Rajat Sharma

सीज़फायर बढ़ाने की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान पर है, न कि भारत पर.

WhatsApp Image 2025-04-29 at 3.16.47 PM (1)आज सबके मन में सवाल है कि भारत और पाकिस्तान की सरहद पर अब क्या होगा? क्या युद्धविराम इसी तरह चलेगा या फिर एक्शन होगा?
पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इसहाक़ डार ने अपनी संसद को बताया कि भारत के साथ सीजफायर 18 मई तक जारी रहेगा. इसहाक डार ने उम्मीद जताई कि सीजफायर की सीमा एक एक कदम आगे बढ़ती जाएगी. लेकिन भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की इन उम्मीदों पर पानी डाल दिया.
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है, दुनिया ने अभी जो देखा, पाकिस्तान को जितनी मार पड़ी, वो तो सिर्फ ट्रेलर था, पूरी पिक्चर अभी बाकी है. रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को अभी प्रोबेशन पर रखा गया है, अगर पाकिस्तान का रवैया नहीं बदला तो फिर उसे पूरी फिल्म दिखाई जाएगी.
पाकिस्तान में अब सारे नेता भारत से बात करने की गुहार लगा रहे हैं. इसहाक डार ने अपनी संसद में कहा, हो सकता है थोड़े दिन में भारत पाकिस्तान से बात करने को तैयार हो जाए. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा, पाकिस्तान भारत से बात करना चाहता है क्योंकि सारे मसले बातचीत से हल हो सकते हैं लेकिन राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को नए भारत का संकल्प सुना दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि अब भारत पाकिस्तान में मौजूद बचे-खुचे आतंकी नेटवर्क को धवस्त करके ही चैन लेगा. अब भारत सहेगा नहीं, पलटवार करेगा, जैसे को तैसा जवाब देगा.
भारत युद्ध नहीं चाहता. भारत ने पाकिस्तान पर पहले हमला भी नहीं किया था, सिर्फ आतंकवादियों को ठिकाने नष्ट किए थे. लेकिन पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की. इसकी सजा उसे ऑपरेशन सिंदूर के तहत दी गई. तो अब पाकिस्तान रो रहा है. राजनाथ सिंह ने साफ कह दिया, अभी तो ट्रेलर दिखाया है, अगर पाकिस्तान नहीं सुधरा तो पूरी फिल्म देखने को तैयार रहे.
प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी जब आदमपुर एयरबेस गए थे, उस वक्त उन्होंने जवानों से कहा था कि सतर्कता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए, अगर पाकिस्तान गड़बड़ी करता है, तो हमारी सेनाओं को पूरी छूट है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है. इसका मतलब एक ही है और वो बिल्कुल साफ है.
पाकिस्तान को दहशतगर्दी का रास्ता छोड़ना होगा. आतंकी कैंप बंद करने होंगे, मोस्ट वांटेड आतंकवादी भारत के हवाले करने होंगे. फैसला पाकिस्तान की हुकूमत को करना है. वहां की फौज को करना है. अगर ऐसा नहीं करते. तो फिर पूरी फिल्म देखने को तैयार रहें. भारत ने ये बात पाकिस्तान को भी समझा दी है, अमेरिका को भी बता दी है. इसलिए सीजफायर जारी रहेगा या नहीं, ये भारत पर नहीं, पाकिस्तान के रुख पर निर्भर करता है.

पाकिस्तान की policy : IMF से पैसे लो, आतंकियों को दो

हालांकि पाकिस्तान के नेता आतंकवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कड़े रुख और अन्तरराष्ट्रीय दबाव की वजह से दहशतगर्दी से तौबा करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत ये है कि पाकिस्तान वाकई में कुत्ते की पूंछ की तरह है, जो कभी सीधी नहीं होती.
पाकिस्तान ने एक बार फिर आतंकवादियों के जख्मों पर मरहम लगाना शुरू कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरन मारे गए आतंकवादियों के परिवारों को शहबाज़ शरीफ़ की सरकार ने एक-एक करोड़ रूपए देने का एलान किया है. भारत के हमले में जैश ए मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर के परिवार के 14 लोग मारे गए थे. यानी अन्तरराष्ट्रीय आतंकवादी मसूद अजहर को पाकिस्तान की सरकार चौदह करोड़ रुपए देगी. भारत के हमले में लश्कर के आतंकवादी मारे गए थे, उन्हें भी पाकिस्तान के सरकारी खजाने से पैसे मिलेंगे. जो दहशतगर्द ज़ख़्मी हुए, उन्हें शहबाज सरकार बीस- बीस लाख रूपए देगी और भारत के हमले में तबाह हुए आतंकी अड्डों का पूनर्निर्माण भी करवाएगी.
भारत ने पाकिस्तानी हुकूमत के इस एलान को टेरर फंडिंग करार दिया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि IMF ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की मदद दी और पाकिस्तान इस पैसे का इस्तेमाल दहशगर्दी के अड्डों को फिर से आबाद करने में कर रहा है, भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा. आतंकवाद के मसले पर पाकिस्तान अब पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है. पाकिस्तान कहता है कि वो दहशतगर्दी का समर्थन नहीं करता तो फिर अन्तरराष्ट्रीय आतंकवादी मसूद अजहर को 14 करोड़ रुपये क्या खेती करने के लिए दिए जाएंगे? पाकिस्तान कहता है कि उसके यहां कोई आतंकवादी कैंप नहीं है तो मसूद अजहर के 14 साथी क्या क्रिकेट खेलते हुए गिरकर मर गए ? क्या ये खैरात, क्या ये 14 करोड़ रुपये बेकसूर लोगों का खून बहाने का इनाम नहीं है ? .सारी दुनिया ने देखा जहां आतंकवादियों की ट्रेनिंग होती है, जो रिक्रूटमेंट सेंटर हैं, जब उन पर हमला हुआ तो पाकिस्तान ने उन्हें मस्जिद और मदरसे बताए. जब भारत की मिसाइल से आतंकवादियों के चीथड़े उड़ गए तो पाकिस्तान ने उन्हें आम नागरिक बताया. अब कोई ये पूछे कि अगर वो आम नागरिक थे,तो उनके ताबूत पाकिस्तान के झंडे में क्यों लपेटे गए? कब्रिस्तान में उनके लिए मातम मनाने, उनकी लाशों पर आंसू बहाने फौज के लोग लाइन लगाकर क्यों खड़े थे? अब ये झूठ नहीं चलेगा. पाकिस्तान ने पिछले 40 साल से भारत में बेकसूर लोगों का खून बहाया है. भारत माता के सीने पर वार किए हैं. अब जब भारत ने आतंकवाद के अड्डों को तबाह कर दिया, तो पाकिस्तान ने रोना शुरू कर दिया. पाकिस्तान अच्छी तरह जानता है, हाफिज सईद भी वहीं है, मसूद अजहर भी वहीं है, सैयद सलाहुद्दीन भी वहीं है और पाकिस्तान की फौज, पाकिस्तान की एयरफोर्स उनको कवर देती है. इसीलिए भारत ने अब बिलकुल साफ कर दिया है, जब तक सारे आतंकवादियों को भारत के हाथों सौंप नहीं दिया जाएगा तब तक जंग जारी रहेगी. लेकिन पाकिस्तान अब पानी पानी चिल्ला रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सिंधु समझौते को रद्द करने के फैसले पर फिर से विचार करने की गुहार लगा रहा है. लेकिन मोदी ने साफ कह दिया कि खून और पानी साथ साथ नहीं बहेंगे.

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