चीन ने भारत के खिलाफ कैसे शुरू किया प्रोपेगेंडा वार
पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना के साथ पिछले चार महीने से जारी गतिरोध के बीच चीन की सेना (पीएलए) अब एक ऐसे संकट में घिर गई है जिसकी नींव खुद उसी ने रखी थी। ऐसी हालत में अब भारत को डराने के लिए चीन की सेना ने प्रोपेगेंडा वॉर शुरू कर दिया है। उधर, एलएसी पर तैनात भारत के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ सरहद की हिफाजत में डटे हुए हैं।
शुक्रवार को अपने प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में हमने चीन के आधिकारिक मीडिया की तरफ से जारी किए गए वीडियो दिखाए। इन वीडियो में चीन के टैंक और आर्टिलरी गन दिखाए गए हैं। पिछले तीन दिन से चीन के सरकारी टेलीविजन पर लगातार युद्धाभ्यास के वीडियो जारी किए जा रहे हैं और दावा किया जा रहा है कि भारत के सैनिक अगर पीछे नहीं हटे या भारत ने सरहद पर टेंशन कम करने की कोशिश नहीं की तो उसे युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। चीन की सेना तिब्बत में लगातार युद्धाभ्यास कर रही है। चीन की मीडिया का दावा है कि ये वीडियो तिब्बत स्थित पीएलए के वेस्टर्न मिलिट्री कमांड की ओर से जारी किया गया है।
इसी तरह दो दिन पहले भी चाइनीज टीवी ने एयरबोर्न ट्रूप्स की मॉक ड्रिल को एंकर्स के साथ दिखाया था और यह कहा गया कि यह युद्धाभ्यास लद्दाख में एलएसी पर मौजूदा हालात को देखकर ही किया जा रहा है। हमारे डिफेंस एडिटर मनीष प्रसाद ने बताया कि ये बात तो सही है कि चीन सरहद पर भारत को उकसाने, डराने और धमकाने की हर संभव कोशिश कर रहा है। ये भी सही है कि बीच-बीच में चाइनीज फौज मिलिट्री ड्रिल भी करती है और चीनी सौनिकों की तैनाती भी बढ़ी है। लेकिन चीन की तरफ से जो वीडियो जारी किए जा रहे हैं, वो सिर्फ प्रोपेगेंडा वॉर का हिस्सा हैं। चीन के ये वीडियो कब के हैं, कहां के हैं, कोई नहीं जानता। लेकिन कई दिनों से लेह में मौजूद मनीष प्रसाद ने बताया कि भारतीय जवान लद्दाख में पूरी तरह मुस्तैद हैं। हथियारों का जमावड़ा हमारी तरफ भी कम नहीं हैं।सैनिकों की तैनाती हमारी तरफ भी चीन से कम नहीं हैं और जहां तक एक्सरसाइज का सवाल है तो आसमान में हमारे फाइटर जेट और जमीन पर हमारे टैंक्स भी हर वक्त तैयार हैं।
अपने दावे को सही साबित करने के लिए चीन की सेना अपने जवानों के अजीबो-गरीब वीडियो भी जारी कर रहा है। वीडियो भी ऐसा, जिसे देखकर आप हंसे बिना नहीं रह सकते। एक वीडियो में चीन के सैनिकों को ड्रोन के जरिए ‘गर्म’ नूडल्स पहुंचाने की तस्वीरें दिखाई गई हैं। पूरी दुनिया जानती है कि हाई एल्टीट्यूड वॉर (पहाड़ों पर युद्ध) में हिन्दुस्तान की फौज का कोई मुकाबला नहीं है। ऊंचे और बर्फीले इलाकों में सर्वाइव करने और दुश्मन को धूल चटाने में हमारे जवानों को महारत हासिल है और पूरी दुनिया ये भी जानती है कि चीन के फौजी ऊंचे और बर्फीले इलाकों में लंबे वक्त तक नहीं टिक सकते। गलवान घाटी में जो हुआ था वो इसका सबूत है। हमारे जवानों ने दुश्मन को बड़ा नुकसान पहुंचाते हुए चीनी सैनिकों के हमले को नाकाम कर दिया, उसे पूरी दुनिया ने देखा है।
चीन की सेना बार-बार ये दावा करती है कि उसकी फौज ने सर्दियों की पूरी तैयारी कर ली है लेकिन सर्दियों में भारत के जवान लद्दाख के पहाड़ों पर इतनी ऊंचाई में टिक नहीं पाएंगे। सैनिकों को गर्म नूडल्स परोसते हुए वीडियो में दावा किया गया कि ड्रोन्स के जरिए चीन के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक, सर्द मौसम में भी गरमागर्म खाने का लुत्फ उठाएंगे। इसके बाद चीन की सरकारी मीडिया में ये भी कहा गया कि ऐसे मौसम में भारतीय जवानों को ठंडा कैन्ड फूड खाना पड़ेगा और भारी ठंड का सामना करना पड़ेगा। वैसे ये बात तो सही है कि ठंड बढ़ेगी तो चुनौतियां भी बढ़ेंगी। लेकिन इसके लिए हमारी सेना पूरी तरह तैयार है। भारतीय सेना के जवान इस वक्त भी 16 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद हैं और उनके लिए खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि अब ऊंचाई वाले इलाकों में बेस कैंप के पास ही छोटे-छोटे किचन बनाए गए हैं। इनमें जवानों के लिए गर्म खाना बनता है। किचन हर वक्त चलती रहे और इसके लिए ईंधन की कमी न हो, इसलिए लगातार डीजल की सप्लाई हो रही है। सिर्फ खाने-पीने के सामान ही नहीं बल्कि हथियारों की सप्लाई भी लगातार जारी है।
चीन की जब कोई चालाकी काम नहीं आई और पीएलए का प्रोपेगेंडा वार फेल हो गया तो चीन ने मॉस्को में बातचीत का ड्रामा किया। मैं जानबूझकर ड्रामा शब्द का इस्तेमाल कर रहा हूं। इसकी वजह आपको बताता हूं। दरअसल रूस में SCO समिट के साइडलाइन एलएसी विवाद को लेकर पहली बार भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वॉन्ग यी के बीच वन-टू-वन मीटिंग हुई। दोनों नेताओं के बीच विस्तार से बॉर्डर के मुद्दे पर चर्चा हुई। तय हुआ कि टेंशन को कम किया जाएगा। इसके लिए पांच सूत्रीय एजेंडा तय हुआ। लेकिन यह कागजों पर ही अच्छा लग रहा था, जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
पांच सूत्रीय फॉर्मूले में दोनों देश इस बात पर राजी हुए हैं कि (1) मतभेदों को विवाद नहीं बनने दें। (2) सैन्य स्तर पर बातचीत जारी रखनी चाहिए, विवादित जगहों पर दोनों देशों के सैनिकों को पीछे हटना चाहिए और सैनिक प्रॉपर डिस्टेंस मेंटेन करें जिससे तनाव कम हो सके। (3) बॉर्डर को लेकर दोनों देशों के बीच जो भी समझौते हुए हैं, दोनों सेनाएं उसका पालन करेंगी। (4) दोनों देश स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव मैकेनिज्म के जरिए कम्यूनिकेशन बनाए रखेंगे। (5) हालात सामान्य होने पर दोनों देशों को विश्वास बहाली के उपायों पर काम में तेजी लाना होगा।
जब ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी हुआ तो लगा कि चीन अब रास्ते पर आ रहा है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि मास्को में ज्वाइंट स्टेटमेंट के जारी होने के कछ ही देर के बाद चीन ने अपनी लाइन बदल दी। चीन ने लद्दाख सेक्टर में एलएसी के पास 50,000 से अधिक सैनिकों को तैनात कर दिया है, और उसके वायु सेना के विमान और एयर डिफेंस सिस्टम लगातार एक्सरसाइज कर रहे हैं। चीन के आर्मी जनरल इतने चिंतित और घबराए हुए क्यों हैं? ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमारे स्पेशल फ्रंटियर फोर्स के जवान, जो तिब्बती निर्वासित हैं, ने एलएसी के पास कई ऊंचाई वाली चोटियों पर कब्जा कर लिया है, जहां से वे चीनी सैनिकों की गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं।
इस वक्त भारतीय फौज की पोजिशन चीन के मुकाबले कई गुना मजबूत है। दक्षिणी पैंगोग सो इलाके की 24 चोटियों पर हमारे जवान तैनात हैं। भारतीय फौज की इस तैनाती से चीन की फौज परेशान है। उसके जनरल घबराए हुए हैं। साउथ पैंगोंग सो में फिंगर फोर की सबसे ऊंची चोटी पर अब इंडियन पोस्ट बन चुकी है। हमारे जवानों ने प्रीएम्टिव मेजर्स के साथ, मिडनाइट ऑपरेशन करके करीब 6000 मीटर की ऊंचाई यानी करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर अपनी मौजूदगी दर्ज करवा ली है। असल में फिंगर फोर और फिंगर फाइव को लेकर ही दोनों सेनाओं के बीच टकराव के हालात हैं। चीन ने इस इलाके में हैवी डिप्लॉयमेंट किया हुआ है इसीलिए भारतीय सेना का भी मिरर डिप्लॉयमेंट है। चूंकि पहले हम नीचे की तरफ थे,इसलिए चीन की तैनाती पर नजर रखने में दिक्कत होती थी और चीन को छुपकर, चुपके से घुसपैठ करने में आसानी होती थी। लेकिन अब इंडियन आर्मी को फायदा मिला है कि वह चीनी सैनिकों पर नजर रख सके।
जरा सोचिए, दुनिया की सबसे ऊंची पोस्ट सियाचिन ग्लेशियर 22 हजार फीट पर है और अब हमारे जवान पैंगोंग सो इलाके में 18 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं। और यहां से हम चाइनीज डिप्लॉयमेंट पर..चाइनीज मूवमेंट पर पूरी तरह नजर रख सकते हैं। इस वक्त भारत और चीन की सेना के बीच चुशूल, हॉटस्प्रिंग्स, डेपसांग वैली और पैंगोंग सो की पोजिशन को लेकर फेसऑफ की स्थिति बनी हुई है। यहां एक स्ट्रेटजिक प्वाइंट है ‘रेचेनला पास’। इस वक्त ‘रेचेनला पास’ चीन की लाइफ लाइन है। लेकिन इसके करीब ही भारतीय सेना के जवान 16 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात है। यहां से चीन की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है।
आइए, हम यह समझने की कोशिश करें कि चीनी जनरलों क्यों चिंतित हैं और घबराए हुए क्यों हैं। अप्रैल में चीनी सैनिकों की घुसपैठ नोटिस में आने के बाद जून में भारतीय जवानों के साथ उनका टकराव शुरू हुआ। अप्रैल तक भारत को चीन की दोस्ती पर भरोसा था और इसका अनुचित लाभ चीनी सेना ने उठाया। लेकिन अब, हालात बदल गए हैं। भारतीय सेना ने लगभग 24 चोटियों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है जहां से वे चीन के सैनिकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख सकते हैं। चीन चाहता है कि भारतीय सैनिक इन चोटियों से हट जाएं।
चीन की दूसरी परेशानी ये है कि भारत ने उससे होने वाले व्यापार पर पाबंदी लगाई है। अब चीन की कोशिश ये है कि एलएसी पर बात होती रहे, मामला लटकता रहे, लेकिन भारत ने चीन के बिजनेस पर जो रोक लगाई है उसे वापस ले लिया जाए। क्योंकि बिजनेस की मार भी चीन को खूब पड़ी है। चीनी आईटी कंपनियां भारत सरकार द्वारा ऐप्स पर लगाए गए बैन से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। भारत का रुख बिल्कुल स्पष्ट है। जब तक चीन अपने सैनिकों को नहीं हटाता और तिब्बत में अपनी सेना की तैनाती कम नहीं करता, तब तक सामान्य हालात बहाल नहीं हो सकते।
चीन की तीसरी तकलीफ ये है कि पूरी दुनिया में आज भारत की डिप्लोमेसी और नरेन्द्र मोदी की लीडरशिप का प्रभाव है। आज अमेरिका, रूस, यूके, जापान, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप से लेकर सारे बड़े-बड़े मुल्क भारत के साथ हैं। वो चीन की चालाकियों को समझते हैं,इसलिए चीन आइसोलेटेड है और किसी तरह से इस हालात से बाहर निकलना चाहता है।
और अंत में सबसे बड़ी बात ये है कि इन सारी बातों का असर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की टॉप लीडरशिप की आंतरिक ताकत पर भी पड़ रहा है, जिसे वहां की जनता की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। चीन ‘मुंह में राम और बगल में छुरी’ की कहावत चरितार्थ करता रहा है। लेकिन भारत ने चीन के इस गेम को अच्छी तरह से समझ लिया और चीन को उसी की भाषा में जवाब देने का फैसला किया है। क्योंकि दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है।
How China has launched a propaganda war against India
In the four month long standoff with Indian army in eastern Ladakh, the Chinese People’s Liberation Army (PLA) now finds itself in a crisis of its own making. The Chinese army has therefore launched a propaganda war to intimidate India, whose army jawans stand firm and vigilant at the Line of Actual Control.
