Rajat Sharma

My Opinion

लालू, तेजस्वी अस्वस्थ : क्या इससे RJD के प्रचार पर असर पड़ेगा?

AKB30 सोमवार शाम को वाराणसी पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में सारण, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में रैलियां की. मोदी की पहली रैली हाजीपुर में हुई. हाजीपुर सीट की पहचान पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान से होती थी. पासवान इस सीट से 8 बार चुनाव जीते थे लेकिन उनके निधन के बाद उनके भाई पशुपति पारस यहां से सांसद बने लेकिन इस बार हाजीपुर से पासवान के बेटे चिराग पासवान चुनाव मैदान में हैं. मोदी ने हाजीपुर की रैली में कांग्रेस और RJD पर निशाना साधा और कहा कि RJD और कांग्रेस का सबसे बड़ा हथियार है तुष्टिकरण. उन्हें बिहार की जनता की नहीं, सिर्फ अपने वोटबैंक की फिक्र है,इसीलिए वो दलितों, आदिवासियों और ओबीसी का आरक्षण कोटा छीनकर मुसलमानों को देना चाहते हैं लेकिन मोदी के रहते ऐसा कभी नहीं होगा. मोदी की तीसरी रैली सारण में थी.सारण वो सीट है, जहां से खुद लालू यादव 4 बार सांसद रहे हैं. उनकी पत्नी राबड़ी देवी यहां से चुनाव जीत चुकी हैं और इस बार लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य अपना पहला चुनाव सारण से लड़ रही हैं. रोहिणी आचार्य के खिलाफ बीजेपी से राजीव प्रताप रूडी चुनावी मैदान में हैं. रूड़ी भी यहां से 4 बार चुनाव जीत चुके हैं. 2014 में उन्होंने राबड़ी देवी को हराया था और पिछली बार उन्होंने लालू यादव के समधी चंद्रिका राय को शिकस्त दी थी.इस बार रूडी का मुकाबला लालू की बेटी रोहिणी आचार्य से है. इसलिए मोदी ने आज यहां सीधे-सीधे RJD पर निशाना साधा. मोदी ने कहा कि आरजेडी ने बिहार का क्या हाल किया, ये किसी से छिपा नहीं है. उनका रिपोर्ट कार्ड सब के सामने है, उन्हें उसी पर वोट मांगना चाहिए, नीतीश कुमार के काम पर नहीं. मुजफ्फरपुर की रैली में मोदी ने जंगलराज से लेकर नक्सलवाद तक के मुद्दे उठाए. कहा, कि जिस पार्टी ने बिहार में जंगलराज चलाया, उसे बिहार के लोग कभी वापस नहीं आने देंगे, यही वजह है कि आरजेडी और कांग्रेस के लोग डरे हुए हैं, बहकी-बहकी बातें कर रहे हैं. सोमवार को पाटलिपुत्र लोकसभा सीट के लिए लालू यादव की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती ने अपना नामांकन पत्र पेश किया. मीसा भारती तीसरी बार पाटलिपुत्र से चुनाव लड़ रही हैं. वह 2014 और 2019 के चुनाव में BJP के रामकृपाल यादव से हार चुकी हैं. इस बार फिर मीसा भारती का मुक़ाबला, रामकृपाल यादव से है . रामकृपाल यादव एक ज़माने में लालू यादव के बेहद क़रीबी हुआ करते थे लेकिन 2014 में वह RJD छोड़कर BJP में चले गए. मीसा भारती ने घर में पूजा पाठ के बाद पूरे परिवार के साथ नामांकन पेश करने पहुंचीं. मीसा भारती के साथ उनके भाई तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी भी मौजूद थीं… नामांकन पेश करने के बाद मीसा भारती ने कहा कि मोदी हमेशा हवा में ही उड़ते रहते थे… लेकिन इस बार तेजस्वी यादव ने ऐसी चुनौती दी है कि मोदी को पटना की सड़कों पर उतरकर रोड शो करना पड़ा. बाद में मीसा भारती परिवारजनों के साथ श्रीकृष्ण सिन्हा मेमोरियल हॉल पहुंचीं जहां पार्टी के नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. लालू ने कहा कि इस बार नरेंद्र मोदी के साथ साथ नीतीश कुमार की भी विदाई हो जाएगी. लालू ने कहा – “नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार कल और आज दिन भर यहां RJD पर प्रहार करते रहे. लेकिन इनके प्रहार की मैं परवाह नहीं करता. नरेंद्र मोदी इस बार जा रहे हैं. पक्का जा रहे हैं. इनको बढ़िया से विदाई करना है. भेज देना है. एक जो नीतीश कुमार का हाल है. नीतीश कुमार का ऐसा ही हाल है कि जिधर देखा दही चूड़ा उधर की तरफ़ ही लुढ़क लिए. नीतीश कुमार का यही हाल है. नीतीश कुमार अब दोबारा सत्ता में आने वाले नहीं हैं. बीजेपी के साथ उनको भी जाना है. डबल विदाई होगी.” वैसे इस सभा में तब विवाद पैदा हो गया जब लालू के दूसरे बेटे तेज प्रताप यादव ने अपने पीछे खड़े पार्टी के एक कार्यकर्ता को धक्का देकर नीचे गिरा दिया. बाद में तेज प्रताप ने कहा कि उनके हाथ में चोट लगी थी, पट्टी बंधी हुई थी और उस कार्यकर्ता के धक्के से उन्हें दर्द हुआ. इसी वजह से उन्होंने उसे पीछे धकेला. तेज प्रताप ने हाथ में पट्टी बांधे हुए अपनी एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर शेयर की. तेज प्रताप यादव पहले भी परिवार के लिए परेशानी का सबब बन चुके हैं लेकिन कोई उन्हें ज्यादा गंभीरता से नहीं लेता लेकिन इस चुनाव में लालू यादव के परिवार की मुश्किलें काफी हैं. लालू यादव पार्टी के सबसे बड़े स्टार हैं लेकिन स्वास्थ्य के कारण उनकी गतिविधियां सीमित है. उन्हें बहुत सारी चीजों का परहेज़ करना पड़ता है. तेजस्वी यादव जबरदस्त कैंपेन कर रहे थे, उनकी पब्लिक मीटिंग्स में जोश भी था, भीड़ भी थी लेकिन पिछले कुछ दिन से वो कमर के दर्द से परेशान हैं. कमर में बेल्ट बांधकर कैंपेन कर रहे हैं..वो भी अब खुल कर घूम फिर नहीं सकते. मीसा और रोहिणी अपने चुनावक्षेत्रों में व्यस्त हैं. इसीलिए RJD के दूसरे उम्मीदवार काफी परेशान है .लालू और तेजस्वी की गैरमौजूदगी के कारण उनके पास कोई स्टार कैंपेनर नहीं है..

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LALU, TEJASHWI AILING : WILL IT DAMPEN RJD CAMPAIGN?

