शुक्रवार को पंजाब पुलिस ने ऐसा कारनामा किया जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई। 9 घंटे तक चले लंबे ड्रामे में पंजाब पुलिस ने दिल्ली आकर बीजेपी के यूथ विंग के नेता तेजिंदर बग्गा को गिरफ्तार किया। बग्गा को दिल्ली के जनकपुरी स्थित उनके घर से उठा लिया गया और पुलिस का काफिला पंजाब की ओर निकल पड़ा। इसी बीच बग्गा के पिता थाने पहुंच गए और दिल्ली पुलिस में अपहरण का केस दर्ज करा दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया और इसकी खबर हरियाणा पुलिस को दी। हरियाणा पुलिस ने कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस के काफिले को रोक दिया। फिर दिल्ली पुलिस की टीम कुरुक्षेत्र पहुंची और बग्गा को लेकर वापस दिल्ली लौटी।
इस पूरे नाटक का अधिकांश भाग कैमरे में कैद हो गया और देखते ही देखते सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। इस नाटक में तीन राज्यों की पुलिस आमने-सामने थी। पंजाब पुलिस का दावा था कि बग्गा को मोहाली की अदालत में पेशी के लिए हिरासत में लिया गया है। बग्गा के खिलाफ आम आदमी पार्टी के एक नेता ने मामला दर्ज कराया था। बग्गा के मुताबिक उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ट्वीट करते हुए कहा था कि अगर केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को फर्जी बताने के लिए माफी नहीं मांगी तो वह उन्हें नहीं छोड़ेंगे।
एक डीएसपी के नेतृत्व में पंजाब पुलिस की टीम ने बग्गा को उनके घर से सुबह 8.30 बजे के करीब उठा लिया। चूंकि गिरफ्तारी राजनीतिक आधार पर हुई थी इसलिए दिल्ली बीजेपी के नेता जल्द ही सक्रिय हो गए। बग्गा के पिता ने दिल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट और अपहरण का मामला दर्ज कर लिया। दिल्ली की एक कोर्ट ने तुरंत ही इस मामले में जनकपुरी एसएचओ को सर्च वारंट जारी कर दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस बग्गा की तलाश में जुट गई। तुरंत हरियाणा पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। हरियाणा पुलिस ने कुरक्षेत्र के पास नेशनल हाईवे थानेसर पर गाड़ी को ट्रेस कर लिया। अंतत: शाम करीब 6 बजे बग्गा को हरियाणा पुलिस ने दिल्ली पुलिस को सौंप दिया। इस बीच पंजाब पुलिस हाईकोर्ट भी गई लेकिन उसे राहत नहीं मिली। इस पूरे घटनाक्रम के बीच दिल्ली में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल अपने राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए पंजाब पुलिस का दुरुपयोग कर रहे हैं।
बग्गा के पिता प्रीतपाल सिंह ने आरोप लगाया कि बग्गा को हिरासत में लेने के दौरान पंजाब के पुलिसकर्मियों ने उनके साथ और बग्गा के साथ मारपीट की। उन्होंने कहा कि बग्गा को पगड़ी पहनने की भी इजाजत नहीं दी गई। जैसे ही दिल्ली पुलिस ने बग्गा के अपहरण का केस दर्ज किया तब पंजाब पुलिस भी एक्टिव हो गई। एक डीएसपी और सब-इंस्पेक्टर के नेतृत्व में पंजाब पुलिस की एक टीम यह बताने के लिए जनकपुरी पुलिस स्टेशन गई कि बग्गा को मोहाली की एक अदालत में पेश करने के लिए हिरासत में लिया गया है। लेकिन, तब तक अपहरण की एफआईआर दर्ज हो चुकी थी और कोर्ट ने सर्च वारंट जारी कर दिया था।
बग्गा को ले जा रहे पंजाब पुलिस के काफिले को जिस तरह से ट्रेस किया गया वह बेहद नाटकीय था। दिल्ली पुलिस ने हरियाणा पुलिस से संपर्क किया और कुरुक्षेत्र में पीपली टोल के पास बग्गा के काफिले का पता चला। हरियाणा पुलिस ने काफिले को रोक दिया और थानेसर सदर थाने ले आई।
दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि बग्गा को हिरासत में लेने से पहले पंजाब पुलिस कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए दिल्ली पुलिस को इसकी सूचना दे सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं पंजाब पुलिस अब बचाव की मुद्रा में है और खुद को सही ठहराने की कोशिश कर रही है। मोहाली के एसपी ने दावा किया कि बग्गा को हिरासत में लेने की सूचना दिल्ली पुलिस के अधिकारी को दी गई थी। उन्हें मौखिक तौर पर फोन से इसकी जानकारी दी गई थी। लेकिन मोहाली एसपी को पता होना चाहिए कि एक राज्य की पुलिस को दूसरे राज्य से किसी शख्स को हिरासत में लेने से पहले उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होता है।