प्रधानमंत्री मोदी की ललकार सुनकर हर भारतीय को गर्व होगा. मोदी की हुंकार सुनकर पाकिस्तान में छिपे आतंकवादियों के होश उड़ जाएंगे और वहां के फौजियों की नींद उड़ जाएगी. सोमवार को पाकिस्तान की सरहद पर खड़े होकर नरेंद्र मोदी ने कहा कि पाकिस्तान भारत को दुश्मन मानता है लेकिन भारत आतंकवाद को अपना दुश्मन मानता है.
मोदी ने कहा कि भारत दहशतगर्दी को खुशहाली के रास्ते में रुकावट मानता है, जबकि पाकिस्तान की फौज के लिए दहशतगर्दी कमाई का ज़रिया है. मोदी ने कहा कि पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज है और भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.
मोदी ने पाकिस्तान के नौजवानों से कहा कि उन्हें तय करना कई कि उन्हें चैन की रोटी चाहिए या सीने में गोली चाहिए, उन्हें दहशतगर्दी के दम पर मुल्क को लूटने वाली फौज चाहिए या गरीबी और बेरोजगारी से राहत चाहिए.
मोदी ने पाकिस्तान के लोगों से कहा कि उनकी हुकूमत और वहां की फौज ने दहशतगर्दी को अपने ऐश-ओ-आराम के लिए इस्तेमाल किया, अब वक्त आ गया है पाकिस्तान के नौजवानों को दहशतगर्दी के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए. अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद का रास्ता छोड़ा, तो विकास होगा, वर्ना विनाश निश्चित है.
मोदी ने याद दिलाया कि भारत ने आतंकवाद के ठिकानों को मिट्टी में मिलाया, पाकिस्तानी एयरफोर्स के एयरबेस ICU में पड़े हैं और अब आतंकवाद के खिलाफ यही भारत की नीति है -गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा, भारत की तरफ आंख उठाने वाले को मटियामेट कर दिया जाएगा.
मोदी ने कहा कि बंटवारे के बाद जो मुल्क पैदा हुआ, उसका शुरु से अब तक एक ही मकसद रहा है, भारत से दुश्मनी, भारत से नफरत है. पाकिस्तान भारत का नुकसान करना है लेकिन भारत का लक्ष्य अपने यहां गरीबी को दूर करना है, अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है.
मोदी ने कहा कि वो सरहद से पाकिस्तानी नौजवानों को पैग़ाम देना चाहते हैं कि आतंकवाद उनके भविष्य को चौपट कर रहा है और बर्बादी का ये काम पाकिस्तान की हुकूमत और वहां की फौज मिलकर कर रही है. इस बीमारी का इलाज भारत कर रहा है लेकिन दहशतगर्दी के नासूर को अगर जड़ से खत्म करना है तो पाकिस्तान के नौजवानों को आगे आना होगा.
सरहद पर मोदी ने पाकिस्तान के बारे में जो कहा, वो ऐतिहासिक है. मोदी के एक-एक शब्द में गहरा संदेश छिपा है.
पहली बात तो ये कि मोदी ने पाकिस्तान को लेकर भारत की नई नीति का एलान किया. अब बात नहीं, रण होगा. अब डोजियर नहीं, मिसाइल भेजी जाएंगी. भारत की तरफ आंख उठाने वाले को मिट्टी में मिला दिया जाएगा.
दूसरा पैग़ाम पाकिस्तान के नौजवानों के लिए था. एक तरफ दहशतगर्दी पाकिस्तान की फौज के लिए कमाई का ज़रिया है, दूसरी तरफ दहशतगर्दी ने पाकिस्तान के नौजवानों से रोजी-रोटी छीन ली है. एक तरफ भारत से लड़ने के नाम पर पाकिस्तान के जनरलों ने बड़े-बड़े महल खड़े किए हैं, दूसरी तरफ आतंकवाद ने पाकिस्तान की जनता को भूख और अंधकार दिया है.
मोदी ने पाकिस्तान के लोगों को आईना दिखाया, उन्हें रोटी चाहिए या गोली चाहिए? Tourism चाहिए या Terrorism चाहिए? खुशहाली चाहिए या तबाही चाहिए?
मुझे लगता है कि मोदी की बात पाकिस्तान के लोगों की आंखें खोल देगी. प्रधानमंत्री का आज का भाषण पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े होने के की प्रक्रिया को तेज़ करेगा. प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के 11 साल पूरे होने पर नरेंद्र मोदी देश को इससे बड़ा उपहार नहीं दे सकते थे.