In our prime time show ‘Aaj Ki Baat’ on Friday night, we showed videos released by Chinese official TV media showing their tanks and artillery guns in action. For the last three days, Chinese TV stations are broadcasting war games videos with their newscasters saying that if India does not withdraw its troops and defuse tension, it should be prepared to face a war. The PLA troops are constantly carrying out war exercises in Tibet and the Chinese media claims that these videos have been released by the PLA’s Western Theatre Command in Tibet.
Two days ago, Chinese TV showed airborne troops carrying out mock drills with their anchors saying that the PLA is all set to deal strongly with the current standoff in Ladakh. Our defence editor Manish Prasad says that the Chinese army is trying its utmost to provoke, intimidate and threaten India and telecast of such war games videos are part of its propaganda war. Nobody knows the date, time and location of these videos, but Manish Prasad, presently in Leh, says that the Indian army is ready in Ladakh with mirror deployment of its troops and artillery. Our fighter jets, tanks and artillery guns are ready to deter the enemy from launching any misadventure.
One cannot stop laughing while watching a video released by the Chinese army in which ‘hot’ noodle packs are being provided to their troops with the help of drones. The world knows that the capability of Indian troops to carry out high altitude warfare is legendary and our brave jawans have the tenacity to fight against all odds high up in the mountains. The ferocious manner in which our jawans foiled Chinese troops’ attack in Galwan valley, inflicting heavy casualties on the enemy, has been noticed across the world.
The Chinese army is claiming from rooftops that its troops are ready to dig in for a long haul during the oncoming winter when snowfall starts. They claim that Indian troops may not be able to withstand a tough winter in Ladakh’s mountainous region. The Chinese media, while showing ‘hot’ noodle packs being served to its troops, commented that Indian jawans may have to content themselves with cold, canned food during winter. They overlook the fact that our army has already set up small kitchens at base camps at 16,000 feet altitude for our jawans. These base camps are regularly being provided fuel so that the kitchens continue to provide hot food to our jawans keeping a close vigil on the LAC.
When the propaganda war by Chinese PLA failed, the Chinese mandarins resorted a ‘drama’ in Moscow. I am deliberately using the word ‘drama’ because the marathon talks between our Foreign Minister S. Jaishankar and the Chinese foreign minister Wang Yi yielded a five-point consensus that may look nice on paper, but is not worth the paper it is written on. The ground reality is completely different.
The five-point consensus was on (1) not allowing differences to become disputes, (2) troops should continue dialogue, quickly disengage, maintain proper distance and ease tension (3) both countries shall abide by all existing agreements and protocols (4) both countries shall continue communication through Special Representatives mechanism (5) as situation eases, both sides should expedite new confidence-building measures for ensuring peace and tranquility.
High-sounding words, these. The ground reality is different. China has deployed more than 50,000 troops near LAC in Ladakh sector, and its air force jets and air defence systems are continuously carrying out exercises. Why are the Chinese army generals so worried? It is because, our Special Frontier Force jawans, manned by Tibetan exiles, have occupied several heights near the LAC, from where they can keep watch on Chinese troop movements.
The Indian position is now stronger compared to that of China’s. Our jawans are in control of nearly 24 heights in the southern part of Pangong lake area, and the PLA generals are worried. Our jawans are manning the post on the topmost height of Finger 4. This was possible because of pre-emptive action taken by SFF troops during a midnight operation at 6,000 metre (18,000 feet) height. The two armies are now in a faceoff for Finger 4 and Finger 5. China has made heavy deployment and India has also made mirror deployment of its troops and weapons in that area. Earlier, our troops were at a lower height and there was problems in keeping watch on Chinese movements, but now they have an upper hand by occupying key heights.
Just imagine, the world’s highest battlefield is Siachen glacier at 22,000 feet height, and our jawans are now posted at heights which are at 18,000 feet in Pangong Tso. Presently, both the armies are in a faceoff situation in Pangong Tso, Depsang valley, Hot Springs and Chushul. Our jawans are close to Rechen La, a strategic point, considered a lifeline for Chinese troops assembled there.
Let us try to understand why the Chinese generals are worried and appear to be in a hurry. After their incursions were noticed in April, the Chinese troops were engaged in clashes with Indian jawans in June. At that time, they were in a better position. Till April, India had been trusting China’s friendship and the Chinese army took undue advantage. But now, the situation has reversed. Our army occupies nearly 24 heights from where our troops can keep close watch on Chinese troop movements. China wants our troops to disengage from these heights.
The second point over which China appears to be worried is: trade. Chinese mandarins want that India should lift all restrictions on bilateral trade even as talks on Ladakh continue. Chinese IT companies have been badly hit by bans imposed on apps by Indian government. India’s stand is quite clear. There can be no return to normalcy until and unless China disengages its troops and reduce its troop deployment in Tibet.
The third point is: China is isolated in world arena. Big powers like the USA, UK, European countries, Japan and Australia are with India and Prime Minister Narendra Modi’s strong diplomacy with these countries is yielding positive results. Faced with international opprobrium, China wants to wiggle out from the crisis it has created.
And last, but not the least, the effects of all these developments are being felt by the Chinese Communist Party leadership which is facing criticisms from the Chinese public. In Hindi, there is a proverb: Munh Me Ram, Bagal Me Chhuri (One who speaks sweetly may be hiding a dagger behind to stab at the right moment). Once bitten, twice shy. India has realized the Chinese game of double-talk and has therefore decided to respond accordingly.
सुशांत की मौत का मामला- रिया की जमानत याचिका फिर हुई खारिज
मुंबई में स्पेशल NDPS कोर्ट ने शुक्रवार को अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती, उसके भाई शौविक, उसके दोस्तों दीपेश सावंत, सैमुअल मिरांडा, संदिग्ध पेडलर्स अब्दुल बासित और जैद विलात्रा द्वारा दायर सभी 6 जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया। जज जी. बी. गुराव ने कहा कि रिया के घर से जब्त किए गए टैबलेट में बॉलीवुड पार्टियों के वीडियो और तस्वीरों की अभी तक जांच नहीं की गई है और इसलिए न्यायिक हिरासत जरूरी है। रिया को अब भायखला जेल में तब तक रहना होगा जब तक कि उसकी जमानत याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई नहीं हो जाती।
इस बीच दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के हेडक्वॉर्टर में NCB के डायरेक्टर जनरल राकेश अस्थाना ने फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग माफिया की हद और पहुंच की जांच के लिए अपने अधिकारियों के साथ एक शीर्ष स्तरीय बैठक की। NCB के लिए एक ऐक्शन प्लान बनाया गया ताकि फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स लेने के आदी और इसकी खरीद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। मुंबई की स्पेशल कोर्ट में NCB प्रॉसिक्यूटर ने रिया की जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए आरोप लगाया कि वह साफ तौर पर अवैध ड्रग्स की तस्करी से जुड़ी फाइनेंसिंग ऐक्टिविटी में शामिल थी और अन्य आरोपियों द्वारा दिए गए स्वैच्छिक बयान, वॉट्सएप चैट रिकॉर्ड, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और लैपटॉप एवं टैबलेट्स से मिली जानकारियां इस बात का समर्थन करती हैं।
NCB प्रॉसिक्यूटर ने अदालत को बताया, ‘याचिकाकर्ता (रिया) को सुशांत सिंह राजपूत द्वारा ड्रग्स के इस्तेमाल की बात पता थी और उसने ड्रग्स की खरीद करके खुद को इस अपराध में शामिल कर लिया। उसने अवैध ड्रग तस्करी से जुड़े पैसे के लेनदेन के लिए अपने क्रेडिट कार्ड और पेमेंट गेटवे का इस्तेमाल किया है।’
NCB के वकीलों ने रिया के उन दावों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उसे अपना गुनाह कुबूल करने के लिए मजबूर किया गया था, जिसे उसने औपचारिक रूप से वापस ले लिया है। NCB के वकील ने अदालत से बताया कि ‘स्वीकारोक्ति कानून के मुताबिक से ली गई थी और स्वीकार्य है। कानूनी सलाह के आधार पर अपनी स्वीकारोक्ति से पलट जाना एक नियमित प्रक्रिया है।’ उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि रिया ने यह बात मानी थी कि वह अप्रैल 2019 से सुशांत सिंह राजपूत के साथ रह रही थी और अपने भाई शौविक और उसके साथियों बासित परिहार, कैजाम इब्राहिम और ज़ैद विलात्रा के जरिए सुशांत के लिए ड्रग्स खरीदा करती थी। वकील ने कहा कि NDPS ऐक्ट की धारा 27ए के तहत ‘अपराधियों को प्रश्रय देना और अवैध तस्करी को फाइनैंस करना’ गैर-जमानती अपराध है।
रिया के भाई शौविक द्वारा NCB को दिए गए बयान में, जिसमें उसने विस्तार से बताया है कि कैसे उस तक ड्रग्स की सप्लाई की गई थी। शौविक ने NCB को बताया कि जब वह पिछले साल अप्रैल में पहली बार सुशांत सिंह से मिला था, तो उसे पता चला कि सुशांत नियमित रूप से बड और वीड्स (मारियुआना) स्मोक करते थे। इसकी पुष्टि उसके दोस्तों सिद्धार्थ पिठानी और सैमुअल हॉकीप ने भी कंफर्म की थी। अपने बयान में शौविक ने स्वीकार किया कि उसने कई बार सुशांत के लिए मारियुआना और हशीश की खरीद की।
अपनी बहन रिया के साथ वॉट्सऐप चैट में शौविक ने सुशांत के लिए हैश और मारियुआना की खरीद पर बात की थी। रिया ने उसे बताया था कि सुशांत दिन में कम से कम 4 से 5 बार मारियुआना ले रहे थे। चैट के दौरान शौविक ने अपनी बहन से कहा कि वह 5 ग्राम बड्स (क्यूरेटेड मारियुआना) की व्यवस्था करेगा। उसने अब्दुल बासित परिहार से संपर्क किया और रिया एवं सैमुएल मिरांडा को कीमत के बारे में बताया। उसने बासित परिहार के साथ मिरांडा का कॉन्टैक्ट नंबर शेयर किया। बासित ने ड्रग्स को जैद के हवाले किया, जिसने अगले दिन बांद्रा में लगभग 5 बजे इसे मिरांडा को डिलीवर कर दिया।
ऐसी खबरें हैं कि भायखला जेल की 10 बाई 15 फीट की सेल में रिया की रातें करवटों में गुजरी हैं और उसकी आंखों से नींद गायब थी। जमानत के लिए उसका इंतजार अब लंबा खिंचने वाला है। इस बीच, NCB फिल्म इंडस्ट्री उन हस्तियों के लिए अपना जाल बिछाने की प्लानिंग कर रही है, जो रिया के टैबलेट में तस्वीरों और वीडियो में नजर आए थे। सुशांत की मौत की जांच ने निश्चित रूप से एक बड़ा मोड़ ले लिया है।
Sushant death case: Rhea’s bail plea rejected again
The NDPS special court in Mumbai on Friday rejected all the six bail petitions filed by actor Rhea Chakraborty, her brother Showik, their associates Dipesh Sawant, Samuel Miranda, suspected peddlers Abdul Basit and Zaid Vilatra. Judge G B Gurao said that the videos and pictures of Bollywood parties in the tablet seized from Rhea’s residence is yet to be forensically examined and hence judicial custody was necessary. Rhea will now have to spend more time in Byculla jail, till her bail petition is heard in Bombay High Court.
