चीन ने सीधे-सीधे अमेरिका को चुनौती दी. अमेरिका को अपनी कूटनीतिक, आर्थिक और सैन्य ताकत दिखाई. चीन की राजधानी में हुई सैन्य दिवस परेड में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक न्यूक्लियर मिसाइल से लेकर स्टील्थ फाइटर जैट तक का प्रदर्शन हुआ. शी जिनपिंग के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन और उत्तीर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने तालियां बजाईं.
शक्ति प्रदर्शन के मौके पर 26 देशों के राष्ट्रध्यक्ष मौजूद थे. बीजिंग में बहुत सारी इंटरेस्टिंग तस्वीरें दिखाई दीं. पुतिन किम जोंग को अपनी कार में साथ बिठाकर ले गए. बीजिंग की इन तस्वीरों को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ध्यान से देखा. ट्रंप किसी भी फ्रेम में कहीं नहीं थे. ट्रंप ने शिकायत की कि इस मौके पर चीन ने अमेरिका को याद नहीं किया.
ट्रंप ने याद दिलाया कि अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय चीन को गुलाम बनने से बचाया, अपने हजारों सनिकों की कुर्बानी दी, तो भी शी जिनपिंग ने उन्हें परेड में आंत्रित नहीं किया.
पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लंबी गुफ्तगू भी ट्रंप की परेशानी का कारण है. जिस कार में पुतिन ने मोदी से बात की थी, उसी गाड़ी में किम जोंग उन के साथ बैठकर उन्होंने लंबी बात की.
ट्रंप ने साफ कह दिया कि शी जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग मिलकर अमेरिका के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. ट्रंप ने बीजिंग में हुई मिलिट्री परेड के एक-एक विजुअल को ध्यान से देखा. कौन कहां बैठा था? किसने किससे हाथ मिलाया? पुतिन ने किस किस से बात की? चीन ने कौन कौन से हथियारों की नुमाइश की? ट्रंप ने एक एक बात नोट की. इसके बाद ट्रंप से रिपोर्टर्स ने पूछा कि क्या चीन की मिलिट्री परेड देखकर उनकी टेंशन बढ़ी है, तो ट्रंप ने कहा कि बिल्कुल नहीं. ट्रंप ने दावा किया कि आज चीन को अमेरिका की ज़रूरत ज़्यादा है, अमेरिका बहुत शक्तिशाली है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के बिना दुनिया नहीं चल सकती.
चीन हर साल 3 सितंबर को दूसरे विश्व युद्ध में जापान पर हुई जीत का जश्न मनाता है. वैसे तो चीन हर दस साल बाद विक्ट्री डे पर मिलिट्री परेड का आयोजन करता है लेकिन इस वक्त दुनियाभर में ट्रंप के टैरिफ की चर्चा है. ट्रंप ने ट्रेड वॉर छेड़ दिया है, इसलिए दुनिया भर के लोगों ने इस परेड को ध्यान से देखा.
जिनपिंग ने अपने भाषण में अमेरिका को सीधी चेतावनी देते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी देश चीन को कमज़ोर समझने की ग़लती न करे, चीन न किसी से डरा है, न किसी के सामने झुका है, चीन ने दुश्मनों को हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया है.
इसमें कोई शक नहीं कि अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य ताकत है, सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्था है, लेकिन ट्रंप को ये सब जताने की क्या जरूरत ? ये तो सब जानते हैं, अमेरिका के experts भी ट्रंप के इस तरह के दावों से परेशान हैं.
ट्रंप ने कूटनीतिक शिष्टाचार को बहुत पीछे छोड़ दिया है. अमेरिका के राष्ट्रपति का ये कहना कि शी जिनपिंग, पुतिन और किम जोंग उनके खिलाफ साजिश करने के लिए मिले, उन्हें शोभा नहीं देता.
