Rajat Sharma

My Opinion

डीपफेक फ़र्ज़ी वीडियोज़ पर कोर्ट का आदेश: तुरंत हटाओ

AKB30 मैं आपको एक अच्छी खबर देना चाहता हूं. आप जानते हैं मैं कई दिन से अपने Fake Videos से परेशान था. कहीं मुझे डायबिटीज़ की दवाई बेचते दिखाया गया, कहीं दिखाया गया कि मैं अमिताभ बच्चन को जोड़ों के दर्द की दवा बता रहा हूं, कहीं बड़े-बड़े डॉक्टर्स के साथ फर्जी वीडियो में मुझे वजन कम कराने की दवाई का प्रमोशन करते हुए दिखाया गया. ये बात मैंने कुछ दिन पहले आपके साथ शेयर की थी. ये भी बताया था की मैंने केस फाइल किया है.
आज दिल्ली हाईकोर्ट ने सारे META platforms को, जिनमें फेसबुक और इंस्टाग्राम शामिल हैं, आदेश दिया कि मेरे जितने भी DeepFake वीडियोज़ हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए. ये सारे फर्जी वीडियो Artificial Intelligence का इस्तेमाल करके बनाए गए थे. इनमें से ज्यादातर फेसबुक पर थे.
अब दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्हें तुरंत हटाने का आदेश दिया है. केस में हमने जिन 8 वीडियोज़ का जिक्र किया था वो सारे फेसबुक पर पोस्ट किए गए थे.
इस केस में मेरी तरफ से सीनियर एडवोकेट साई कृष्णा ने कोर्ट के सामने पूरी समझदारी के साथ दलीलें दी थी, जिसके बाद हाई कोर्ट का ये आदेश आया.
बड़ी बात ये है कि हाई कोर्ट ने सिर्फ फर्जी वीडियो हटाने का आदेश ही नहीं दिय, बल्कि मेटा प्लैटफॉर्म से कहा कि जिन लोगों ने ये वीडियो पोस्ट किए, उनके नाम, उनका पता, ईमेल और फोन नंबर उजागर किए जाएं. जस्टिस अमित बंसल का आदेश काफी विस्तार में है. उन्होंने सरकार से भी कहा कि Internet service providers को निर्देश दिया जाए..कि वो ऐसे फेक वीडियो पोस्ट करने वालों को प्लैटफॉर्म से block करे.
ये मामला इसीलिए गंभीर है क्योंकि जो लोग बरसों से मुझे टीवी पर देख रहे हैं, जो मेरी बात पर भरोसा करते हैं, उन्हें गुमराह करने की कोशिश की गई.
एक दिन उस्ताद अमजद अली खां साहब मुझे एक जगह मिले. उन्होंने मुझे कहा कि आप भले आदमी हैं, अच्छा काम करते हैं, मेरा आपसे अनुरोध है कि आप डायबिटीज की दवाई ना बेचें. मैंने उस्ताद जी को समझाने की कोशिश की कि वो मेरा फेक वीडियो है, मैं कोई दवा नहीं बेचता लेकिन वो AI फेक वीडियो जैसी बातों को, ऐसे शब्दों को समझ ही नहीं पाए. मैं समझाता रहा और वो मुझसे कहने लगे, भगवान ने आपको सब कुछ दिया है, आप ये न करें. तब से मैं इस बात को लेकर काफी चिंतित था.
फर्जी वीडियो बनाने वाले कैसे काम करते हैं, मैं आपको उदाहरण देकर समझाता हूं.मैंने कई साल पहले ‘आज की बात’ शो में अमिताभ बच्चन का इंटरव्यू किया था. ये तब की बात है जब उनकी फिल्म ‘भूतनाथ’ रिलीज हुई थी. मैंने अमित जी से उस दिन थोड़ी सी बात नरेंद्र मोदी के बारे में की और बाकी भूतनाथ फिल्म के बारे में, लेकिन ये वीडियो अभी थोड़े दिन पहले फेसबुक पर पोस्ट किया गया. वीडियो वही था लेकिन उसमें भूतनाथ के बजाय मैं अमिताभ बच्चन से जोड़ों के दर्द की दवा के बारे में बात करता हुआ दिखाई और सुनाई देता हूं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके उस वीडियो पर मेरी और अमिताभ बच्चन की AI जेनेरेटेड voice डाल दी गई. एक आम दर्शक के लिए. असली नकली में फर्क करना मुश्किल था.
एक वीडियो में मैं और मशहूर heart surgeon डॉक्टर नरेश त्रेहन हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के बारे में बात करते दिखाई दे रहे हैं. एक और वीडियो है जहां मैं और डॉक्टर त्रेहन prostatitis का इलाज बताते हुए नजर आ रहे हैं. ये दोनों DeepFake वीडियो है. दोनों फर्जी हैं. एक और वीडियो में मेरी बात heart surgeon डॉक्टर देवी प्रसाद शेट्टी से होती दिखाई दे रही है. ये भी फर्जी है. वीडियो में शक्ल मेरी, वीडियो मेरा, पर आवाज AI जेनेरेटेड है और जब किसी की voice AI से जेनेरेट की जाती है तो वो असली आवाज़ से इतनी मिलती जुलती होती है कि फर्क कर पाना मुश्किल होता है.
हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुझे उम्मीद है ये सिलसिला रुक जाएगा. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ये किसी personality के rights का स्पष्ट हनन है. इन बातों का कितना असर होता है, इसका एक और उदाहरण आपको बताता हूं. मेरे अपने परिवार के लोग कैसे भ्रमित हो गए, ये सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे.
मुंबई में मेरी भाभी जी रहती हैं. उन्होंने एक दिन मुझे अमिताभ बच्चन का इसी तरह का एक फर्जी वीडियो भेजा जिसमें वो investment के बारे में बता रहे हैं. मेरी भाभी ने कहा कि मैं अमिताभ बच्चन से पूछूं कि इसमें कितना इंवेस्ट करना चाहिए. मैंने उनको समझाया कि ये DeepFake है. उन्होंने मेरी बात पर पूरी तरह यकीन नहीं किया. फिर उन्होंने मुझे इंफोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति का वीडियो भेजा. मैंने बड़ी मुश्किल से उन्हें समझाया कि ये भी DeepFake है, इस सलाह पर आपने कोई इंवेस्टमेंट किया तो बहुत नुकसान हो जाएगा, बहुत सारे लोग अपने लाखों रुपये गंवा चुके हैं.
उस समय तो उन्होंने मेरी बात सुन ली लेकिन दो दिन बाद उन्होंने मेरा वीडियो भेज दिया जिसमें मैं उसी इंवेस्टमेंट को प्रमोट करता दिखाई दे रहा हूं. अब मेरे लिए उन्हें समझाना बहुत मुश्किल हो गया क्योंकि उन्होंने कहा कि मैं तो आपकी आवाज़, आपका चेहरा अच्छी तरह जानती हूं.
मैंने उन्हें समझाया कि वीडियो मेरा है, लेकिन आवाज मेरी नहीं है, AI से जेनेरेटेड है .बड़ी मुश्किल से उन्होंने मेरी बात पर विश्वास किया. ऐसे सब लोगों को, जो मुझे जानते हैं,पहचानते हैं, अब ये स्पष्ट हो जाएगा कि ये DeepFake क्या होता है, कैसे इसका इस्तेमाल लोगों को धोखा देने और लूटने के लिए किया जाता है..
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद कोई भी अगर मेरा DeepFake वीडियो पोस्ट करेगा, किसी भी प्लैटफॉर्म पर पोस्ट करेगा, तो उसे डिलीट करवाने में, हटवाने में हाईकोर्ट का ये आदेश काम आएगा.
इसमें मुझे आप जैसे दर्शकों की मदद भी चाहिए. अगर आपको कहीं ऐसा कोई फर्जी वीडियो दिखाई दे, जिसमें मुझे कोई दवा बेचते या किसी इंवेस्टमेंट को प्रमोट करते दिखाया गया हो, तो मुझे बताएं – 93505 93505 पर फोन करें या मैसेज भेज दें.
मैं जस्टिस अमित बंसल का आभार मानता हूं कि उन्होंने इस पूरे मामले को सुना और डीपफेक के इस दुष्प्रचार को रोकने का रास्ता दिखाया.