Meanwhile, at the Narcotics Control Bureau headquarters in Delhi, NCB director general Rakesh Asthana had a top-level meeting with his officials to probe the extent and reach of drug mafia in film industry. An action plan was chalked out for NCB to go ahead against habitual drug users and purchasers in the film industry.
In the Mumbai special court, the NCB prosecutor had strongly opposed Rhea’s bail plea alleging that she was clearly involved in financing activities, related to illicit drugs trafficking and this was supported by voluntary statements made by her and other accused, WhatsApp chat records, call detail records and information received from latops and tablets.
The NCB prosecutor told the court, “The applicant (Rhea) was having conscious knowledge about drug consumption by Sushant Singh Rajput and she made herself part of this offence by procuring drugs. She has used her credit card and payment gateways to facilitate the financial transactions related to dealing of illicit drug trafficking.”
The NCB lawyers rejected Rhea’s claims that she was coerced into making self-incriminating confessions, which she has now formally retracted. “The confession was taken legally and is admissible. Retraction is routine process based on legal advice”, the NCB lawyer told the court. He also told the court that Rhea had admitted that she was staying with Sushant Singh Rajput since April 2019 and was procuring drugs for him through her brother Showik and his associates Basit Parihar, Kaizam Ebrahim and Zaid Vilatra. He said, “financing illicit traffic and harbouring offenders” under section 27A of NDPS Act was a non-bailable offence.
In the statement given to NCB by Showik, Rhea’s brother, in which he described in detail how drugs were supplied to him. He told NCB that when he met Sushant Singh for the first time in April last year, he came to know that Sushant used to smoke buds and weed (marijuana) regularly. This was confirmed by his associates Siddharth Pithani and Samuel Hakip. In his statement, Showik admitted that he procured marijuana and hashish for Sushant several times.
In WhatsApp chat with her sister Rhea, Showik discussed procurement of hashish and marijuana for Sushant. Rhea told him that Sushant smoked marijuana at least four to five times a day. During the chat, Showik assured his sister that he would arrange 5 grams of buds (curated marijuana). He contacted Abdul Basit Parihar and told Rhea and Samuel Miranda about the price. He shared Miranda’s contact number with Basit Parihar. Basit passed it on to Zaid, who delivered the buds to Miranda the next day in Bandra at around 5 pm.
There are reports that Rhea is spending sleepless nights in her 15 feet by 10 feet cell in Byculla jail. Her wait for bail will now stretch longer. In the meantime, the NCB is planning to extend its dragnet to other celebrities in the film industry, seen in photographs and videos from Rhea’s tablets. The investigation into Sushant’s death has surely taken a big turn.
कंगना के दफ्तर में की गई तोड़फोड़ राजनीतिक बदले की कार्रवाई है
2 ट्रकों में सवार मजदूरों, एक जेसीबी मशीन और भारी पुलिस बंदोबस्त को साथ लेकर शिवसेना की सरपरस्ती वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले में स्थित दफ्तर के कुछ हिस्सों को ध्वस्त कर दिया। काफी तेजी से हुई इस कार्रवाई को कवर करने के लिए मीडिया के लोग भी भारी संख्या में मौजूद थे। कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी द्वारा बंबई हाई कोर्ट के समक्ष स्टे ऑर्डर के लिए याचिका दायर किए जाने के बावजूद बीएमसी ने तोड़फोड़ की इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
जब तक हाई कोर्ट ने स्टे ऑर्डर जारी किया, तब तक BMC कंगना के दफ्तर में तोड़फोड़ को को लगभग अंजाम दे चुकी थी। कंगना के वकील ने जस्टिस एस. जे. कठावलिया और जस्टिस रियाज छागला की पीठ के समक्ष याचिका दायर की थी ताकि ‘अवैध, मनमाने और दुर्भावनापूर्ण’ विध्वंस पर तत्काल रोक लगाई जा सके। बीएमसी के अधिकारियों ने कंगना के बंगले से लगे उनके दफ्तर के अधिकांश हिस्से को ध्वस्त कर दिया और तोड़फोड़ की इस पूर कार्रवाई को सारे देश न्यूज चैनल्स पर देखा। कंगना के वकील सिद्दीकी ने कहा कि जब तक हाई कोर्ट तत्काल सुनवाई के लिए मामले को उठाता, तब तक परिसर का 40 प्रतिशत हिस्सा ध्वस्त किया जा चुका था।
बंबई हाई कोर्ट ने बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ कहा। हाई कोर्ट ने कहा, ‘यह साफ है कि अनाधिकृत काम रातोंरात नहीं हुए हैं। हालांकि, अचानक, ऐसा लगता है कि निगम अपनी नींद से जाग गया और याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर दी, वह भी तब जब याचिकाकर्ता राज्य से बाहर है, और उसे 24 घंटे के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया, और लिखित अनुरोध के बावजूद उसे कोई और समय नहीं दिया। और 24 घंटे पूरे होते ही तोड़फोड़ की कार्रवाई के लिए आगे बढ़ गया।’
हाई कोर्ट ने कहा, ‘यदि बीएमसी इस शहर के तमाम अनधिकृत निर्माणों पर इसी तेजी के साथ काम करता, तो यह (मुंबई) जगह रहने के लिहाज से पूरी तरह अलग होती।’ मुंबई लौटने पर कंगना रनौत ने एक कड़े वीडियो मैसेज में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को ’तू’ कहकर संबोधित किया और कहा: ‘उद्धव ठाकरे, तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलके मेरा घर तोड़ के मुझसे बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा, यह वक्त का पहिया है, याद रखना हमेशा एक जैसा नहीं रहता।’
कंगना ने कहा: ‘तुमने मुझ पर एक एहसान किया है। मुझे पता तो था कि कश्मीर पंडितों पर क्या बीती है, आज मैंने महसूस किया है और आज मैं इस देश को वचन देती हूं कि मैं सिर्फ अयोध्या पर ही नहीं, कश्मीर पर भी एक फिल्म बनाऊंगी। मुझे पता था कि यह मेरे साथ होगा। इसका कुछ मतलब है। उद्धव ठाकरे, ये जो क्रूरता, ये जो आतंक है, अच्छा हुआ मेरे साथ हुआ क्योंकि इसके कुछ मायने हैं। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।’
बुधवार को अपने वीडियो संदेश में कंगना बेहद दृढ़ और उग्र नजर आ रही थीं। उन्होंने अपने दफ्तर को काफी अच्छे इंटीरियर से सजाया था, लेकिन बीएमसी के लोगों ने उनके ड्रीम ऑफिस को कुछ ही घंटों के अंदर ध्वस्त कर दिया। कंगना के दफ्तर पर तोड़फोड़ की शुरुआत लगभग उसी समय हुई जब वह हिमाचल प्रदेश के मंडी से सड़क मार्ग द्वारा चंडीगढ़ से मुंबई के लिए उड़ान भरने के लिए रवाना हुई थीं। उन्हें लगभग हर मिनट अपने फोन पर मुंबई के उनके दफ्तर में चल रही तोड़फोड़ की तस्वीरें मिल रही थीं।
कंगना ने तब ट्वीट किया, ‘आओ उद्धव ठाकरे और करण जौहर गैंग, तुमने मेरा वर्क प्लेस तोड़ दिया। अब मेरा घर तोड़ दो। फिर मेरा चेहरा और शरीर भी तोड़ दो। मैं चाहती हूं कि दुनिया देखे कि पर्दे के पीछे तुम लोग क्या करते हो। मैं मरूं या ज़िंदा रहूं, मैं तुम्हें बेनकाब करके रहूंगी।’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘उन्होंने आज मेरा घर गिराया है, कल यह आपका होगा। सरकारें आती हैं और चली जाती हैं लेकिन जब आप एक आवाज़ को हिंसक तरीके से दबाए जाते हुए देखने के आदी हो जाएंगे, तो यह सामान्य बनता जाएगा। आज एक आदमी को चिता पर जलाया जा रहा है, कल हजारों का जौहर होगा। जागो।’ कंगना ने ट्वीट किया, ‘‘मैं कभी गलत नहीं होती और मेरे दुश्मनों ने फिर से साबित कर दिया है कि मेरी मुंबई अब पीओके क्यों है।’
तोड़फोड़ की तस्वीरों के साथ कंगना ने लिखा: ‘बाबर और उसकी सेना।’ उन्होंने यह भी लिखा, ‘मेरे ऑफिस को पिछले 24 घंटों में अचानक अवैध घोषित कर दिया गया, उन्होंने फर्नीचर और लाइट्स सहित अंदर सब कुछ तबाह कर दिया है और अब मुझे धमकियां मिल रही हैं कि वे मेरे घर आएंगे और इसे भी तोड़ देंगे, मुझे खुशी है कि फिल्म माफिया के पसंदीदा दुनिया के सबसे अच्छे सीएम के बारे में मैंने सही सोचा था।’
इस बात में कई शक नहीं है कि कंगना के बंगले पर BMC द्वारा की गई तोड़फोड़ बदले की कार्रवाई थी। बीएमसी अधिकारियों का सिर बंबई हाई कोर्ट द्वारा की गई कड़ी टिप्पणियों पर शर्म से झुक जाना चाहिए। कंगना ने इससे पहले शिवसेना को ‘मुंबई PoK जैसी लगती है’ वाले बयान पर चुनौती देते हुए कहा था कि वह जो उखाड़ सकती है उखाड़ ले। शिवसेना ने दफ्तर उखाड़ दिया, वह जानती थी कि कंगना को अदालत से स्टे मिल जाएगा। यही वजह थी कि बीएमसी कंगना के बंगले पर भारी पुलिस बल लेकर आया और कुछ ही घंटों में तोड़फोड़ के काम को अंजाम दे दिया।