AKB30 With his ailing father Lalu Prasad Yadav restricting his movements under medical advice, Rashtriya Janata Dal leader Tejashwi Yadav has been suffering from low back pain for the last ten days. Both the sisters, Misa Bharti and Rohini Acharya are busy campaigning in their constituencies Patliputra and Saran respectively, and the regional party is now facing acute shortage of star campaigners. In the BJP camp, Prime Minister Narendra Modi, along with his other star campaigners, has launched a no-holds-barred campaign against RJD in Bihar. On Monday, Modi flew from Patna to address rallies in Saran, Muzaffarpur and Hajipur, and landed in Varanasi late in the evening to take out a huge road show. In Hajipur, which has elected Late Ramvilas Paswan eight times to Lok Sabha, Paswan’s son Chirag Paswan is the contestant this time. In his rally, Modi targeted RJD and Congress by alleging that both the parties have been trying to “appease” Muslims by promising reservation. In Saran, from where Lalu won four times to Lok Sabha, his daughter Rohini is facing BJP’s Rajiv Pratap Rudy. Rudy has won this seat four times and in 2014, Rudy defeated Lalu’s wife Rabri Devi. In 2019, Rudy defeated Lalu’s ‘samadhi’ (in-law) Chandrika Rai. On Monday, Modi told Saran voters to vote for his government’s performance. In Muzaffarpur rally, Modi reminded voters of the dark days of “jungle raj in Bihar” during the Nineties. On Monday, Lalu’s daughter Misa Bharti filed her nomination from Patliputra constituency. This is her third attempt. She lost LS elections in 2014 and 2019 to BJP’s Ram Kripal Yadav, who, during the Nineties, used to be a close confidante of Lalu Prasad and joined BJP in 2014. After filing her nomination, Misa Bharti, alongwith her father, brothers and other party leaders, went to Srikrishna Sinha Memorial Hall, where Lalu addressed party workers. Lalu Prasad Yadav said, both Modi and Bihar CM Nitish Kumar will have to make their exit this time. “I don’t bother what charges Modi levels against me. Narendra Modi is losing this time, ‘pucca ja rahe hain’. We have to give him a grand farewell and dispatch him. Nitish Kumar is also going to meet the same fate. He is not going to return to power. This will be a double farewell”, the RJD patriarch said. Tejashwi Yadav said, “Modi Ji may call me a shehzada, but Modi himself is a Pirzada (head of family). Modi will have to tell what he did for Bihar in the last ten years”. There was a small fracas during the meeting, when Lalu’s other son Tej Pratap Yadav pushed a party worker standing behind him, and later complained that he was hurting his bandaged hand. Tej Pratap Yadav has been an embarassment for the family earlier too. Nobody takes him seriously, but Lalu’s family is facing problems this time. Lalu Yadav is the most popular star campaigner of the party, but his poor health does not permit him to move around. He has to avoid too many things too, on medical grounds. Tejashwi Yadav has been campaigning across Bihar forcefully, and huge crowds attended his rallies. But, for the last 10 days, Tejashwi is suffering from severe low back pain. He is attending rallies by moving around with a waist belt. Tejashwi is unable to move around freely. The party is now short of star campaigners. Lalu’s and Tejashwi’s absence can cost the party dearly.

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आप की अदालत में योगी आदित्यनाथ

AKB30 आप की अदालत में इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरे मेहमान हैं. इस शो में योगी आदित्यनाथ ने साफ साफ कहा कि 4 जून को तीसरी बार फिर नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. इसमें किसी को किसी तरह का कोई संदेह नहीं हैं क्योंकि पूरे देश से एक ही आवाज आ रही है, अबकी बार चार सौ पार. इसके बाद देश में कॉमन सिविल कोड़ लागू होगा. ये बीजेपी के संकल्प पत्र में है. इसका कोई विकल्प नहीं हैं. इसके बाद जनसंख्या नियंत्रण इसके दायरे में आ जाएगा. योगी ने कहा कि चांर जून के बाद राहुल गांधी गाना गाएंगे – चल उड़ जा रे पंछी, ये देश हुआ बेगाना. चूंकि राहुल ने कन्नौज की रैली में शुक्रवार को ही भविष्यवाणी की है कि बीजेपी की सबसे बड़ी हार यूपी में होगी, इस पर योगी ने कहा कि अगर राहुल को यूपी में बदलाव की उम्मीद है तो फिर कांग्रेस यूपी की अस्सी की अस्सी सीटों पर क्यों नहीं लड़ रही है? राहुल खुद अमेठी छोड़कर क्यों भाग गए? चार जून के बाद ये बेगाने पंछी अपने ठिकाने की तरफ उड़़ जाएंगे. योगी आदित्यनाथ ने राहुल और अखिलेश यादव की दोस्ती पर कहा कि इनकी एक ही पॉलिसी है – जीते तो मिलकर लूटेंगे, हारे तो दिल टूटेंगे, लेकिन यूपी के लोग अब लूट की छूट नहीं देंगे. अखिलेश राहुल के दिल टूटने वाले हैं. योगी आदित्यनाथ आपकी अदालत में खुलकर बोले. मैंने पूछा कि कहा कि मणिशंकर अय्यर ने कहा है कि पाकिस्तान के पास एटम बम है , इसलिए पाकिस्तान की इज्जत करनी चाहिए. इस पर योगी ने कहा कि पाकिस्तान के पास एटम बम है तो क्या भारत के एटम बम फ्रिज में रखने के लिए है. मैंने पूछा कि नवनीत राणा हैदराबाद में पन्द्रह सेकेन्ड मांग रही हैं. योगी ने कहा कि ठीक तो है, पन्द्रह सेकेन्ड में ही काम हो जाएगा, जो लातों के भूत होते हैं, वो बातों से नहीं मानते, उनको इसी तरह की डोज़ मिलनी चाहिए. आप की अदालत में जैसे ही योगी की एन्ट्री हुई, तो योगी के प्रति जनता में कैसी दीवानगी है, इसका नजारा दिख गया. आपकी अदालत के सैट पर दो मिनट तक तो सिर्फ योगी योगी का नारा और तालियों की गड़गड़ाहट ही गूंजती रही. माहौल देखने के बाद योगी ने सभी को जयश्री राम कहकर प्रोग्राम की शुरूआत की. मैंने योगी से पूछा लोगों में तो राम मंदिर बनने से उत्साह है, खुशी है. लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेता कह रहे हैं कि राम मंदिर नहीं बनना चाहिए था, कोई कह रहा है कि मंदिर तो बेकार बना है. इस पर योगी ने कहा कि जो लोग रामभक्तों पर गोलियां चलवाते थे, उन लोगों से और क्या उम्मीद की जा सकती है.
देश में विकास के मुद्दे पर., राम मंदिर के बारे में कांग्रेस के नेताओं के बयानों पर, राहुल गांधी के आरोपों पर, मोदी पर संविधान बदलने के इल्जाम पर, देश में मुसलमानों की स्थिति पर, योगी ने सारे मुद्दों पर खुल कर बात की.योगी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने देश को जोड़ने काम किया जबकि कांग्रेस ने साठ साल में देश को कभी जाति के नाम पर, कभी मजहब के नाम पर, कभी अमीरी गरीबी के नाम पर बांटने की कोशिश की. योगी ने कहा कि प्रभु राम का विरोध करने वालों को, राममंदिर के निर्माण को बेकार का काम बताने वालों को, रामलला के प्राणप्रतिष्ठा समारोह का बॉयकॉट करने वालों को ये देश कभी स्वीकार नहीं करेगा.योगी के साथ आपकी अदालत का ये विस्फोटक शो आप देख पाएंगे आज शनिवार रात दस बजे इंडिया टीवी पर. इसका रिपीट टेलीकास्ट रविवार सुबह 10 बजे और रात 10 बजे किया जाएगा.

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YOGI IN ‘AAP KI ADALAT’

AKB30 The chief minister of Uttar Pradesh, Yogi Adityanath is my guest in AAP KI ADALAT show this week. A soft-spoken man, but with a clear and sharp mind, Yogi replied to all my questions without any obfuscation. In the show, Yogi Adityanath clearly said, Narendra Modi will become Prime Minister for the third term when results will be out on June 4. He said, there is no ‘agar’ or ‘magar’ (ifs or buts), Modi will win. He says, the people of the country want to see Modi as PM again. He also spoke about Uniform Civil Code, which, he said, will be implemented by Modi government. Yogi also said, after June 4, Rahul Gandhi will have to sing the Bollywood song ‘Chal Ud Jaa Re Panchhi, Yeh Desh Hua Begaana’. On Friday, Rahul Gandhi, addressing a Kannauj rally with SP chief Akhilesh Yadav, had predicted that BJP will face its biggest loss in UP. Yogi said, “If Rahul was so optimistic, why didn’t his party contest all 80 seats in UP? Why did he go to Wayanad leaving Amethi?” Yogi clearly said, after June 4, the birds (of Congress-SP alliance) will fly to different places. He said, “Their policy is, Mil Ke Lutengey, Haare Toh Dil Tutenge”. When I spoke about Main Shankar Aiyar saying that we should give respect to Pakistan as it has atom bombs, Yogi replied immediately: “Has India kept its atom bombs inside a fridge?” When I asked about BJP leader Navneet Rana challenging the Owaisi brothers in Hyderabad to “give 15 seconds”, Yogi said, ” she is right. It will be done in 15 seconds. Laaton Ke Bhoot Baaton Se Nahin Maantey. They should be given such a dose”. The most surprising part of the show was, for nearly two minutes, the audience shouted Yogi, Yogi, when he entered the recording studio. Yogi also spoke about Ram temple, how it has changed the face of an old town named Ayodhya. He also spoke on Muslim reservation and Modi government’s achievements. You can watch the entire riveting show on India TV tonight (Saturday) at 10 pm, and the repeat telecast will be on Sunday at 10 am and 10 pm.