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Remove DeepFake Videos: High Court Protects My Personality Rights

AKB30 Today I would like to share a good news with you. For the last several days, I was concerned about several DeepFake videos circulating in social media in which my face and voice using Artificial Intelligence technology have been faked in order to promote spurious medicines for curing diabetes and other ailments.
In one of the fake videos, I was shown advising Amitabh Bachchan how to treat joint pain with a spurious medicine. Some of the fake videos showed me as promoting weight-loss medicines while talking to some renowned doctors. I had shared these fake videos with you in ‘Aaj Ki Baat’ show recently. I had also mentioned that I had filed a petition in court against such deepfake videos.
Delhi High Court has now directed all Meta platforms, including Facebook and Instagram, to immediately remove/pull down/block such fake videos that were made using Artificial Intelligence technology. Eight of these fake videos were on Facebook. On my behalf, Senior Advocate Sai Krishna appeared and argued the case cogently before the Delhi High Court. Justice Amit Bansal issued an order directing Meta Platforms Inc to remove all such deepfake videos.
The High Court not only directed removal of these deepfake videos, but also directed Meta Platforms Inc to disclose the names, addresses, phone numbers and e-mail addresses of the users who posted them. Justice Amit Bansal also directed the Department of Telecom and Ministry of Electronics and Information Technology to instruct all internet service providers to block such users posting deepfake videos.
The matter is serious because millions of viewers in India and abroad had been watching my shows on television since decades and they trust my words. These people tried to mislead viewers by posting videos faking my face and voice.
Several celebrities met me personally and pointed this out to me. Ustad Amjad Ali Khan one day requested me not to promote spurious medicines for treating diabetes. I tried to explain to Ustad Ji that the videos were fake, I do not sell medicines, but he could not fully understand how anybody could fake my face and voice. It was really a cause of concern for me.
Years ago, I had interviewed Amitabh Bachchan on my show ‘Aaj Ki Baat’. It was the time when his movie Bhootnath was released in 2008. I spoke to Amit Ji about Narendra Modi and the rest of the interview was about his movie Bhootnath. That video was tinkered with and was posted on Facebook recently in which I was shown advising Amitabh Bachchan to use a certain spurious medicine for treating joint pain. AI-generated voices of myself and Amitabh Bachchan were used. For the common viewer, it was difficult to differentiate between the real and the fake one.
In another fake video, I was shown speaking to renowned heart surgeon Dr Naresh Trehan discussing a spurious medicine for treating prostatitis and high blood pressure. Both the videos are fake. In yet another fake video with cardiac surgeon Dr Devi Prasad Shetty, my face and my AI-generated fake voice were used.
I am hopeful that this trend of posting deepfake videos will come to an end after the Delhi High Court order. In his order, Justice Amit Bansal has described this as “gross violation of personality and pubilcity rights”, because the Facebook users had used official India TV logos to lend credibility to the videos.
In his order, Justice Amit Bansal said, “Such individuals or entities..have been engaging in infringing the plaintiffs’ intellectual property rights…and are restrained from using the registered trademarks of the plaintiff (India TV) for misappropriating, tarnishing and diluting the good and reputation of the plaintiffs.”
Let me explain the consequences of posting such deepfake videos. Even my own family members were stunned when they watched them. One of my ‘bhabhis’ (sister-in-law) who lives in Mumbai, sent me the deepfake video of myself with Amitabh Bachchan, in which the superstar was shown giving me tips about investments.
My ‘bhabhi’ asked me, how much should she invest in such ventures. I told her the video was a deepfake one, but she was hesitating to trust my words fully. She then sent me another video of Infosys founder Narayana Murthy. I again explained to her that it was a deepfake one. I told her not to invest her money in such ventures, and already many people have lost lakhs of rupees in such fake ventures. Two days later, she again sent me another fake video in which I was shown promoting investments. Now, it was exasperating for me to explain the truth to her. She told me she knew my face very well and that it was not a fake one. I told her that the face could be mine but the voice was not mine, it was AI-generated.
It should now be clear to many of those who know me personally that all such videos are deepfakes and the sole intent is to deceive people.
If anyone posts more deepfake videos imitaing my voice and face on social media platforms, this Delhi High Court order will be useful in getting them removed/deleted/pulled down. I need the cooperation of all of you in this matter. If you find any such fake video circulating on social media, kindly contact me on this number 93505 93505, either on phone or by sending message.
I am grateful to Justice Amit Bansal for hearing this case in full and for showing the right path in tackling misinformation through deepfake videos.

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AKB

संसद की लड़ाई पुलिस तक क्यों पहुँची ?

AKBसंसद भवन के द्वार पर जो हुआ, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. कांग्रेस और बीजेपी के बीच टकराव में दो सांसद लहूलुहान हो गए. सांसदों के झगड़े का मामला पुलिस थाने पहुंच गया. राहुल गांधी के खिलाफ हत्या की कोशिश की शिकायत दर्ज कराई गई. कांग्रेस की तरफ से बीजेपी के खिलाफ शिकायती चिट्ठी पुलिस को दी गई. संसद परिसर में झगड़े की शिकायतें राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष के पास पहुंची हैं. लोकसभा अध्यक्ष ने सभी पार्टियों और सांसदों से कहा है कि वे संसद के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन न करें. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार को हंगामे की भेंट चढ़ कर अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई.

अब आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है. जो दो सांसद घायल हुए उनमें से एक का सिर फट गया, एक बेहोश होकर गिर पड़े. दोनों अस्पताल में हैं. बीजेपी का इल्जाम है कि राहुल गांधी ने बुजुर्ग सांसद प्रताप सारंगी को धक्का देकर गिराया जिससे उनके सिर में गहरी चोट लगी है, लेकिन राहुल गांधी का दावा है कि उन्होंने किसी को धक्का नहीं दिया, धक्कामुक्की तो बीजेपी के सांसदों ने मल्लिकार्जुन खरगे के साथ की. राहुल गांधी ने कहा कि ये सब अडानी के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी का ड्रामा है. प्रियंका गांधी ने कहा कि अमित शाह के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी के लोगों ने ये सब किया है.