मैंने कंगना के खूबसूरत बंगले और दफ्तर को देखा है। कंगना ने अपना ऑफिस और घर बहुत मन से और बड़ी मेहनत से बनाया है, खासकर इसके इंटीरियर्स को। बीएमसी अधिकारियों को पता था कि वे जो कुछ भी कर रहे थे वह हाई कोर्ट के स्टे ऑर्डर के उल्लंघन की जद में आ जाता। इसलिए उन्होंने सुनवाई में देरी करने की पूरी कोशिश की, ताकि तोड़फोड़ के काम को तेजी से अंजाम दिया जा सके।
शिवसेना का लंबे समय से बदला लेने का यही तरीका रहा है। शिवसेना को यह बर्दाश्त नहीं हुआ कि कंगना ने उनके सुप्रीमो उद्धव ठाकरे पर व्यक्तिगत हमला किया और वे उनके साथ हिसाब बराबर करने के लिए बेकरार थे। जब कंगना ने पाक अधिकृत कश्मीर के साथ मुंबई की तुलना की तो वे भी ज्यादा भड़क गए। शिवसेना के लोग कहने लगे कि अगर बाला साहब जिंदा होते तो वह कंगना को ऐसे बयान देने की इजाजत ही नहीं देते। चूंकी अब शिवसेना की गठबंधन सरकार सत्ता में है, उसने कंगना के बयानों को चुनौती के तौर पर लिया और उनके दफ्तर पर तोड़फोड़ का मन बना लिया।
कंगना को भी अपनी ओर से संयम बरतना चाहिए था। तोड़फोड़ की बाबर के साथ तुलना करते हुए टिप्पणी करना, मुंबई की पीओके से तुलना करना, जय श्री राम के नारे लगाना और फिर सूबे के मुख्यमंत्री को ‘तू’ कहकर संबोधित करना कुछ ज्यादा ही था। वह अपनी बात गरिमापूर्ण ढंग से भी रख सकती थीं।
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के शासन के दौरान बीएमसी ने शाहरुख खान के मन्नत बंगले के बाहर एक रैंप को ध्वस्त कर दिया था, और इरफान खान और कपिल शर्मा को तोड़फोड़ के लिए नोटिस दिए गए थे। यह सही है कि बीएमसी ने अतीत में भी ऐसी कार्रवाइयों को अंजाम दिया है और इसमें कंगना का राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, लेकिन उनके बंगले पर बुधवार को अचानक की गई तोड़फोड़ राजनीतिक बदला है। इस कार्रवाई का उद्देश्य व्यक्तिगत हिसाब बराबर करना था और यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
Demolition of Kangana’s office is a clear act of political revenge
Armed with two truckloads of workers, a JCB machine and huge police ‘bandobast’, the Shiv Sena-run Brihanmumbai Municipal Corporation on Wednesday, in a swift blitzkrieg, demolished the office portions of actor Kangana Ranuat’s bungalow in Pali Hill, Bandra, in the presence of a large media contingent. The demolition was carried out even as Kangana’s lawyer Rizwan Siddiquee moved a petition for stay order before Bombay High Court.
By the time the High Court issued a stay order, the demolition work by the BMC was almost complete. Kangana’s lawyer had approached the bench of Justice S J Kathawalia and Justice Riyaz Chagla, seeking immediate stay on “illegal, arbitrary and malafide” demolition. The whole nation watched the demolition work on TV news channels as BMC officials demolished most of the portions of Kangana’s office adjoining her bungalow. By the time the High Court took up the matter for urgent hearing, Siddiquee said, 40 per cent of the premises was razed.
The Bombay High Court described BMC’s demolition work as “highly deplorable”. The high court said, “it is clear that the unauthorised works have not come up overnight. However, all of a sudden, the corporation appears to have woken up from its slumber, issued notice to the petitioner …when she is out of the state, directing her to respond within 24 hours, and not granting her any further time despite written request, and proceeding to demolish ….on completion of 24 hours.”
The High Court added, “if the BMC would act with similar swiftness on the numerous unauthorised constructions in this city, it (Mumbai) would be a completely different place to live in.”
On her return to Mumbai, Kangana Ranuat in a hard-hitting video message addressed Maharashtra chief minister Uddhav Thackeray as ‘tu’(you) and said: “Uddhav Thackeray, tujhe kya lagta hai? That you colluded along with the film mafia, demolished my home and took revenge on me? My home was demolished today, your arrogance will crumble tomorrow. ..This is the wheel of time, remember, it never remains the same.”
Kangana said: “You have done me a favour. I knew what Kashmiri Pandits had gone through, but I felt the same today. I vow before my country that I will make a film not only on Ayodhya, but also on Kashmir… I knew this would happen to me. This has some meaning. Uddhav Thackeray, this cruelty, this terror, it’s good that this happened to me. Because it means something. Jai Hind, Jai Maharashtra.”
Kangana was looking steely and furious in the video message on Wednesday. She had built her office with nice interior décor, but her dream office was demolished in a few hours by BMC men. The demolition began in the morning at approximately the same time when she left Mandi, Himachal Pradesh, en route Chandigarh, to take her flight to Mumbai. She was getting pictures of demolition on her phone almost every minute.
She then tweeted : “Come Udhav Thakeray and Karan Johar Gang you broke my work place come now break my house then break my face and body, I want world to see clearly what you anyway do underhand, whether I live or die I will expose you regardless.” She also tweeted: “Today they have demolished my house tomorrow it will be yours, governments come and go when you normalise violent suppression of a voice it becomes the norm, today one person being burned at the stake tomorrow it will be jowhar of thousands,wake up now.” “I am never wrong and my enemies prove again and again this is why my Mumbai is POK now”
At one point, she wrote along with demolition pictures: “Babur and his army”. She also wrote: “My office was suddenly declared illegal in last 24 hours, they have destroyed everything inside including furniture and lights and now I am getting threats they will come to my house and break it as well,I am glad my judgement of movie mafia’s favourite world’s best CM was right.”
There is not an iota of doubt that the demolition work done by BMC at Kangana’s bungalow was an act of reprisal. BMC officials should hand their heads in shame over the strong observations made by Bombay High Court. Kangana had earlier threw a challenge to Shiv Sena over her “Mumbai seems to be POK” remark and had challenged them to do whatever they can. The Shiv Sena did it, it knew that Kangana would get a stay from the court. It was because of this that the BMC brought a huge police force to the bungalow and finished the demolition work within a few hours.
I have seen Kangana’s beautiful bungalow and office that she built with much care and passion, particularly its interior decoration. BMC officials knew that whatever they were doing was in contravention of High Court’s stay order. They tried their best to delay the hearing, so that the demolition could be completed at breakneck speed.
This has been Shiv Sena’s style of taking revenge since long. The party was furious when Kangana personally attacked their supremo Uddhav Thackeray and they were raring to settle scores with her. They were more furious when Kangana compared Mumbai with Pak Occupied Kashmir. Shiv Sena leaders, at that time, remarked that had Balasaheb Thackeray been alive, he would not have allowed the actor to make such a remark. Since Shiv Sena is in power in a coalition government, it took up Kangana’s remarks as a challenge and set out to demolish her office.
Kangana, on her part, should also have exercised restraint. Making remarks comparing the demolition with that of Babur, comparing Mumbai with POK, chanting Jai Shri Ram, and then addressing the state chief minister as “tu” (you), were too extreme. She could have responded with dignity and grace.
During former chief minister Devendra Fadnavis’ BJP-Shiv Sena coalition rule, BMC had demolished a ramp outside Shahrukh Khan’s Mannat bungalow, and demolition notices were given to Irrfan Khan and Kapil Sharma. It is true that BMC took these actions in the past and Kangana may have a political agenda, but Wednesday’s sudden demolition with a bulldozer at Kangana’s bungalow smacks of political revenge. This action was intended to settle personal scores and this does not augur well for democracy.