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हिन्दू-मुसलिम आबादी में असंतुलन : विपक्ष से सवाल पूछे जाएंगे

rajat-sir देश भर में हिन्दुओं की आबादी घटने और मुसलमानों की आबादी बढ़ने पर जमकर बहस हुई. असल में ये रिपोर्ट आई है कि देश में पिछले 65 साल के दौरान हिन्दुओं की आबादी आठ प्रतिशत कम हो गई है और मुसलमानों की आबादी 44 प्रतिशत बढ़ गई. इसके बाद बीजेपी के नेताओं ने आबादी के इस असंतुलन को कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीतियों का नतीजा बताया. बीजेपी के नेताओं ने इल्ज़ाम लगाया कि कांग्रेस आज़ादी के बाद से ही सनातन के ख़िलाफ़ रही है. इसी का नतीजा है कि देश में हिन्दू घट रहे हैं, मुसलमान बढ़ रहे हैं और अब कांग्रेस मुसलमानों को आरक्षण देने की बात कह रही है. लेकिन कांग्रेस ने इस रिपोर्ट को चुनाव के दौरान असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की साज़िश बता दिया. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कहा कि अभी तो इस तरह के और मुद्दे उछाले जाएंगे क्योंकि BJP को समझ आ गया कि चुनाव हाथ से निकल चुका है लेकिन अमित शाह ने कहा कि तीन चरणों में बीजेपी दो सौ के आंकड़े तक पहुंच गई है और बाकी चार चरणों में चार सौ पार हो जाएगी. असदुद्दीन ओवैसी ने अलग बात कही. उन्होंने कहा कि मुसलमानों पर आबादी बढ़ाने का इल्जाम सरासर गलत है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर अमित शाह और स्वर्गीय गुरूजी गोलवलकर के नाम लेकर उनके भाई बहनों की संख्या तक गिना दी. कहा, आबादी का मुद्दा और कुछ नहीं, बीजेपी की भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की साजिश का हिस्सा है. जिस रिपोर्ट की चर्चा हो रही है, वह रिपोर्ट प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकर परिषद ने तैयार की है. ये रिपोर्ट 1950 से 2015 तक 65 साल के आंकड़ों का अध्ययन करके तैयार की गई है. इस रिपोर्ट में भारत के अलावा, पड़ोसी देशों जैसे नेपाल, म्यांमार, मालदीव, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश में आबादी में बदलाव का अध्ययन किया गया है. इस रिपोर्ट में सबसे बड़ी बात ये कही गई है कि 1950 से 2015 के बीच भारत में हिंदुओं की आबाद में क़रीब 8 % की गिरावट आई है, वहीं, मुस्लिम समुदाय की आबादी क़रीब 44 % बढ़ गई.1950 में देश की कुल आबादी में हिंदू लगभग 85 % थे लेकिन 2015 में हिंदू 78 % ही रह गए. दूसरी तरफ 1950 में देश की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी लगभग 10 % थी जो 2015 में बढ़कर 14% हो गई, यानी आबादी में हिंदुओं का हिस्सा तो घट गया पर, मुसलमानों की आबादी बढ़ गई. इस रिपोर्ट में एक और खास बात ये है कि भारत में पिछले 65 साल में हिदुओं को छोड़कर बाकी ज़्यादातर धर्मों की आबादी बढ़ी है. उसमें भी मुसलमानों की आबादी सबसे ज़्यादा बढ़ी है. 65 साल पहले देश में ईसाई लगभग 2.25 % थे, 2015 में अब ईसाईयों की जनसंख्या ढाई परसेंट से ज़्यादा हो गई. इसी तरह सिख समुदाय की आबादी 1.25 % से बढ़कर 1.85 % हो गई. बौद्ध धर्म को मानने वालों की संख्या भी बढ़ी है. भारत में सिर्फ़ जैन और पारसी समुदायों की आबादी पिछले 65 साल में कम हुई है. गौर करने वाली बात ये है कि सिर्फ़ भारत में ही नहीं, भारत के पड़ोसी देशों में भी हिंदुओं की आबादी कम हुई है, जैसे नेपाल और म्यांमार में, भूटान, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका में हिंदुओं की संख्या में जबरदस्त कमी आई है. इस रिपोर्ट को तैयार करने में शामिल अर्थशास्त्री प्रोफ़ेसर शमिका रवि ने कहा कि भारत के सारे पड़ोसी देशों में बहुसंख्यक आबादी बढ़ी है लेकिन भारत में उल्टा हुआ है. यहां बहुसंख्यकों की आबादी कम हुई है और अल्पसंख्यकों की जनसंख्या बढ़ी है. प्रोफ़ेसर शमिका रवि ने कहा कि इसके लिए धर्मान्तरण और घुसपैठ जैसे कई कारण हो सकते हैं. जैसे ही यह रिपोर्ट सार्वजनिक हुई, इस पर सियासत शुरू हो गई. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अब साफ़ हो गया है कि पिछले साठ साल में कांग्रेस के राज में भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की साज़िश रची जा रही थी. प्रियंका गांधी ने कहा कि बीजेपी वाले तो कुछ भी बकवास करते रहते हैं, ये कोई मुद्दा नहीं है. अमेठी में स्मृति ईरानी ने कहा कि इस रिपोर्ट ने कांग्रेस की नीतियों की पोल खोल दी है. अब देश को पता चल गया है कि कांग्रेस के राज में किस तरह हिंदुओं को सताया, दबाया गया. इसी का नतीजा है कि हिन्दुओं के देश में हिन्दुओं की संख्या घट रही है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि 2021 की जनगणना अब तक हुई ही नहीं तो आबादी का ये आंकड़ा आया कहां से ? तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी ऐसे नक़ली मुद्दों में फंसाकर जनता को बेवक़ूफ़ बना रही है. विश्व हिन्दू परिषद के नेता सुरेंद्र जैन ने कहा कि आंकड़ों में तो मुस्लिम आबादी 44 % बढ़ी पर अगर घुसपैठियों को जोड़ दें, तो मुस्लिम आबादी इससे भी ज़्यादा बढ़ी है. आबादी बढ़ने के साथ साथ मुसलमानों में आक्रामकता बढ़ रही है और ये देश के लिए ख़तरनाक है. लेकिन असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि ये मुसलमानों का हौसला तोड़ने की साजिश है. ओवैसी ने कहा कि मुल्क में जो हिन्दू-मुसलमान हो रहा है, वो कोई नई बात नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके चेले-चपाटे रोज़ हिन्दुओं को डराते हैं कि मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है. ओवैसी ने कहा कि अगर बीजेपी को नहीं रोका गया तो वो दिन दूर नहीं जब भारत एक हिंदू राष्ट्र बन जाएगा. चूंकि चुनाव का वक्त है इसलिए आबादी में असंतुलन की इस रिपोर्ट के तथ्यों पर बात होने के बजाय सियासी बयानबाज़ी हो रही है. इसका असर चुनाव में भी होगा लेकिन ये मुद्दा वाक़ई गंभीर है. भारत जैसे वाले देश विविधताओं वाले देश में जहां हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी और दूसरे समुदाय मिल जुलकर रहते हैं, मिली-जुली आबादी है, वहां जनसंख्या का असंतुलन होने से बहुत सारी समस्याएं पैदा होती हैं. समाज का ताना-बाना टूटता है. संसाधनों पर कब्जे की लडा़ई शुरू होती है और इस तरह की समस्याएं उन इलाकों में ज्यादा देखी गई हैं जहां आबादी का अनुपात बिगड़ गया. असम और केरल इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं. पश्चिम बंगाल के कुछ इलाके, पूर्वी उत्तर प्रदेश , बिहार में सीमांचल, राजस्थान में भरतपुर और हरियाणा में नूंह का क्षेत्र, जहां जहां आबादी में असंतुलन हुआ, वहां से अक्सर लड़ाई, दंगे और सांप्रदायिक तनाव की खबरें आती हैं. ये कोई सिर्फ भारत की बात नहीं है, दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जो इस समस्या से जूझ रहे हैं .इसलिए हमें भी सावधान रहने की ज़रूरत है. आज जिस रिपोर्ट का जिक्र हमारे देश में हो रहा है, उसी तरह की रिपोर्ट दुनिया के कुछ समाजशास्त्रियों ने जारी की है जिसमें कहा गया है कि अगर इसी रफ्तार से मुसलमानों की आबादी बढ़ती रही तो 2060 तक दुनिया में मुसलमानों की आबादी ईसाइयों से ज्यादा हो जाएगी.अगर इसी रफ्तार से मुसलमानों की आबादी बढ़ती रही, तो 2070 तक भारत दुनिया में सबसे ज्यादा मुसलमानों की आबादी वाला देश बन जाएगा. चूंकि कांग्रेस के नेता कह चुके हैं कि देश के संसाधनों पर पहल हक़ मुसलमानों का है, विरोधी दलों के नेता मुस्लिम आरक्षण का वादा कर रहे हैं, इसलिए ज़ाहिर है कि इस मुद्दे को चुनाव से जोड़ा जाएगा और कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से सवाल पूछे जाएंगे.

