भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर कब तक बना रहेगा, दोनों देशों के बीच तनाव नहीं बढ़ेगा, इसकी शर्तें विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ-साफ बता दी. भारत ने पाकिस्तान को दो टूक लफ़्ज़ों में बता दिया कि पाकिस्तान को भारत के साथ संबंध सामान्य बनाने के लिए क्या-क्या करना होगा. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान को अगर भारत से बात करनी है, तो उसे सबसे पहले अपने यहां मौजूद मोस्ट वांटेड आतंकवादियों को भारत को सौंपना होगा, अपने यहां चल रहे आतंकवादी संगठनों के infrastructure का सफ़ाया करना होगा और भारत समेत पूरी दुनिया की नज़र में ये साबित करना होगा कि पाकिस्तान ने सीमा पार से आतंकवाद को sponsor करना बंद कर दिया है. विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के पास उसके यहां रह रहे भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की लिस्ट पहले से मौजूद है. अब इन आतंकवादियों को भारत के हवाले करना होगा. अगर इसमें कोई दिक्कत है, तो भारत मदद करने को तैयार है. पाकिस्तान इस मुद्दे पर अगर भारत से बात करना चाहता है, तो बात हो सकती है. पाकिस्तान को मोस्ट वांटेड टेररिस्ट्स की लिस्ट कई बार दी जा चुकी है. वैसे तो लिस्ट देने की ज़रूरत भी नहीं थी क्योंकि पाकिस्तान ने ही इन दहशतगर्दों को पाला-पोसा है, उन्हें हथियार देकर प्रशिक्षित किया है. इन्हीं आतंकवादियों के जरिए भारत के खिलाफ साजिशें रची हैं. सारे के सारे दहशतगर्द पाकिस्तानी हुकूमत की पनाह में, वहां की फौज की हिफाजत में रहते हैं. फिलहाल जो आतंकवादी पाकिस्तान में छुपे हैं, उनमें 1993 के मुंबई धमाकों के मुजरिम दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील से लेकर 26/11 मुंबई हमले के गुनहगार हाफ़िज़ सईद, साजिद मीर और ज़की उर रहमान लखवी, खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा, हिज़्बुल मुजाहिदीन का सरगना सैयद सलाहुद्दीन, 2001 के पार्लियामेंट अटैक, 2019 के पुलवामा हमले और 2016 के पठानकोट हमले का मोस्ट वांटेड मसूद अज़हर शामिल हैं. भारत के ये सारे वांटेड आतंकवादी लाहौर, स्यालकोट, कराची, रावलपिंडी और PoK में देखे गए हैं. पाकिस्तान को बख़ूबी पता है कि उसके पाले हुए ये टेररिस्ट कहां मौजूद हैं. एस. जयशंकर ने आतंकवादियों की जो लिस्ट पाकिस्तान को दी है, उसे देखकर वहां के हुक्मरान की नींद उड़ जाएगी. जयशंकर ने पाकिस्तान की उस रग पर हाथ रख दिया, जहां सिर्फ छूने से भी पाकिस्तान बिलबिलाने लगता है. सैकड़ों बम जो दर्द नहीं दे सकते, वो दर्द भारत के विदेश मंत्री ने दे दिया. पाकिस्तान अगर आतंकवादियों को भारत के हवाले कर देता है तो पूरी दुनिया के सामने साबित हो जाएगा कि ये आतंकी पाकिस्तान की पनाह में थे. अगर पाकिस्तान इन आतंकवादियों को भारत के हवाले नहीं करता है तो भारत एक बार फिर घर में घुसकर मारेगा. इन आतंकवादियों को पाकिस्तान ने जहां छुपाया होगा, वहां से ढूंढ कर निकालेगा और पूरी दुनिया को दिखाएगा कि पाकिस्तान आतंकवाद की फैक्ट्री चलाता है, दहशतगर्द मैन्युफैक्चर करता है और उन्हें पूरी दुनिया को सप्लाई करता है.