सुशांत की मौत : फिल्म इंडस्ट्री पर कस सकता है एनसीबी का शिकंजा
फिल्म अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती की ज़मानत की अर्ज़ी मुम्बई सेशन कोर्ट से खारिज होने के बाद बुधवार को उन्हें 14 दिनों के लिए भायखला जेल भेज दिया गया। ज़मानत की अर्जी खारिज होने के बाद रिया देर तक अपने भाई के साथ रोती रही। रोते हुए रिया ने आरोप लगाया कि बॉलीवुड के कई एक्टर्स मारिहुआना और अन्य ड्रग्स सेवन करते हैं । नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो (NCB) ने तीन दिन तक तकरीबन 21 घंटे तक पूछताछ करने के बाद रिया को गिरफ्तार किया था। रिया पर अपने बॉयफ्रेंड सुशांत सिंह के लिए मारिहुआना का इंतजाम करने और ड्रग डीलर्स को अपने भाई शोविक और अन्य सहयोगियों के ज़रिए पैसे का भुगतान करने का आरोप है।
एनसीबी ने अपने रिमांड एप्लिकेशन में रिया को ‘ड्रग पेडलर्स के साथ जुड़े एक सक्रिय ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा’ बताया था। एनसीबी ने जब रिया को अदालत के सामने पेश किया तो उसकी रिमांड नहीं मांगी क्योंकि एनसीबी के वकील का कहना था कि रिया से तीन दिन की पूछताछ में सारे जवाब लिए गए हैं। अब उसके जवाबों को वैरीफाई करना है और इसमें रिया की रिमांड की जरूरत नहीं हैं।
इसलिए कोर्ट ने रिया को 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
एनसीबी ने रिया के खिलाफ NDPS एक्ट की जिन धाराओं में केस दर्ज किया है, उनमें न्यूनतम दस साल तक की सजा और 1 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है । रिया चक्रवर्ती के खिलाफ NDPS एक्ट का सेक्शन 8C लगाया गया है, इस सेक्शन का मतलब है प्रतिबंधित ड्रग्स को गैर-कानूनी तरीके से खरीदना और इस्तेमाल करना। इसके अलावा सेक्शन 20 B (2) यानि ड्रग्स रखना, खरीद और ट्रांसपोर्टेशन करना। इसमें भी कम से कम 10 साल सज़ा का प्रावधान है। इसके अलावा अलावा एक्ट का सेक्शन 27 (अवैध ट्रांसपोर्टेशन के लिए वित्तपोषण), सेक्शन 28 (अपराध की कोशिश) और सेक्शन 29 (उकसाना और आपराधिक साजिश) भी जोड़े गए हैं।
एनसीबी की रिमांड एप्लिकेशन में कहा गया है, “ये (मारिहुआना की) डिलीवरी सुशांत के साथियों के जरिए होती थी और हर डिलीवरी और पेमेंट रिया चक्रवर्ती की जानकारी में थी, यहां तक कि कभी-कभी ड्रग्स की च्वाइस और पेमेंट खुद रिया कंफर्म करती थी। रिया 10वीं व्यक्ति है जिसे सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग्स एंगल जुड़ने के बाद एनसीबी की जांच के क्रम में गिरफ्तार किया गया है। रिमांड एप्लिकेशन में कहा गया है कि रिया के भाई शोविक ने पैडलर्स बासित परिहार, कैजान इब्राहिम और जैद विलात्रा के माध्यम से ड्रग्स की डिलीवरी कराई। शोविक पर आरोप है कि उसने पिछले साल सितंबर से इस साल मार्च के बीच सुशांत के लिए गांजे (मारिहुआना) का इंतजाम कराया था। एनसीबी ने रिया, शोविक और सैमुअल मिरांडा के बीच ड्रग्स की खरीद को लेकर हुए चैट मैसेजेस को कोर्ट में पेश किया। हालांकि जैसे ही रिया की गिरफ्तारी की खबर आई वैसे ही रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने रिया को विक्टिम बता दिया। सतीश मानशिंदे ने रिया की गिरफ्तारी को इंसाफ पर हमला बताया। मानशिंदे ने कहा कि एक अकेली महिला को घेरने के लिए तीन सेंट्रल एजेंसियों का इस्तेमाल किया गया वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने एक ऐसे ड्रग एडिक्ट और कई साल से मेंटल हेल्थ का इलाज करा रहे शख्स से प्यार किया जिसने गैरकानूनी तरीके से प्रिस्क्राइब मेडिसिन के इस्तेमाल के बाद सुसाइड कर लिया।
रिया के खिलाफ एनसीबी की ओर से कठोर धाराओं में दर्ज कराए गए केस से लगता है कि रिया की मुसीबतें अभी और बढ़ेंगी। रिया चक्रवर्ती ने एनसीबी के सामने पहली बार ये माना है कि वो कभी-कभार ड्रग्स लेती थी। यह एक ऐसी सच्चाई थी जिसे वह सोमवार तक नकार रही थीं। रिया चक्रवर्ती का बयान ही उसकी गिरफ्तारी का सबसे बड़ा सबब बना। जैसे ही रिया ने यह कबूल किया कि वह ड्रग्स का सेवन करती थी, एनसीबी ने तुरंत कड़े कदम उठाते हुए अपनी कार्रवाई शुरू कर दी। इससे पहले, पूछताछ के दौरान रिया लगातार ये कहती रही कि उसने सुशांत सिंह राजपूत के कहने पर ड्रग्स मंगवाई थी। अपने भाई और दूसरे लोगों को ड्रग्स का इंतजाम करने को कहा था। हालांकि रिया पूछताछ के दौरान बार-बार यही कहती रही कि वो ड्रग एडिक्ट नहीं है। उसने प्रयोग के तौर पर एकाध बार ज्वाइंट स्मोक किया था।
एनसीबी अधिकारियों के मुताबिक, रिया के घर से जो लैपटॉप, मोबाइल और टैबलेट जब्त किया गया था उसकी जांच से पता चला कि रिया 2017 से ही ड्रग पैडलर्स के संपर्क में थी। जांच में यह भी पता चला है कि 2017, 2018 और 2019 में रिया का ड्रग्स सर्कल काफी ज्यादा ऐक्टिव था। रिया के टैबलेट से कई पार्टियों की तस्वीरें मिली है, जिसमें लोग स्मोकिंग करते देखे गए हैं। कई वीडियो और तस्वीरें मिली हैं, जिसमें फिल्म इंडस्ट्री के कई जाने माने चेहरे नज़र आ रहे हैं। अब एनसीबी इन लोगों को भी ड्रग्स सिंडिकेट की जांच के दायरे में लाकर पूछताछ के लिए बुला सकती है। रिया चक्रवर्ती ने पूछताछ के दौरान कुछ सवालों के जवाब नहीं दिए। कुछ सवालों पर रिया चुप रही। रिया से पूछा गया था कि क्या ड्रग्स उसके पिता के घर पर सप्लाई की गई थी? रिया ने इसपर चुप्पी साध ली। क्या सुशांत ने रिजॉर्ट में ड्रग्स ली थी? इसपर भी रिया चुप रही। ड्रग्स के लिए पैसे किसने दिए..तुमने या शौविक ने? इस सवाल पर भी रिया ने कोई जवाब नहीं दिया।
एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल एम. अशोक जैन ने मंगलवार को खुलासा किया कि एनसीबी को इस केस में एक बड़ा एंगल नजर आ रहा है। उन्होंने कहा, ‘आमतौर पर हम अन्तरराष्ट्रीय और अन्त-राज्यीय ड्रग्स तस्करी के मामले देखते हैं और इस तरह का (रिया) मामला हमारे लिए बहुत खास नहीं है। हम बड़ी मछलियों की तलाश में हैं, अब हमें जानकारी मिल रही है और जिनके भी नाम जांच में आ रहे हैं, हम किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।’ रिया की गिरफ्तारी ने बॉलीवुड की कई हस्तियों की रातों की नींद उड़ा दी है।
Sushant death case: NCB dragnet may widen in film industry
Film actor Rhea Chakraborty was on Wednesday sent to Byculla jail for 14 days after a session court dismissed her bail petition in the drugs case. The actor, caught in the centre of controversy after Sushant Singh Rajput’s death, wept for a long time with her brother after the session judge rejected her bail petition. While weeping, Rhea alleged that many Bollywood actors were habitual consumers of marijuana and other drugs.
Rhea was arrested after 21 hours of questioning spread over three days by Narcotics Control Bureau on charge of arranging marijuana for her boyfriend Sushant Singh and also making payment to drug dealers with the help of her brother Showik and other associates.
In its remand application, the NCB described Rhea as “part of an active drug syndicate” connected with drug peddlers. NCB did not ask for her custody and wanted her to be sent to judicial custody. The city court sent her to judicial custody till September 22. If charges are proved after trial, Rhea faces a jail sentence of minimum 10 years and a fine of not less than Rs 1 lakh. She has been booked under section 8C of NDPS Act which deals with possession and purchase of narcotics, under 20B(2) for possession, purchase and transporting, under section 27 for financing illicit traffic, under section 28 for attempt to commit offences and under section 29 for abetment and criminal conspiracy.
The NCB remand application said, “these deliveries (of marijuana) used to be received by aides of Sushant and every delivery and payment was in conscious knowledge of Rhea Chakraborty and even sometimes payment and choice of drugs were confirmed from Rhea.” Rhea is the tenth person to be arrested after NCB’s probe into drug use involving Sushant Singh Rajput.
The remand application said, Rhea’s brother Showik facilitated delivery of drugs through peddlers Basit Parihar, Kaizan Ibrahim and Zaid Vilatra. Showik is accused of organizing weed (marijuana) for Sushant between September last year and March this year. The NCB has submitted chat messages between Rhea, Showik and Samuel Miranda which relate to procurement of drugs.
Rhea’s lawyer Satish Maneshinde termed Rhea’s arrest as ‘travesty of justice’ and alleged that “three central agencies were hounding a single woman just because she was in love with a drug addict who was suffering from mental health issues for several years and was under the care of five psychiatrists in Mumbai”.
Stringent sections used by NCB against Rhea clearly indicate that there are more troubles ahead for her. Rhea, for the first time, has admitted before NCB that she used to occasionally consume drugs, a fact which she had been denying till Monday. During questioning by NCB officials, Rhea vehemently denied that she was a drug addict and this proved to be her nemesis. The NCB immediately slapped stringent actions the moment she admitted that she used to take drugs. Earlier, Rhea had been saying that she used to procure drugs for Sushant Singh through her associates. Rhea admitted that she smoked joints once or twice on experimental basis.
According to NCB officials, laptop, mobile and tablet seized from Rhea’s residence clearly indicated that she was in touch with drug peddlers since 2017. Rhea’s tablet revealed pictures of parties where people were seen smoking. This may open a fresh can of worms in Bollywood. According to officials, Rhea’s drug circle was quite active n 2017, 2018 and 2019, and videos and pictures seized from her tablet show several Bollywood personalities at these parties. NCB may now summon several Bollywood personalities to probe the extent and reach of the drug syndicate. During questioning, Rhea either evaded or remained silent on several key questions, like whether drugs were delivered at her father’s residence, whether she consumed drugs while staying in resorts, and who paid for these drugs.
NCB deputy director general Mutha Ashok Jain on Tuesday revealed that the bureau is looking towards a bigger angle. “Normally we look at international and inter-state drug trafficking and usually this (Rhea case) is not our mandate..we look for big fish But now we are getting information and we will not spare anyone whose names are figuring in the investigation”. Many personalities in Bollywood will now be having sleepless nights after Rhea’s arrest.
