इज़राइल और हमास की जंग अब गाज़ा के दायरे से बाहर जा रही है. पूरा मध्य पूर्व इसकी चपेट में आ सकता है, ईरान और अमेरिका भिड़ सकते हैं. ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाा खामनेई ने कह दिया कि अमेरिका के हाथ गाज़ा के बच्चों के खून से रंगे हैं, गाजा में हजारों लोगों की मौत का जिम्मेदार अमेरिका है, अगर इजराइली फौज गाजा में घुसने की हिमाकत करती है तो उसे ईरान की इलीट ब्रिगेड, क़ुद्स फ़ोर्स का सामना करना पड़ेगा. ईरान की धमकी को अमेरिका ने बहुत गंभीरता से लिया है. अमेरिका ने चेतावनी दी है कि ईरान और उसके सहयोगी संगठन अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने के गलती न करें वरना अमेरिका को अपने लोगों की हिफाजत करना अच्छे से आता है. दूसरी तरफ तुर्किए के राष्ट्रपति अर्दोआन भी खुलकर हमास के समर्तन में आ गए. अर्दोआन ने कहा हमास आतंकवादी संगठन नहीं है, इजराइल आतंकवादी देश है, अगर इजराइल गाजा पर हमले नहीं रोकता तो इसके खतरनाक नतीजे भुगतने होंगे. ईरान और तुर्किए के अलावा मिस्र , जॉर्डन, सऊदी अरब, लेबनान, सीरिया जैसे मध्य पूर्व के कई देशों ने गाज़ा पर तुरंत हमले रोकने की बात कही है., लेकिन इजराइल इसके लिए तैयार नहीं हैं. इस मामले में अमेरिका भी इजराइल के साथ है. इजराइल ने फिर कह दिया है कि जब तक हमास का खात्मा नहीं करेंगे तब तक एक्शन जारी रहेगा क्योंकि हमास का वजूद इंसानियत के लिए खतरा है. इजराइल ने पहली बार हमास के उन दहशगर्दों के वीडियो जारी कर दिए जिन्होंने 7 अक्टूबर को इजराइल के सरहदी इलाकों में घुसकर कत्लेआम मचाया था. हमला करने वाले हमास के कुछ आतंकवादियों को इजराइली सेना ने जिंदा पकड़ा है . ये दरिंदे बता रहे हैं कि इजराइल में घुसने का हुक्म उन्हें किसने दिया था, क्या टारगेट था, क्या मकसद था. एक बंधक के बदले दस हजार डॉलर और एक फ्लैट इनाम के तौर पर देने का वादा किया गया था. हमास के आतंकवादियों ने बताया कि उन्हें इजराइली पुरूषों को तुरंत खत्म कर देने, ज्यादा से ज्यादा महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को अगवा करके गाज़ा लाने का हुक्म दिया गया था और उन्होंने वैसे ही किया. जो सामने दिखा, उसे गोली से उड़ा दिया. 7 अक्टूबर के हमले का एक और ऑडियो सामने आया जिसमें हमास का एक आतंकवादी फोन पर अपने पिता से बात करता हुआ दिखाई दे रहा है. वो कह रहा है कि उसने अभी अभी दस इजराइलियों को मार डाला है. इस हैवानियत पर उसका पिता शाबाशी दे रहा है और बेटे की सुरक्षित वापसी की दुआ कर रहा है. हमास के आतंकवादियों के कबूलनामे सुनकर रौंगटे खडे हो जाते हैं. ये समझ में आता है कि हमास के हैवान कितने खौफनाक इरादों के साथ इजराइल में घुसे और वो अपने खतरनाक मंसूबों को पूरा करने में कामयाब हुए. हमास के आतंकवादियों के जो क़बूलनामे रिलीज़ हुए हैं, वो उनसे पूछताछ के दौरान रिकॉर्ड किए गए थे. इज़राइल की सुरक्षा एजेंसी शिन बेत ने इन आतंकवादियों को 7 अक्टूबर के हमले के बाद पकड़ा था और इनसे हमले के बारे में, बंधकों के बारे में