कांग्रेस ने एक और कारनामा कर दिया. पहले बिहार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां को गाली दी गई और अब बिहार प्रदेश कांग्रेस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से मोदी की दिवंगत मां का एक AI जनरेटेड वीडियो पोस्ट किया गया. उस पर कैप्शन लिखा गया है- साहब के सपनों में आई मां..
36 सेकंड के इस वीडियो में दो कैरेक्टर दिखाई पड़ रहे हैं जिनमें एक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे करैक्टर को उनकी मां के तौर पर दिखाया गया है.
बीजेपी ने इस वीडियो को कांग्रेस की गिरी हुई मानसिकता का सबूत बताया है…..कांग्रेस की इस करतूत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं को इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता.
जब कांग्रेस-RJD के मंच से मोदी की मां को गाली दी गई थी, तब कांग्रेस ने कहा था कि गाली किसने दी क्या पता. हमारा उस व्यक्ति से क्या लेना-देना. तो एक benefit of doubt दिया जा सकता था. लेकिन अब तो कांग्रेस ने ऑफियशियली ये वीडियो जारी किया है.
अब ये तो साफ है कि..कांग्रेस ने पहले की बात पर मुहर लगा दी है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी की मां का इस्तेमाल राजनीति के लिए किया है.
एक स्वर्गीय महिला का इस्तेमाल मोदी पर हमला करने के लिए किया है. officially किया है. AI Generated video बनाकर किया है. ये हरकत शर्मनाक है क्योंकि एक ऐसी महिला के बारे में, जिनका राजनीति से कोई लेना देना नहीं था, जिन्होंने कभी किसी के बारे में कभी एक लफ्ज नहीं कहा, जो महिला अपने आप को defend करने के लिए अब इस दुनिया में नहीं हैं, ये video बिहार की राजनीति के गिरते हुए स्तर का प्रतीक है और तेजस्वी यादव के हाव भाव को देखकर लगा कि उन्हें भी कांग्रेस ये हरकत पसंद नहीं आई.
नेपाल में शांति लौटाने की जिम्मेदारी Gen-Z की
नेपाल में पांच दिनों की हिंसा और अराजकता के बाद अब नई सरकार कमान संभाल रही है. काठमांडू में नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अन्तरिम प्रधानमंत्री के तौर पर शुक्रवार रात को शपथ दिलाई गई. इसके साथ ही संसद को भंग कर दिया गया है और नेपाल में 6 मार्च को संसदीय चुनाव कराने का ऐलान किया गया है.
हालांकि नेपाल में जिस तरह की आराजकता है., उसे देख कर लगता है कि पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करने में सुशीला कार्की को काफी मेहनत करनी पड़ेगी.
प्रदर्शन के दौरान पिछले चार दिनों में जो आगजनी और हिंसा हुई, बर्बादी का जो मंजर हैं, उन हालात में नेपाल को पटरी पर लाना, सारे सिस्टम को दुरूस्त करना जस्टिस सुशीला कार्की के लिए भी आसान नहीं होगा.
इस वक्त पूरा नेपाल फौज के कब्जे में है. हर तरफ डर है. हर जगह सेना के हथियारबंद जवान तैनात है. नेपाल के जो हालात हैं, वहां से जो तस्वीरें आ रही हैं, वो इस बात का सबूत हैं कि जब आंदोलन के नाम पर अराजकता, आगजनी, हिंसा होती है तो उसका अंजाम क्या होता है.
नेपाल में अब कुछ नहीं बचा. न संविधान, न लोकतन्त्र, न कानून व्यवस्था. कुछ हजार लोग सड़कों पर उतरे और सब कुछ जला डाला.
अब लोकतन्त्र Army के boots के नीचे आ गया है. सेना जो चाहेगी वही होगा. जिन्हें जनता ने चुना था, वो भाग चुके हैं. अब वो लोग देश चलाएंगे, जिन्हें सेना चुनेगी.
आंदोलन के दौरान पुलिस के हथियार लूट लिए गए, वर्दियां लूट ली गईं. आंदोलन की आड़ में हजारों अपराधी जेल से भाग गए. अब वो पुलिस की वर्दी पहन कर घूम रहे हैं. पुलिस के हथियार लेकर नेपाल में घूम रहे हैं.पुलिस और criminals में अंतर करना मुश्किल है.
जिन लोगों ने आंदोलन किया वो इस बात से इनकार करते हैं कि इस आगजनी और हिंसा के पीछे उनका समर्थन है.
तो फिर जिन्होंने आग लगाई वो कौन थे ? जिन्होंने हथियार लूटे वो कहां से आए ? जो अपराधी जेल से भागे उन्हें वापस जेल में कौन पहुंचाएगा ? ये जिम्मेदारी उन लोगों की है..जिन्होंने आंदोलन शुरू किया, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, जिन्होंने प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को बेदखल किया..अब नेपाल को दोबारा संवारने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है.
अमेरिका में एक भारतीय की निर्मम हत्या
अमेरिका से दिल दहलाने वाली खबर आई. टैक्सस में एक भारतीय व्यक्ति का सरेआम गला काट दिया गया. हत्यारे ने इस शख्स की पत्नी और बेटे के सामने न सिर्फ उसका गला काटा बल्कि कटे हुए सिर को जमीन पर पटक कर उस पर किक मारी, कटा हुआ सिर फुटबाल की तरह फर्श पर कुछ दूर तक लुढ़का. इसके बाद कातिल ने बड़े इत्मीनान से खोपड़ी को उठाया और पास में रखे हुए डस्टबिन में डाल कर भाग गया.
चार्ली कर्क की गोली मार कर हत्या की गई और अब भारतीय मूल के व्यक्ति की गर्दन काट दी गई. इसलिए ये सवाल सबके मन में हैं कि आखिर अमेरिका में क्या हो रहा है ?.
क्या अमेरिका में कानून व्यवस्था खत्म हो गई है ? क्या अपराधियों को किसी का डर नहीं है ? अमेरिकियों के दिलों दिमाग में इतना गुस्सा, इतनी नफरत, इतनी क्रूरता क्यों हैं ? कौन इसके लिए जिम्मेदार है ?
भारतीय मूल के चंद्रमौलि नागमल्लैया का कोई कसूर नहीं था.उन्होंने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा था. जिस बेरहमी से उनका सिर काटा गया, वो हैवानियत नहीं तो और क्या है ?
Historysheeter, certified criminal मौत का सौदागर बनकर नौकरी कर रहा था . इसी तरह चार्ली कर्क की हत्या की गई थी. चार्ली को मारने वाला 22 साल का एक युवक है जिसकी पहचान टायलर रॉबिन्सन के तौर पर हुई है. वो यूटा का ही रहने वाला है.
पुलिस ने हत्या के लिए इस्तेमाल की गई bolt action राइफल बरामद कर ली है..इस घटना ने अमेरिका में Open gun culture को फिर चर्चा में ला दिया, जिसे खत्म करने की बात कई बार हुई है..डॉनल्ड ट्रंप ने कई बार illegal immigrants को अपराधों के लिए जिम्मेदार बताया है लेकिन इस पर पूरी तरह action नहीं हुआ, वरना अमेरिका के बड़े बड़े शहर में लोग खुद को असुरक्षित महसूस न कर रहे होते.