सुशांत मौत मामला: रिया का पलटवार बेकार साबित होगा
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम तेजी से निष्कर्ष की ओर बढ़ रही है। मंगलवार को भी (NCB)की पांच सदस्यों की स्पेशल टीम ने रिया चक्रवर्ती से पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है।
उधर रिया ने भी सोमवार देर शाम सुशांत की बहनों के खिलाफ मुंबई के बांद्रा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। रिया ने सुशांत की बहन प्रियंका और दिल्ली के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ एंजाइटी की दवा प्रिस्क्राइब करने का आरोप लगाया है। उसने मुंबई पुलिस से इन दोनों के खिलाफ आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, और एनडीपीएस अधिनियम और टेलीमेडिसिन प्रैक्टिस गाइडलाइंस, 2020 के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है।
अपनी शिकायत में रिया ने कहा है कि प्रिस्क्रिप्शन में सुशांत को दिल्ली का ओपीडी पेशंट बताया गया है जबकि उस समय वह मुंबई में था। इस शिकायत में कहा गया है कि प्रियंका सिंह ने डॉक्टर की नकली पर्ची बनवाई और गलत तरीके से दवा की खरीदारी के लिए यह पर्ची सुशांत को भेजी। रिया ने शिकायत में कहा, ‘इससे स्पष्ट है कि यह जाली है। इसके अलावा, डॉक्टर एक कार्डियोलॉजिस्ट हैं और वो कैसे साइकोट्रोपिक सब्सटांस एक ऐसे शख्स को प्रिस्क्राइब कर सकते हैं, जिसे वो जानते नहीं और न ही कभी उससे मुलाकात की।’
मंगलवार को रिया के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा, ‘अवैध दवाओं और ड्रग्स का कॉकटेल सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की वजह बन सकता है। उसकी बहनों को जांच एजेंसियों और भगवान को जवाब देना होगा।
जाहिर है, ड्रग पेडलर्स से नशीले पदार्थों की खरीद के मामले में रिया की संभावित गिरफ्तारी से जनता का ध्यान हटाने के लिए वकील मानशिंदे ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक सोची समझी चाल चली है। लेकिन मुझे नहीं लगता है ये इतना बड़ा इश्यू होगा। आगे चलकर सुशांत के परिवार के सदस्यों पर रिया का यह जवाबी हमला नाकाम साबित हो सकता है।
कांनूनी और तकनीकी रूप से मानशिंदे यह सवाल उठा सकते हैं कि कैसे एक ओपीडी पेशेंट को टेलीमेडिसिन द्वारा एक कार्डियोलॉजिस्ट ने मेंटल हेल्थ (एंजाइटी) की दवा दे दी। जैसा कि हम सब जानते हैं कि कोरोना वायरस की वजह से हॉस्पिटल का कामकाज सामान्य नहीं है। उस वक्त तो ओपीडी बंद थीं। ऐसे समय में जो भी डॉक्टर मिलता था लोग उससे सलाह ले लेते थे। ज्यादातर डॉक्टर्स ऑनलाइन कंसल्टेशन दे रहे थे। मरीजों को अपने पास आने से मना कर रहे थे। वे फोन के जरिए सलाह भी दे रहे थे और व्हाट्सऐप के जरिए दवाएं भी प्रिस्क्राइब कर रहे थे।
और दूसरी बात ये कि सुशांत की बहन का मकसद क्या था? उसका मकसद अपने भाई की मदद करने का था।अगर भाई की तबीयत खराब हो, नींद ना आ रही हो, एंजाइटी हो और बहन दूर हो, दूसरे शहर में..तो यही तो कोशिश हो सकती है कि किसी तरह सुशांत को आराम मिले। इसलिए सुशांत की बहन ने डॉक्टर से संपर्क कर सुशांत की मदद करने की कोशिश की। जहां तक मुंबई पुलिस में रिया की तरफ से शिकायत दर्ज कराने का सवाल है तो इसमें सुप्रीम कोर्ट का आदेश बिल्कुल स्पष्ट है। सुप्रीम कोर्ट ने अ्पने आदेश में कहा है कि मुंबई पुलिस इस मामले की जांच नहीं कर सकती और सुशांत की मौत से जुड़े ऐसे सारे मामले सीबीआई को देने पड़ेंगे।
इस तरह के सभी कानूनी दावपेंच का सहारा लेकर तथ्यों को छिपाया नहीं जा सकता है। वह रिया ही थी जिसने ड्रग्स खरीदने के सवाल पर अपने साथियों के साथ हुए व्हाट्सएप चैट को डिलीट कर दिया था। वो तो इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट ने उसके फोन को क्लोन किया और डिलीट मैसेज को फिर से प्राप्त कर लिया। फिर इस मैसेज को एनसीबी को भेजा और अब धीरे-धीरे ड्रग्स एंगल का खुलसा होने लगा। रिया, उसका भाई और उसके साथी डायरेक्ट ड्रग पेडलर्स के साथ काम कर रहे थे।
रविवार और सोमवार को पूछताछ के दौरान रिया चक्रवर्ती ने एनसीबी जांचकर्ताओं के सामने लगातार इस बात से इनकार किया कि उसने कभी ड्रग्स का सेवन किया और कहा कि वह केवल सिगरेट पीती है और शराब लेती है। मंगलवार की पूछताछ ड्रग्स ऐंगल में रिया की संलिप्तता के लिए अहम साबित हुई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
इस केस में दूसरी बड़ी खबर ये है कि सीबीआई के अनुरोध पर एम्स द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड सुशांत सिंह के विसरा रिपोर्ट की फिर से जांच करेगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं सुशांत को जहर तो नहीं दिया गया था। दरअसल मुंबई के कूपर हॉस्पिटल में सुशांत सिंह का पोस्टमार्टम हुआ था। कूपर हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने सुशांत सिंह की मौत को सुसाइड का केस बताया था लेकिन एम्स की टीम ने कूपर हॉस्पिटल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई खामियां पकड़ी हैं। एम्स के फॉरेंसिंक एक्सपर्ट्स का पैनल दिल्ली लौट आया है। अब ये तय हुआ है कि सुशांत सिंह की मौत का सच जानने के लिेए जो फॉरेंसिक बोर्ड बना है वो अब इस मामले की जांच करेगा कि क्या सुशांत सिंह राजपूत को जहर तो नहीं दिया गया।
हालांकि सुशांत का विसरा टेस्ट मुंबई के कलीना लैब में हो चुका है और इस दौरान 75 प्रतिशत विसरा इस्तेमाल में लाया चुका है। अब एम्स को जांच के लिए सुशांत के विसरा का सिर्फ 25% सैंपल मिलेगा। एम्स बोर्ड की टीम ने ये सैंपल कलेक्ट कर लिया है और अब उन इक्विपमेंट्स से इस विसरा सैंपल की जांच की जा रही है जिसे हाल में ही जर्मनी से खरीदा गया है। ये ऐसे इक्विपमेंट्स हैं जो सैंपल के अंदर से जहर के काफी माइन्यूट ट्रेस यानी छोटे-से-छोटे अंश भी निकाल सकते हैं। इस टेस्ट की रिपोर्ट दस दिन के अंदर आएगी। यानी तब पता चल सकेगा कि क्या सुशांत सिंह राजपूत की मौत में कोई फाउल प्ले था या नहीं।
एम्स मेडिकल बोर्ड का मानना है कि विसरा टेस्ट के दौरान कई तरह की कमियां थीं। एम्स के फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की टीम ने सुशांत के घर जाकर क्राइम सीन को रिकंस्ट्रक्ट किया और एक-एक चीज की जांच की। कुर्ते के निशान से लेकर गले पर मौजूद निशानों वाली तस्वीरों को स्टडी किया।
एम्स की टीम ने कूपर अस्पताल के उन डॉक्टरों से पूछताछ की जिन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर साइन किए थे और उसपर अपनी फाइंडिंग्स लिखी थी। एम्स की फॉरेंसिक टीम की तरफ से एक लेटर जारी हुआ जिसमें कूपर अस्पताल के डॉक्टरों से चार सवाल पूछे गए थे। इंडिया टीवी के पास इस लेटर की प्रति है। इस लेटर में पहला सवाल पूछा गया कि सिर्फ लिगेचर मार्क्स यानी गले पर मौजूद निशान को लेकर आपकी क्या राय है ? दूसरा सवाल ये पूछा कि इस बात को एक्सप्लेन कीजिए कि आपने गला दबाने से बनने वाले निशानों को किस तरह रूल आउट किया…? तीसरा सवाल यह पूछा गया कि कुर्ते की वजह से गले पर लिगेचर मार्क…ये निशान कैसे बन सकते हैं? और चौथा सवाल- गला दबाकर हत्या की बात जो लोगों के बीच फैली हुई है..इसे कैसे रिजॉल्व करेंगे..इसका जवाब कैसे देंगे?
असल में एम्स के फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने ये सवाल सुशांत की गर्दन पर सीधा लिगेचर मार्क देखकर उठाया। जबकि फांसी लगाकर आत्महत्या के मामलों में यह मार्क तिरछा और ऊपर की ओर होता है। कूपर अस्पताल के सभी पांच डॉक्टरों से लिगेचर मार्क्स के बारे में पूछताछ की गई। अगर फांसी के लिए पतले कपड़े का इस्तेमाल किया गया होता तो निशान शार्प और स्पष्ट होता। कुर्ता का कपड़ा मोटा था तो फिर सवाल उठता है कि ऐसा सीधा लिगेचर मार्क कैसे उभर सकता है।
एम्स के एक्सपर्ट्स द्वारा उठाए गए सवाल पहले से ही सार्वजनिक रूप से चर्चा में है। कूपर अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में मौत के समय का उल्लेख नहीं किया और जल्दबाजी में इसे सुसाइड करार दिया। एम्स द्वारा की जा रही विसरा जांच की रिपोर्ट सामने आने के बाद काफी हद तक भ्रम दूर हो सकता है।
इस मामले की मुख्य रूप से जांच कर रही सीबीआई को एक निश्चित परिणाम तक पहुंचने में समय लग रहा है। इसके लिए सीबीआई को दोष नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि दो महीने बीत जाने के बाद उसे यह मामला मिला है और जांच में कई एंगल हैं। सीबीआई की टीम धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ा रही है। अभी भी यह निष्कर्ष निकालने में समय लग सकता है कि क्या सुशांत की मौत आत्महत्या थी या हत्या, और अगर यह आत्महत्या थी तो क्या किसी के उकसाने पर ऐसा हुआ? इस सवाल का जवाब ढूंढने में वक्त तो लगेगा। अदालतें परिस्थितिजन्य साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर मामले तय करती हैं। जाहिर है सीबीआई एक कठिन चुनौती का सामना कर रही है।
Sushant death case: Rhea’s counter-attack will prove futile
The probe by Narcotics Control Bureau into the drugs angle in Sushant Singh death case is fast reaching its conclusion with a five-member special investigation team jointly questioning actor Rhea Chakraborty on Tuesday. In all likelihood, Rhea may be put under arrest after interrogation.
On her part, Rhea has fired the first salvo by setting the criminal law in motion against Sushant’s sisters. She went to Bandra police station late on Monday evening and filed a complaint against Sushant’s sister Priyanka and a Delhi government hospital doctor for prescribing anxiety medicines. She has asked Mumbai Police to file an FIR against both for cheating under IPC, and under provisions of NDPS Act and Telemedicine Practice Guidelines, 2020.
In her complaint, Rhea has said that the prescription showed Sushant as an OPD patient in Delhi whereas he was in Mumbai at that time. “This clearly shows that it is a forged one. Also, the doctor is a cardiologist who thought it fit to prescribe psychotropic substances to a person he did not know and had never met”, Rhea’s complaint said.
On Tuesday, Rhea’s lawyer Satish Maneshinde said, “the cocktail of illegally administered medicines and drugs may have led to Sushant Singh Rajput’s suicide. His sisters need to be answerable to investigators and God”.
Clearly, this seems to be a clever move by the lawyer to deflect public attention from Rhea’s impending arrest for her involvement in procuring narcotics from drug peddlers in Mumbai through her associates. I do not think the act of prescribing medicines through long distance conversation should not be made a big issue. Rhea’s counter-attack on Sushant’s family members may, in the long run, prove futile.
Legally and technically, Maneshinde can pose the question as to how an OPD patient was prescribed anxiety medicines by a cardiologist through telemedicine. All of us know that work in government and private hospitals had come to a standstill due to COVID-19 pandemic followed by lockdown. The OPDs were closed and prescriptions were sought from whichever doctor that was available. Most of the doctors were then providing tele consultations and prescribing medicines via WhatsApp.
And what was the motive of Sushant’s sister Priyanka? She was trying to provide medical care to her brother. If a brother was having bouts of anxiety and sleeplessness, his sister was naturally trying to provide him help by consulting a doctor. As far as lodging a complaint by Rhea with Mumbai Police is concerned, the Supreme Court’s order is quite clear. All issues relating to Sushant’s death must be handed over to the CBI for probe.
All such legal antics cannot hide the fact that it was Rhea, who had deleted her WhatsApp chats with associates on the question of procuring drugs from shady dealers. It was the Enforcement Department which cloned her phone, retrieved the messages and passed them on to NCB, thus opening up a can of worms. Rhea, her brother and her associates were directly dealing with drug peddlers.
During interrogation by NCB sleuths, Rhea on Sunday and Monday consistently denied that she ever consumed drugs and said, she only smoke cigarettes and took alcohol. Tuesday’s interrogation by the SIT will try to pinpoint Rhea on the drugs angle, to know why she was procuring drugs too often and for whom.