घायल सासंदों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फोन पर बात करके उनका हालचाल जाना. बीजेपी के तमाम बड़े नेता अस्पताल में सांसदों को देखने पहुंचे. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी ने जो किया वो भारत की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ है, इस तरह के व्यक्ति को नेता, विपक्ष के पद पर होना नहीं चाहिए.

संसद भवन परिसर में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है, संसद की लड़ाई पुलिस थाने में पहुंच गई. ये चौंकाने वाली है. दोनों तरफ के अपने अपने दावे हैं, वीडियो हैं, लेकिन कुछ बातें बिलकुल साफ हैं. राहुल गांधी उस दरवाजे से संसद में घुसे जहां बीजेपी के सांसद प्रोटेस्ट कर रहे थे, उनके धक्के से दो सांसद गिरे. दोनों अस्पताल में है. इनमें से एक को इतनी चोट आई कि सिर में टांके लगाने पड़े.

तो पहला सवाल ये है कि क्या राहुल गांधी को इसी रास्ते से जाना जरूरी था? सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि उन्होंने वैकल्पिक रास्ता बनाया था पर राहुल बीजेपी के सांसदों के बीच से ही गए. राहुल गांधी ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि बीजेपी के सदस्यों ने उनके साथ धक्कामुक्की की. कांग्रेस ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे को भी धक्का दिया गया. सवाल ये है कि राहुल का वीडियो क्यों नहीं है?

वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने बताया कि मीडिया के कैमरों को उस मकर द्वार तक जाने की इजाज़त नहीं है. अब सवाल ये है कि जो घटना हुई, उसकी वजह क्या सिर्फ धक्कामुक्की थी?राहुल ने कहा कि मोदी अडानी को बचाने में लगे हैं, ये इसी प्लानिंग का हिस्सा था. प्रियंका गांधी ने कहा कि ये अमित शाह को बचाने के चक्कर में हुआ. खरगे ने कहा कि बाबा साहेब पर बहस से बचने के लिए ये साजिश की गई.

ये सारे तर्क अपनी जगह हैं. पर ये तो सच है कि दो सांसदों को चोट लगी, खून बहा. ये दिखाई दे रहा है. ये कैसे हुआ? ये किसने किया? इसका कांग्रेस ने कोई जवाब नहीं दिया. अच्छा तो ये होता कि राहुल गांधी उन बुजुर्ग सांसद के पास जाते जिन्हें चोट लगी थी, जिनके सिर से खून बह रहा था, उनसे माफी मांगते, उन्हें अस्पताल ले जाते. इससे राहुल का मान बढ़ता. किसी को विवाद खड़ा करने का कोई मौका नहीं मिलता. पर आजकल की राजनीति में अहं (ego) बड़ा है. कोई नहीं मानता कि उससे गलती हुई. एक FIR कराएगा तो दूसरा भी कराएगा. एक वीडियो दिखाएगा, तो दूसरा भी दिखाएगा.

जो मामला माफी मांगकर खत्म किया जा सकता था, लोकसभा अध्यक्ष के पास जाकर सुलझाया जा सकता था, उसकी जांच अब पुलिस करेगी. ये संसदीय लोकतंत्र के लिए अच्छी परम्परा नहीं है.

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Parliament’s fight should not have gone to Police

AKBThe scuffle between Congress and BJP MPs outside the Makar Dwar gate of Parliament on Thursday was unprecedented and unfortunate. Two BJP MPs, Pratap Sarangi and Mukesh Rajput were hospitalized with head injuries and trauma. Both parties filed complaints against each other in Parliament Street police station and the Speaker declared a ban on staging protests outside the gates of Parliament.
Both Houses of Parliament were adjourned sine die on Friday as uproar continued with both sides blaming each other. BJP MPs filed a police complaint against Leader of Opposition Rahul Gandhi, alleging that he shoved Mukesh Rajput, who was standing next to him, and Rajput fell on Sarangi.
Union Minister Shivraj Singh Chouhan accused Rahul Gandhi of “behaving like a goon by pushing and shoving our MPs”. He said, security personnel had asked Rahul to enter Parliament from another gate, but he insisted on entering through the gate where BJP MPs were staging protest. “Their arrogance is on full display and today, I am upset and my mind is filled with pain”, Chouhan said.
Rahul Gandhi, with Congress President Mallikarjun Kharge sitting next to him, told a press conference that the “drama was pre-planned and it was a plan to cause distraction from the real issues about Adani and B.R.Ambedkar.” He denied that he pushed or shoved anybody. Congress alleged that Mallikarjun Kharge was pushed to the ground by BJP MPs.
Prime Minister Narendra Modi spoke to both injured BJP MPs Pratap Sarangi and Mukesh Rajput on phone, while several Union Ministers visited the two in RML Hospital.
What happened outside the Parliament gate was unfortunate and shocking. Some facts stand out clearly. Rahul Gandhi insisted on entering from the gate where BJP MPs were protesting. Two MPs fell when he pushed some of the MPs. Both MPs are in hospital, with one of them having stitches in his forehead.
The first question is: Was it necessary for Rahul Gandhi to enter from that particular gate? Security personnel say, they suggested an alternative route for him, but Rahul chose his path through the BJP MPs. Rahul alleges that he was pushed and shoved, while Congress is saying that Kharge was also pushed to the ground. The question arises: Why is there no video on what Rahul did or what happened to him and Kharge outside the gate?
Media personnel say, media cameras are not permitted to go up to the gate. Then the question arises: Were the MPs injured only because of the scuffle? Rahul is alleging that Modi is trying to shield Adani and this was part of a plot to scuttle the debate on Gautam Adani. Kharge is alleging that this was a conspiracy to avoid a debate on Babasaheb Ambedkar. They are free to make their arguments, but the fact is that two MPs were injured in the melee, and blood oozing from the forehead of one MP is visible in videos. How did this happen? Who did this? Congress has no reply to these questions.
It would have been better if Rahul Gandhi had visited the hospital and met the injured MP Pratap Sarangi, who had a cut on his forehead. He could have tendered apology to him in hospital. This would have raised his prestige. Nobody would have got a chance to raise a dispute, but in today’s politics, ego reigns supreme. Nobody is willing to admit mistakes. Both sides insisted on filing FIRs. Both sides want to show their own videos.
An issue that could have been solved by tendering apology will now be examined by police. This is not a good precedent for our parliamentary democracy.