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HINDU-MUSLIM POPULATION IMBALANCE : OPPOSITION MUST RESPOND

rajat-sir A paper prepared by Economic Advisory Council to the Prime Minister has revealed that while the share of Hindus in India’s population decreased by 7.8 per cent from 84.7 pc in 1950 to 78.1 pc in 2015, the share of Muslims increased by over 43 per cent from 9.8 pc in 1950 to 14.1 per cent in 2015. No absolute numbers were given in the paper titled “Share of Religious Minorities: A Cross-Country Analysis (1950-2015) by Shamika Ravi, Abraham Jose and Apurv Kumar Mishra. The paper also disclosed that the share of Jains decreased from 0.4 pc to 0.3 per cent in the last 65 years, while share of Christians rose from 2.2 pc to 2.4 per cent, and that of Sikhs rose from 1.2 per cent in 1950 to 1.9 pc in 2015. Soon after the disclosures in the paper were made public, a public debate has begun over social media, mostly over the imbalance between Hindus and Muslims in society. While BJP leaders attributed this to “appeasement policies” during Congress rule, Congress described it as a ‘ploy’ to divert people’s attention from other pressing issues in the current general elections. Congress leaders Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi said, more such ‘ploys’ are in the pipeline, because, according to them, BJP leaders have realized that their party is going to lose the elections. AIMIM chief Asaduddin Owaisi, who normally advocates Muslim interests, listed out the number of siblings of Prime Minister Narendra Modi, to Home Minsiter Amit Shah and former RSS chief ‘Guruj’ M. S. Golwalkar. Owaisi said, this was a tactic to pave the path for declaring India a Hindu state. The PM-EAC paper has also pointed out how that while Hindus shrank by nearly 8 pc in the last 65 years in India, the share of Hindus in neighbouring countries like Pakistan, Bangladesh, Sri Lanka, Bhutan, Myanmar and Nepal has registered a steep decline. Union Minister Giriraj Singh alleged that a conspiracy was afoot during 60 years of Congress rule to convert India into an Islamic state. RJD leader Tejashwi Yadav questioned the figures saying no nationwide population census was carried out in 2021 due to Covid pandemic. He alleged that the BJP was trying to “fool the voters by raising questionable issues”. Vishwa Hindu Parishad leader Surendra Jain said, the 44 per cent hike in share of Muslims was obviously on the lower side, because the number of illegal Muslim migrants and infiltrators has not been added. “This is a dangerous trend”, he said. Asaduddin Owaisi said, “if BJP was not stopped, the day will soon come when India will become a Hindu Rashtra”. What I feel is: since electioneering is in full swing across India, there is more political sniping rather than a serious debate on facts relating to population imbalance. No doubt, this will impact the current elections, but the issue is serious. In a diverse country like India, where Hindus, Muslims, Sikhs, Christians, Buddhists, Jains, Parsis and other communities live together, population imbalance can cause serious problems for the social fabric. The battle can begin over control on resources in states where the imbalance is more. Assam and Kerala are two examples. Similarly some bordering areas of West Bengal, Eastern UP, Seemanchal region in Bihar, Nooh in Haryana and Bharatpur in Rajasthan, are pockets were population imbalance caused riots and communal tension in recent years. Not only India, there are several countries in the world which are facing similar problems. All of us need to be careful. The paper on PM-EAC that was made public has been prepared by some social scientists, and it clearly says that if Muslim population increases at a faster pace, the number of Muslims across the world will leave Christians behind by 2060, and by 2070, India could emerge as the country having the largest Muslim population in the world. Congress leaders have been saying that Muslims have the first right on the nation’s resources, while some opposition leaders are promising reservation for Muslims. In such a situation, it is natural that this issue will be raised during electioneering and the opposition may have to reply to questions on this issue.

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पित्रोदा का नस्ल वाला बयान कांग्रेस को चुनाव में परेशान करेगा

AKB30 अमेरिका में बैठ राहुल के राजनीतिक गुरू, इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने एक पॉडकास्ट के दौरान भारतीयों के रंग रूप और स्किन के कलर को लेकर नस्ली कमेंट कर दिया. सैम पित्रोदा भारत की नर्तमान स्थिति पर चर्चा कर रहे थे. इसी दौरान सैम बहके और उन्होंने कह दिया कि नॉर्थ ईस्ट के लोगों की शक्ल चाइनीज़ जैसी होती है, दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकियों जैसे लगते हैं जबकि पश्चिम भारत में रहने वाले भारतीय अरब मूल के लगते हैं. हालांकि बाद में सैम पित्रोदा ने बात को संभालने की कोशिश की, उन्होंने कहा कि यही भारत की खूबी है, विविधताएं ही भारत की विशेषता है, सब अलग अलग दिखते हैं लेकिन भाईचारा है परन्तु ‘सैम अंकल’ ना-ना करते भी बहुत कुछ कह गए.
सैम ने जब ये पॉडकास्ट किया, उस वक्त अमेरिका में रात हो रही थी और भारत में सूरज उग रहा था. सैम तो बयान देकर सो गए लेकिन यहां उनके बयान पर हंगामा शुरू हो गया. कांग्रेस को जवाब देना मुश्किल हो गया. तेलंगाना की रैली में मोदी ने ‘सैम अंकल’ के बहाने राहुल गांधी पर हमला बोला. मोदी ने कहा कि शहजादे के अंकल ने स्किन कलर के नाम पर देश के लोगों का अपमान किया है,लोगों को गाली दी है,ये अपमान देश बर्दाश्त नहीं करेगा. सैम पित्रोदा ने दो हफ्ते पहले विरासत टैक्स का आइडिया दिया था, इनहैरिटेंस टैक्स की बात की थी. उस वक्त तो कांग्रेस के नेताओं ने गोलमोल बात की थी लेकिन आज सैम ने जब भारतीयों के रंग के आधार उनका वर्गीकरण कर दिया, तो मोदी ने सैम पित्रोदा के बयान को मुद्दा बना दिया. कांग्रेस बचाव की मुद्रा में आ गई. कांग्रेस के नेताओं ने साफ कह दिया कि सैम पित्रोदा के बयान से पार्टी का कोई लेना देना नहीं हैं. राहुल गांधी के राजनीतिक सलाहकार कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सैम पित्रोदा के बयान को कांग्रेस खारिज करती है….इस बयान से कांग्रेस का कोई वास्ता नहीं है. सैम पित्रोदा ने जो कहा वो काफी गंभीर है. मुझे हैरानी है कि वो अमेरिका में पले बढ़े, बड़े हुए, फिर भी वो इस तरह की हल्की बातें करते हैं. शक्ल सूरत के आधार पर किसी की पहचान तय करना एक घटिया सोच है. रंग-रूप के आधार पर किसी को अफ्रीकी, किसी को चाइनीज़ कहना भारत की विरासत का अपमान है. लेकिन सोचने की बात ये है कि सैम पित्रोदा बार बार ऐसी बातें क्यों कहते है जो कांग्रेस के लिए मुसीबत बन जाती है? उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों के लिए कहा था “हुआ सो हुआ” .. फिर सैम ने कहा था corruption is a way of Life….यानि भ्रष्टाचार जिंदगी का तरीका है. फिर उन्होंने कहा आतंकवाद होता रहता है, कौन सी बड़ी बात है? सैम पित्रोदा राहुल गांधी के सलाहकार हैं. राहुल गांधी के सारे ओवरसीज़ टूर और लेक्चर वही प्लान करते हैं. गांधी परिवार को करीब से जानने वाले एक सज्जन बता रहे थे कि सैम राहुल गांधी को पढ़ाते थे, वह उनके गुरु हैं. शायद इसीलिए बार-बार गलती करने पर भी कांग्रेस उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पाई. लेकिन आज जब मोदी ने उनके बयान को मुद्दा बनाया, तो इसका गहरा असर हुआ. सैम पित्रोदा की छुट्टी हो गई. उन्हें इंडियन ओवरसीज़ कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा और इस्तीफ़ा तुरंत मंज़ूर भी हो गया. लेकिन इस बार सिर्फ इस्तीफे से बात नहीं बनेगी क्योंकि “सैम अंकल” ने इस बार भारतीयों की नस्ल पर सवाल उठाया है, आत्म सम्मान को चोट पहुंचाई है, इसलिए ये मुद्दा चुनाव के दौरान कांग्रेस को परेशान करेगा.

