Rajat Sharma

बिहार में बम्पर वोटिंग : हवा किस तरफ?

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बिहार में पहले चरण के चुनाव में बम्पर वोटिंग हुई. 121 सीटों पर 3.75 करोड़ वोटरों में से 65 प्रतिशत ने वोट डाले. ये पिछले चुनाव की तुलना में करीब आठ प्रतिशत अधिक है.
सबसे ज्यादा 68 प्रतिशत वोटिंग बेगूसराय में हुई और शेखपुरा में सबसे कम 54 प्रतिशत वोट पड़े.
बेगूसराय, गोपालगंज, मधेपुरा, मुंगेर और समस्तीपुर में पिछले चुनाव की तुलना में 11 से 14 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई. अच्छी बात ये है कि पहले चरण की वोटिंग के दौरान कहीं से किसी तरह की हिंसा की खबर नहीं आई. छोटी मोटी घटनाएं हुईं, आपसी झगड़े हुए, उम्मीदवारों और नेताओं के बीच झड़पें भी हुईं.
पोलिंग बूथ के बाहर लगी लाइनों में महिलाओं की भारी तादाद का क्या संकेत है, महिलाओं ने क्यों कहा कि इस बार पति की नहीं अपनी मर्जी से वोट डालेंगी, महिलाएं किसके पक्ष में दिखी, इंडिया टीवी के रिपोर्टर्स ने पोलिंग के दौरान देखा.
मौके पर मौजूद हमारे रिपोर्टर्स ने मतदान के बाद जो बताया, उससे कुछ बातें तो साफ हो जाती हैं.
एक तो ये कि महिला वोटरों ने भारी तादाद में वोट डाला. मोटे तौर पर महिलाओं का रूझान मोदी और नीतीश के साथ नजर आया. यादव और मुसलमान वोटर RJD के साथ दिखे और वो इस बात को छुपाते भी नहीं. पिछड़े समाज के लोग दो वक्त के राशन से, सरकारी योजनाओं से खुश हैं, वे मोदी के साथ हैं.
पहले चरण के मतदान के बाद रिपोर्टर्स का अनुमान कि सवर्ण जातियां हिंदुत्व के कारण NDA को वोट कर रही हैं. चुनाव में नीतीश कुमार से कहीं कोई नाराजगी नजर नहीं आई.
जहां तक प्रशांत किशोर का सवाल है उनका नाम सब जानते हैं, उनका प्रोग्राम भी लोगों को मालूम है पर कितने लोग उन्हें वोट देंगे इसके बारे में निश्चित तौर पर कोई कुछ नहीं कह सकता.

विश्व कप विजेता बेटियों ने मोदी को क्या बताया

महिला विश्व कप जीतने वाली महिला क्रिकेट टीम ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. कैप्टन हरमनप्रीत कौर ने राष्ट्रपति को वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिखाई, तस्वीरें खिंचवाईं और फिर उन्हें टीम इंडिया की सभी खिलाड़ियों के दस्तखत वाली जर्सी भेंट की.
राष्ट्रपति मुर्मू ने टीम को इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि ये जीत देश की करोड़ों बेटियों को क्रिकेट के मैदान में आने के लिए प्रेरित करेगी.
राष्ट्रपति भवन में हुआ प्रोग्राम तो प्रोटोकॉल की वजह से औपचारिक था लेकिन बुधवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चैंपियन प्लेयर्स से एक दोस्त की तरह मिले.
मोदी ने प्रधानमंत्री आवास में करीब डेढ़ घंटे तक खिलाड़ियों से अनौपचारिक बातें की, उनके अनुभव सुने, हंसी-मज़ाक भी हुआ. टूर्नामेंट के दौरान किसने क्या महसूस किया, जब टीम की प्लेयर्स मायूस हुई तो किसने माहौल को हल्का किया.
मोदी जब खिलाडियों से ड्रैसिंग रूम के किस्से सुन रहे थे, उसी दौरान हरलीन देओल ने मोदी से पूछ लिया कि उनके चेहरे की चमक का राज़ क्या है.
टीम के कोच अमोल मजूमदार ने मोदी को एक दिलचस्प किस्सा सुनाया. बताया कि इसी साल जून में पूरी टीम ब्रिटेन के किंग चार्ल्स से मिलने गई थी लेकिन प्रोटोकॉल की वजह से सपोर्ट स्टॉफ किंग चार्ल्स से नहीं मिल पाया. उस वक्त सपोर्ट स्टाफ के सदस्यों ने कहा कि किंग चार्ल्स से नहीं मिल पाए, कोई बात नहीं, वर्ल्ड कप जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ फोटो खिंचवाएंगे, आज ये सपना पूरा हो गया.
मोदी जब चैंपियन्स से मिले तो एक अविभावक की तरह बात की और उन्हें कई सलाह दी. चूंकि टीम प्रधानमंत्री की मेहमान थी, इसलिए मोदी ने एक-एक खिलाड़ी का खुद ख्याल रखा. प्रतिका रावल घायल हैं, व्हील चेयर पर आई, इसलिए प्रधानमंत्री ने प्रतिका से उनकी पसंद पूछी और खुद प्रतिका के लिए प्लेट लगाई.
नरेंद्र मोदी की खासियत है कि वह अपने व्यवहार से मिलने वालों को सहज कर देते हैं. क्रिकेट खिलाड़ियों से मिलने से पहले मोदी ने अपना होमवर्क किया था. कौन हनुमान जी की भक्त है, किसने बचपन में पिता को खो दिया था, किसके हाथ से कैच गिरते गिरते बचा, .ये सारी बातें करके उन्होंने खिलाड़ियों को बता कर उन्हें काफी सुकून दिया. इसीलिए प्लेयर्स प्रधानमंत्री से खुलकर अपनी बात कह पाईं, हंसी-मजाक भी हुआ, जज़्बे की बात हुई और प्रेरणा की बात भी हुई.
मोदी ने प्लेयर्स को ये बता दिया कि उन्होंने फाइनल मैच देखा था. उन्होंने प्लेयर्स को अपने व्यवहार से ये भरोसा दिया कि वो क्रिकेट में दिलचस्पी रखते हैं और जानते हैं कि क्रिकेट का हमारे देश में कितना चलन, कितना असर है.
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