अमेरिका के राष्ट्रपति को ये कहने की क्या जरूरत थी कि अमेरिका के बिना दुनिया नहीं चलेगी ? दुनिया तो भगवान के भरोसे चलती है लेकिन ऐसा दावा करने वाले ट्रंप अकेले नहीं हैं. नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन भी अपने आप को महाशक्ति मानते हैं.
पुतिन, किम अपनी सुरक्षा का इतना ध्यान क्यों रखते हैं ?
आज सबसे ज़्यादा चर्चा किम जोंग उन की हुई. किम जोंग उन हमेशा की तरह अपनी स्पेशल ट्रेन Sunshine से बीजिंग पहुंचे. किम जोंग उन के साथ उनकी छोटी बेटी किम जू आए भी विक्ट्री परेड देखने बीजिंग पहुंची थी. नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपने पिता और दादा की तरह, जहां भी जाते हैं, अपनी ख़ास बख्तरबंद रेलगाड़ी में जाते हैं.
20 डिब्बों वाली ये ट्रेन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, जमीन से आसमान तक मार करने वाली मिसाइल और मशीनगन से लैस है. किसी हमले से सुरक्षा के लिए इसमें टैंक के गोलों को बर्दाश्त कर सकने वाली बख़्तरबंद plates लगी हैं. इसके शीशे भी बुलेटप्रूफ हैं. भारी होने की वजह से ट्रेन की रफ्तार भी धीमी है. ये 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चलती है.
किम जोंग उन जहां भी जाते हैं, वहां अपनी पर्सनल कारों का ही इस्तेमाल करते हैं. उनके साथ ट्रेन में उनकी बड़ी बड़ी कारें भी लाई जाती हैं. किम जोंग उन की इस स्पेशल ट्रेन के दो डिब्बे ख़ास तौर से गाइडेड मिसाइलों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. एक carriage किम जोंग के ऑफ़िस का काम करता है. वहीं, कुछ डिब्बों में किम जोंग उनके सुरक्षा और मेडिकल स्टाफ होते हैं.
वैसे तो किम जोंग उन नॉर्थ कोरिया से बाहर बहुत कम निकलते हैं. 2018 में वो अपने पहले विदेश दौरे पर चीन गए थे, तब भी उन्होंने ट्रेन से ही बीजिंग तक का सफ़र किया था जिसमें 24 घंटे से ज़्यादा का समय लगा था. दो साल पहले किम जोंग उन जब रूस के दौरे पर गए थे, तब भी उन्होंने प्योंगयांग से मॉस्को तक का सफ़र ट्रेन से ही तय किया था.
किम जोंग उन की छोटी बेटी किम जू आए इन दिनों अक्सर अपने पिता के साथ पब्लिक प्रोग्राम्स में देखी जा रही हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि किम जोंग उन अपनी छोटी बेटी को उत्तराधिकारी के तौर पर groom कर रहे हैं.
किम जोंग उन और पुतिन की मीटिंग के बाद एक अजीब तस्वीर देखने को मिली. किम के स्टाफ ने मीटिंग में इस्तेमाल की गई मेज़
कुर्सी और किम के ग्लास को साफ़ किया. किसी भी तरह के प्रिंट को मिटा दिया. ये तस्वीरें देखकर ऐसा लग रहा था जैसे किसी क्राइम सीन से सबूत मिटाए जा रहे हों. उसी तरह किम के किसी भी biological trace को मिटा दिया गया ताकि किम की सेहत से जुड़ी कोई सूचना लीक न हो.
पुतिन ने किम जोंग को अपनी कार में बिठाकर बात क्यों की ? जानकारों का कहना है कि पुतिन को गोपनीय बातें करने के लिए अपनी कार सुरक्षित लगती है. चीन में कोई भी जगह bug हो सकती है पर पुतिन की कार में कोई tapping नहीं हो सकती.
दूसरी रोचक बात ये कि किम जोंग ने जिस toilet का इस्तेमाल किया या जिस जगह वो बैठे, उन सब जगहों से उनके finger prints और तमाम निशान मिटा दिए गए. किसी तरह के biological trace को नहीं छोड़ा गया.
