Rajat Sharma

राजनाथ सिंह ने चीन और पाकिस्तान को कैसे धोया?

WhatsApp Image 2025-04-29 at 3.16.47 PM (1)चीन के शहर छिंगताओ में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और चीन, दोनों को एक साथ बेनकाब किया. राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है, इस मामले में दोहरा रवैया नहीं चल सकता, आतंकवादियों को वित्तीय, नैतिक और सशस्त्र समर्थन देने वाले देश के खिलाफ सबको खुलकर बोलना चाहिए.

रक्षामंत्री ने कहा कि भारत ने तो अपनी स्थिति पूरी दुनिया के सामने स्पष्ट कर दी है, जिस तरह पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या करने वाले आतंकी संगठनों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया गया, उसी तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, भारत अब आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा, आतंकवादी जहां भी छुपे होंगे, भारत उन्हें वहां मारेगा.

जिस वक्त राजनाथ सिंह ये बात कह रहे थे, उस वक्त पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जुन सामने बैठे थे. चूंकि राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष तथ्यों के साथ ठोस तरीके से रखा, इसलिए पाकिस्तान और चीन ने इस मसले पर चुप रहना ही बेहतर समझा.

जब SCO (शंघाई सहयोग संगठन) के रक्षामंत्रियों की बैठक का साझा बयान ड्राफ्ट किया गया, तो चीन ने चालाकी की. पहलगाम हमले का जिक्र इस साझा बयान में नहीं था, उल्टे बलूचिस्तान में अलगाववाद का जिक्र था. इसलिए राजनाथ सिंह ने इस बयान पर दस्तखत करने से इंकार कर दिया. इसकी वजह से कोई साझा बयान जारी नहीं हो सका.

एक तरह से राजनाथ सिंह ने चीन में “ऑपरेशन तंदूर” कर दिया. उन्होंने पाकिस्तान और चीन की अच्छी तरह सिकाई की. पाकिस्तान को बेनक़ाब किया और चीन की चालाकी को भी बेअसर किया.

राजनाथ सिंह ने नए भारत की नई शक्ति की झलक दिखाई. चीन को लगता था कि SCO में पहलगाम का जिक्र नहीं होगा तो भी भारत चुप रह जाएगा लेकिन राजनाथ सिंह ने इस बात की परवाह नहीं की कि कहीं चीन नाराज न हो जाए. राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कोई कूटनीतिक शिष्टाचार नहीं दिखाया बल्कि आईना दिखाया. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से न हाथ मिलाया, न उनकी तरफ देखना मुनासिब समझा. ख्वाजा आसिफ मुंह ताकते रह गए.

भारत ने साफ कर दिया कि वो हर फोरम पर पाकिस्तान की दहशतगर्दी को बेनक़ाब करेगा. जब सवाल आतंकवाद का होगा तो कूटनीतिक शिष्टाचार को दरकिनार कर दिया जाएगा, आतंकवाद की हर हरकत का भारत इलाज करेगा. हर आतंकवादी हमले को Act of War माना जाएगा. राजनाथ सिंह की बातों से यह संदेश आज पूरी दुनिया को गया.

बंगाल में बीजेपी को जगन्नाथ मंदिर से क्या मुसीबत है?

पश्चिम बंगाल के दीघा में भव्य जगन्नाथ यात्रा निकाली गई. दीघा में 250 करोड़ रूपए की लागत से तैयार हुए जगन्नाथ मंदिर की पहली यात्रा निकली. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद दीघा पहुंची और हजारों भक्तों के साथ रथयात्रा में हिस्सा लिया.

इधर, बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता का भक्ति भाव केवल राजनीतिक दिखावा है. बीजेपी के नेताओं ने कहा कि ममता पिछले 14 साल से मुस्लिम तुष्टीकरण में लगी हैं, अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए सॉफ्ट हिन्दुत्व का रास्ता अख्तियार कर रही है. ममता ने जल्दबाजी में जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन करवाया, फिर घर-घऱ मंदिर का प्रसाद पहुंचाने का अभियान चलाया और अब जगन्नाथ जी की सवारी वाला रथ खींचने का दिखावा कर रही हैं.

ममता को जवाब देने के लिए बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी जगन्नाथ पुरी का प्रसाद बांटने की घोषणा की है. सुकांत मजूमदार ने कहा कि हाल में हुए कालीगंज विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी को 74 प्रतिशत हिन्दू वोट मिला, ममता को अब ये डर लग रहा है कि अगर पूरा हिन्दू वोट उनसे छिटक गया तो फिर उनकी कुर्सी चली जाएगी, इसीलिए अब ममता भगवान की शरण में पहुंची हैं. सुकांत मजूमदार ने कहा कि दीघा में तो जगन्नाथ मंदिर है ही नहीं, वह तो सांस्कृतिक केंद्र है जहां पूजा हो ही नहीं सकती. सुकांत मजूमदार यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि एक बार चुनाव खत्म हो गया तो जगन्नाथ मंदिर के बगल में ममता मस्जिद बना देंगी, यही उनका प्लान है.

ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा कि जो लोग हर वक्त हिन्दू-हिन्दू करते रहते हैं, उन्हें जगन्नाथ मंदिर से दिक्कत है. जगन्नाथ मंदिर के खिलाफ बोलकर बीजेपी ने बंगाल के हिन्दुओं को अपना असली चेहरा दिखा दिया है.

ममता बनर्जी ने अगर भगवान जगन्नाथ का मंदिर बनवाया है, तो बीजेपी को क्या समस्या है? बंगाल में अगर भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जा रही है, तो इसमें गलत क्या है? अगर ममता बनर्जी मंदिर का प्रसाद घर-घर पहुंचा रही हैं, तो इसका विरोध करने की क्या ज़रूरत है ?

इन धार्मिक कामों से हिंदू धर्म का क्या नुकसान हो जाएगा? मुझे लगता है कि पश्चिम बंगाल में भगवान जगन्नाथ के मंदिर, यात्रा और प्रसाद का विरोध करके बीजेपी गलती कर रही है, ममता के trap में फंस रही है. अगर बीजेपी यही करती रही तो ममता को ये आरोप लगाने का मौका मिलेगा कि बीजेपी भगवान जगन्नाथ का अपमान कर रही है और वाकई ऐसा लगेगा कि बंगाल में बीजेपी को मंदिर और भगवान से मतलब नहीं है, उसे तो सिर्फ ममता का विरोध करना है.

बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस भले ही जगन्नाथ यात्रा को लेकर एक दूसरे पर इल्जाम लगा रहे हों लेकिन इस चक्कर में बंगाल के लोगों को एक फायदा होगा, उन्हें घर बैठे दीघा के जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद भी मिल जाएगा और जगन्नाथ पुरी का प्रसाद भी.

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