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PITRODA’S RACIST REMARK WILL CONTINUE TO HAUNT CONGRESS IN POLLS

AKB30 A racial remark about Indians made by Sam Pitroda in a podcast sparked nationwide outrage on Wednesday, the Congress dissociated from his comment and Pitroda had to resign as chairman of Indian Overseas Congress. A “political guru” of Congress leader Rahul Gandhi, Pitroda, sitting in the US, was discussing Indian current affairs on a podcast, when he veered from his path and commented: “We could hold together a country as diverse as India, where people in east look like Chinese, people in west look like Arabs, people in north look like maybe white and people in south look like Africans…it doesn’t matter. We are all brothers and sisters. The idea of India that is rooted in democracy, freedom, liberty, fraternity is being challenged by Ram temple, Ram Navami and the Prime Minister going to temple all the time and talking not as a national leader, but talking as a leader of BJP.” Prime Minister Narendra Modi was the first to hit out at Pitroda. Addressing an election rally in Telangana, Modi said, “Rahul Gandhi has an uncle in America who is a friend, philosopher and guide. For the shehzada (prince), he is like the third umpire in cricket who is approached for final decision. He seeks advice from his uncle. His uncle told him that all persons with black skin are Africans. And Congress voted against President Droupadi Murmu because of her skin colour. The nation will not tolerate such an insult to the people of this great country. ” Congress leaders appeared to be on the defensive after Pitroda’s remark caused nationwide outrage. Congress general secretary Jairam Ramesh said, the party completely dissociates itself from Pitroda’s analogies. Jairam Ramesh said, “The analogies drawn by Sam Pitroda ina podcast to illustrate India’s diversity are most unfortunate and unacceptable.” Two weeks ago, Pitroda had floated a controversial idea about US-type inheritance tax providing for 50 per cent tax collection from properties owned by those who die. What Pitroda said about the skin colour of Indians is really serious. I am surprised how a person living in the United States can make such a loose comment. To identify an individual on the basis of skin colour or looks is a reflection of poor taste. To describe people as African or Chinese, based on their looks and skin colour is nothing but an insult to Indian heritage. One needs to ponder why “Sam Uncle” makes such controversial comments putting Congress in trouble. Five years ago, “Sam Uncle” while replying to a question on 1984 anti-Sikh riots said, “Hua, Soh Hua” (whatever happened, happened). He also said, “corruption is a way of life”. Once he also said, terrorism does take place, what’s so big about it? Sam Pitroda is known as the adviser of Rahul Gandhi. It is he who plans Rahul Gandhi’s overseas tours and lectures. A leader close to Gandhi family told me once that Sam Pitroda used to teach Rahul Gandhi like a ‘guru’, and this could be the reason why Congress never takes action when he makes outrageous comments. On Wednesday, when Prime Minister Modi made it a big issue in the election, it had its fallout. Sam Pitroda was asked to go, and his resignation as chairman of Indian Overseas Congress was immediately accepted. This time, mere resignation won’t do. “Sam Uncle” has raised questions about the race of Indians and he has hurt their self-pride. This issue is going to hurt the Congress as India goes through four more stages of polling.

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क्या है मोदी के खिलाफ ‘वोट जिहाद’ ?

