क्रिसमस के मौके पर आम आदमी पार्टी की तरफ से एक AI जनरेटेड वीडियो जारी किया गया जिसमें केजरीवाल को सेंटा बनाया गया, जो दिल्ली में घूम-घूम कर लोगों को क्रिसमस के तोहफे बांट रहे हैं. चूंकि आम आदमी पार्टी ने चुनाव के बाद महिलाओं को हर महीने 2100 रूपए देने का वादा किया है, इसलिए इस वीडियो में केजरीवाल महिलाओं को 2100 रूपए का गिफ्ट देते हुए दिख रहे हैं.
लेकिन केजरीवाल को लेने के देने पड़ गए. दिल्ली सरकार ने महिलाओं को 2100 रूपए देने और 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज वाले स्कीम को पूरी तरह फर्जी बता दिया. इस स्कीम के लिए जो कार्ड बनवाए जा रहें हैं, फॉर्म भरवाए जा रहे हैं, उसे फ्रॉड बताया है.
असल में केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी सिंह गली-गली में घूम कर जिस महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना के फॉर्म भरवा रहे थे, कार्ड बना रहे थे, उन्हीं योजनाओं को दिल्ली सरकार ने फर्जी बता दिया. आम आदमी पार्टी सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने दिल्ली के सभी अखबारों में एक नोटिस जारी करके लोगों से इस तरह की धोखाधड़ी से सावधान रहने की अपील की. लोगों से कहा है कि ये पब्लिक का डेटा इक्कठा करने की कोशिश है, सरकार ने ऐसी किसी योजना को मंजूरी नहीं दी है, इसलिए इस तरह के झांसे में न आएं, कोई फॉर्म न भरें, वरना मुश्किल में पड़ सकते हैं. आपके दस्तावेजों और पर्सनल जानकारी का दुरूपयोग हो सकता है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने भी एक विज्ञापन जारी किया और साठ साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों के लिए मुफ्त इलाज के दावों को फर्जी करार दिया.
दोनों विज्ञापनों में कहा गया कि दिल्ली सरकार ने इस तरह की कोई योजनाएं शुरु नहीं की हैं, जब इस तरह का फैसला होगा, कोई स्कीम शुरु होगी, तब बाकायदा नोटिफिकेशन आएगा, लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी, लेकिन अभी इस योजना के नाम पर जो कैंप लगाए जा रहे हैं, जो पर्नसल डेटा लिये जा रहे हैं, वो गलत है, गैरकानूनी और फ्रॉड है.
जैसे ही दिल्ली सरकार के विज्ञापन सामने आए, तो बीजेपी को मौका मिला. बीजेपी के नेताओं ने केजरीवाल और उनकी सरकार पर हमले किए. विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अब तो आम आदमी पार्टी की सरकार ही कह रही है कि केजरीवाल लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं, लोगों का पर्सनल और फाइनेंशियल डेटा इक्कठे कर रहे हैं, इसलिए इस मामले की जांच वैसे ही होनी चाहिए जैसे किसी आर्थिक अपराध या धोखाधड़ी की होती है.
इस मामले में केजरीवाल बैकफुट पर आ गए. अगर जनता उनके वादे पर भरोसा करके रजिस्ट्रेशन करवा रही है तो इसमें गलत क्या है. बड़ी बात ये हैं कि सीएम आतिशी खुद केजरीवाल के साथ घूम घूम कर योजनाओं के फॉर्म भरवा रही हैं और उनकी ही सरकार के दो विभाग इन योजनाओं के तहत रजिस्ट्रेशन को फ्रॉड बता रहे हैं. इसलिए आतिशी सिंह ने सफाई दी और कहा कि ये सब बीजेपी की चाल है, बीजेपी ने अफसरों पर दबाव डाल कर इस तरह का विज्ञापन जारी करवाया है. वो दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी.
कांग्रेस भी मैदान में आई. कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि केजरीवाल और बीजेपी में कोई फर्क नहीं हैं, दोनों पार्टियां दिल्ली के लोगों को धोखा दे रही हैं. कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ श्वेत पत्र जारी किया. अजय माकन ने कहा कि केजरीवाल एक नंबर के झूठे हैं, उनकी कोई विचारधारा नहीं हैं, वह सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं.