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बाबासाहेब, अमित शाह और कांग्रेस: शॉर्ट वीडियो का फेक नैरेटिव

AKB30 एक बार फिर एक शॉर्ट वीडियो से फेक नैरेटिव बना, फिर सियासत हुई, फिर हंगामा मचा. कांग्रेस ने अमित शाह पर बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया. अमित शाह ने कांग्रेस को चुनौती दी. मीडिया से अपने भाषण का पूरा वीडियो दिखाने की विनती की.
अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस में फिर कांग्रेस का कच्चा चिट्ठा खोला, इतिहास के पन्ने पलटकर बताया कि कांग्रेस के किस किस नेता ने कब कब डॉक्टर अंबेडकर का अपमान किया था.
कांग्रेस ने जगह जगह अमित शाह के खिलाफ प्रदर्शन किए. मल्लिकार्जुन खरगे ने अमित शाह से इस्तीफा मांगा. खरगे ने कहा कि अगर अमित शाह इस्तीफा नहीं देते, अपने बयान के लिए मांफी नहीं मांगते तो पूरे देश में आग लग जाएगी. अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, अरविन्द केजरीवाल, असदुद्दीन ओवैसी जैसे विरोधी दलों के तमाम नेता इसमें कूद पड़े लेकिन अमित शाह ने कहा कि उन्होंने बाबा साहब का कोई अपमान नहीं किया. कांग्रेस उनके बयान के एक हिस्से को काट कर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.
अमित शाह ने कहा वो और उनकी पार्टी बाबासाहेब का सम्मान करती है, फिर उन्होंने गिनवाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहब का मान बढ़ाने के लिए क्या क्या किया. ये सारा किस्सा अमित शाह के मंगलवार के राज्यसभा के भाषण से संबंधित है. अमित शाह करीब 85 मिनट बोले थे. कांग्रेस के नेताओं ने 85 मिनट के भाषण से 11 सेकेन्ड का क्लिप काटकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल किया और अमित शाह पर डॉ अंबेडकर के अपमान का इल्जाम लगाया.
लेकिन सवाल ये है कि क्या वाकई अमित शाह ने कुछ ऐसा कहा जिससे बाबा साहेब का अपमान हुआ? क्या वाकई अमित शाह की नीयत ठीक नहीं थी या कांग्रेस ने जानबूझकर झूठ फैलाया? आधे अधूरे बयान को हथियार बनाया?
हंगामे के कारण दोनों सदनों में कामकाज नहीं हुआ. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के साथ विपक्ष के सांसद संसद के बाहर प्रदर्शन में शामिल हुए. देश के अलग अलग शहरों में कांग्रेस के कार्यकर्ता अमित शाह के खिलाफ पोस्टर बैनर लेकर सड़क पर आ गए.
ये संवेदनशील मुद्दा बाबा साहब से जुड़ा है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक के बाद एक 6 ट्वीट करके कांग्रेस के इल्ज़ामात के जवाब दिए.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस का सड़ा हुआ इकोसिस्टम एक झूठ फैलाकर बीजेपी को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है लेकिन, कांग्रेस के मंसूबे सफल नहीं होंगे.मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने आंबेडकर का हमेशा अपमान किया, उन्हें नेहरू की कैबिनेट से निकाला गया, चुनाव में उन्हें हराया गया, उनकी समाधि तक नहीं बनाई गई.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस को बाबासाहेब से इतनी चिढ़ थी कि उन्हें भारत रत्न नहीं दिया गया, उनका चित्र संसद में नहीं लगाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा दलितों को दबाया और दलितों के बड़े बड़े हत्याकांड, कांग्रेस के राज में हुए. दूसरी तरफ बीजेपी ने हमेशा बाबासाहेब के आदर्शों को अपनाया, उन्हें सम्मान दिया.
अमित शाह का भाषण सुनने के बाद ये साफ हो जाता है कि एडिटेड वीडियो से फेक नैरेटिव कैसे खड़ा किया जाता है.
कांग्रेस ने 11 सेकेंड का वीडियो दिखाकर ये फैलाने की कोशिश की कि अमित शाह ने बाबा साहेब का अपमान किया. अमित शाह ने मीडिया से उनका पूरा बयान सुनवाने की अपील की क्योंकि पूरे भाषण में उन्होंने जो तथ्य उजागर किए,उनसे तो उल्टा ये साबित होता है कि कांग्रेस ने बार बार डॉ अंबेडकर का अपमान किया.
वैसे तो ये कोई रहस्य नहीं है कि डॉ अंबेडकर के पंडित नेहरू से नीतिगत मतभेद थे, ये इतिहास में दर्ज है लेकिन आज सवाल ये नहीं है कि तथ्य क्या हैं? सवाल ये है कि लोगों के बीच धारणा क्या बनायी जाती है. इसीलिए अमित शाह को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ी, कांग्रेस और डॉ. अंबेडकर से जुड़ी सारी बातें फिर से कहनी पड़ी.
अमित शाह इस बात को समझते हैं कि सोशल मीडिया में किसी भी अर्धसत्य को वायरल करने की गजब की ताकत है, सांप को रस्सी और रस्सी को सांप दिखाने की ताकत है. कांग्रेस ने इसी का फायदा उठाने के लिए 11 सेकेंड का वीडियो वायरल कर दिया.
बीजेपी इसे खास तवज्जो नहीं दे सकती थी लेकिन कहते हैं, दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक कर पीता है. लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने संविधान, रक्षण और बाबा साहेब को लेकर एक नैरेटिव खड़ा किया था. लोगों को ये कहकर डराया था कि 400 पार का मतलब बाबा साहेब के दिए आरक्षण को खत्म करना है. उस समय बीजेपी ने इसका काउंटर करने में देर कर दी थी. इसका नुकसान हुआ लेकिन अब बीजेपी सावधान है. इस बार देर नहीं की.
अमित शाह ने फ्रंटफुट पर खेला, फेक नैरेटिव को एक्सपोज किया.11 सेकेंड के वीडियो के जवाब में सौ तथ्य सामने रख दिए. अब कांग्रेस के लिए इसका जवाब देना मुश्किल हो जाएगा. अमित शाह चुप रह जाते तो नुकसान हो सकता था. अब उल्टा होगा. अब बीजेपी आक्रामक मुद्रा में है. बाबा साहेब और पंडित नेहरू के मतभेदों को, कांग्रेस द्वारा डॉ. अंबेडकर के अपमान के तथ्यों को घर-घर प्रचारित किया जाएगा.
अमित शाह राजनीति के चतुर खिलाड़ी हैं. जो बात संसद के सत्र के साथ खत्म हो जाती, वो अब दूर तलक जाएगी. इस मामले में एक और बात साबित होगी कि सोशल मीडिया फेक नैरेटिव खड़ा करता है और ब्रॉडकास्ट मीडिया पूरी बात दिखाकर सच को सामने रखता है.

