मैं मंगलवार सुबह गोरखपुर में था जहां विधानसभा चुनावों को लेकर इंडिया टीवी के स्पेशल शो में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरे सवालों का जवाब दिया। पूरा हॉल दर्शकों से भरा हुआ था। वहां मौजूद सभी लोग मेरे सवालों का जवाब सुनने के लिए बेसब्री से योगी आदित्यनाथ का इंतजार कर रहे थे। योगी ने एक भी सवाल से बचने की कोशिश नहीं की। उन्होंने बेहद शांत तरीके से जवाब दिया। ज्यादातर सवाल चुनावों पर केंद्रित थे, लेकिन हिजाब विवाद, लखीमपुर खीरी और हाथरस घटनाओं से जुड़े कुछ पेचीदा सवाल भी थे।
मैंने योगी को इतना शांत और आत्मविश्वास से भरे मूड में कभी नहीं देखा । शो के अंत में उन्होंने 80 प्रतिशत सीटों पर शानदार जीत की भविष्यवाणी की। अगर आंकड़ों की बात करें तो यूपी विधानसभा की कुल 403 सीटों में से यह आंकड़ा 320 से अधिक का बनता है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अंत की भविष्यवाणी की और उसकी तुलना लंकिनी से की। लंकिनी एक राक्षसी थी जिसे रावण ने लंका की रक्षा की जिम्मेदारी दी थी। योगी ने कहा, लंकिनी ने जब अपने सामने हनुमान जी को विशाल रूप धारण करते देखा तो वह जान गई कि अब खेल खत्म हो चुका है, लंका का अन्त काल तय है।
योगी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे यह दावा किया कि उनके पास ऐसी रिपोर्ट है कि ’10 मार्च को रिजल्ट आने के बाद विपक्ष के नेता विदेश भागने की तैयारी में हैं। विपक्ष के कुछ नेताओं ने विदेश यात्राओं के लिए टिकट बुक करा लिया है। कुछ ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के लिए टिकट बुक करा लिया है तो कुछ छोटे-मोटे नेता नेपाल भाग सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने पुलिस से कहा है कि वह नेपाल पुलिस के साथ मिलकर संयुक्त रूप से पेट्रोलिंग करे ताकि उन्हें सीमा पार करने से रोका जा सके।’
योगी ने अपने खास अंदाज में वंशवाद की राजनीति पर जमकर हमला बोला और मौजूदा चुनावों में अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी अखिलेश यादव को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसा परिवार है, जहां एक बेटा अपने पिता (मुलायम सिंह यादव) को धक्का देता है और भतीजा अपने चाचा को बाहर निकाल देता है। परिवार के सभी सदस्य तभी तक एकजुट रहते हैं जब तक उन्हें लूट में हिस्सेदारी मिलती रहती है।’
योगी ने यह भविष्यवाणी की कि जो मंत्री चुनाव से पहले बीजेपी से इस्तीफा देकर विपक्ष के खेमे में चले गए वे चुनाव में बुरी तरह से हारेंगे और अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। योगी ने भविष्यवाणी की कि 2017 और 2019 की तरह सभी छुटभैये पहलवान जिन्होंने महागठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया है, वे सब 10 मार्च को रिजल्ट आने के बाद आपस में ही कुश्ती लड़ेंगे।
शो के दौरान एक ऐसा क्षण भी आया जब मैंने योगी आदित्यनाथ से एक निजी सवाल किया। मैंने पूछा, अगर राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका को चुनाव में मदद करने के लिए कह सकते हैं, तो आप अपनी बहन की मदद क्यों नहीं कर सकते। वह रोजाना कई किलोमीटर पैदल चलकर अपनी चाय-नाश्ते की दुकान तक (उत्तराखंड में) जाती हैं? आप अपने परिवार की मदद क्यों नहीं कर सकते?