केजरीवाल के 2100 रुपये के वादे का मामला दिलचस्प है. केजरीवाल महिलाओं और बुजुर्गों से वादा कर रहे हैं, फॉर्म भरवा रहे हैं, लेकिन उनकी पार्टी की ही सरकार ने इन योजनाओं को फर्जी करार दे दिया. ये कैसे हुआ, ये समझने की बात है. दिल्ली की अफसरशाही उपराज्यपाल के अधीन है. केजरीवाल ने सबको बायपास करके योजनाओं का ऐलान किया. उपराज्यपाल ने गुगली फेंक दी, अखबारों में इस स्कीम को फर्जी बताने वाले विज्ञापन छपवा दिए.
दूसरी तरफ केजरीवाल को पूरा भरोसा है कि महाराष्ट्र के चुनाव में लाडली बहन योजना ने बीजेपी को जिता दिया, मोदी की आयुष्मान योजना से बीजेपी को लाभ मिला, इसीलिए दिल्ली में उन्होंने ये कार्ड चला. केजरीवाल का ये फॉर्मूला गुजरात में काम कर गया था. केजरीवाल ने गुजरात के चुनाव से पहले महिलाओं को हर महीने दो हजार रूपए देने का वादा किया था. इसी तरह कैंप लगाकर फॉर्म भरवाए थे. गुजरात में आम आदमी पार्टी को 14 प्रतिशत वोट मिले थे.
आम आदमी पार्टी का दावा है कि दिल्ली में महिला सम्मान योजना के लिए 22 लाख महिलाएं और संजीवनी योजना के लिए करीब दो लाख बुजुर्ग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. इस बात को लेकर बीजेपी को टेंशन हो गई.
बीजेपी को महिलाओं के वोट खिसकने का डर होने लगा. इसका एक सबूत बुधवार को ही मिल गया. बीजेपी नेता प्रवेश वर्मा ने महिलाओं को घर बुला कर 11-11 सौ रूपए बांटे. प्रवेश वर्मा नई दिल्ली से अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, इसीलिए उन्होंने महिलाओं के वोट के लिए केजरीवाल का फॉर्मूला अपनाया.
प्रवेश वर्मा के 20, विंडसर पैलेस वाले बंगले पर सुबह महिलाओं की भीड़ लग गई. वे अपना वोटर कार्ड लेकर पहुंच गईं. इंडिया टीवी संवाददाता ऐसी कई महिलाओं से मिले, उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने यहां आने को कहा था.जो महिलाएं निकलीं, उनके हाथ में एक फोल्डर था, जिसमें लाडली योजना का कार्ड और एक लिफाफा था. लिफाफे में 1100 रूपए थे. इन महिलाओं ने कहा कि प्रवेश वर्मा ने कहा है कि अभी तो सिर्फ 1100 रूपए दे रहे हैं, अगर दिल्ली में बीजेपी की सरकार आई तो लाडली बहना योजना के तहत हर महीने खाते में 2500 रूपए आएंगे.
सीएम आतिशी सिंह ने आरोप लगाया कि प्रवेश वर्मा के घर अब भी करोड़ों रूपये पड़े हैं और ED या CBI को उनके घर पर छापा मारना चाहिए, उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए.
प्रवेश वर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने एक NGO बनाया था, उस NGO की और से वह गरीब और जरूरतमंदों की मदद कर रहे थे.
सबसे आखिर में अरविन्द केजरीवाल अपने तुनाव क्षेत्र में महिला वोटरों से मिलने पहुंच गए, उन्हें समझाया कि दूसरी पार्टी वाले 1100 रूपये दे रहे हैं, उनसे नोट ले लेना लेकिन वोट मत देना.
महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना के मुद्दे पर केजरीवाल अपने ही जाल में फंस गए थे. उनके पास अपनी ही सरकार के विज्ञापन पर कोई जवाब नहीं था लेकिन प्रवेश वर्मा ने महिलाओं को 1100 रूपए के लिफ़ाफ़े बांट कर केजरीवाल को escape route दे दिया. महिलाओं और बुजुर्गों से फॉर्म भरवा कर केजरीवाल ने वोटर्स को लालच देने की कोशिश की और प्रवेश वर्मा ने भी वही काम किया. केजरीवाल से ज्यादा खुल्लमखुल्ला तरीके से किया.
महिलाओं के वोट केजरीवाल को भी चाहिए और प्रवेश वर्मा को भी. लेकिन केजरीवाल पुराने खिलाड़ी हैं. उन्होंने सीधे पैसे नहीं दिए, पैसों का वादा किया और प्रवेश वर्मा ने सीधे लिफाफा पकड़ा दिया. चुनावों के वक्त ज्यादातर नेता ये काम करते हैं, लेकिन कहते हैं, चोर वही होता है जो पकड़ा जाए और प्रवेश वर्मा पकड़े गए. उनकी सफाई थोड़ी कमजोर है.