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Amit Shah on Ambedkar : Congress, Edited Video and Fake Narrative

AKB30 There was high-octane politics over a fake narrative created on the basis of a 11-second video from Home Minister Amit Shah’s speech in Rajya Sabha. Congress, Aam Aadmi Party, Trinamool Congress and Samajwadi Party alleged that Shah had “insulted” Dr Babasaheb Ambedkar during his speech. Responding, Amit Shah challenged Congress to prove its allegation and urged media to show the complete video of his speech.
At a press conference, Amit Shah recounted the times when Congress “insulted” Ambedkar during its rule. He named Congress leaders who hurled insults at Ambedkar in the past.
On the other hand, Congress workers staged protests in different cities and party president Mallikarjun Kharge demanded that Shah be dismissed from Cabinet. Kharge went to the extent of warning that “the country will be on fire” if Shah did not resign.
Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav, RJD leader Tejashwi Yadav, Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray, Aam Aadmi Party chief Arvind Kejriwal and AIMIM chief Asaduddin Owaisi joined the fray and lashed out at Amit Shah.
The Home Minister said, a 11-second portion from his 85-minute speech was edited and made viral on social media to mislead the people. He reminded how Narendra Modi accorded full honours to Ambedkar, while the Congress deliberately insulted the maker of the Constitution.
Both Houses of Parliament could not transact any business due to uproar. BJP chief J P Nadda said, Congress leaders became worried when Amit Shah exposed the “sins” of their party in Rajya Sabha, and they were trying to “hide their sins by taking recourse to lies”. Outside Parliament, Rahul and Priyanka Gandhi, along with Kharge and other Congress MPs staged protests, while party workers staged protests in several cities.
Since the matter was sensitive and related to Dr Ambedkar, Prime Minister Narendra Modi reacted in a series of six tweets on X. Modi wrote, “if the Congress and its rotten eco-system think their malicious lies can hide their misdeeds of several years, especially their insult towards Dr. Ambedkar, they are gravely mistaken. The people India have seen time and again how one party, led by one dynasty, has indulged in every possible dirty trick to obligerate the legacy of Dr. Ambedkar and humiliate the SC/ST communities.”
Modi further tweeted: “The list of the Congress’ sins towards Dr. Ambedkar includes: Getting him defeated in elections not once, but twice, Pandit Nehru campaigning against him and making his loss a prestige issue, Denying him a Bharat Ratna, Denying his portrait a place of pride in Parliament’s Central Hall…. In Parliament, HM @AmitShah Ji exposed the Congress’ dark history of insulting Dr. Ambedkar and ignoring the SC/ST communities. They are clearly stung and stunned by the facts he presented, which is why they are now indulging in theatrics! Sadly, for them, people know the truth.”
In Delhi, AAP chief Arvind Kejriwal with his supporters, carrying banners, posters against Amit Shah, went to BJP headquarters to stage protest, while in Mumbai, Uddhav Thackeray’s son Aditya Thackeray went to Deeksha Bhoomi to pay respects to Dr. Ambedkar.
From Kolkata, Trinamool Congress chief Mamata Banerjee tweeted on X: “The mask has fallen!…..Amit Shah chose to tarnish this occasion with derogatory remarks against Dr. Babasaheb Ambedkar, that too, in the temple of democracy. This is a display of BJP’s casteist and anti-Dalit mindset. If this is how they behave after being reduced to 240 seats, imagine the damage they would have inflicted if their dream of 400 seats had been realised. They would have rewritten history to entirely erase Dr. Ambedkar’s contributions. Amit Shah’s remarks are an insult to the millions who look up to Babasaheb for guidance and inspiration…”
Watching Amit Shah’s Rajya Sabha speech in full, it is amply clear how a fake narrative can be set by posting an edited video. Congress party tried to do this by posting this 11-second video to project that Amit Shah insulted Ambedkar.
If one watches his full speech, it will be clear how he repeatedly tried to prove how Congress insulted Amedkar over the years. It is not a secret that Ambedkar had policy differences with Pandit Nehru and it has been recorded in history.
The question today is not about facts, but about perception that can be created through fake narrative. Amit Shah had to call a press conference to explain his views. Amit Shah understands the power of social media, where a half-truth can be made viral within minutes. Social media has the power to project a rope as a snake, and vice-versa.
BJP could have ignored this, but in Hindi, there is a proverb “Doodh Ka Jalaa Chaach Ko Phoonk Phoonk Kar Peeta Hai” (Once bitten, twice shy).
In this year’s Lok Sabha elections, Congress created a big narrative about reservations, Constitution and Dr. Ambedkar. Congress leaders tried to strike fear in the minds of voters by saying that BJP wanted to win more than 400 Lok Sabha seats, because it wants to end caste reservation policy propounded by Ambedkar in the Constitution. BJP delayed in countering it and had to face electoral losses.
This time, BJP is alert and it did not waste time. Amit Shah played from the front foot and exposed the fake narrative. To counter the 11-second video, he placed nearly a hundred facts about “sins” of Congress. Now, it may be difficult for Congress to reply to these allegations.
Had Amit Shah remained silent, it could have caused damage. The reverse will now happen, because BJP is on the offensive. BJP is going to spread facts about differences between Ambedkar and Nehru and “insults” meted out to Ambedkar by the Congress party.
Amit Shah is a clever player in politics. The issue about Constitution which could have died down after the Parliament session, will now take a long, winding course in Indian politics. This incident also proves, while social media can create a fake narrative based on short videos, the mainstream media can be trusted to project the truth by giving the full picture.

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How Amit Shah showed the mirror to Congress

AKBHome Minister Amit Shah on Tuesday showed the mirror to Congress while winding up the debate in Rajya Sabha on “75 glorious years of Indian Constitution”. He alleged that the Congress was anti-Constitution, anti-reservation and anti-poor. Shah also alleged that the Congress misused power to help only Nehru-Gandhi family and tinkered with the Constitution to help the family. He contrasted this with Narendra Modi, who amended Constitution only for the benefit of Dalits, backwards, tribals and economically weaker sections.

Amit Shah said, those who are openly displaying the copy of the Constitution do not understand its real spirit. On Rahul Gandhi’s assertion that the Congress would work towards removing the maximum 50 per cent cap on reservation, Shah warned that the Congress wants to give reservation to Muslims. “As long as BJP has even one MP in Parliament, we will not allow any reservation on the basis of religion”, Shah said. “They want to give reservation to Muslims by increasing the cap of 50 per cent, but we will not allow that, at any cost”, he added.

Shah challenged the Congress to clarify if it supported Muslim Personal Law in a secular country like India. “If so”, he said, “why don’t you bring Shariah law which provides for chopping off hands of thieves and stoning people to death?”.

Amit Shah said, BJP would bring uniform civil code in every state, on the lines of Uttarakhand, and this model law will be enacted in all states through democratic process. He blamed the nation’s first Prime Minister Jawaharlal Nehru for bringing Muslim Personal Law instead of Uniform Civil Code, which was favoured by the maker of the Constitution Dr B R Ambedkar. “This”, he said, “marked the beginning of appeasement politics in India and was followed by Rajiv Gandhi who rejected the Supreme Court’s Shah Bano case judgement to amend Muslim Personal Law.”

On the contrary, Narendra Modi, Amit Shah said, amended the Constitution to give 33 per cent seats to women in Parliament and state legislatures, gave 10 per cent reservation to economically weaker sections among upper castes, and granted statutory status to Backward Classes Commission.

The Home Minister specifically targeted the Congress in his speech. In a lighter mood, he gave Congress the formula to win elections. Shah said, Congress can win only if casts off dynastic politics, appeasement of minorities and corruption in governance. This was Amit Shah’s sharpest attack on the Congress. BJP had all along been projecting itself as different from Congress on these three points.

In another striking comparison, Amit Shah explained the difference between why Congress amended the Constitution and how Modi amended it. Congress, he said, always amended the Constitution to save its “kursi” (throne), while Modi amended it for the betterment of the poor and backward classes.