ठीक यही काम पुतिन के staff ने किया था जब वो ट्रंप से मिलने Alaska गए थे. आज के जमाने में ये माना जाता है कि किसी भी नेता की मौजूदगी के तमाम निशानों का वैज्ञैनिक और तकनीकी विश्लेषण किया जा सकता है. किसी भी नेता की सेहत संबंधी सूचनाएं निकाली जा सकती है. इसीलिए ऐसे सारे सबूतों को नष्ट कर दिया जाता है और इस काम में एक्सपर्ट्स का इस्तेमाल होता है.
बाढ़ की विभीषिका : खाद्यान्न संकट के लिए तैयार रहें
जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण लाखों एकड़ ज़मीन पर फसलें बर्बाद हो गई है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पंजाब के गुरदासपुर और अन्य इलाकों में बाढग्रस्त गांवों का दौरा किया, किसानों से बात की और फसलों को हुए नुकसान का जायज़ा लिया.
दिल्ली में यमुना नदी खतरे कि निशान से काफी ऊपर बह रही है. यमुना नदी के आसपास बसे बहुत से इलाकों में पानी भर गया है. यमुना का पानी रिंगरोड तक आ गया है. निगम बोध घाट पर शवों का अन्तिम संस्कार बंद कर दिया गया है. दस हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिवारों में भेजा गया है.
दिल्ली शहर का पानी यमुना नदी में निकलने के बजाए बैकफ्लो कर रहा है. इसका असर ये हुआ रिंग रोड और मॉनेस्ट्री मार्केट में पानी भर गया.
यमुना बाजार इलाके में हजारों परिवार के घरों में पानी भर गया है. कई मकानों की तो सिर्फ छत ही नजर आ रही है.
दिल्ली से यमुना का पानी मथुरा वृंदावन तक पहुंच गया है. वृंदावन में यमुना का पानी बांके बिहारी मंदिर से सिर्फ छह सौ मीटर दूर है. परिक्रमा मार्ग पूरी तरह डूब चुका है. प्रशासन ने परिक्रमा को बंद करवा दिया है. कई आश्रमों के अंदर पानी पहुंच गया है. पन्द्रह सौ लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
आगरा में ताजमहल के आसपास का इलाका भी जलमग्न है. यमुना का पानी ताजमहल की बाहरी दीवारों को छू रहा है.
सबसे बुरा हाल पंजाब का है. पंजाब में 1988 के बाद पहली बार इतने भयंकर हालात बने हैं. सतलुज, ब्यास और रावी नदियों में आई बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया है. पंजाब के सभी 23 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं लेकिन गुरदासपुर, फजिल्का, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, संगरूर, मोगा, बरनाला, अमृतसर और पटियाला में हालात ज्यादा खराब हैं.
पंजाब में अब तक बाढ़ से 37 लोगों की मौत हो चुकी है. करीब 1400 गांव में पानी डूबे हैं. 3 लाख एकड़ खेतों में लगी खड़ी फसल तबाह हो गई है.
इस बार मॉनसून ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. दिल्ली में अगस्त और सिंतबर के महीने में इतनी बारिश कभी नहीं हुई. पंजाब, हिमाचल और जम्मू कश्मीर में तो बारिश ने सौ साल का रिकॉर्ड टूट गया. गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में तो एक दिन में इतनी बारिश हुई जितनी मॉनसून के पूरे सीजन में होती थी. फिलहाल सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर केन्द्र सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने की कोशिश कर रही है लेकिन मॉनसून सीजन खत्म होने के बाद एक नई दिक्कत पेश आएगी.
ज्यादा बारिश के कारण लाखों हैक्टेयर में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं. इससे कृषि पैदावार घटेगी. इसके लिए सरकार को अभी से तैयारी करनी चाहिए.
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