संदेशखाली में महिलाओं पर जुल्म करने वाले शेख शाहजहां को लेकर ममता बनर्जी को हर मोर्चे पर शर्मींदगी झेलनी पड़ी. शाहजहां को सीबीआई से बचाने की ममता की हर कोशिश नाकाम हो गई. Calcutta हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ममता सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई करने से इंकार कर दिया. इसके बाद हाईकोर्ट ने बंगाल पुलिस को शाहजहां को शाम साढ़े चार बजे तक सीबीआई के हवाले करने का आदेश दिया, ममता की सरकार में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक को अदालत की अवमानना का नोटिस थमा दिया लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने सीबीआई की टीम को दो घंटे तक बैठाकर रखा. ममता सरकार द्वारा शाहजहाँ को बचाने की नाकाम कोशिश का एक और नतीजा ये हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरा मौका मिला. उन्होंने बंगाल जाकर कहा कि ममता को न मां की चिंता है, न माटी की, न मानुष की, उन्हें सिर्फ एक अपराधी की फिक्र है जिसने संदेशखाली की माताओं-बहनों के सम्मान को तार तार किया. मोदी ने संदेशखाली में शेख शाहजहां के जुल्मों की शिकार हुई महिलाओं से मुलाकात की, उनसे बात की, उनकी पीड़ा को सुना और न्याय का पूरा भरोसा दिलाया. बारासात की रैली में मोदी ने बंगाल के लोगों से कहा कि संदेशखाली में जो हुआ, उसके लिए बंगाल की महिलाएं ममता को जरूर सबक सिखाएंगी. संदेशखाली अब पश्चिम बंगाल के चुनावी माहौल का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है. असल में ममता की सरकार ने इसके लिए पूरी ताकत लगाई कि किसी भी सूरत में शाहजहां को सीबीआई के सुपुर्द न करना पड़े. कलकत्ता हाईकोर्ट ने तो मंगलवार को ही बंगाल पुलिस को आदेश दिया था कि शहाजहां को सीबीआई के हवाले करे लेकिन ममता की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की बात कह कर शाहजहां को लेने पहुंची सीबीआई की टीम को वापस लौटा दिया. बुधवार को बंगाल सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि अपील पर जल्द सुनवाई हो, लेकिन कोर्ट ने ये कहकर इंकार कर दिया कि चीफ जस्टिस की बेंच ही तय करेगी कि अर्जी पर कब और कौन सी बेंच सुनवाई करेगी. इसी दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट में ED की तरफ से ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ अदालत की अवमानना की अर्जी दायर की गई. हाईकोर्ट को बताया गया कि अदालत के आदेश के बाद भी बंगाल पुलिस ने शेख शाहजहां को सीबीआई के हवाले नहीं किया. इस पर हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की और राज्य के शीर्ष अधिकारियों को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया. हार् कोर्ट ने बंगाल पुलिस को फिर से आदेश दिया कि वह आरोपी शाहजहां को शाम साढे़ चार बजे तक CBI के हवाले करे और इस मामले की सारी फाइलें CBI को सौंप दे लेकिन हैरानी की बात ये है कि शाम छह बजे तक बंगाल पुलिस ने शाहजहां को सीबीआई के हवाले नहीं किया. लगभग दो घंटे इंतज़ार कराने के बाद पहले बंगाल पुलिस शाहजहां को मेडिकल चेक-अप के लिए अस्पताल ले गई और क़रीब पौने सात बजे CBI के हवाले