One must try to understand the examples cited by Amit Shah. He said, Congress amended the Constitution to put curbs on freedom of speech and expression and to trample the fundamental rights of citizens. Shah is corrected. The black days of Emergency were witness to such amendments. Shah replied to three main allegations that have been levelled against the BJP in recent weeks.

On Rahul Gandhi’s allegation that BJP wants to change the Constitution and end reservations, Shah cited examples of how Modi government amended Constitution to give more rights to the poor and backward sections.

On the second allegation that BJP indulges in vote bank politics and harasses Muslims, Amit Shah mentioned the Shah Bano case judgement rejected by Rajiv Gandhi’s government and the Triple Talaq Abolition law enacted by Modi. He said, it was the Congress which robbed Muslim women of their post-divorce maintenance rights, whereas Modi gave Muslim women protection by abolishing Triple Talaq.

The third allegation levelled by opposition was BJP wins elections by tampering with electronic voting machines. Shah replied that assembly poll results of Maharashtra and Jharkhand came on the same day. In Maharashtra, the BJP-led coalition swept the elections, while JMM-led coalition won the Jharkhand polls. “How can EVMs be good in one state and bad in another state?”, Shah asked. Opposition leaders are not going to leave the EVM issue, because on Tuesday itself, Shiv Sena (UBT) chief Uddhav Thackeray described Devendra Fadnavis’ government as “EVM sarkar”.

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अमित शाह ने काँग्रेस को आईना कैसे दिखाया

AKBअमित शाह ने राज्य सभा में कांग्रेस को आईना दिखाया. संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस संविधान विरोधी, आरक्षण विरोधी और गरीब विरोधी है. शाह ने कहा, कांग्रेस ने सत्ता का इस्तेमाल सिर्फ एक परिवार के लिए किया, संविधान को सिर्फ एक परिवार की इच्छा के हिसाब से तोड़ा मरोड़ा गया, जबकि नरेन्द्र मोदी ने संविधान में बदलाव, देश के विकास के लिए, गरीबों, दलितों, पिछड़ों को उनका हक़ देने के लिए किए.
अमित ने शाह ने कहा जो लोग आज संविधान की कॉपी लहराते घूम रहे हैं, वो आज भी संविधान की भावना को नहीं समझते. अमित शाह ने उन सारे आरोपों का जवाब दिया जो कांग्रेस के नेताओं ने चर्चा के दौरान लगाए. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेता आज आरक्षण की सीमा पचास प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनकी असली मंशा धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने की है, लेकिन बीजेपी ऐसा कभी नहीं होने देगी, क्योंकि धर्म के आधार पर आरक्षण संविधान के खिलाफ है.
अमित शाह ने कहा, कांग्रेस ने संविधान में बोलने की आजादी कम करने का संशोधन किया, मौलिक अधिकारों में कटौती के लिए संशोधन किया, चुनाव हारने की आशंका के कारण विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाने के लिए संशोधन किया, अपनी कुर्सी बचाने के लिए प्रधानमंत्री के कामों की न्यायिक जांच पर रोक लगाने के लिए संशोधन किया, जबकि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने “एक देश एक टैक्स” (जीएसटी) के लिए संविधान में संशोधन किया, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण के लिए संशोधन किया, गरीबों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संशोधन किया.
अमित शाह ने कहा कि ये सारे उदाहरण देखने के बाद कोई भी समझ सकता है कि संविधान को लेकर कांग्रेस की मंशा और नरेन्द्र मोदी की नीयत में क्या फर्क है. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अपनी पुरानी मानसिकता से उबर नहीं पाई है, आज भी वो सामान नागरिक संहिता का विरोध कर रही है लेकिन बीजेपी लोकतांत्रिक तरीके से कॉमन सिविल कोड सभी राज्यों में लाएगी.
अमित शाह के निशाने पर मुख्य रूप से कांग्रेस थी. अमित शाह ने कांग्रेस को चुनाव जीतने का फॉर्मूला बताया. कहा कि अगर कांग्रेस परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को छोड़ दे, तो जनता उसे वापस ला सकती है. ये अमित शाह का कांग्रेस पर अब तक का सबसे करारा हमला था क्योंकि बीजेपी इन्हीं तीन बातों के आधार पर अपने आप को कांग्रेस से अलग बताती है.
अमित शाह ने दूसरा काम ये किया कि उदाहरण देकर, तुलना करके ये बताया कि कांग्रेस ने जब जब संविधान में संशोधन किए तो उसका उद्देश्य कुर्सी बचाना था और जब जब मोदी सरकार ने संशोधन किए तो मकसद गरीबों और पिछड़ों को ज्यादा अधिकार देने का था.
अमित शाह ने जो उदाहरण दिए, उन्हें समझने की जरूरत है. अमित शाह ने गिनाया कि कांग्रेस ने संविधान में जो संशोधन किए, वो अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगाने के लिए थे, आम नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनने के लिए थे. अमित शाह की ये बात सही है और इमरजेंसी के काले दिन इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं.
संविधान को लेकर बीजेपी पर तीन तरह के आरोप लगाए जाते हैं. अमित शाह ने इन तीनों का जवाब दिया.
एक तो राहुल गांधी बार बार संविधान की कॉपी लहराकर कहते हैं कि बीजेपी संविधान को बदलना चाहती है, आरक्षण को खत्म करना चाहती है. अमित शाह ने एक के बाद एक कई उदाहरण गिनाए, बताया कि मोदी सरकार ने पिछड़ों और गरीबों को अधिकार देने के लिए संविधान में कैसे बदलाव किया.
दूसरा आरोप ये लगता है कि बीजेपी वोटबैंक की राजनीति करती है, मुसलमानों को परेशान करती है. इसके जवाब में अमित शाह ने शाह बानो केस और तीन तलाक कानून का उदाहरण दिया. उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने मुस्लिम महिलाओं का हक़ छीना और बीजेपी ने मुस्लिम महिलाओं को उनका हक़ दिलाया, तीन तलाक से मुक्ति दिलाई.
तीसरा आरोप बीजेपी पर ये लगाया जाता है कि वो EVM में गड़बड़ी करके चुनाव जीतती है. इसका भी अमित शाह ने स्पष्ट जवाब दिया. अमित शाह ने उदाहरण देकर पूछा, एक ही दिन में दो राज्यों के चुनाव के नतीजे आए, महाराष्ट्र में EVM खराब और झारखंड में EVM अच्छी कैसे हो सकती है? हालांकि अमित शाह के जवाब के बाद भी विपक्ष के नेता ये मुद्दा छोड़ेगें नहीं क्योंकि मंगवार को ही उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में देवेन्द्र फणनवीस की सरकार को EVM की सरकार कह दिया.

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योगी: जो किया वो कहा, जो कहा वो किया

AKB30 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना न तो सांप्रदायिक है, न ये भड़काऊ है. किसी जगह पर भगवा झंडा लगाना भी कोई गुनाह नहीं हैं. योगी ने कहा कि अगर मुहर्रम का जुलूस कहीं से भी निकल सकता है, तो रामनवमी की शोभायात्रा, हनुमान जयन्ती शोभायात्रा या मूर्ति विसर्जन का जुलूस भी कहीं से गुजर सकता है. ये कहना गलत है कि मस्जिद के सामने से जुलूस क्यों निकाला गया.