पाकिस्तान के nuclear बम : गैरज़िम्मेदार हाथों में
ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को श्रीनगर गये और शुक्रवार को गुजरात के भुज एयर बेस गए. दुनिया को ये बताया कि पाकिस्तानी सेना के दावे कितने खोखले हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेनाओं का पराक्रम पूरी दुनिया ने देखा, हमारी फौज ने पाकिस्तान को 23 मिनट में ही घुटनों पर ला दिया. रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी दहशतगर्दों ने हमारे मस्तक पर वार किया, हमने सामने से पाकिस्तान के सीने पर वार किया, दहशतगर्दों ने बेगुनाह लोगों को धर्म देखकर मारा, भारत ने पाकिस्तान को उस का कर्म देखकर मारा. यही नया भारत है. राजनाथ सिंह ने कहा कि ये तो साफ हो गया कि पाकिस्तान गैरजिम्मेदार मुल्क है, इसलिए अब पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को International Atomic Energy Agency की निगरानी में लिया जाना चाहिए. राजनाथ सिंह ने सही मौके पर सही टारगेट सेलेक्ट किया है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने बार बार एटमी हमलों की धमकी दी लेकिन हमारी वायु सेना ने 23 मिनट के लिए पाकिस्तान के पूरे एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह जाम कर दिया, फिर उसके एयरबेस तबाह किए, फिर पाकिस्तान के परमाणु ज़खीरे के दरवाजे पर मिसाइल्स दागीं, पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि वो अपने परमाणु बमों की धमकी न दे. अगर गड़बड़ी की कोशिश की, ये परमाणु बम पाकिस्तान को ही कब्रिस्तान बना देंगे क्योंकि भारत की मिसाइल्स का अगला निशाना पाकिस्तानी परणाणु भंडार भी हो सकते हैं. इससे पाकिस्तान डरा और भाग कर अमेरिका के दरवाजे पर मदद मांगने पहुंचा. इसके बाद ही पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा है कि पाकिस्तान एटमी ताकत होने लायक नहीं हैं, उसके परमाणु बम आंतकवादियों के हाथ में आ सकते हैं. अगर बच गए और फिर भारत में कुछ गड़बड़ हुई, तो भारत इन्हें निशाना बना सकता है. इससे पूरी दुनिया को खतरा होगा. इसीलिए राजनाथ सिंह ने कहा कि अब IAEA को पाकिस्तान के न्यूक्लियर बमों को अपनी निगरानी में लेना चाहिए.
ट्रम्प को समझाओ : ट्रेड और टेरर साथ-साथ नहीं चल सकते
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी बात से पलट गए. ट्रम्प ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर उन्होंने नहीं करवाया, उन्होने तो दोनों देशों के बीच चल रही प्रॉब्लम को सॉल्व करने की कोशिश की. ट्रम्प ने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच झगड़ा बढ़ता जा रहा था, दोनों तरफ से अलग-अलग किस्म की मिसाइलें चल रहीं थीं. मुझे लगा ये मामला बढ़ेगा… मैं ये तो नहीं कहता कि मैंने सीजफायर करवाया लेकिन मैंने ये प्रॉब्लम सेटल करने में भारत और पाकिस्तान की मदद की. इसके बाद ट्रंप ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दो दिन बाद कम से कम ये नहीं होगा कि ये सेटल नहीं हुआ और ये दोनों फिर से लड़ने लगें. हालांकि मुझे लगता है कि ये सेटल हो गया है. इसलिए अब ट्रेड (व्यापार) की बात करो और ट्रेड करो. डोनाल्ड ट्रंप ने वही कहा जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था, जो विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था, जो हमारी फौज ने कहा था. सीजफायर का अनुरोध पाकिस्तान के DGMO से आया, सीज़फायर ट्रंप ने नहीं करवाया. पर ट्रंप कई बार कह चुके थे कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़फायर मैंने करवाया. ट्रंप गुरुवार को अपनी बात से पलटे. ट्रंप वही कह रहे हैं जो भारत का विदेश मंत्रालय बार बार दोहरा रहा था कि ये बात भारत और पाकिस्तान के बीच हुई. इसमें तीसरा कोई बीच में नहीं था. लेकिन ट्रंप तो ट्रंप हैं. उन्होंने तो ये भी कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का मसला एक हजार साल से चला आ रहा है और वो इसमें मध्यस्थता करने को तैयार हैं. भारत की तरफ से कई बार ये कहा जा चुका है कि जम्मू कश्मीर का मसला द्विपक्षीय है, पाकिस्तान बार बार दूसरे देशों के पास जाता है, मध्यस्थता चाहता है, लेकिन भारत को किसी तीसरे मुल्क की जरूरत न पहले थी, न अब है, और न आगे होगी. जहां तक सीजफायर का सवाल है, ट्रंप के दावे से भारत सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा. लेकिन कांग्रेस को मसाला मिल गया. ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस और तो कुछ नहीं कर पाई, कांग्रेस के नेता बार-बार ये पूछते रहे कि मोदी जवाब दें, क्या ट्रंप ने प्रेशर डाला? क्या वो ट्रंप से डर गए? मोदी ने तो जवाब नहीं दिया पर आज ट्रंप ने ही एक्सप्लेन कर दिया. ट्रप ने ये भी कहा कि मैंने दोनों देशों से कहा कि व्यापार करें. लेकिन ट्रम्प को भारत की नीति के बारे में पता है. कारोबार और आतंकवाद साथ साथ नहीं चल सकते. मोदी ये बात कई बार कह चुके हैं.