पूछताछ की थी. एक वीडियो हमास के आतंकवादी शादी मुहम्मद का है, जो कि कुख्यात अल क़स्साम ब्रिगेड का सदस्य है, जिसने इज़राइल पर ये पूरा हमला प्लान किया था. अल क़स्साम के अलावा, हमास की बेहद ख़तरनाक नुख़बा फोर्स के आतंकवादी भी इज़राइल पर हमले में शामिल थे. सारे हमलावरों को स्पष्ट आदेश था कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को मार दो, बाक़ी को बंधक बना लो, हर एक बंधक के बदले में हमास ने इन हैवानों को दस हज़ार डॉलर और एक फ्लैट देने का लालच दिया था. हमास ने 7 अक्टूबर का हमला पूरी प्लानिंग के साथ किया था. हमला करने वाले आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी गई थी. पूछताछ में इन दहशतगर्दों का एक एक खुलासा दिल दहलाने वाला है.. इन आतंकवादियों ने बताया कि उन्हें तीन टारगेट दिए गए थे – घरों पर हमला करके पुरुषों और बच्चों को मार देना था, महिलाओं और बुज़ुर्गों को बंधक बनाना था और इज़राइल के सुरक्षा बलों की चौकियों में हमला करके फौज के जवानों को मारकर उनके हथियार लूटना और उसका वीडियो बनान था. हमास के आतंकवादी फौजी मुहम्मद ने कहा कि सभी नौजवानों को मार देने का ऑर्डर था, फिर चाहे वो वर्दी में हों या फिर आम नागरिक.पूछताछ के दौरान, हमास के इन आतंकवादियों ने इज़राइली सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश भी की. पूछने पर एक आतंकी ने पहले बताया कि वो अल क़स्साम ब्रिगेड से है, फिर कहा कि वो नुख़बा फोर्स से है, हालांकि, उसने अपना मक़सद बिल्कुल साफ़ साफ़ बताया. कहा कि वो इज़राइलियों से ज़मीन ख़ाली कराने के लिए गया था. हमास के हमले का बदला लेने के लिए इज़राइल, ग़ाज़ा पट्टी पर लगातार बमबारी कर रहा है, गाज़ा की सीमा पर तैनात इज़राइल के टैंक और तोपें भी हमास के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं. इस बमबारी में गाज़ा के सिविलियन इलाके भी तबाह हो रहे हैं. गाज़ा में इज़राइल की बमबारी से अब तक लगभग छह हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 18 हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हैं. फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इज़राइल पर फिलिस्तीनियों के नरसंहार का आरोप लगाया है… फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाक़ात के दौरान महमूद अब्बास ने कहा कि इज़राइल अपने 222 बंधकों को छुड़ाने के लिए हज़ारों बेगुनाहों को मार रहा है, लेकिन, उसने ख़ुद 1200 से ज़्यादा फिलिस्तीनियों को बंधक बना रखा है. महमूद अब्बास ने गाज़ा में तुरंत बमबारी रोकने की मांग की. इजरायल के सैनिक गाजा पट्टी के करीब खड़े हैं भारी संख्या में टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों ने घेराबंदी की हुई है. गाजा में घुसने के लिए पूरी तैयारी है, पर निर्देशों का इंतजार है. इजरायल के रक्षा मंत्री ने अपनी फौज से कहा है कि अबतक आप गाजा को दूर से देखते थे, लेकिन जल्दी ही आप इसे अंदर से देखेंगे, लेकिन सच ये है कि इजरायल की सरकार अभी ग्राउंड पर एक्शन करने से थोड़ा