योगी ने कहा कि बिना जाति या मजहब देखे सभी नागरिकों को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन अगर कोई किसी धार्मिक यात्रा पर पत्थर फेंकता है तो एक-एक पत्थरबाज को पकड़ना, उसे सजा दिलवाना भी सरकार का काम है और उनकी सरकार ये काम पूरी प्रतिबद्धता के साथ करेगी.

योगी ने कहा कि ये देश बाबर या ओरंगजेब के रास्ते पर नहीं, राम, कृष्ण और बुद्ध के आदर्शों पर ही चलेगा. योगी ने कहा संभल का सच अब धीरे धीरे बाहर आ रहा है. संभल में 46 साल से बंद पड़ा मंदिर खुल गया है. प्राचीन कुंए अब सामने आ गए हैं. अब संभल में दंगा करने वाले एक भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा.

असल में संभल के बहाने योगी ने विधानसभा में उन सारे सवालों के जबाव दे दिए, जो कहीं भी सांप्रदायिक हिंसा के बाद तथाकथित सेक्युलरवादियों की तरफ से उठाए जाते हैं. बहराइच में दंगा हुआ, रामगोपाल मिश्र की मौत हुई, तो कहा गया कि हिन्दू जुलूस लेकर मस्जिद के सामने से क्यों गुजरे? मुस्लिम बहुल इलाके में क्यों गए? मस्जिद के सामने डीजे क्यों बजाया? मस्जिद के सामने जयश्रीराम के नारे क्यों लगाए? मस्जिद के सामने भगवा झंडा क्यों लहराया? ये सवाल संभल में हुई हिंसा के बाद भी पूछे गए.

सोमवार को योगी ने सारे सवालों के साफ साफ जबाव दिए. लेकिन सवाल ये है कि योगी को इतनी साफ और स्पष्ट बात क्यों कहनी पड़ी? क्या संभल और बहराइच की हिंसा ने योगी को बोलने पर मजबूर किया? समाजवादी पार्टी के नेताओं ने ऐसा क्या कहा जिसके कारण योगी ने कह दिया कि ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द बाबा साहब अंबेडकर के बनाये संविधान में नहीं था.

योगी ने करीब एक घंटे तक सदन में विपक्ष को करारे जवाब दिए. बिना लाग लपेट के साफ-साफ बात की. योगी ने कहा कि ये देश श्रीराम, कृष्ण और भगवान बुद्ध का देश है, उन्हीं के रास्ते पर चलेगा.

योगी ने पूछा कि ‘जय श्रीराम’ का नारा सांप्रदायिक कब से हो गया? हिन्दू तो जन्म से लेकर मृत्यु तक प्रभु राम का नाम लेते हैं, सुबह से लेकर शाम तक राम-राम करते हैं इसलिए अगर कोई जय श्रीराम के नारे को सुनकर भड़कता है, इसका मतलब है उसकी नीयत खराब है.

योगी ने कहा कि मुसलमानों के मजहबी जुलूस भी मंदिरों के सामने से गुजरते हैं, उनमें मजहबी नारे भी लगते हैं लेकिन तब तो हिंसा नहीं होती. योगी ने कहा कि मंदिरों के सामने से मुसलमानों के मजहबी जुलूस शान्ति से गुजरें और मस्जिद के सामने से कोई यात्रा निकले तो हिंसा हो,इसे कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है?

योगी ने कहा कि संभल की हकीकत तो अब खुद-ब-खुद सामने आ रही है, मंदिर भी मिल गया है, पुराने कुंए भी मिल रहे हैं, कुंओं से मूर्तियां भी निकल रही हैं. योगी ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुसलमानों भी अपनी जड़ों की तरफ लौट रहे हैं और संभल में जो हुआ, उसके पीछे यही वजह है. योगी ने कहा कि संभल में तुर्क बनाम पठान का खेल चल रहा है.

आम तौर पर हमारे देश के नेता जो कहते हैं, वो करते नहीं हैं. कथनी और करनी में फर्क होता है, लेकिन योगी आदित्यनाथ जो कहते हैं, वो करते हैं, और जो करते हैं, उसे डंके की चोट पर कहते भी हैं. यही बात योगी आदित्यनाथ को दूसरे नेताओं से अलग बनाती है. इसीलिए आज योगी ने उन सारे सवालों के जवाब दिए, जो उनसे बार बार पूछे जाते हैं. जैसे, क्या योगी हिंदुत्व का एजेंडा चलाते हैं? क्या योगी मुसलमानों की संपत्ति पर बुलडोजर चलवाते हैं? क्या हिंदू, मस्जिदों के सामने DJ बजाते हैं और उन्हें कोई कुछ नहीं कहता? क्या हिंदू दंगे करवाते हैं ? क्या जय श्रीराम कहना गुनाह है? क्या भगवा झंडा लहराना अपराध है?

योगी ने हर सवाल का साफ साफ जवाब दिया. अपनी नीति और नीयत दोनों का खुलासा किया. योगी ने कहा कि भारत की परंपरा बाबर और औरंगजेब की नहीं है, राम, कृष्ण और बुद्ध की है.

योगी ने कहा मुसलमानों का जुलूस उन इलाकों से शांतिपूर्ण तरीके से निकलता है,जहां ज्यादा हिंदू रहते हैं, लेकिन जब हिंदुओं की शोभायात्रा मस्जिद के सामने से गुजरती है, तो उसपर पत्थर फेंके जाते हैं. इसलिए शांति और व्यवस्था भंग होती है.

योगी ने ये भी साफ किया कि उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की जो भी कार्रवाई होती है, वो सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के आधार पर होती है, उसमें हिंदू मुसलमान में कोई फर्क नहीं किया जाता.

योगी ने बाबरनामा का जिक्र किया, अल्लामा इकबाल की शायरी की बात की. अल्लाहो अकबर के नारे की बात की और कहा कि अब यूपी में बंदूक की नोंक पर कोई अपनी बात नहीं मनवा सकता.

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On Hindutva, riots : Yogi at his vintage best

AKB30 Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath on Monday did not mince words in the Assembly, when he said, ” Chanting of ‘Jai Sri Ram’ is neither communal, nor provocative, but a symbol of faith.” He said, “People in India often greet each other with ‘Ram Ram’, and even during funeral procession, ‘Ram Naam Satya Hai’ is chanted..Nothing can happen in India without Ram. Then how can you (opposition) call ‘Jai Sri Ram’ slogan communal?”

This was vintage Yogi at his best. He raised a basic question. “If a Muharram procession can pass through any locality peacefully, then why can’t a Ramnavami or Hanuman Jayanti procession or idol immersion procession pass through a Muslim locality in peace? It is the duty of the government to provide security to all irrespective of religion. But if people start throwing stones, then it is also the responsibility of our government to catch every stone thrower and give punishment.” Yogi said, “India shall be run by the ideals of Ram, Krishna and Buddha, and not by the paths of Babur and Aurangzeb.”

