प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर दुनिया भर से बधाई संदेश आए. सबसे पहले आधी रात को फोन आया अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का. ट्रंप Air Force One से ब्रिटेन जा रहे थे और प्लेन से ही मोदी को फोन करके बधाई दी.
जवाब में मोदी ने Thank you my friend Trump कहा. ट्रंप के फौन कॉल की सबसे अहम बात ये थी कि उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के प्रयास में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया. ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने में मोदी की मदद मांगी.
मोदी और ट्रंप के बीच फ़ोन पर बातचीत 3 महीने बाद हुई. इससे पहले दोनों नेताओं ने 17 जून को तब फ़ोन पर बात की थी जब प्रधानमंत्री G7 outreach summit में हिस्सा लेने के लिए कनाडा गए थे. कनाडा में मोदी और ट्रंप की मुलाक़ात होनी थी लेकिन किसी कारणवश जल्दी अमेरिका लौट गए थे जिसके बाद ट्रंप और मोदी की बात फ़ोन पर हुई थी.
मोदी के जन्मदिन पर ट्रंप का फ़ोन करना इसलिए भी अहम है, क्योंकि ट्रंप ने जुलाई में प्रधानमंत्री से बात करने की कोशिश की थी लेकिन ceasefire पर बार-बार ट्रंप की बयानबाजी से नाराज़ मोदी ने ट्रंप की call receive नहीं की थी.
अगस्त में ट्रंप ने भारत पर 50% tariff लगा दिया था तो रिश्ते और बिगड़े. लेकिन जब मोदी SCO summit में हिस्सा लेने चीन गए, वहां पुतिन और शी जिंगपिंग से मिले. इन तस्वीरों की चर्चा पूरी दुनिया में हुई. इसके बाद ट्रंप का रुख़ बदला. ट्रंप ने भारत को सबसे भरोसेमंद partner कहा और trade deal पर भारत से बात फिर से शुरू हो गई.
ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को जल्द खत्म कराना चाहते हैं. बुधवार की call से लगा कि ट्रंप इस मामले में मोदी से मदद लेना चाहते हैं. वो जानते हैं कि मोदी के पुतिन से अच्छे संबंध हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने भी फोन करके मोदी को जन्मदिन की बधाई दी. सिर्फ पुतिन ही नहीं, इटली, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इज़राइल के प्रधानमंत्री जैसे कई विश्व नेताओं ने भी प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन पर बधाई दी.
जो लोग कुछ दिन पहले मोदी की विदेश नीति को fail बता रहे थे, उन्हें अब समझ आ गया होगा कि दुनिया झुकती है, झुकाने वाला चाहिए.
जो लोग ट्रंप और मोदी के रिश्ते खराब होने पर जश्न मना रहे थे, उनकी उम्मीदों पर ट्रंप ने पानी फेर दिया.
जो लोग शी जिनपिंग और मोदी के टूटे हुए रिश्तों की दुहाई देकर मोदी को कमजोर बताने लगे थे, शी जिनपिंग ने उनके जश्न की हवा निकाल दी. विदेश नीति के जो स्वयंभू experts भारत को दुनिया में अगल-थलग बता रहे थे, आज पुतिन, नेतनयाहू, अल्बनीज़, मेलोनी जैसे नेताओं के मोदी को भेजे गए व्यक्तिगत संदेश देखकर परेशान हुए होंगे. उनकी आंखें खुल गई होंगी.
भारतीय मूल के लोग दुनिया के जिस भी हिस्से में रहते हैं, वे इस बात के गवाह हैं कि दुनिया के हर मुल्क में भारत के लोगों की इज्जत में इजाफा हुआ है. इसका पूरा श्रेय नरेंद्र मोदी को जाना चाहिए.
दुबई में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम का फ्लॉप ड्रामा
एशिया कप में UAE के साथ बुधवार को मैच शुरू होने से पहले पाकिस्तान ने जमकर ड्रामा किया. पहले पाकिस्तान ने UAE के साथ मैच खेलने से इंकार कर दिया. फिर बड़े बेआबरू होकर अपने खिलाड़ियों को मैदान में भेज दिया.
असल में पाकिस्तान ने दो बार चिठ्ठी लिखकर ICC से मैच रैफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग की थी. साथ में धमकी दी थी कि अगर मैच रैफरी को नहीं हटाया गया तो पाकिस्तान टूर्नामेंट से हट जाएगा. लेकिन ICC ने दोनों बार पाकिस्तान की मांग ठुकरा दी, मैच रैफरी को हटाने से इंकार कर दिया.
