जुमे की नमाज़ के बाद शुक्रवार को बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ जम कर हिंसा हुई. बांग्लादेश के दूसरे सबसे बड़े शहर चटगांव में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ख़ूब उत्पात मचाया. जुमे की नमाज़ के बाद हिज़्बुत तहरीर, हिफ़ाज़ते इस्लाम और जमाते इस्लामी के कार्यकर्ता चटगांव के हिन्दू बहुल ठाकुरगांव, कोतवाली और टाइगर पास मुहल्लों में घुस गए.
कट्टरपंथियों ने पहले इस्कॉन के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की, इसके बाद इस्लामिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हिंदुओं की दुकानों और घरों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. हिंदुओं के साथ मार-पीट शुरू कर दी. तीन बड़े मंदिरों में तोड़फोड़ की. मौक़े पर पुलिस मौजूद थी लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. पुलिस तमाशा देखती रही. इसके बाद जब हालात बेक़ाबू हो गए तो, चटगांव में फौज को तैनात कर दिया गया.
राजधानी ढाका में इस्कॉन के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हुए. ढाका की बैतुल मुकर्रम मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद, हिफ़ाज़ते इस्लाम संगठन के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने इस्कॉन के ख़िलाफ़ मार्च किया. इस्कॉन पर पाबंदी लगाने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस्कॉन एक आतंकवादी हिंदू संगठन है, उस पर बैन लगना चाहिए और इस्कॉन के कार्यकर्ताओं को जेल में डाल देना चाहिए.
बांग्लादेश सरकार ने इस्कॉन के 17 सदस्यों के बैंक खाते 30 दिन तक फ्रीज़ कर दिए हैं. इनमें इस्कॉन के गिरफ़्तार चिन्मय दास का भी बैंक खाता है. कोलकाता में इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि खाते फ्रीज़ होने से इस्कॉन के सदस्यों के भूखों मरने की नौबत आ जाएगी.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के ख़िलाफ कोलकाता में प्रदर्शन हुए. इंडियन सेक्यूलर फ्रंट के वर्कर्स ने बांग्लादेश के डिप्टी हाई कमिशन के बाहर प्रोटेस्ट किया. इंडियन सेक्यूलर फ्रंट, फुरफुरा शरीफ़ के मौलाना अब्बास सिद्दीक़ी की पार्टी है. विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने भी बंगाल में प्रदर्शन किया.
ब्रिटेन की संसद में कंज़रवेटिव पार्टी के सांसद, बॉब ब्लैकमैन ने सरकार से इस मामले में दख़ल देने की मांग की. बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि इस्कॉन जैसे शांतिप्रिय संगठन को आतंकवादी संगठन बताकर लोगों को मारा जा रहा है, हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है, उनकी जायदाद लूटी जा रही हैं.
लोक सभा में में विदेश मंत्री जयशंकर ने एक लिखित उत्तर में बताया कि भारत सरकार ने हिन्दुओं की स्थिति पर बांग्लादेश की सरकार से बात की है और हिंदुओं को पूरी सुरक्षा देने को कहा है. जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के जान-माल की हिफ़ाज़त की ज़िम्मेदारी वहां की अंतरिम सरकार की है और सरकार को उम्मीद है कि बांग्लादेश की सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी.
शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने एक बयान में भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए विश्व जनमत बनाना शुरु कर दे. होसबाले ने इस्कॉन के गिरफ्तार साधू चिन्मय दास को जेल से तुरंत रिहा करने की मांग की.
ये बात सही है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर भारत सरकार चिंतित है. गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की बैठक हुई. लेकिन मामला पड़ोसी मुल्क का है. इसलिए सिर्फ डिप्लोमेटिक चैनल्स का सहारा लिया जा सकता है.सिर्फ बांग्लादेश की सरकार पर दबाव बनाया जा सकता है.
समस्या यह है कि बांग्लादेश में मोहम्मद युनूस की अंतरिम सरकार कट्टरपंथियों के दबाव में है, उनसे डरती है. जिस तरह से हिंसा पर उतारू भीड़ ने शेख हसीना को हटाया, उसके बाद सब भीड़ से डरते हैं.
अब सरकार पर नियंत्रण होने के बाद जमात-ए-इस्लामी और हिफाज़त-ए-इस्लाम जैसे संगठन हिंसा पर उतारू हैं. उन्हें न पुलिस का डर है, न फौज का, न ही उन्हें बांग्लादेश की छवि की परवाह है. इसलिए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे जुल्म को रोकने में वक्त लगेगा.