Rajat Sharma

ईवीएम : स्वंतत्र, निष्पक्ष और तेज़ मतदान

AKB एक बार फिर EVM पर सवाल उठाए गए हैं. चुनाव नतीजे आने के करीब दो हफ्ते के बाद टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क के ट्वीट को आधार बना कर विरोधी दलों ने EVM के बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग उठाई. असल में एलन मस्क ने ट्विटर पर लिखा कि EVM को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि EVM को आर्टीफिशियल इंटैलीजेंस या ह्यूमैन इंटरवेंशन के जरिए हैक किया जा सकता है. एलन मस्क ने ये ट्विट भारत के संदर्भ में नहीं, अमेरिका के संदर्भ में किया था. मस्क ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के एक ट्वीट के जवाब में लिखी थी. कैनेडी ने अपने पोस्ट में प्यूर्टो रिको में हुई वोटिंग में अनियमितताओं के बारे में ये ट्वीट पोस्ट किया था.मस्क इसी का जवाब दे रहे थे. .एलन मस्क के इस ट्विट पर अमेरिका में तो कोई खास चर्चा नहीं हुई लेकिन हमारे देश में एलन मस्क के ट्वीट को विरोधी दलों ने हाथों हाथों लिया. राहुल गांधी ने लिखा कि जब संवैधानिक संस्थाएं बंधक बन जाएं तो चुनाव प्रक्रिया को सिर्फ जनता ही पारदर्शी बना सकती है.. EVM एक ब्लैक बॉक्स की तरह है..चुनाव आयोग या तो मशीन और इसकी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए या फिर इसे खत्म कर दे. अखिलेश यादव ने भी राहुल की लाइन पकड़ी और बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की. एलन मस्क ने EVM पर सवाल उठाया तो पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के साथ उनकी इस मुद्दे को लेकर X पर ही बहस हुई. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि भारत की EVM दुनिया की बाकी देशों की EVM से पूरी तरह अलग है. इन्हें हैक नहीं किया जा सकता. राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ये बात उन्होंने इलॉन मस्क को तो समझा दी लेकिन राहुल गांधी और विपक्ष के नेताओं को ये समझा पाना नामुमकिन है क्योंकि वो खुद से बड़ा टेक्निकल एक्सपर्ट किसी को समझते ही नहीं हैं. कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि पूरा विपक्ष इतने सालों से EVM का मुद्दा उठा रहा है लेकिन न तो बीजेपी का कोई नेता और न ही चुनाव आयोग इस पर कोई बात करने को राज़ी है…अब एलन मस्क ने EVM पर सवाल उठाए तो पूरी सरकार सफाई देने में जुट गई…इसका मतलब दाल में कुछ तो काला है. समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि जब अमेरिका, जर्मनी जैसे देशों में बैलेट पेपर से चुनाव हो सकते हैं, इन देशों ने EVM को नकार दिया है तो फिर भारत में EVM को लेकर ज़िद क्यों की जा रही है. JD-U के नेता के सी त्यागी ने कहा कि एलन मस्क के बयान पर भारत में विवाद की जरूरत नहीं हैं क्योंकि चुनाव हो गया, नतीजे आ गए, सरकार बन गई.अब तक तो विपक्ष के किसी नेता ने EVM पर सवाल नहीं उठाए,तो अब इसकी क्या जरूरत है. केसी त्यागी ने बहुत कम शब्दों में बड़ी बात कह दी…चुनाव के नतीजे 4 जून को आए थे.13 दिन से विपक्ष ने एक बार भी EVM की बात नहीं की. लेकिन अब विपक्ष के नेताओं को EVM में खोट नजर आ रहा है..वो नतीजों पर शक जताने लगे हैं..गड़बड़ी की आशंका जता रहे हैं.. कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि इस चुनाव में 165 सीटें ऐसी हैं जहां जीत का मार्जिन 200 से 2000 के बीच है..ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. पटोले ने कहा कि देश की जनता को अब EVM पर भरोसा नहीं रह गया है.इसलिए मोदी सरकार अब बैलेट से चुनाव करवाए. EVM का मामला ऐसा हो गया है कि बार बार झूठ बोलो, तरह तरह से सवाल उठाओ, ताकि लोगों के मन में शंका पैदा हो जाए. और इस बार तो कमाल ये है EVM पर सवाल एलन मस्क ने उठाए, अमेरिका में उठाए, किसी दूसरे देश के चुनाव के बारे में comment किया, लेकिन हमारे लोग मैदान में उतर गए. सुप्रीम कोर्ट कह चुका है, चुनाव आयोग 100 बार सबूत देकर समझा चुका है लेकिन कुछ लोग EVM पर सवाल उठाने पर आमादा हैं. उसी EVM पर, जिससे राहुल गांधी दो-दो इलाकों से चुनाव जीतकर आए. उसी EVM पर, जिससे निकले वोटों से बीजेपी की सीटें कम हुईं. जिन पार्टियों ने evm से बीसीयों चुनाव जीते, वो EVM को सही मानने को तैयार नहीं. चुनाव आयोग की बात समझने को तैयार नहीं. मोदी विरोधी मोर्चे की सोच देखिए. महाराष्ट्र में एक सीट पर चुनाव हार गए, इसलिए सारा सिस्टम खराब है, इसलिए EVM फ्रॉड है, इसलिए चुनाव आयोग पक्षपात करता हे, ये बिलकुल नकारात्मक सोच है. अगर किसी को लगता है कि चुनाव में गड़बड़ हुई तो इसके लिए कोर्ट जाना चाहिए. पिटिशन फाइल करना चाहिए. जहां तक EVM का सवाल है, हमारे देश के EVM में और बाकी देशों के सिस्टम में जमीन आसमान का फर्क है. हमें अपनी चुनाव प्रक्रिया पर गर्व होना चाहिए. जो EVM हमारी चुनाव व्यवस्था की कुशलता का प्रतीक है, हमें उसे दोष ना दें तो अच्छा होगा. सोशल मीडिया के कारण आजकल हिट एंड रन बड़ी नॉर्मल सी बात हो गई है. कोई भी किसी संस्था के बारे में , किसी व्यवस्था के बारे आधा सच, आधा झूठ बोलकर भाग जाता है. फिर संस्थान सफाई देते रहें, अच्छी बात ये है कि आजकल कोर्ट ऐसा झूठ बोलने वालों की खूब खबर लेता है.

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