AKB30 मंगलवार को तीसरे चरण की वोटिंग के बाद अब लोक सभा की आधी सीटों के लिए लड़ाई बाकी रह गई है . इन बाकी आधी सीटों के लिए लड़ाई तेज हो गई है. उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में भी वोट जिहाद की बात हुई. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कुल जमाती संगठन ने वोटिंग से पहले महाराष्ट्र में मोदी को हराने की कॉल दी .साफ साफ एलान किया कि मुसलमान पार्टी न देखें, उम्मीदवार न देखें, उस उम्मीदवार को वोट दें, जो बीजेपी के उम्मीदवारों को हराने की स्थिति में हो. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से मुसलमानों को सीटों और उम्मीदवारों के नाम बताकर कहा गया कि किसे वोट देना है, किसको हराना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अब देश के लोगों को तय करना है कि वोट जिहाद चलेगा या रामराज्य. मोदी ने कहा कि वो इसीलिए चार सौ सीटों की मांग कर रहे है जिससे कांग्रेस और उसके चट्टे बट्टों के मंसूबों को पूरा होने से रोक सकें. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने खुलासा किया है कि राज्य की मसजिदों से कॉल दी जा रही है कि सभी मुसलिम वोटर मोदी और बीजेपी को हराने के लिए एकजुट होकर वोट डालें. फडनवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में मस्जिदों से कॉल दी जा रही है, जलसों में मुसलमानों से कहा जा रहा है कि उनका सिर्फ एक ही टारगेट है – बीजेपी को हराना, सिर्फ एक ही लक्ष्य है – मोदी को हटाना. फड़नवीस ने कहा कि चुनाव से पहले मज़हब के नाम पर जिस तरह से वोटर्स को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है, ये चुनाव आयोग को देखना चाहिए. देवेन्द्र फणनवीस ने जब इंडिया के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में ये खुलासा किया कि मस्जिदों से बीजेपी को हराने की कॉल दी जा रही है, महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवारों के जिताने की अपील की जा रही है, तो इंडिया टीवी के संवाददाताओं ने इस दावे की जांच की और देवेन्द्र फड़णवीस की बात बिल्कुल सही निकली. महाराष्ट्र में ऐसा हो रहा है. हमें पुणे में हुए एक जलसे का वीडियो मिला जिसमें मुसलमानों से बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की अपील की गई. इसका आयोजन कुल जमाती तंज़ीम ने किया. पूरे महाराष्ट्र से लोग बुलाए गए थे. जलसे का मुद्दा था – मौजूदा हालात में हमारी जिम्मेदारियां. इसमें तमाम मुस्लिम तंजीमों के लोग पहुंचे और मुसलमानों को सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये बताई गई कि किसी भी सूरत में केन्द्र में फिर बीजेपी की सरकार बनने से रोकना, किसी भी कीमत पर नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से रोकना. मजे की बात ये है कि सैकड़ों लोगों की भीड़ के सामने वक्ताओं ने ये बात साफ-साफ लफ्ज़ों में खुलकर कही. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी ने कहा कि वो जो समझा सकते हैं, समझा दिया, जो कह सकते थे, कह दिया, अब इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते कि देश का संविधान बदल जाए, आरक्षण खत्म हो जाए, मुसलमानों को और मुश्किलात का सामना करना पड़े, इससे पहले सतर्क हो जाओ, ये आखिरी मौका है.इसलिए अब उम्मीदवार और पार्टी छोड़ो, सिर्फ उसे एकजुट होकर वोट दो, जो बीजेपी को रोक सके. हमारा निशाना ये भी नहीं कि कौन मुस्लिम उम्मीदवार है, कौन गैर मुस्लिम उम्मीदवार है. हमको ये देखना है कि कौन सा उम्मीदवार दिल्ली की मौजूदा सरकार को बदलकर थोड़ी गनीमत सरकार वहां ला सकता है, ये हमारी गुजारिश है, मुझे उम्मीद है साफ़ लफ्जो में मैंने आप तक अपना पैगाम पहुंचा दिया, खुदा करे आपके दिल में भी ये उतर जाए. मौलाना सज्जाद नोमानी ने अपनी बात खत्म की. उन्होंने ये बताया कि किसे हराना है.इसके बाद कुल जमाती तंज़ीम के मेंबर उस्मान हिरोली ने उन उम्मीदवारों के नाम बताए जिन्हें जिताना है, जिन्हें महाराष्ट्र में जमात ने सपोर्ट करने का फैसला किया है. अब चूंकि सैयद सज्जाद नोमनी बड़े इस्लामी स्कॉलर हैं. ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता हैं, इसलिए वो जानते थे कि अगर उन्होंने उम्मीदवारों का नाम अपनी ज़ुबान से लिया तो फिर ये बड़ा मुद्दा बन सकता है. यही वजह है कि इन उम्मीदवारों के नाम उस कुल जमाती तंज़ीम से जुड़े लोगों के मुंह से कहलवाए गए, जिन्होंने सज्जाद नोमानी को यहां बुलाया था. समाजवादी पार्टी के नेता अबु आज़मी कह रहे हैं कि चुनाव के वक्त हर धर्म, हर समाज के लोग अपनी पसंदीदा पार्टी या उम्मीदवार को वोट देने की अपील करते हैं. इसमें क्या गलत है. इससे पहले चुनावों के वक्त मस्जिदों के इमाम फतवे जारी करते थे, मौलाना और मुस्लिम जमात के नेता अपने समर्थकों के लिए वोटिंग से पहले अपील जारी करते थे लेकिन ऐसा पहली बार दिख रहा है कि मुस्लिम संगठन जलसों का आयोजन करके वोट जिहाद की बात कर रहे हों. जिन चार सीटों पर महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवारों को जिताने की अपील की गई, उनमें बारामती से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले उम्मीदवार हैं. बारामती में मंगलवार को ही वोटिंग हुई. बाकी पुणे सीट से कांग्रेस के रविंद्र धंगेकर चुनाव लड़ रहे हैं. मावल सीट पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के संजय वाघोरे मैदान में हैं.. जबकि शिरुर सीट पर NCP शरद पवार गुट के अमोल कोल्हे चुनाव लड़ रहे हैं. इन तीनों सीटों पर 13 मई को पोलिंग होनी है. वोटिंग से पहले मुस्लिम संगठनों ने अपना प्लान जाहिर कर दिया है. मुसलमानों से एकजुट होकर टैक्टिकल वोटिंग करने की अपील की गई है. इससे पहले फर्रुख़ाबाद में कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद की भतीजी ने मुसलमानों से वोट जिहाद की अपील की थी, बीजेपी को सपोर्ट करने वाले मुसलमानों को क़ौम का गद्दार बताया था. इस तरह के संदेश का असर पूरे देश के मुसलमानों पर होता है. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तुरंत जवाब दिया और रैलियों में कहा कि अब जनता को तय करना है कि उसे वोट जिहाद चाहिए या रामराज्य. जो लोग ये पूछते हैं कि मोदी वोट जिहाद की बात क्यों करते है, उनको आज जवाब मिल गया होगा. वैसे तो मुसलमानो से हर चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एकमुश्त वोट देने को कहा जाता हैं. इस बार भी मोदी को हटाने के लिए वोट देने की अपील की गई. अब तक ये काम चुपचाप होता था .लेकिन आज सब ने देखा मौलाना सज्जाद नोमानी जैसे मशहूर मुस्लिम लीडर खुले आम साफ-साफ लफ्जों में कह रहे हैं कि मुसलमानों को हर उस उम्मीदवार को वोट देना है जो मोदी को हरा सके. मौलाना सज्जाद नोमानी कोई साधारण शख्सियत नहीं है. उनकी बात का मुसलमानों पर काफी असर पड़ता है. उनकी काफी इज्ज़त है और जब वो ये कहते हैं कि बीजेपी को रोकने के लिए वोट देना है, तो शक की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती. लेकिन मोदी को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता. बल्कि मोदी को तो मौका मिल गया एक बार फिर लोगों को ये बताने का कि वोट जिहाद क्या होता है. दूसरी बात मोदी ये कहते हैं कि काँग्रेस और उसके साथी दल, दलितों का हक़ काटकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं , कांग्रेस इस बात से इंकार करती है, पर आज ये बात भी साबित हो गई.आज ये बात भी खुल कर सामने आ गई कि मुसलमानों को आरक्षण देने का इरादा तो है. RJD के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से जब रिपोर्टर्स ने पूछा कि बीजेपी इल्ज़ाम लगा रही है कि कांग्रेस और उसके साथी सत्ता में आए, तो पिछड़ों और दलितों का आरक्षण मुसलमानों को दे देंगे, तो उन्होने कहा कि मुसलमानों को तो आरक्षण मिलना चाहिए. वो भी पूरा. बाद में जब इस बयान को लेकर बवाल मचा तो लालू यादव ने शाम को सफाई दी कि उन्होंने धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने की बात नहीं कही, आरक्षण का आधार तो सामाजिक होता है, धार्मिक नहीं. इसके बाद इस चुनाव में पहली बार सोनिया गांधी का बयान आया. सोनिय़ा गांधी ने अपना एक रिकॉर्डेड बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के राज में दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर ज़ुल्म बढ़े हैं, बीजेपी की नीतियों से पूरे देश में हाहाकार मच गया है. संविधान के लिए ख़तरा पैदा हो गया है, इसलिए देश में कांग्रेस की सरकार जरूरी है.
मोदी अपनी हर पब्लिक मीटिंग में ये कहते हैं कि वो गरीबों के लिए जीते हैं, वो कहते हैं जब तक वो जिंदा हैं, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण पर आंच नहीं आने देंगे लेकिन दूसरी तरफ राहुल गांधी भी हर रोज ये कहते हैं कि मोदी आरक्षण खत्म कर देंगे. आज सोनिया गांधी ने भी ये बात कही. अब ये ‘मेरी बात तेरी बात’ वाला खेल है. मोदी दूसरी बात कहते हैं कि कांग्रेस और उसके साथी दल मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं, वो दलितों का हक़ काटकर मुस्लिमों को देना चाहते हैं.कांग्रेस वाले भी बार बार कहते हैं कि उनका कोई मंसूबा नहीं है लेकिन जब लालू यादव ने कह दिया कि वो मुसलमानों को पूरा आरक्षण देना चाहते हैं, तो मोदी को पूरा मौका मिल गया.

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WHAT IS ‘VOTE JIHAD’ AGAINST MODI?

