स्वाति मालीवाल के केस में दिल्ली पुलिस ने शनिवार को मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के पीएम विभव कुमार को मुख्यमंत्री निवास से गिरफ्तार कर लिया. स्वाति ने विभव कुमार पर आरोप लगाया है कि उसने मुख्यमंत्री निवास में 13 मई को उन्हें थप्पड़ मारे, उनके सीने, पेट और निचले हिस्सों में लात मारे और उनके कपड़े फाड़ दिए. ये बात स्वाति ने एक मजिस्ट्रेट के सामने घारा 164 के तहत दर्ज़ करवाई. इसके जवाब में आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को एक सीसीटीवी वीडियो क्लिप दिखाकर ये साबित करने की कोशिश की कि स्वाति के साथ कोई मारपीट नहीं हुई थी. दिल्ली की मंत्री आतिशी का ये दावा सनसनीखेज़ है कि स्वाति को बीजेपी ने केजरीवाल के घर भेजा. लेकिन दो दिन पहले संजय सिंह ने तो कहा था कि विभव ने स्वाति के साथ बदसलूकी की. उन्होंने कहा था केजरीवाल विभव के खिलाफ एक्शन लेंगे.स्वाति अब कह रही हैं कि केजरीवाल विभव के दबाव में हैं क्योंकि उनके पास कोई राज़ हैं.इसीलिए इस पूरे मामले को ट्विस्ट देने की कोशिश की गई. असल में ये सारी खिचड़ी घर में ही पकी. स्वाति के साथ जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था,लेकिन जो हुआ, ये समझना मुश्किल है. जानकार कहते हैं कि संजय सिंह ने स्वाति को इस बात के लिए मना लिया था कि वो इस मामले को पब्लिक ना करें. दो दिन पहले इसपर सुलह भी हो गयी थी. क्योंकि केजरीवाल को चुनाव में इसका भारी नुकसान हो सकता है. स्वाति की शर्त थी विभव को उसके पद से हटा दिया जाए ताकि वो केजरीवाल तक लोगों को पहुंचने से रोक न सके. इस बात को सार्वजनिक किया जाना था, जो संजय सिंह ने कर दिया. स्वाति खामोश थीं. पर जब उन्होंने देखा कि बिभव को केजरीवाल अपने साथ लखनऊ ले गए हैं तो स्वाति ने पुलिस को बुलाया और बयान दर्ज करवाया, लेकिन मीडिया से बात नहीं की.कोई सार्वजनिक बयान भी नहीं दिया लेकिन शुक्रवार को जब आम आदमी पार्टी ने एक वीडियो जारी करके स्वाति मालीवाल पर पलटवार किया, ट्वीट करके अपने इरादे जाहिर कर दिए तो स्वाति भी सामने आ गईं और जब आतिशी ने उनपर बीजेपी के साथ मिलकर साजिश रचने का इल्जाम लगाया तो स्वाति ने कहा कि आज विभव के दबाव में आम आदमी पार्टी ने हार मान ली और पूरी पार्टी से मेरे चरित्र पर सवाल उठवाए गए. ये सारी की सारी घटना चौंकाने वाली, चिंता में डालने वाली है. अब पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच करेगी. इसमें कानून और सार्वजनिक सहानुभूति स्वाति के साथ है, राजनीतिक हालात उनके पक्ष में है, इसीलिए केजरीवाल की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं. दिल्ली में 25 मई को वोटिंग है. यही देखते हुए आज आम आदमी पार्टी ने इस मामले में बीजेपी को लपेटने की कोशिश की लेकिन इस मसले पर बीजेपी का भी काउंटर मिलेगा क्योंकि शनिवार को दिल्ली में नरेन्द्र मोदी की पहली रैली है और मोदी इस मसले पर क्या कहेंगे, ये देखने लायक होगा.