किया. एजेंसीज के रूख से, सरकार के तेवरों से, कैसे अपराधी का रवैया और उसके हावभाव बदलते हैं, ये भी बुधवार को साफ नजर आया. सीबीआई की टीम जब शेख शाहजहां को मेडिकल चैकअप के लिए ले जा रही थी, तो उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी, चेहरा उतरा हुआ था. लेकिन ठीक एक हफ्ते पहले जब पश्चिम बंगाल की पुलिस ने शाहजहां को कोर्ट में पेश किया था तो पुलिस उसे एस्कॉट कर रही थी. शेख शाहजहां जेब में हाथ डालकर कोर्टरूम में घुसा. उसने कैमरे देखकर विक्ट्री साइन दिखाई . इसके बाद जब कोर्ट से बाहर निकला, उस वक्त गाड़ी में बैठने से पहले नेताओं की तरह उसने पब्लिक की तरफ हाथ हिलाकर वेव किया. लेकिन जब शाहजहां सीबीआई की गिरफ्त में आया तो उसकी सारी अकड़ खत्म हो चुकी थी. और जो रही सही है, वो अगले दो चार दिनों की खारितरदारी में खत्म हो जाएगी. शाहजहां अब CBI की कस्टडी में है. आज उसे याद आ रहा होगा कि वो अपनी पब्लिक मीटिंग्स में लोगों से कहता था कि CBI और ED उसका बाल भी बांका नहीं कर सकते. वो कहता था कि भगवान से प्रार्थना करो कि उसे गुस्सा ना आए, अगर उसे गुस्सा आया तो वो बीजेपी के वर्कर्स के दांत तोड़ देगा और बीजेपी के नेताओं की खाल खिंचवा देगा. कोई भी लीडर चाहे कितना भी ताकतवर क्यों न हो, बिना मुख्यमंत्री की शह के, बिना मुख्यमंत्री के संरक्षण के सरेआम इस तरह की बातें नहीं कह सकता. अब तो ममता बनर्जी को भी इस बात का एहसास हो गया होगा कि 56 दिन तक खामख्वाह शाहजहां जैसे अपराधी को बचाने की कोशिश की, उसे पनाह देने की कोशिश की, उसके जुल्मों पर पर्दा डालने की कोशिश की, एक तरफ कोर्ट को नाराज किया, दूसरी तरफ गलत राजनीतिक संदेश भेजा, इन सब का नतीजा ये हुआ कि बीजेपी को बैठे बिठाए ममता के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा मिल गया. लोकसभा चुनाव में बीजेपी इसे एक बड़ा मुद्दा बनाएगी. बंगाल की महिलाओं को बार बार याद दिलाएगी कि दीदी ने एक अपराधी को बचाया, महिलाओं पर जुल्म करने वालों का साथ दिया. बारासात में मोदी ने इसका पूरा इस्तेमाल किया. बारासात उत्तरी 24 परगना जिले का एक शहर है और संदेशखाली से 85 किलोमीटर दूर है. कोलकाता से बारासात के रास्ते में लोगों ने मोदी का फूलों से स्वागत किया. मोदी की रैली को नाम दिया गया था, नारी शक्ति वंदन, इसीलिए बड़ी संख्या में महिलाएं इस रैली में शामिल हुईं. खास बात ये थी कि मोदी की रैली में मोदी को सुनने के लिए बड़ी संख्या में संदेशखाली की महिलाएं भी बारासात आई थीं. हालांकि जैसे ही प्रशासन को इस बात की खबर लगी तो संदेशखाली की महिलाओं को रास्ते में रोका गया, उनसे पूछताछ की गई और कुछ ही महिलाओं को मोदी की रैली तक जाने दिया गया. लेकिन ये सारी महिलाएं रैली में उस वक्त पहुंची जब मोदी का भाषण खत्म हो चुका था. रैली खत्म होने के बाद मोदी ने मंच से उतर कर शाहजहां के जुल्मों की शिकार इन महिलाओं से मुलाकात की, उनसे काफी देर बात की, उनकी आपबीती सुनी. मोदी से इन महिलाओं ने कहा कि उन्हें अभी भी धमकियां मिल रही हैं, बंगाल की सरकार और बंगाल की पुलिस पर उन्हें यकीन नहीं हैं, वे अभी भी खौफ के साये में जी रहे हैं. मोदी ने इन