रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का ये हाल है कि PoK के लोग ख़ुद ही उससे निजात पाना चाहते हैं, उससे छुटकारा पाने के लिए बेक़रार हैं… बहुत जल्द POK के लोग अपने आप ही ख़ुद को भारतीय घोषित कर देंगे, भारत में आ जाएंगे, इसके लिए किसी जंग की ज़रूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि PoK में रहने वाले भारत के अपने लोग हैं… भारत के लोगों और पीओके में रहने वाले लोगों के बीच वैसा ही रिश्ता है जैसा महाराणा प्रताप और उनके भाई शक्ति सिंह के बीच था.
राजनाथ सिंह ने सही कहा. पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में आए दिन पाकिस्तान के ख़िलाफ़ प्रोटेस्ट हो रहे हैं, पाकिस्तान से आज़ादी के नारे लग रहे हैं. पाकिस्तान ख़ुद दिवालिया होने के कगार पर खड़ा है, अपने लोगों को दो जून की रोटी तक नहीं दे पा रहा है. ऐसे में पाकिस्तान के अवाम भी कह रहे हैं कि PoK के लोगों को अपनी क़िस्मत का फ़ैसला करने का पूरा हक़ मिलना चाहिए, अगर वो भारत के साथ जाना चाहें, तो उनको जाने देना चाहिए.
कश्मीर के जिस हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा है, वहां के लोगों को दो तरह की तस्वीरें देखने को मिलती हैं. एक है पाकिस्तान, जहां पांच किलो आटा 800 रुपये में मिलता है, जहां सड़कों पर अंधेरा रहता है, जहां नलों में पानी नहीं आता. आज ही एक वीडियो सामने आया जिसमें पाकिस्तान की एक एक्ट्रेस हिना ख्वाजा बयात. ये बता रही थीं कि कैसे पाकिस्तान में कराची एयरपोर्ट पर भी पानी नहीं है. दूसरी तरफ, भारत की तस्वीर है, जो दुनिया में चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने जा रही है, जहां 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन मिलता है, घर-घर बिजली का कनेक्शन पहुंच चुका है, नल से जल मिलता है. हमारे यहां जम्मू और कश्मीर भी तेज़ रफ्तार से तरक्की के रास्ते पर चल पड़ा है. जो भी भारत और पाकिस्तान के इस contrast को देखेगा, किसकी इच्छा किसके साथ जाने की होगी, ये बताने की जरूरत नहीं है.
कांग्रेस ओवैसी से कुछ सीखे
हथियार के मोर्चे पर पाकिस्तान दुनिया में फेल साबित हो चुका है, डिप्लोमेटिक मोर्चे पर भी अब उसे बड़ी चोट लग रही है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ इस उम्मीद से ईरान, तुर्किए, अज़रबैजान, ताजिकिस्तान जैसे मुस्लिम देशों की यात्रा कर रहे हैं कि वो उन्हें समर्थन देंगे. लेकिन भारत के संसदीय प्रतिनिधिमंडल मुस्लिम देशों में भी पाकिस्तान को बेनकाब कर रहे हैं.
मुस्लिम देशों में भारत की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी. ओवैसी सऊदी अरब, बहरीन, कतर समेत इस्लामिक देशों में गए प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं. सऊदी अरब के रियाद में एक मीटिंग में ओवैसी ने साफ कहा कि पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते रखने की कोशिश की थी, विपक्ष की आलोचना के बावजूद वो पाकिस्तान गए थे, पठानकोट हमले के बाद जब पाकिस्तान ने सबूत मांगा तो भी मोदी ने बड़ा दिल दिखाया, पाकिस्तान को एक और मौका दिया. लेकिन अब पाकिस्तान के लिए सारे दरवाजे बंद हो चुके हैं.
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर भारत को टारगेट करता है. मुस्लिम वर्ल्ड को ये जानना जरूरी है कि 24 करोड़ मुसलमान भारत में खुश हैं और भारतीय होने पर उन्हें फ़ख्र है. ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को तभी बंद करेगा जब दुनिया के देश उसे फंडिंग करने से मना कर दें, इसलिए पाकिस्तान को एक बार फिर FATF(Financial Action Task Force) की grey लिस्ट में डाल दिया जाए.
ओवैसी ने पाकिस्तान की जो पोल खोली, उसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी. सऊदी अरब से उठी ये आवाज़ सिर्फ पाकिस्तान के टीवी चैनल्स पर सुनाई नहीं दी. पाकिस्तान में तो आज कल कांग्रेस पार्टी के नेताओं की बात सुनाई जाती है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कह दिया कि एक तरफ पहलगाम के आतंकवादी खुले घूम रहे हैं, दूसरी तरफ विदेशों में भारत के नेता खुले घूम रहे हैं.
क्या कांग्रेस अपने नेताओं की तुलना आतंकवादियों से कर रही है? इन नेताओं में शशि थरूर, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी जैसे कांग्रेस के सीनियर नेता भी हैं. अगर ये स्लिप ऑफ टंग था तो इस बयान को वापस लिया जाना चाहिए.
कांग्रेस ये पूछ सकती है कि पहलगाम में आतंकवादी अब तक क्यों नहीं पकड़े गए लेकिन विदेश में भारत का पक्ष रखने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेताओं की प्रशंसा होनी चाहिए. इसमें कांग्रेस का भी थोड़ा बहुत योगदान हो तो अच्छा रहेगा.