There is more trouble brewing. The medical board constituted by AIIMS at CBI’s request is going to retest Sushant Singh’s viscera to determine whether the actor died to poisoning. Doctors in Mumbai’s Cooper Hospital had conducted post mortem of Sushant’s body but the AIIMS team has found several deficiencies in the viscera report. The forensic experts’ team has returned to Delhi and the medical board will determine whether the actor was poisoned or not.
Nearly 75 per cent of Sushant’s viscera has been examined in Mumbai at the Kalina lab, and AIIMS will now examine the remaining 25 per cent viscera. This will be tested on hi-tech equipment imported recently from Germany. They can find out minute traces of poison from the viscera of a dead person. Once examined, the report is expected after ten days, when it will be determined whether Sushant died of poisoning or not.
The AIIMS medical board believes that there were gross deficiencies during viscera examination. Forensic experts from AIIMS had reconstructed Sushant’s death scene at his apartment and they minutely studied marks on the actor’s kurta and photographs of marks on his neck.
India TV has in its possession the letter sent by AIIMS team to Cooper Hospital doctors asking them (1) whether there were ligature marks only on the neck (2) how did you rule out strangulation (3) how can ligature marks can occur if the kurta was used to tie around the neck (4) how will your rule out speculations about the person being strangulated?
The AIIMS forensic experts had their doubts when they saw a straight ligature mark on Sushant’s neck, whereas in cases of suicide by hanging, the mark is oblique and abraded. In all, five doctors of Cooper Hospital were questioned about ligature marks. Had a thin cloth used for hanging, the marks would have been sharp and clear, whereas the kurta cloth was thick and question arises as to how a straight ligature mark can occur.
The questions raised by AIIMS experts are already in public domain. Doctors at Cooper Hospital did not mention the time of death in their report and hurriedly described it as a case of suicide. The final viscera report from AIIMS may clear the confusion to a large extent.
The CBI which is carrying out the main investigation, is taking time to reach a definite conclusion. One cannot blame the CBI, because it got the case after a time lag of two months and there are too many angles to probe. CBI investigators are slowly and surely making progress in their investigation. It may still take time to conclude whether Sushant’s death was suicide or murder, and if it was suicide, whether there was abetment of any kind. Courts decide cases on the basis of circumstantial evidence and statements by witnesses. Clearly, the CBI is presently facing an uphill task.
सुशांत की मौत के मामले में रिया पर कसता जा रहा है शिकंजा
मुंबई की NDPS कोर्ट ने शनिवार को अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक और सुशांत सिंह राजपूत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा को 9 सितंबर तक के लिए NCB रिमांड पर भेज दिया, जबकि एक अन्य ड्रग पेडलर कैजान इब्राहिम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
शौविक का पक्ष रखने अदालत पहुंचे रिया के वकील सतीश मनेशिंदे ने रिमांड के लिए सरकारी वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल के घर से ड्रग्स जैसी कोई भी चीज बरामद नहीं हुई है, और सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को जांचकर्ता अपने साथ लेकर चले गए। मानशिंदे ने अदालत को बताया कि शौविक का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, वह जांच एजेंसियों के साथ सहयोग भी कर रहा है, इसलिए उसे रिमांड पर लेने की कोई जरूरत नहीं है। अदालत ने हालांकि आदेश दिया कि शौविक और सैमुअल दोनों को 5 दिन के लिए NCB की कस्टडी में रिमांड पर भेजा जाए।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारियों ने शुक्रवार की रात शौविक और सैमुअल मिरांडा को पेडलर्स से ड्रग्स खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया था। NCB अधिकारियों दोनों को एक ड्रग पेडलर कैजान इब्राहिम के साथ शनिवार को एनडीपीएस की अदालत में पेश किया।
एनसीबी अधिकारियों के मुताबिक, ड्रग पेडलर बासित परिहार, जो पहले से ही 9 सितंबर तक रिमांड पर है, ने माना है कि सैमुअल मिरांडा को सप्लाई करने के लिए वह ड्रग पेडलर्स जैद विलात्रा और कैजान इब्राहिम से मारिजुआना और हैश खरीदा करता था। सैमुअल मिरांडा बाद में इन्हीं ड्रग्स को सुशांत के घर तक पहुंचाता था। शौविक और सैमुअल मिरांडा के ऊपर NDPS ऐक्ट के तहत मादक पदार्थों के उत्पादन, निर्माण, कब्जे, बिक्री, खरीद और परिवहन से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस अपराध में एक वर्ष के कारावास और जुर्माने की अधिकतम सजा है।
NCB के अधिकारी इस मामले में रिया चक्रवर्ती की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं, और उसे रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। ऐसी संभावना भी जताई जा रही है कि वह गिरफ्तार भी हो सकती है। NCB के अधिकारियों के पास रिया और उसके ग्रुप के लोगों के बीच हुई वे वॉट्सऐप चैट्स हैं जिनमें वे साफ-साफ मारिजुआना के क्यूरेटेड फॉर्म बड जैसे ड्रग्स के बारे में बात कर रही हैं। इन ड्रग्स को बॉलीवुड में 5,000 रुपये प्रति ग्राम के हिसाब से बेचा गया था। रिया ने अपने टीवी इंटरव्यू में कहा था कि ‘सुशांत सिंह राजपूत मारिजुआना का सेवन करते थे और नियमित तौर पर ड्रिंक भी किया करते थे।’
हालांकि, रिया और शौविक के घर से कोई मादक पदार्थ नहीं मिला है, लेकिन NCB के अधिकारियों का कहना है कि अन्य लोगों और रिया के बीच वॉट्सऐप पर हुई बातचीत साजिश और उकसावे की ओर इशारा करती है। NCB के अधिकारियों ने शुक्रवार को रिया और शौविक के घरों पर छापा मारा और शाम को उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया। NCB के अधिकारियों ने कहा है कि जैद विलात्रा ने एजेंसी को दिए अपने बयान में खुलासा किया है कि बासित परिहार, एक ड्रग पेडलर, शौविक चक्रवर्ती के कहने पर उससे और कैजान इब्राहिम से मारिजुआना और गांजा खरीदकर उन्हें सैमुअल मिरांडा को डिलीवर करता था। एनसीबी अधिकारियों ने कहा कि ड्रग्स पैसे शौविक Google पे अकाउंट के जरिए देता था।
अब रिया चक्रवर्ती पर भी शिकंजा कसता जा रहा है क्योंकि ड्रग्स खरीदने के लिए उसके क्रेडिट कार्ड्स इस्तेमाल होते थे। इंडिया टीवी के रिपोर्टर राजेश कुमार ने बताया कि रिया के क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम से कम बारह बार ड्रग्स खरीदने के लिए किया गया था। NCB अब रिया से पूछताछ करने वाली है और उसके लिए जांचकर्ताओं के सामने खुद को बेगुनाह साबित कर पाना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।
शुरुआत में ये वॉट्सऐप चैट्स रिया के सैलफोन से डिलीट कर दिए गए थे, लेकिन बाद में प्रवर्तन निदेशालय की निगरानी में इन्हें क्लोन करके हासिल कर लिया गया और फिर एनसीबी को दे दिया गया। वॉट्सऐप पर हुई ये बातचीत स्पष्ट रूप से पेडलर से प्रतिबंधित ड्रग्स की खरीद में उसकी संलिप्तता की ओर इशारा करती है। NCB के मुताबिक, शौविक पेडलर्स के सीधे संपर्क में था और उनके क्रेडिट कार्ड्स के जरिए गूगल पे अकाउंट से भुगतान की बात भी सामने आई है। NCB ने अपने काम को पेशेवर तरीके से अंजाम दिया है। इसने पहले संदिग्ध ड्रग पैडलर्स पर शिकंजा कसा और फिर रिया के भाई और सैमुएल मिरांडा को अपने घेरे में ले लिया।
इस बीच सीबीआई ने शनिवार को एम्स के डॉक्टरों, सुशांत की बहन मीतू सिंह और सुशांत के स्टाफ नीरज, केशव और सिद्धार्थ पिठानी की मौजूदगी में सुशांत सिंह राजपूत की ‘आत्महत्या’ का रिकंस्ट्रक्शन किया। मीतू सिंह बाद में अपना बयान देने के लिए DRDO गेस्ट हाउस में स्थित CBI के कैंप ऑफिस गईं।
CBI द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत के केस की जांच करते हुए अब 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन लगता है कि इस मामले को लॉजिकल कन्क्लूजन तक ले जाना जांच एजेंसी के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। साइकाइट्रिस्ट्स अलग-अलग बयान दे रहे हैं। एक एक्सपर्ट ने कहा कि सुशांत बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित थे, जबकि दूसरे साइकाइट्रिस्ट ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा कि सुशांत बाइपोलर हैं। एक साइकाइट्रिस्ट ने कहा कि सुशांत में सुसाइडल टेंटेंसी थी, जबकि दूसरे डॉक्टर ने कहा कि सुशांत डिप्रेशन से पीड़ित हो सकते हैं, लेकिन उनमें आत्महत्या की कोई प्रवृत्ति नहीं थी। कुल मिलाकर 5 डॉक्टरों ने अलग-अलग समय पर सुशांत का इलाज किया था, और CBI के लिए यह मानना मुश्किल है कि किस डॉक्टर का आंकलन सही है।
शुक्रवार की रात अपने प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में हमने पटना पुलिस को दिए गए और हमारे पटना के रिपोर्टर नीतीश चंद्र द्वारा भेजे गए डॉक्टर कर्सी बोमी चावड़ा के एक बयान को दिखाया। डॉक्टर कर्सी चावड़ा ने 7 महीने तक सुशांत का इलाज किया था। दिवंगत अभिनेता की मौत के कुछ दिन पहले तक वह उनका इलाज कर रहे थे। डॉक्टर चावड़ा ने पटना पुलिस को बताया कि सुशांत गंभीर अवसाद से पीड़ित थे, लेकिन उन्हें बाइपोलर डिसऑर्डर नहीं था। उन्होंने कहा कि सुशांत में सुसाइडल टेन्डेंसी भी नहीं थी, लेकिन जब उन्होंने नियमित रूप से दवाएं लेना बंद कर दिया तो उनकी समस्या और गंभीर हो गई।
डॉक्टर चावड़ा, जो कि हिंदुजा अस्पताल में बतौर सीनियर साइकाइट्रिस्ट काम करते हैं, ने नवंबर 2019 से इस साल जून तक सुशांत का इलाज किया था। उन्होंने 27 नवंबर को सुशांत को हिंदुजा अस्पताल में भर्ती करवाया, अगले दिन उनकी जांच की। सुशांत ने उनसे कहा था कि उन्हें अच्छा नहीं लग रहा, उदास सा महसूस हो रहा है और डर लग रहा है। सुशांत की कार्डियो, न्यूरोलॉजिकल और गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल जांच की गई, लेकिन वह शारीरिक रूप से फिट पाए गए। 30 नवंबर को रिया ने डॉक्टर को फोन कर कहा कि सुशांत सिगरेट पीना चाहते हैं, जिसके जवाब में डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल में धूम्रपान की इजाजत नहीं है और यदि वह चाहें तो डिस्चार्ज हो सकते हैं। सुशांत को उसी दिन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।
डॉक्टर ने कहा कि वह सुशांत की मौत से पहले उनसे 9 बार मिले, और फोन पर भी बात की, लेकिन सुशांत की तरफ से ज्यादातर रिया चक्रवर्ती ही बात करती थी। डॉक्टर चावड़ा ने कहा कि वह दो बार, 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को, सुशांत की जांच करने के लिए रिया के घर गए। उन्होंने कहा कि हालांकि उनके लक्षणों में कुछ सुधार हुआ था लेकिन सुशांत उदास दिखे और उनमें मोटिवेशन की कमी थी। 20 दिसंबर को रिया ने डॉक्टर को यह बताने के लिए फोन किया कि सुशांत की हालत में सुधार हो गया है और इसके 3 दिन बाद उसने बताया कि वे एक नए अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गए हैं। डॉक्टर चावड़ा सुशांत को बधाई देने के लिए उनके नए अपार्टमेंट गए और उन्हें खुश पाया। 9 जनवरी को रिया ने एक बार फिर उन्हें यह पूछने के लिए फोन किया कि क्या सुशांत को फिर से अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है। डॉक्टर ने कहा कि वह अभी छुट्टी पर जा रहे हैं और वापस आने के बाद बताएंगे कि क्या कर सकते हैं। 20 जनवरी को डॉक्टर चावड़ा को बताया गया कि सुशांत अपनी बहनों से मिलने चंडीगढ़ जा रहे हैं।