योगी कुछ पल के लिए रुके और फिर बेहद भावुक होकर उन्होंने कहा-‘मैं एक योगी हूं। मैंने राष्ट्रधर्म की शपथ ली है। मैंने अपने परिवार के लिए शपथ नहीं ली है। एक योगी हमेशा लोक कल्याण के लिए काम करता है। यूपी के लोग ही मेरा परिवार हैं।’
शो के दौरान योगी आदित्यनाथ ने आवारा मवेशियों के मुद्दों पर बात की जो इस चुनाव का एक अहम मुद्दा है। किसान रात भर जगकर छुट्टा जानवरों से अपने खेतों की रखवाली करते हैं। उन्होंने वादा किया कि वे यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास कर करेंगे कि छुट्टा मवेशियों की संख्या कम हो और सभी आवारा मवेशियों को गौशालाओं में रखा जाएगा। उन्होंने कहा- जब हम सत्ता में आए थे तो हमने कहा था कि एक भी गाय का वध नहीं होने देंगे। यह हमारा संकल्प है।
आतंकवाद को लेकर योगी ने आरोप लगाया कि वह समाजवादी पार्टी की सरकार थी जिसने सीरियल ब्लास्ट के आरोपियों पर मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया और केस वापस ले लिया। उनकी इस टिप्पणी पर कि 10 मार्च के बाद एकबार फिर बुलडोजर निकलेगा, योगी ने कहा-‘बुलडोजर का सबसे अच्छा इस्तेमाल हम कर रहे हैं। बुलडोजर बनाने वाली कंपनियों को हमारी सरकार का आभारी होना चाहिए। हम अपराधियों और माफिया नेताओं को खुलेआम घूमने की इजाजत नहीं देंगे।’
बेरोजगारी के मुद्दे पर योगी ने कहा- ‘हमने अपने पहले तीन साल के कार्यकाल में सरकारी नौकरियों के लिए होनेवाली नियुक्तियों में पूरी पारदर्शिता लाने की कोशिश की। बाद के वर्षों में हमने कोविड मैनेजमेंट पर पूरा फोकस किया। हाल में हमने अराजपत्रित पदों पर भर्ती के लिए एक पात्रता परीक्षा आयोजित की जिसमें 25 लाख उम्मीदवार शामिल हुए। जल्द ही इसके नतीजे आ जाएंगे। बसपा और सपा के शासन में दी गई नौकरियों की तुलना में हमने अपने कार्यकाल में अधिक सरकारी नौकरियां दी है।’
अखिलेश यादव के मुफ्त बिजली के वादे पर योगी ने कहा, उनका शासन शाम के बाद अंधेरे के लिए जाना जाता था। आज हम हर जिले को 24 घंटे बिजली दे रहे हैं। वे बिजली तो दे नहीं सके, बिजली उत्पादन में फेल रहे और अब मुफ्त बिजली का वादा कैसे कर सकते हैं? मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछली सरकार के दौरान गरीब लोगों को मिलने वाले मुफ्त राशन का अधिकांश हिस्सा सत्ताधारी दल के करीबी लोगों द्वारा हड़प लिया जाता था। सत्ता में आने के तुरंत बाद हमने पूरा सर्वे किया और कई लाख नकली राशन कार्ड जब्त किए गए। हमने PoS सिस्टम शुरू किया जिससे गरीब लोगों को महीने में दो बार मुफ्त राशन मिल रहा है। मुफ्त राशन की चोरी अब बंद हो गई है।’
लखीमपुर खीरी और हाथरस में हुई घटनाओं पर योगी आदित्यनाथ ने कहा-‘दोनों घटनाएं वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण थीं, लेकिन हमारी सरकार ने समय पर कदम उठाए। हाथरस केस में सीबीआई जांच कर रही है, जहां तक मेरी जानकारी है उसके मुताबिक सीबीआई की जांच यूपी पुलिस द्वारा की गई जांच से एक कदम भी आगे नहीं गई है। मुझे इंतजार है उस सच का जो सामने आएगा और यह साबित करेगा कि यह हमारी सरकार को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी लखीमपुर खीरी केस की जांच कर रही है। दंगे भड़काने की कोशिश की गई लेकिन हमारी सरकार ने हालात को काबू में कर लिया।’
कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब विवाद पर योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मुझे घर या सार्वजनिक स्थानों पर किसी की पोशाक पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हमारी व्यवस्था संविधान के मुताबिक चलती है। कुछ लोग अपनी पसंद राष्ट्र पर नहीं थोप सकते। आज स्कूल में, कल वे फोर्स में ऐसा करने की मांग कर सकते हैं। हम अनुशासनहीनता की इजाजत नहीं दे सकते।
शो के दौरान योगी ने विस्तार से बताया कि कैसे उन्होंने पूर्वी उत्तर प्रदेश में जापानी इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण पाया और कैसे उन्होंने पिछले साल अप्रैल-मई में देश में फैली कोरोना की दूसरी लहर के दौरान व्यक्तिगत तौर पर मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा- ‘मैं जमीनी हालात का पता लगाने के लिए कई जिलों में व्यक्तिगत तौर पर गया था। मथुरा में मुझे अपने घर के सामने खड़ा देखकर एक महिला हैरान रह गई। उसने मुझसे कहा, आप मुख्यमंत्री हैं। आपको पहले अपना ख्याल रखना चाहिए क्योंकि आप पूरे राज्य को चला रहे हैं…..आज मैं कह सकता हूं कि हमारे हर जिले में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है।’
मैं कई वर्षों के लंबे अंतराल के बाद गोरखपुर गया था। पांच साल से भी ज्यादा समय पहले गोरखपुर महज एक जिला मुख्यालय ही था, धूल धूसरित। यहां गड्ढों वाली सड़कें थी। अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और सड़क जैसी बुनियादी चीजों की कमी थी। लेकिन आज गोरखपुर में कई बड़े अस्पताल, एक्सप्रेसवे, चौड़ी सड़कें और अन्य अत्याघुनिक सुविधाएं हैं।
पिछले पांच साल में योगी सरकार द्वारा किए गए काम सबके सामने हैं। सोमवार को गोरखपुर में मैं जिन लोगों से मिला उनमें से ज्यादातर ने मुझे बताया कि कैसे मौजूदा सरकार उनके रोजमर्रा के जीवन में बदलाव लायी है। मुझे उस हॉल में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं मिला जिसने गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे योगी के खिलाफ एक भी शब्द बोला हो। 10 मार्च को ऊंट कौन-सी करवट लेगा, इस पर सबकी अलग राय है। हमें नतीजों का इंतजार करना चाहिए।