महिलाओं को यकीन दिलाया कि केन्द्र सरकार उनके साथ खड़ी हैं, उन्हें न्याय दिलाने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी, इसलिए अब उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं हैं. इस बीच ममता बनर्जी ने महिलाओं को लुभाने के लिए बुधवार को ऐलान किया कि ASHA वर्कर्स, ICDS हेल्पर और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सैलरी बढ़ाई जाएगी. ममता बनर्जी ने अपना एक रिकॉर्डेड बयान जारी किया जिसमें उन्होने कहा कि बीजेपी बंगाल की शान्ति को भंग करने की कोशिश कर रही है, चुनाव के मौके पर बंगाल को बदनाम करने की साजिश कर रही हैं और तृणमूल कांग्रेस इस कोशिश को कभी कामयाब नहीं होने देगी. ममता 10 मार्च को कोलकाता में जनगर्जना रैली करेंगी. ममता बनर्जी भले ही बीजेपी पर माहौल को खराब करने का इल्जाम लगाएं, संदेशखाली को बीजेपी की साजिश बताएं, लेकिन ये तो पूरे देश ने देखा है कि अगर शाहजहां और उसके गुंडे ED की टीम पर हमला न करते, और अगर ममता बनर्जी उसी दिन शेख शाहजहां को गिरफ्तार करवा देती, तो हो सकता है कि संदेशखाली की महिलाओं के साथ हुए जुल्म और जमीनों पर कब्जे के मामले कभी सामने ही न आते. इसलिए पहली गलती तो ममता ने शाहजहां को गिरफ्तार करने के बजाय, उसे छुपा कर की. इसके बाद जब संदेशखाली में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती हुई, बीजेपी के नेताओं के दौरे शुरू हुए तो वहां के लोगों को हिम्मत मिली, संदेशखाली की महिलाओं ने खुद कैमरे के सामने के सामने आकर रो-रोकर अपनी दास्तां कही लेकिन ममता ने विधानसभा में खड़े होकर महिलाओं के आंसूओं को एक्टिंग बता दिया, आरोपों को झूठा करार दिया, महिलाओं के बयानों को बीजेपी की स्क्रिप्ट बता दिया. ये ममता की दूसरी गलती थी. इसके बाद संदेशखाली की महिलाओं के एफीडेविट कोर्ट में जमा हुए. कोर्ट के दबाव में पुलिस को FIR दर्ज करनी पड़ी. फिर हाईकोर्ट के आदेश के बाद बंगाल की पुलिस ने शाहजहां को गिरफ्तार किया और उसे सीबीआई से बचाने के लिए ममता बनर्जी ने ED पर हमले के केस की जांच CID को सौंप दी और शाहजहां को CID की कस्टडी में भेज दिया. ये ममता की तीसरी गलती थी. इसके बाद जब हाईकोर्ट ने ED पर हमले का केस सीबीआई को ट्रांसफर करने और शेख शाहजहां को सीबीआई के हवाले करने का आदेश दिया, तो पुलिस ने कोर्ट का आदेश नहीं माना. ये ममता सरकार की चौथी गलती थी और इसके बाद ममता ने सुप्रीम कोर्ट में कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की. ये ममता की पांचवी गलती थी. चूंकि ममता लगातार शेख शाहजहां को बचाने की कोशिश कर रही हैं, इसलिए उनके खिलाफ महिलाओं में गुस्सा पनप रहा है. अगर ममता ने पहले ही दिन शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया होता, उसे जेल भेजा होता, तो शायद ये मामला इतना न बढ़ता लेकिन ममता ने लगातार गलतियां की, उससे उनके खिलाफ जो माहौल बना, उसका फायदा अगर बीजेपी उठा रही हैं, तो इसमें गलत क्या है? .चुनाव सामने है – मौका भी है और दस्तूर भी.
My Opinion > संदेशखाली और शाहजहां : ममता ने बड़ी गलतियां की
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