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में पंजाब पुलिस ने दिल्ली पुलिस पर यह आरोप लगाया कि उसने अपहरण के आरोप में हमारे डीएसपी को अवैध रूप से हिरासत में लिया है। हालांकि हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई शनिवार को मुकर्रर कर दी। दरअसल, तेजिंदर सिंह बग्गा ने केजरीवाल के खिलाफ कई ट्वीट किया था और कहा था कि अगर कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को झूठा बताने को लेकर केजरीवाल माफी नहीं मांगेंगे तो वो केजरीवाल को छोड़ेंगे नहीं। केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कहा था कि कश्मीरी पंडितों के नाम पर कुछ लोग करोड़ों रुपये कमा रहे हैं और बीजेपी के नेता ‘द कश्मीर फाइल्स’ जैसी झूठी फिल्म के पोस्टर लगा रहे हैं। केजरीवाल के खिलाफ बग्गा के ट्वीट के आधार पर पंजाब के मलेरकोटला जिले में असलम खान नाम के शख्स ने पुलिस से ये शिकायत की कि उसे कुछ लोगों ने धमकी दी है। धमकी देने वाले लोग फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ का पोस्टर लिए थे और तेजिंदर बग्गा का नाम ले रहे थे। इसके बाद पंजाब पुलिस ने बग्गा के खिलाफ माहौल को खराब करने का केस दर्ज कर लिया और इसकी जांच के लिए SIT बना दी। इसके बाद बग्गा को जांच के लिए पेश होने का नोटिस दिया गया था।
दिल्ली बीजेपी के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने पहले ही कहा था कि अगर उनकी सरकार को दिल्ली पुलिस मिल जाती तो वे बीजेपी नेताओं को सबक सिखा देते। आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस पर केंद्र का नियंत्रण है। सिरसा ने कहा, अब जबकि AAP पंजाब की सत्ता में है तो दिल्ली में अपने विरोधियों को धमकाने के लिए पंजाब पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। बीजेपी के एक अन्य नेता कपिल मिश्रा ने शुक्रवार को हुए इस पूरे ड्रामे को सत्य की जीत करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब पुलिस केजरीवाल के इशारे पर काम कर रही है और यह ‘पंजाब के लोगों का अपमान’ है।
AAP नेता आतिशी मार्लेना ने बीजेपी को ‘गुंडों और लंपटों की पार्टी’ बताया और यह आरोप लगाया कि बग्गा को बचाने के लिए पूरी मशीनरी का इस्तेमाल किया गया है। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, उनकी पुलिस ने कोर्ट के सर्च वारंट के आधार पर ही दिल्ली पुलिस की हेल्प की। हालांकि खट्टर ने बग्गा के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई को राजनीतिक बताया। उन्होंने कहा, अगर राजनीतिक टिप्पणियों के आधार पर इस तरह के कदम उठाए गए तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
पंजाब पुलिस ने जो किया मैं उसके तकनीकी पहलुओं में नहीं जाना चाहता। अगर ट्विटर पर बयानबाजी को लेकर लोगों को जेल में डालना होता तो अब तक हजारों लोग जेल में पड़े होते। ट्विटर पर तो इस तरह की बयानबाजी रोज होती है। असलियत तो यह है कि जिस अंदाज में पंजाब पुलिस ने चुपचाप दिल्ली आकर तेजिंदर बग्गा को गिरफ्तार किया, यह पॉलिटिकल एक्शन था। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले बहुत से लोग कहते थे कि अगर अरविंद केजरीवाल के हाथ में पुलिस आ गई तो वो अपना विरोध करने वालों को ठिकाने लगाएंगे।
शुक्रवार को केजरीवाल का एक वीडियो भी सर्कुलेट हुआ जिसमें वह कुछ लोगों के बारे में कह रहे हैं कि अगर पुलिस होती तो वो इनको जेल भेज देते। जिस दिन पुलिस हाथ में आएगी ‘इन सबको ठीक कर देंगे’। और अब जबकि पंजाब पुलिस हाथ में आ गई है तब यह दिखाई भी दिया। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही पंजाब पुलिस कुमार विश्वास के घऱ पहुंची थी, अलका लांबा के घर भी पहुंची थी और अब बग्गा को उठा ले गई। ये सब वो लोग है जो केजरीवाल के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं। इसीलिए आरोप लगा कि अब केजरीवाल पंजाब पुलिस का इस्तेमाल अपने विरोधियों को ठिकाने लगाने पर कर रहे हैं। कवि कुमार विश्वास ने भी भगवंत मान के लिए ट्विटर पर लिखा- ‘पगड़ी संभाल जट्ट’।