इसके बाद जब पाकिस्तान की टीम होटल से स्टेडियम के लिए रवाना हो रही थी, उसी वक्त लाहौर से फोन आ गया. पाकिस्तान के खिलाड़ी बस से उतर कर वापस होटल में चले गए. दावा किया गया कि पाकिस्तान दुबई के साथ मैच नहीं खेलेगा क्योंकि इससे पहले मैच में टीम इंडिया ने पाकिस्तानी टीम की बेइज्जती की थी. इसके लिए मैच रैफरी एंडी पायक्रॉफ्ट जिम्मेदार है. पायक्रॉफ्ट ही UAE के साथ होने वाले मैच में रेफरी थे.
टीम इंडिया ने एशिया कप में पाकिस्तान को ऐसा दर्द दिया है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी अब तक रो रहे हैं.
शाम साढ़े सात बजे पाकिस्तान का UAE के साथ मैच शुरू होना था. शाम छह बजे पाकिस्तान की टीम स्टेडियम जाने के लिए तैयार थी. टीम का सामान बस में रखा जा चुका था लेकिन अचानक लाहौर से फोन आया और खिलाडियों को होटल में रूकने के लिए कहा गया. जैसे ही ये खबर पाकिस्तानी फैन्स को मिली तो वो नाराज हो गए. इसके बाद एक घंटे तक सस्पेंस रहा. कुछ देर के बाद पाकिस्तानी टीम को स्टेडियम पहुंचने को कहा गया और टीम ठीक आठ बजे स्टेडियम पहुंच गई.
फज़ीहत होने के बाद अब PCB के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने दावा किया कि मैच का बॉयकॉट करने से बात बहुत ज्यादा बढ़ जाती, इसलिए पाकिस्तान ने लचीला रूख अपनाया. मोहसिन नकवी ने कहा कि पाकिस्तान जो चाहता था, मिल गया, इसलिए टीम को मैदान में उतारा गया.
पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष रमीज़ राज़ा तो दो कदम आगे बढ़ गए. उन्होंने आरोप लगाया दिया कि एंडी पायक्रॉफ्ट को ही भारत के मैचों में रैफरी बनाया जाता है, ये ठीक नहीं है. क्रिकेट बोर्ड के एक और पूर्व अध्यक्ष नजम सेठी ने एक और झूठ बोला. नजम सेठी ने कहा कि पाकिस्तान ने एंडी पाईक्राफ्ट से माफ़ी मांगने की डिमांड की थी और पायक्राफ्ट ने पूरी पाकिस्तानी टीम से माफी मांग ली.
खास बात ये है कि जिन एंडी पायक्रॉफ्ट को हटाने के लिए पाकिस्तान ने इतना ड्रामा किया, उन्ही एंडी पायक्रॉफ्ट ने बुधवार के मैच में टॉस करवाया, वही मैच रैफरी थे.
अब पाकिस्तान ये दावा कर रहा है कि पायक्रॉफ्ट ने माफी मांग ली, इसलिए पाकिस्तान मैच खेलने पर राजी हुआ, लेकिन ये सब सफेद झूठ है.
हकीक़त ये है कि पाकिस्तान की हर शर्त खारिज़ कर दी गई.
पहले पाकिस्तान ने एंडी पायक्रॉफ्ट को पूरे एशिया कप से हटाने की मांग की जिसे ठुकरा दिया गया.
फिर उन्हें पाकिस्तान के मैचों से हटाने की मांग की गई, इसे भी नहीं माना गया और अब एंडी पायक्रॉफ्ट के रैफरी रहते ही पाकिस्तान के खिलाड़ियों ने मैच खेला.
भले ही पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अफसर कितना भी शोर मचाएं, लेकिन सच्चाई यही है कि पाकिस्तान एशिया कप का बॉयकॉट करने का फैसला करने की हिम्मत नहीं कर सकता था क्योंकि PCB के लोग जानते हैं कि एशिया कप का बॉ़यकॉट करने से पाकिस्तान को 16 मिलियन डॉलर यानि एक सौ चालीस करोड़ रु. की चपत लगती है, जुर्माना लगता सो अलग. और पाकिस्तान पाई-पाई को मोहताज है, वो कंगाली में इतनी बड़े नुकसान को नहीं सह सकता. इसीलिए पाकिस्तान ने इज्जत बचाने के लिए इतना ड्रामा रचा.
Get connected on Twitter, Instagram & Facebook