AKB30 As the crucial third phase of voting for Lok Sabha elections ended on Tuesday, the race has now begun for remaining half of the total seats in Parliament. Calls for “vote jihad” are now being made, first in UP and now in Maharashtra, with Muslim Personal Law Board and Kul Jamat-e-Tanzeem leaders giving a clear call to Muslim voters to defeat Modi and BJP. The call is clear: Do not look at the candidates or the parties, but collectively cast your votes for the candidate who is in a strong position to defeat the BJP. In his public meeting, PM Narendra Modi clearly said, voters should now choose between “vote jihad” or Ram Rajya. Modi said, he is asking for 400 Lok Sabha seats, because he wants to foil the designs of Congress and its allies. Maharashtra deputy chief minister Devendra Fadnavis alleged that calls are being given from mosques across Maharashtra, and from religious meetings of Muslims, to target BJP and defeat Modi. Fadnavis demanded that the Election Commission must look into appeals being made in the name of religion. In an interview with India TV, Fadnavis said, mosques in Maharashtra are issuing calls to support Maha Vikas Aghadi candidates and defeat BJP and allies. India TV reporter obtained a video of a Muslim meeting in Pune, convened by Kul Jamaati-e-Tanzim. Representatives from across Maharashtra attended, and at the meeting, calls were made to defeat BJP and Narendra Modi at all costs. Speaker after speaker spoke about targeting Modi and BJP in the meeting attended by several hundred Muslims. Hardliner spokesperson of All India Muslim Personal Law Board Sajjad Nomani said, Muslims should now become alert, as “this is the last chance” because calls are being given to end reservation and change the Constitution. Nomani said, Muslims should stop pick and choose policy about parties and candidates, and collectively vote to defeat Modi and BJP. “We must not see whether the candidate is Muslim or non-Muslim, we must elect the candidate who can help in changing the present government at the Centre”, he said. After Nomani spoke, another leader of Kul Jamaati-e-Tanzim Osman Hiroli read out the names of candidates who need to be made victorious. Nomani cleverly avoided naming the candidates since he belongs to AIMPLB, which is avowedly a non-political outfit. At the meeting, Kul Jamaati-e-Tanzim leaders decided whom to vote for four important seats, Baramati, Pune, Mawal and Shirur, and an appeal was issued to support INDIA alliance candidates. Reacting to this, Prime Minister Narendra Modi, addressing rallies in Khargone, Dhar, Beed and Ahmednagar, raised the ‘vote jihad’ issue, and said: “On one hand Pakistani terrorists speak of jihad against India, and here a Congress leader is asking people belonging to one religion to start vote jihad. This shows the desperation in the Congress camp.” Modi alleged that the Congress wants to put Babri lock on Ram temple in Ayodhya and end caste-based reservation. He alleged, Congress wants to include its vote bank (Muslims) among the OBCs, and in order to stop this, BJP needs to win 400 seats. Naturally, leaders who question Modi about why he is raising ‘vote jihad’ have got their replies after the Pune meeting of Kul Jamaati-e-Tanzim. In the last several elections, Muslims have always been asked to vote unitedly against BJP, but this time, the appeal is for dislodging Modi from power. Till now, this work was done secretly, but the video clearly shows a respected Muslim leader like Maulana Sajjad Nomani asking all Muslims to vote for the candidate who can defeat Modi. Sajjad Nomani is not an ordinary individual. His words carry weight in the Muslim community and he is widely respected. When Nomani says, Muslims must vote unitedly to stop BJP from coming to power, no room is left for doubts anymore. But Narendra Modi is least worried. Modi has now got the chance to tell people after ‘vote jihad’. Secondly, Modi has been alleging that Congress and its allies want to reduce reservation quotas of OBCs and Dalits and give fresh quota to Muslims. Congress may very well deny this charge, but RJD founder Lalu Prasad Yadav has spilled the beans in Bihar. On Tuesday, when reporters asked Lalu Yadav whether reservation quota for OBCs and Dalits will be reduced to give some reservation to Muslims, the RJD patriarch replied: “Muslims mut get reservation, poora ka poora (full)”. In his Dhar rally, PM Modi referred to Lalu as “chaara chor” (fodder thief) and said, the one who stole fodder is now aiming to steap the reservation for Dalits and OBCs. “Their hidden agenda is now out”, said Modi. After the controversy spiralled, Lalu Yadav came again in front of cameras to clarify that he never said about giving reservation on the basis of religion. “Reservation is given on social grounds, not on religious grounds, we had implemented Mandal Commission recommendations, but Atal Bihari Vajpayee’s government set up a Constitution Review Commission. BJP is the real opponent of Constitution and reservation”, Lalu Yadav said. Congress leader Sonia Gandhi issued a recorded statement in which she said that atrocities on Dalits, backwards and minorities have increased during Modi’s rule, and the Constitution is in danger. The nation needs Congress rule, she said. In fact, a war of words is going on over Muslim reservation between Modi and Rahul Gandhi.

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झारखंड में ज़ब्त कैश : कांग्रेस को जवाब देना पड़ेगा