कतरा रही है. दो हफ्ते बाद भी इजरायल की तरफ से हवाई हमले तो लगातार जारी है पर जमीन पर अभी कोई एक्शन नहीं हुआ है. इसकी दो वजहें हो सकती हैं. एक इजराइली सेना के अधिकारी काफी सावधानी बरत रहे हैं. हमास ने गाजा में जो सुरंगों का जाल बिछाया हुआ है, उसके बारे में इजराइल के पास अभी पूरी जानकारी नहीं है और बिना ज़मीनी हालत जाने, अंदर जाकर एक्शन करने पर काफी नुकसान हो सकता है. दूसरी वजह राजनीतिक है. अगर इजरायल ने गाजा पर कब्जा कर भी लिया, तो वो इस का क्या करेगा? ये सवाल है. अगर हमास का नियंत्रण खत्म कर दिया तो गाज़ा इजराइल की फौज के कब्जे में होगा.फिर वो इसे किस को गाज़ा सौंपेगा? इस्रायल की फौज वहां से वापस कैसे निकलेगी? गाजा किसे सौंपेगी? इजरायल को एहसास है कि गाजा कितना भी कमजोर हो जाए फिलिस्तीन के लोगों की हमदर्दी उसके साथ बनी रहेगी. इसलिए वहाँ ज्यादा रुकना रणनीति के लिहाज से ठीक नहीं होग. वैसे भी इजरायल और हमास की जंग का असर अब पूरी दुनिया पर दिखाई देने लगा है. बंधवार को लेबनान में हमास, इस्लामिक जिहाद और हिज़्बुल्लाह के नेता मिले. हिज़्बुल्लाह, हमास के समर्थन में इज़राइल पर उत्तर की तरफ़ से हमले कर रहा है. तीनों संगठनों के नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई ये तो पता नहीं चला लेकिन, हमास के प्रवक्ता ने ये ज़रूर कहा कि वो फिलिस्तीन की आज़ादी की लड़ाई जारी रखेंगे. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इज़राइल-फिलिस्तीन मसले पर चर्चा में भारत ने बहुत संतुलित रुख़ अपनाया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के सहाय़क प्रतिनिधि आर. रवींद्र ने कहा कि हमास के हमले के बाद सबसे पहले इज़राइल का समर्थन करने वाले देशों में भारत भी शामिल था लेकिन भारत को गाजा के बेगुनाह लोगों की भी फिक्र है. इसीलिए भारत ने गाज़ा के लोगों के लिए भी 38 टन राहत सामग्री भेजी है. संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि वो चाहता है कि इज़राइल के साथ स्वतंत्र और सार्वभौम फिलिस्तीन देश भी बने, दोनों की सीमाएं तय हों, सभी देश उनको मान्यता दें, तभी स्थायी शांति क़ायम होगी. भारत के रुख संतुलित भी है और व्यावहारिक भी. मैने पहले ही कहा कि इजराइल अगर गाज़ा पर कब्जे करता है तो उसे बरकरार रखना मुश्किल होगा.इसीलिए अब अमेरिका भी इजराइल को सलाह दे रहा है कि वो गाजा पर ग्राउंड अटैक न करे, सरहद पार न करे. एक बात तय है कि जंग हमेशा तो नहीं चल सकती. आखिरकार कोई रास्ता तो निकालना पड़ेगा. इजराइल को हमास के खिलाफ एक्शन का पूरा हक है लेकिन गाजा के लोगों को इस तरह मुसीबत में तो नहीं छोड़ा जा सकता है.. इसीलिए भारत गाजा के लोगों की मदद कर रहा है और इजराइल से संयम बरतने की अपील कर रहा है. प्रधानमंत्री मोदी की इस नीति का पूरी दुनिया समर्थन कर रही है. हमारे देश में भी जो मुस्लिम नेता और मौलाना पहले आतंकवाद के खिलाफ इजराइल का समर्थन करने पर मोदी को कोस रहे थे, अब वही लोग गाज़ा के लोगों के लिए मदद भेजने पर मोदी की तारीफ कर रहे हैं.