उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में 17 दिन से सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूरों को मंगलवार शाम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस ऑपरेशन की सफलता के बाद सभी के जज्बे को सलाम किया। मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा – ‘रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज़्बे को भी सलाम करना चाहता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।’ देर रात को मोदी ने इन मज़दूरों से फोन पर बात की और उनकी आपबीती सुनी। इन सभी मज़दूरों को AIIMS, ऋषिकेश में रखा गया है। हालांकि सभी स्वस्थ हैं, लेकिन प्रोटोकॉल के मुताबिक अगले 48 घंटे तक इनकी सेहत पर डॉक्टरों की निगरानी रहेगी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अस्पताल जाकर हर मज़दूर को राज्य सरकार की तरफ से एक-एक लाख रुपये का चैक दिया। इन सभी मज़दूरों को एक महीने तक अपने परिवारों के पास रहने दिया जाएगा, और उस दौरान उन्हें उनका वेतन मिलेगा।
दिवाली की सुबह सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा गिर पड़ा जिसके कारण 8 राज्यों के 41 मजदूर फंस गये थे। उनके लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद रेस्क्यू ऑपरेशन को मॉनीटर कर रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर मौजूद थे। कई मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई थी। सेना, NDRF, SDRF, BRO के साथ ही कई प्राइवेट कंपनियां, पांच देशों के विशेषज्ञ 17 दिन से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में दिन रात लगे थे। बहुत सारी बाधाएं आईं और आखिरकार जिंदगी जीत गई। सभी मजदूरों ने 17 दिन के बाद खुली हवा में चैन की सांस ली, अपने परिवार वालों से मिले। सबसे बड़ी बात ये कि जो काम दुनिया की तमाम बड़ी बड़ी मशीनें नहीं कर पाईं, जिन मुश्किलात से लड़ने में लेटेस्ट टैकनोलॉजी फेल हो गई, उन मुसीबतों से हाथ से खुदाई करने वाले 12 रैट माइनर्स ने निजात दिला दी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर जो खुशी थी, जो संतोष के भाव थे, उससे साफ जाहिर है कि उन्होंने कितनी बड़ी जंग जीती है।
धामी ने कहा कि 17 दिन से प्रधानमंत्री मोदी रोज सुबह शाम दिन में दो बार फोन करके बचाव मुहिम का पूरा अपडेट ले रहे थे और जरूरी निर्देश भी दे रहे हैं। 17 दिन से केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री रिटायर्ड जनरल वी के सिंह लगातार मौके पर कैंप कर रहे थे। जिस सिल्क्यारा टनल में हादसा हुआ, वो टनल चारधाम प्रोजैक्ट के तहत बनाई जा रही है। सड़क परिवहन मंत्रालय के तहत काम हो रहा था। मिशन के सफल होने के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने अपनी खुशी जतायी। गड़करी ने कहा कि जो होना था सो हो गया, अब उनकी कोशिश होगी कि पूरे प्रोजैक्ट का फिर से वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाय और ये सुनिश्चित हो कि भविष्य में ऐसा हादसा न हो।
ये ऑपरेशन 41 हिन्दुस्तानियों की जिंदगी और मौत का फैसला करने वाला मिशन था। पूरे भारत की दुआएं लगीं, पूरा सिस्टम लगा, सारी सरकारी ताकत लगी और 17 दिन की लंबी जंग के बाद आखिरकार जिंदगी जीत गई। पहाड़ का सीना चीर कर सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और इस खबर ने हर हिन्दुस्तानी के चेहरे पर खुशी ला दी। इस मिशन की सफलता इस बात का सबूत है कि जब पूरी शिद्दत के साथ, पूरा देश एक साथ किसी मिशन में लगता है तो मुसीबत कितनी भी बड़ी हो, उससे निजात मिलती है। थल सेना, वायु सेना, NDRF, SDRF, BRO, रेलवे, ONGC, पांच देशों के एक्सपर्ट्स सब मिलकर दिन रात लगे रहे। और सबसे बड़ी बात ये की जब अमेरिका की बड़ी बड़ी मशीनें करीब पहुँच कर भी फेल हो गई हमारे rat miners काम आए। हाथों की शक्ति का पुराना देसी तरीका काम आया। सबकी मेहनत से ऑरपेशन पूरा हो गया। लेकिन इन 17 दिनों में इस हादसे पर जिस तरह की राजनीति हुई, वो दुखद है। कांग्रेस के कई नेताओं ने मौत से लड़ रहे 41 मजदूरों को मोदी पर हमले का जरिया बनाया। कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार सुबह को भी ट्विटर पर लिखा कि 41 मजदूर टनल में फंसे है, मोदी को उनकी कोई फिक्र नहीं है, मोदी चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, लेकिन अब जब सारे मजदूर सुरक्षित बाहर निकल आए हैं तो कांग्रेस के नेताओं को सरकार की मुहिम की तारीफ करनी चाहिए। मुझे लगता है कि मुसीबत के वक्त जब लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हो, उन्हें बचाने में ताकत लगाई जा रही हो, ऐसे वक्त में ओछी सियासत ठीक नहीं है। इसे देश के लोग कतई पसंद नहीं करेंगे।