AKB30 झारखंड से हैरान करने वाली तस्वीरें आईं. झारखंड सरकार में कांग्रेस के मंत्री आलमगीर के पर्सनल सेक्रेट्री के नौकर के घर से 30 करोड़ रु. से ज्यादा का कैश बरामद हुआ. पांच पांच सौ के नोटों की गड्डियां बैग्स में भरी हुई थी. कमरे में नोटों का पहाड़ बन गया. नोट गिनने वाली मशीनें देर रात तक गिनती में लगी. चुनाव के दौरान कांग्रेस के मंत्री के करीबी के घर से इतनी बड़ी मात्रा में नोटों की बरामदगी से कांग्रेस समेत सभी विरोधी दलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. क्योंकि नोटों की गड्डियां पूरी दुनिया ने देखी. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने अपनी रैलियों में ये मुद्दा उठाया. मोदी ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि कांग्रेस लूट का धंधा नहीं छोड़ सकती, जहां मौका मिलता है, कांग्रेस का पंजा अपना काम कर देता है लेकिन लूटने वालों को एक-एक पाई लौटानी पड़ेगी, ये मोदी की गारंटी है. कांग्रेस के नेताओं के पास तो अपने मंत्री के बचाव में कोई तर्क नहीं हैं लेकिन मंत्री ने सफाई दी है. आलमगीर आलम ने कहा है कि उनका पर्सनल सेकेट्री सरकारी अफसर है, उससे उनका कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं है, इसलिए उसके पास जौ पैसा मिला है, वो किसका है, उन्हें नहीं मालूम. इस नकद से उनका नाम जोड़ना गलत है लेकिन बड़ी बात ये है कि जांच एजेंसियों को नोटों की गड्डियों के साथ जो कागजात मिले हैं उन दस्तावेजों से मंत्री का लेना-देना साबित होता है. पैसा ट्रांसफर पोस्टिंग का है, मनमाने तरीके से टेंडर्स अलॉट करवाने का है या फिर नोटों के बंडल भ्रष्टाचार की काली कमाई के हैं. ईडी ने सोमवार को रांची में जहांगीर आलम नाम के शख्स के घर में छापा मारा. जहांगीर आलम झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल सेक्रेटरी संजीव लाल का घरेलू नौकर है. जहांगीर आलाम की महीने भर की कमाई बीस हजार रूपए से ज्यादा नहीं है लेकिन जहांगीर आलम के घर से पांच पांच सौ के नोटों की पांच हजार से ज्यादा गड्डियां मिली, बड़ी बड़ी पॉलीथीन्स में, कपड़ों के बैग्स में नोट ही नोट भरे थे. ED की टीम को जब एक साधारण से गरीब दिखने वाले शख्स के घर में इतनी भारी मात्रा में नोट मिले तो ED के अफसर भी दंग रह गए. असल में सुबह ED की टीम्स ने रांची में आज एक साथ 6 ठिकानों पर रेड की. जिन लोगों के ठिकानों पर ED के छापे पड़े उनमें जहांगीर आलम , ठेकेदार मुन्ना सिंह, सड़क निर्माण विभाग के इंजीनियर विकास कुमार और कुलदीप मिंज शामिल थे.. ED को मंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी के नौकर जहांगीर के घर पर नोटों का पहाड़ मिला. इतने नोट थे कि उन्हें गिनने के लिए ED को बैंकों कैश गिनने की मशीनें मंगानी पड़ी. दोपहर तक नोट गिनते गिनते मशीनें गर्म होने लगी. दो मशीनें खराब हो गईं. इसके बाद, बैंक से नोट गिनने की और बड़ी मशीन मंगानी पड़ीं. इसके अलावा मंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी संजीव लाल के क़रीबी ठेकेदार मुन्ना सिंह के घर से भी 5 करोड़ रु. का कैश मिला. जिस वक्त झारखंड में नोटों के पहाड़ मिले, उस वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओडिशा में रैली कर रहे थे.. रैली में मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस के शहज़ादे को बताना पड़ेगा कि कांग्रेस ने लूट का माल छुपाने के ऐसे कितने गोदाम बना रखे हैं. मोदी ने आंध्र प्रदेश की रैली में कहा कि जो ED-ED चिल्ला रहे थे, उन्हें ED से इतना दर्द क्यों हो रहा है, उसका सबूत आज फिर मिल गया. मोदी ने कहा कि अब तक कांग्रेस और उसके साथियों ने देश को लूटा है, अब मोदी लूट का माल जनता को लौटाएगा. असल में झारखंड़ में कांग्रेस के मंत्री के करीबियों के ठिकानों से नोटों के ढेर मिले हैं, वो सब पुराने घोटालों की जांच का नतीजा है. ED की ये छापेमारी ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी है. वीरेंद्र राम को ED ने पिछले साल फरवरी में गिरफ़्तार किया था. निलम्बित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने माना था कि वो सड़कें बनाने और दूसरे ठेके देने के बदले में वो एक से तीन परसेंट कमीशन लेता था. 2023 में वीरेंद्र राम को गिरफ़्तार करने के बाद, ED ने उसकी करोड़ों रूपए की प्रॉपर्टी भी अटैच की थी. ED को शक था कि सस्पेंड होने के बावजूद, वीरेंद्र राम अभी भी झारखंड के सरकारी ठेकों में कमीशनखोरी के रैकेट से जुड़ा था. इसके बाद ED ने झारखंड सरकार को कार्रवाई के लिए इस बारे में सीक्रेट लेटर लिखे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद ED ने ख़ुद वीरेंद्र राम और उससे जुड़े लोगों के ख़िलाफ़ जांच शुरू की. इनमें कांग्रेस के मंत्री आलमगीर आलम के पर्सनल सेक्रेटरी संजीव लाल भी शामिल थे. दिलचस्प बात ये है कि आज ED को छापेमारी में संजीव लाल के नौकर जहांगीर के यहां से वो चिट्ठी भी मिली जो ED ने झारखंड सरकार को लिखी थी. ED की टीम को कुछ हाथ से लिखे कागज़ भी मिले हैं, जो सरकारी के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े हैं.बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि ये सारा पैसा आलमगीर आलम का ही है जो ट्रांसफर पोस्टिंग और ठेकेदारी से कमाया गया है. “हाथ कंगन को आरसी क्या…पढे लिखे को फारसी क्या”, “प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्” यानि जब सबूत सामने हैं, वीडियो में नोटों के बंडल दिख रहे हैं तो फिर कांग्रेस कितनी भी सफाई दे, कोई भी इल्जाम लगाए, किसी के गले नहीं उतरेगा. झारखंड प्राकृतिक और खनिज संपदाओं के मामले में सबसे धनी राज्य है. लेकिन इसके बाद भी राज्य के लोग सबसे गरीब है और वहां के नेताओं के नौकर नोटों के ढेरों पर सोते हैं. इसीलिए ये तो पूछा जाएगा कि नेताओं के पास ये पैसे कहां से आया? किसका है? पिछले साल झारखंड में ही कांग्रेस के एक व्यापारी सांसद की फैक्ट्री से साढ़े तीन सौ करोड़ रु. का कैश मिला. और अब कांग्रेस के मंत्री के PS के नौकर के घर से करोड़ों का कैश बरामद हुआ. .इसलिए बीजेपी इसे मुद्दा बनाए तो कोई गलत बात नहीं हैं. अब चुनाव के दौरान कांग्रेस और विरोधी दलों के नेता सफाई देंगे, ED के एक्शन पर सवाल उठाएंगे और नरेन्द्र मोदी अपनी हर रैली में नोटों की गड्डियों की याद दिलाएंगे और कहेंगे लूट का माल तो लौटाना पड़ेगा.

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JHARKHAND CASH : CONGRESS HAS MUCH TO ANSWER

AKB30 The seizure of nearly Rs 35 crore cash from the home of a domestic servant attached to the personal secretary of Jharkhand minister Alamgir Alam on Monday raises serious questions. Enforcement Directorate staff raided multiple locations in Ranchi in connection with an old corruption and money laundering case, and stumbled upon wads of current notes stuffed inside bags and suitcases in the house of Jehangir Alam, a servant working for Sanjeev Lal, personal secretary to Jharkhand rural development minister Alamgir Alam. Currency note counting machines had to be brought in to ascertain the exact value of cash seized and the counting went on till late in the night. The seizure of cash comes a week ahead of the polling for Lok Sabha elections, slated for May 13. As visuals of “mountain load” of seized currency notes flashed on TV screens on Monday, Prime Minister Narendra Modi hit out at the opposition alliance in his election rallies. Modi said, the entire nation is watching that the Congress has not put an end to its “looting spree”, but each paisa of looted money will have to returned to the government. The Congress minister Alamgir Alam said, his PS Sanjeeb Lal “is a government employee and his services were provided to me by the department. He has been PS to two other ministers earlier.” He said, he had no personal relations with his PS and he had no knowledge whom the cash belonged to. But the most important point is, ED officials have found papers with the currency notes, which prove the minister’s link with cash transactions. Investigators said, they believed this was bribe money collected from transfers and posting of officers, and from allotment of tenders. The domestic servant Jehangir Alam’s monthly earning is hardly Rs 20,000, but more than 5,000 bundles of Rs 500 currency notes were reportedly recovered from his home. ED staff had raided six locations in Ranchi on Monday, and these included the premises of Jehangir Alam, a contractor Munna Singh, Road Construction department engineers Vikas Kumar and Kuldip Minz. Counting machines became hot after repetitive use by ED staff, and more machines had to be procured from banks to count the ill-gotten money. More than Rs 5 crore cash was seized from contractor Munna Singh’s premises. In neighbouring Odisha, while addressing an election rally, PM Narendra Modi said, “the shehzada of Congress will have to disclose how many such godowns full of cash have been concealed till now.” In Andhra Pradesh rally, Modi said, those who were crying hoarse about ED, are realling feeling the pinch after watching today’s visuals. The PM said, “Modi will now return this money to the national coffers”. Monday’s raids were part of a probe into earlier scams involving alleged money laundering by Rural Development department chief engineer Veerendra Ram. He was arrested in February last year and suspended. He had admitted tht he used to collect one to three per cent commission on road building and other tenders. ED had attached his properties worth several crores last year, and suspected that he was still involved in commission collection in government departments. In Monday’s search, several hand-written notes were found with cash relating to transfers and posting of Jharkhand government officers. BJP MP Nishikant Dubey alleged that the entire cash belonged to Alamgir Alam and it was collected through transfers and posting and commissions from contractors. In Sanskrit, there is an oft-repeated phrase “Pratakshyam Kim Pramanam” (Whatever visible does not require proof). The visuals are clear. Mounds of currency notes tumbling out of bags. No amlount of clarification or allegations by Congress will not hold water in this case. Jharkhand is a state rich in mineral and other natural resources, but most of the people in the state live below poverty level. But here we find leaders sleeping on wads of currency notes. Naturally, the questions will be asked: What is the source of this money? Whom does this cash belong to? Last year, nearly Rs 350 crore cash was seized from a Congress MP in Jharkhand. This time, crores of rupees worth cash was seized from the servation attached to the personal secretary of a Congress minister. Naturally BJP is going to make it a big issue. In more election rallies, Congress and opposition leaders will raise question about ED, and Modi will remind people about the “mountain load of cash” to voters. He will also say, looted money will have to be returned.

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