Rajat Sharma

भारत-अमेरिका संबंध : ट्रम्प से टकराव थोड़ी देर का

WhatsApp Image 2025-04-29 at 3.16.47 PM (1)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार मान लिया है कि भारत के खिलाफ उनकी बयानबाजी का दांव उल्टा पड़ गया. भारत पर 50% टैरिफ लगाने की चाल ने भारत को अमेरिका से दूर कर दिया.
ट्रंप को एहसास हो गया कि वो मोदी को झुकाने में फेल हो गए. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर यह कह कर सब को चौंका दिया कि ” ऐसा लगता है कि अमेरिका ने भारत और रूस का साथ खो दिया है, भारत और रूस अब गहरे अंधेरे में चीन के साथ खड़े हो गए हैं. ”
इसके बाद ट्रंप ने तंज़ कसते हुए लिखा कि भगवान करे कि इन तीनों का भविष्य उज्ज्वल हो. जहां ट्रंप ने ये सब लिखा, वहां ट्रंप ने मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की तस्वीर लगाई.
ट्रंप के इस बयान पर भारत ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की . उधर, ट्रम्प ने शुक्रवार को ही पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम भारत को चीन के हाथों खो चुके हैं. वैसे मैं भारत द्वारा रूस से तेल खरीदे जाने को लेकर बहुत निराश था. और ये बात मैेने उन्हें बता दी.
ट्रंप ने इसके साथ ही उसी पत्रकार वार्ता में भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया. ट्रंप ने कहा, मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा. मोदी एक महान प्रधानमंत्री हैं. वो वाकई महान हैं. लेकिन इस वक्त वह जो कर रहे हैं वह मुझे पसंद नहीं है. लेकिन भारत और अमेरिका के बीच विशेष संबंध है. इसे लेकर चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं.
इसके फौरन बाद दिल्ली में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर ये कमेंट लिखा, मैं राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे आपसी संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की तहे दिल से सराहना और समर्थन करता हूं. भारत और अमेरिका के बीच एक अत्यन्त सकारात्मक और भविष्योन्मुखी व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है.
डॉनल्ड ट्रंप ने अपने पोस्ट में भले ही तंज़ कसा हो लेकिन इससे हताशा भी झलकती है. इसमें हताशा भी है, गलती का एहसास भी.
ट्रंप ने पहली बार चीन को वैश्विक शक्ति होने का certificate दिया है. पहली बार स्वीकार किया कि भारत, रूस और चीन के साथ आने से वो परेशान हैं.
ट्रंप जानते हैं कि भारत को चीन की तरफ धकेलने के लिए वो खुद ज़िम्मेदार हैं पर वो अपनी गलती कभी नहीं मानेंगे. सारी दुनिया ने देखा कि ट्रंप ने भारत के साथ ज्यादती की. मोदी को अपने बयानों से उकसाया, डराने की कोशिश की. पर मोदी न झुके, न डरे, न समझौता किया.
भारत का जवाब सटीक, सोचा-समझा और निशाने पर लगने वाला था. अमेरिका के experts कई दिन से कह रहे थे कि ट्रंप ने भारत जैसे पुराने दोस्त को दुश्मन बना दिया.
आज ट्रंप ने भी अपने action से इसे स्वीकार किया. सवाल ये है कि क्या भारत और अमेरिका के रिश्तों में दरार गहरी है, स्थायी है ?.
अमेरिकी प्रशासन में ऐसे कई लोग हैं जो कहते हैं कि ट्रंप जितनी जल्दी गरम होते हैं उतनी जल्दी नरम भी हो जाते हैं. उन्हें इस बात का एहसास हो गया है कि भारत से दोस्ती टूटने से नुकसान होगा.
अगर ट्रंप थोड़े दिन में बदल जाएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होगा. लेकिन भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है. stand clear है.भारत और अमेरिका के रिश्ते किसी एक व्यक्ति के मूड के मोहताज नहीं हैं.
आज का भारत बदला हुआ भारत है. अपने आत्मसम्मान से कोई समझौता नहीं करेगा.
Get connected on Twitter, Instagram & Facebook

Comments are closed.