बीजेपी के नेता प्रयागराज की तरफ भाग रहे हैं.
मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा है कि क्या कुंभ में स्नान करने से गरीबी दूर होगी? इसका जवाब जानने के लिए उन्हें एक बार महा कुंभ जाना चाहिए. इसका जवाब उनको वो चाय वाला देगा, जो महाकुंभ में हर रोज 20 से 22 हजार रुपये कमा रहा है. इसका जवाब महाकुंभ में ठेले, खोमचे वाले, दुकानें लगाने वाले, रहने खाने का इंतजाम करने वाले देंगे.
जहां तक दूरगामी सोच का सवाल है, मैंने ये सवाल योगी आदित्यनाथ से पूछा था कि महाकुंभ पर करोड़ों रुपये खर्च करने का क्या फायदा होगा? योगी ने बताया था कि महाकुंभ के कारण उत्तर प्रदेश को दो लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बिजनेस मिलेगा.
तीसरी बात ये कि खरगे ने संगम के स्नान पर सवाल उठाकर हिंदू समाज की भावनाओं पर चोट पहुंचाई है. मैंने महाकुंभ में आस्था का सैलाब देखा है. वहां अमीर गरीब में कोई फर्क नहीं है. वहां न किसी की जाति पूछी जाती है, न धर्म. संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाने वाले ज्यादातर लोग साधारण परिवारों से आते हैं. उनमें गरीब भी हैं, मजदूर भी हैं, डॉक्टर भी हैं, इंजीनियर भी हैं.
चौथी बात ये कि खरगे ने सनातन पर सवाल उठाकर बीजेपी के नेताओं को ये पूछने का मौका दे दिया कि क्या वह कभी मुसलमानों से भी इसी तरह का सवाल पूछेंगे कि क्या हज की यात्रा करने से गरीबी दूर होती है.
खरगे सीनियर नेता हैं. उन्हें संगम में डुबकी लगाने वालों की आस्था और श्रद्धा पर सवाल उठाने की बजाय खुद एक बार महाकुंभ में जाकर देखना चाहिए कि हर रोज लाखों लोगों के लिए आने जाने का, रहने खाने का, साफ सफाई का, स्नान-ध्यान का प्रबंध कितनी कुशलता से किया गया है.
जिस महाकुंभ के आयोजन की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है, उस पर सवाल उठाने से पहले एक बार वहां उमड़ते उत्साह और उमंग को देखना चाहिए. संगम के स्नान पर सवाल उठाने की बजाय खरगे जी को भी संगम में जाकर डुबकी लगाना चाहिए. इस के लिए मौनी अमावस्या का अच्छा दिन रहेगा.