On the Sambhal riots, Yogi said, truth is now coming out. A temple in Sambhal was reopened after 46 years on Monday and broken idols were found inside a well. Yogi said, “the Muslims of western U.P. now want to go back to their roots. In Sambhal, it is a fight between Muslims of Turkish ancestors and Pathans.”

Normally, I find, politicians in India do not do as they say in public. There is often a difference in what they say in public and what they do. Yogi is a politician of a different mettle. He says what he does, and he does what he says. This makes Yogi stand apart from other politicians. Yogi replied to all questions that have been raised frequently. Like, Is Yogi working on Hindutva agenda? Does Yogi’s government order use of bulldozers against Muslim properties only? Are Hindus deliberately allowed to play DJ music at loud volume outside mosques? Do Hindus have a hand in communal riots? Is chanting of Jai Sri Ram a crime? Is hoisting saffron flag a crime?

Yogi’s answers were quite clear. He made his “neeti”(policy) and “neeyat”(intent) quite clear. He did not mince words to say that India’s culture and traditions do not belong to Babur and Aurangzeb, but to Ram, Krishna and Buddha. He explained how use of bulldozers in UP is being done as per Supreme Court’s guidelines and no differentiation is made between Hindus and Muslims. Yogi quoted Baburnama and Allama Iqbal’s poetry, and said, the days are gone, when people used to force their ideas on others at gunpoint.

On the death of five Muslims in Sambhal violence on November 24, Yogi gave details on how 209 Hindus died in riots in Sambhal from 1948 till 2024. In the 1978 riots in Sambhal, 184 Hindus were killed, but none of the so-called secular parties demanded justice for Hindus. Yogi said, during Samajwadi Party’s rule, there were riots between even Shias and Sunni Muslims, but during BJP’s rule, this has come to an end. The matter in Sambhal has now gone beyond temple-moque dispute. Demographic statistics say, in 1947, there were 45 per cent Hindus in Sambhal, but now hardly 15 per cent Hindus stay in that town. Statistics say, a large number of Hindus migrated from Sabhal after the 1978 riots, and local Muslims bought Hindu properties at throwaway prices. Temples in Hindu locality were demolished. The truth has now tumbled out after broken idols were found from inside the well of a temple that was reopened after 46 years.

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अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी : सुपर स्टार से मिर्ची किस को लगी ?

AKB30 सुपरस्टार अल्लू अर्जुन को जिस तरह गिरफ्तार किया गया, वह चौंकाने वाला है. ‘पुष्पा 2′ के हीरो पर जिस तरह की गैर-जमानती धाराएं लगाई गईं, वो हैरान करने वाली हैं. अल्लू अर्जुन को जेल भेजने में जिस तरह की तेजी दिखाई गई, वो शक पैदा करने वाली है. ऐसा लगा जैसे किसी सुपर पावर की सुपरस्टार से निजी दुश्मनी है.
ये सही है कि जिस थिएटर में ‘पुष्पा 2′ फिल्म दिखाई जा रही थी, वहां एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ, जिसमें एक महिला दर्शक की भगदड़ में मौत हो गई और कई दर्शक ज़ख्मी हो गए.
लेकिनपुलिस तो ऐसे दिखा रही है जैसे अल्लू अर्जुन उस थिएटर की सिक्योरिटी के इंचार्ज थे.
अल्लू अर्जुन का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है. उन्होंने पुलिस से प्रीमियर के लिए अनुमति ली थी. फिर उनके साथ ये क्यों हुआ? ये सवाल गंभीर है.
क्या अल्लू अर्जुन का कसूर ये है कि उनकी फिल्म अब तक की सबसे बड़ी हिट है? क्या उनकी गलती ये है कि ‘पुष्पा 2′ ने 1000 करोड़ रु. का कारोबार किया है? क्या उनका गुनाह ये है कि जब वो थिएटर में दर्शकों का रिएक्शन देखने गए तो वहां ज़बरदस्त भीड़ थी और लोग बेकाबू हो गए? क्या उनका गुनाह ये है कि अल्लू अर्जुन की लोकप्रियता इस समय टॉप पर है?
अगर हाईकोर्ट समय रहते शुक्रवार को अन्तरिम जमानत न देता, तो अल्लू अर्जुन को बिना किसी कसूर के जेल में रहना पड़ता. इसका पब्लिक पर रिएक्शन हो सकता था. अगर उनके फैंस सड़कों पर उतर आते, कानून व्यवस्था बिगड़ जाती तो कौन जिम्मेदार होता?
आम तौर पर लोकप्रिय हस्तियों के मामले में कोई भी सरकार सोच समझकर काम करती है लेकिन अल्लू अर्जुन के मामले में जानबूझकर ऐसा क्यों किया गया, ये एक रहस्य है, जिसका सच सामने आना जरूरी है.

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Allu Arjun’s arrest is a mystery : Truth must come out

AKB30 The manner in which Telugu superstar Allu Arjun was dramatically arrested, spent the whole night in Hyderabad’s Chanchalguda prison, before being released on Saturday morning on interim bail, is indeed shocking.

Hyderabad Police slapped non-bailable provisions in its FIR against the ‘Pushpa 2′ hero. It should not have done so. The rapid pace in which Allu Arjun was arrested, produced before a local court that sent him to 14 days’ judicial custody, and then whisked away to prison, raises doubts in the minds of people. It appears there was some personal rivalry between a ‘super power’ and a ‘super star’.

The stampede that took place on December 4 at Sandhya theatre at the premier of the movie ‘Pushap 2 : The Rule’, which the star attended, resulted in the death of a 39-year-old female fan, Revathi. On Friday, police arrested Allu Arjun from his residence and took him to a police station.

Hyderabad Police says, it filed a case under BNS section 105 (punishment for culpable homicide not amounting to murder) and 118(1) read with 3(5) (voluntarily causing hurt or grievous hurt) based on the complaint of the family members of Revathi. A senior DCP said, “stringent action as per law will be taken against all persons responsible for the chaotic situation inside the theatre leading to the death of a person and injury to others.”

It was no doubt an unfortunate tragedy, but Hyderabad Police is trying to show as if Allu Arjun was incharge of security at the theatre. Allu Arjun has no past criminal record. He had taken permission in advance from the police for holding the premiere. Then why was he arrested and sent to jail? It is a serious question.

Was it Allu Arjun’s crime that his latest movie was a big hit? Was it is his guilt that ‘Pushpa 2′ movie did Rs 1,000 crore business? Was it his crime that when he went to the theatre to watch the reactions of cinegoers, there was a huge crowd that went out of control? Was it his crime that his popularity rating is right now on top of the charts?

Had the Telangana High Court not taken step at the right time and granted him interim bail on Friday, Allu Arjun would have remained incarcerated for no guilt of his. This could have caused a huge reaction among the public and lakhs of fans would have come out on the streets. Law and order situation would have deteriorated. Who would have then taken the responsibility?

Normally, any government takes well considered steps in cases relating to popular public figures, but it appears, in Allu Arjun case, steps were taken in a hurry. This is a mystery. Truth must come out.

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