डॉक्टर चावड़ा ने पटना पुलिस को बताया कि फरवरी और मार्च में सुशांत की तबीयत में सुधार हुआ, लेकिन जब उन्होंने दवाइयां लेनी बंद कर दी, उनकी हालत खराब होती चली गई। डॉक्टर ने जब 20 मार्च को फोन किया तो रिया ने उन्हें बताया कि सुशांत पिछले 15 दिनों से दवाएं नहीं ले रहे हैं। डॉक्टर चावड़ा ने पटना पुलिस से कहा कि सुशांत को ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगले 2 महीनों तक सुशांत की तरफ से कोई फोन नहीं आया। डॉक्टर चावड़ा ने खुलासा किया कि रिया ने उन्हें 3 जून को ही बता दिया था कि वह अगले दिन सुशांत का फ्लैट छोड़कर जाने वाली है। इसका मतलब यह है कि रिया 5 दिन पहले ही सुशांत को छोड़कर जाने का मन बना चुकी थी, क्योंकि वह 8 जून को वहां से चली गई।
डॉक्टर चावड़ा ने सुशांत को फ्लूनिल 20 एमजी का कैप्सूल प्रेस्क्राइब किया गया था। ये एक एंटी डिप्रेसेंट है, जो डिप्रेशन या ऑब्सेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर या पैनिक डिसऑर्डर के ट्रीटमेंट में इस्तेमाल किया जाता है। इस दवा को वक्त पर लेना जरूरी होता है और इसे डॉक्टर को बताए बिना बंद नहीं कर सकते क्योंकि इससे विड्रॉल सिम्टम्स भी आ सकते हैं। सुशांत एटीवान दवा भी ले रहे थे, जो कि लोराजेपाम नाम की दवा का ब्रैंड नेम है। यह दवा दिमाग के कुछ न्यूरो ट्रांसमीटर्स की ऐक्टिविटी को बढ़ाने में मदद करती है। एटीवान भी एंजाइटी और सीज़र डिसऑर्डर के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सुशांत को क्विटिपिन 50 एमजी टैबलेट भी दी गई थी। यह एक एंटीसाइकेटिक मेडिसिन है जिसका इस्तेमाल सिजोफ्रेनिया या अन्य मानसिक विकारों के इलाज के लिए किया जाता है।
अब यह साफ है कि सुशांत विड्रॉल सिम्टम्स से जूझ रहे थे क्योंकि उन्होंने डॉक्टर से कंसल्ट किए बिना ही दवाएं लेना बंद कर दिया था। डॉक्टर चावड़ा ने यह भी कहा कि सुशांत नियमित तौर पर मारिजुआना का सेवन करते थे और हो सकता है कि उनकी मानसिक हालत को बिगाड़ने में नारकोटिक्स का भी रोल रहा हो।
Sushant death case: Noose tightens around Rhea
The NDPS court in Mumbai on Saturday sent actor Rhea Chakraborty’s brother Showik and Sushant Singh Rajput’s house manager Samuel Miranda to NCB remand till September 9, while another drug peddler Kaizan Ebrahim was sent to 14 days’ judicial custody.
Satish Maneshinde, Rhea’s lawyer appearing for Showik, opposed the public prosecutor’s plea for remand saying that nothing incriminating in the form of drugs was found from their residence, and all electronic evidences have been taken away by the investigators. Maneshinde told the court that Showik had no previous criminal record, he was cooperating with the investigation agencies, and there was no need for taking him on remand. The court however ordered that both Showik and Samuel be sent on five days remand under NCB custody.
Narcotics Control Bureau officials had on Friday night arrested Showik and Samuel Miranda on charge of procuring drugs from peddlers. The two, along with a drug peddler Kaizan Ebrahim were produced in NDPS court on Saturday by NCB officials.
According to NCB officials, drug peddler Basit Parihar, who is already remanded till September 9, has admitted that he used to procure marijuana and hashish from drug peddlers Zaid Vilatra and Kaizan Ibrahim in order to supply them to Samuel Miranda, who, in turn, used to provide them at Sushant Singh’s residence. Showik and Samuel Miranda were booked under sections that pertain to production, manufacture, possession, sale, purchase and transport of narcotics under NDPS Act. The offence carries a maximum punishment of one year imprisonment and fine.
NCB officials are also probing the role of Rhea Chakraborty, and have summoned her for questioning on Sunday. There is a probability that she may also be arrested. NCB officials are in possession of WhatsApp chats between Rhea and her associates in which they were clearly talking about procuring narcotics like Bud, a curated form of marijuana, sold in Bollywood for Rs 5,000 per gram. Rhea had said in her TV interviews that “Sushant Singh Rajput used to smoke marijuana and drink regularly.”
Though no narcotics have been found from Rhea and Showik’s residence, NCB officials say that Rhea’s WhatsApp chats with other individuals point to conspiracy and abetment. NCB officials had carried out searches in Rhea’s and Samuel Miranda’s residences on Friday before arresting her brother in the evening.
NCB officials have said that Zaid Vilatra, in his statement to the agency, has revealed that Basit Parihar, a peddler, used to procure marijuana and ganja from him and Kaizan Ibrahim, as per instructions of Showik Chakraborty, and was directing them to deliver these drugs to Samuel Miranda. The payment for drugs used to be made by Showik through Google Pay account, NCB officials said.
The noose is now tightening around Rhea Chakraborty, because her credit cards were being issued to buy narcotics. India TV reporter Rajesh Kumar has found out that Rhea’s credit cards were used to purchase drugs at least twelve times. NCB is now going to question Rhea and it appears to be an uphill job for her to convince the investigators about her innocence.
Incriminating WhatsApp chats that were initially deleted from Rhea’s cellphone, were later cloned by Enforcement Directorate sleuths and passed on to the NCB. These clearly point to her complicity in the purchase of banned drugs from peddlers. According to NCB, Showik was in direct contact with the peddlers and payments have been traced to their Google Pay accounts via credit cards. NCB carried out its work in a professional manner. It first rounded up the suspected drug peddlers and then cornered Rhea’s brother and Samuel Miranda.
Meanwhile, CBI sleuths on Saturday carried out a reconstruction of Sushant Singh Rajput’s ‘suicide’ in the presence of AIIMS doctors, Sushant’s sister Meetu Singh and Sushant’s staff Niraj, Keshav and Sidharth Pithani. Meetu Singh later went to CBI’s camp office at DRDO guest house to give her statement.
Already 15 days have passed since the CBI began its investigation into Sushant Singh’s death, and the agency seems to be facing an uphill task in taking its investigation to its logical conclusion. There are conflicting statements from psychiatrists. One expert said, Sushant was suffering from bipolar disorder, another psychiatrist said she did not find him to be suffering from bipolar disorder. One psychiatrist said, Sushant had suicidal tendencies, but the other doctor said that Sushant could have been suffering from depression but he never had suicidal tendencies. In all, five doctors at different points of time, treated the actor, and it is difficult for CBI to accept which doctor’s assessment as correct.
In our prime time show ‘Aaj Ki Baat’ on Friday night, we showed a statement given by Dr Kersi Bomi Chavda, given to Patna police and procured by our Patna reporter Nitish Chandra. Dr Kersi Chavda had treated Sushant for seven months. He was treating him till a few days before his death. Dr Chavda told Patna police that Sushant was suffering from severe depression but he was not suffering from bipolar disorder. He said, Sushant had no suicidal tendencies, but his problems became acute when he stopped taking medicines regularly.
Dr Chavda, who works as a senior psychiatrist in Hinduja Hospital, treated Sushant from November, 2019 till June this year. He got Sushant admitted to Hinduja Hospital on November 27, examined him the next day, when the actor told him that he was feeling depressed, sad, and afraid. He went through cardio, neurological and gastro-intestinal checks, but was found physically fit. On November 30, Rhea rang up the doctor, said Sushant wanted to smoke cigarettes, the doctor said smoking was not allowed in hospital and if Sushant wanted he could take discharge. The actor was discharged from hospital the same day.
The doctor said he met Sushant nine times till his death, and also spoke over phone, but most of the time, it was Rhea who spoke to the doctor. Dr Chavda said, he visited Rhea’s home to examine Sushant twice, on December 1 and 5. He noted that though there had been some improvement in his symptoms, Sushant looked sad and lacked motivation. On December 20, Rhea phoned to tell the doctor that Sushant’s condition had improved and three days later, told him that they have shifted to a new apartment. Dr Chavda visited Sushant’s new apartment to congratulate him and found him happy. On January 9, Rhea rang him up to ask whether Sushant could be admitted to hospital again. The doctor said he was going outstation on leave and would respond on his return. On January 20, he was told that Sushant was going to Chandigarh to visit his sisters.
Dr Chavda told Patna police that Sushant’s condition improved in February and March, but since he had stopped taking medicines, his condition deteriorated afterwards. On March 20, when the doctor rang up, Rhea told him that Sushant had stopped taking medicines for last 15 days. He should not have done so, Dr Chavda told Patna police. For the next two months, there were no phone calls from Sushant.
Dr Chavda revealed that Rhea told him on June 3 itself that she was going to leave Sushant’s flat the next day. It means, Rhea had already made up her mind to leave Sushant five days in advance. She actually left on June 8.
Dr Chavda had prescribed Flunil 20 mg capsules to Sushant, an anti-depressant used in treatment of obsessive compulsive disorder or panic disorder. Regular dosage is a must and it must not be discontinued without concurrence of the doctor, because stoppage of medicine can cause withdrawal symptoms. Sushant was also taking Ativan medicine, a brand name for Lorazepam, that helps in raising activity of some neuro transmitters in the brain. Ativan is also given to treat anxiety and seizure disorder. Quitipin 50 mg tablet was also given to the actor. It is an antipsychotic medicine used to treat schizophrenia or other psychotic disorders.
It is now clear that Sushant started suffering from withdrawal symptoms because he had discontinued these medicines without consulting his doctor. Dr Chavda has also said that the actor used to take marijuana regularly and narcotics could have played havoc with his mental condition.