पंजाब में कांग्रेस अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए उसका उम्मीदवार कौन होगा। राज्य में 20 फरवरी को मतदान होने में मुश्किल से दो हफ्ते बचे हैं और अभी तक इस बारे में कुछ भी साफ नहीं है कि पार्टी अपना सीएम कैंडिडेट किसे बनाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी रविवार को लुधियाना में एक वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए सीएम कैंडिडेट के नाम की घोषणा कर सकते हैं।
पार्टी फोन कॉल के जरिए से टेली-सर्वेक्षण कर रही है कि किसे सीएम कैंडिडेट बनाया जाए। आम आदमी पार्टी ने भी ठीक ऐसे ही टेली-सर्वे के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए भगवंत मान के नाम की घोषणा की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बात की काफी चर्चा है कि वर्तमान मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं एक मजबूत दावेदार नवजोत सिंह सिद्धू से बहुत बड़े अंतर से आगे चल रहे हैं।
सिद्धू, जो कि माता वैष्णो देवी मंदिर में देवी का आशीर्वाद लेने गए थे, परेशान नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को उनके एक बयान से उनकी परेशानी जगजाहिर भी हो गई। सिद्धू ने अपने समर्थकों से कहा, ‘मुझे आपसे एक ही बात कहनी है। नया पंजाब बनाना सीएम के हाथ में है। जैसा मुख्यमंत्री होता है, वैसा ही सूबा होता है। पिछले 2 मुख्यमंत्रियों ने बेड़ागर्क कर दिया। 25-30 साल में पंजाब को बर्बाद कर दिया। इस बार मुख्यंत्री आपको चुनना है। सीएम ईमानदार होगा तो ईमानदारी नीचे तक जाएगी। ऊपर चोर बिठा दिया तो फिर सब गया। आप मेरी ये बात याद रखना। ऊपर वाले चाहते हैं कमजोर सीएम, जिसे वे अपनी धुन पर नचा सकें, ता था थैया करा सकें। उनसे कहें, नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा, कहां कदरदान हमारे जैसा मिलेगा। ये ऐसा मुख्यमंत्री चाहते हैं।’
अपने इस बयान पर हंगामा मचने के बाद सिद्धू एक बार फिर कैमरे के सामने आए और सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘पिछले 25 साल जो भी यहां सीएम रहे, वे केंद्र सरकार की धुन पर नाचते रहे, भले ही उन्हें धुन पसंद न हो। उनकी धुन पर कठपुतलियों की तरह नाचते रहे हैं और यही वो चाहते हैं। ये झूठ है, मैं रूठा हुआ नहीं था। चन्नी मेरा छोटा भाई है, मैं उससे कभी नहीं रूठा।’
सिद्धू के मीडिया सलाहकारों ने भी सफाई दी कि ‘ऊपर वाला’ कहने से उनका मतलब कांग्रेस आलाकमान से नहीं बल्कि केंद्र से था, जो एक कमजोर सीएम चाहता है।
सिद्धू पहले कई बार कह चुके हैं कि वह राजनीति में ‘शोपीस’ बनने नहीं आए। इसका मतलब है कि वह पंजाब में मुख्यमंत्री बनने आए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर उन्हें दर्शनी घोड़ा बनाया गया तो ठीक नहीं होगा। मतलब, वह बगावत कर देंगे, संन्यासी बन जाएंगे, सियासत छोड़ देंगे।
सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने 2 दिन पहले ही कह दिया था, ‘अगर हाई पोस्ट नहीं मिली तो राजनीति में रहने का क्या फायदा?’ यानी मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो सब बेकार हैं। नवजोत कौर ने यह भी कहा कि सिद्धू पहले हर घंटे 25 लाख रुपये कमाते थे, वह भी हर महीने 5 लाख रुपये कमा लेती हैं। दोनों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन अगर सिद्धू को हाई पोस्ट नहीं मिली, तो, दूसरे शब्दों में वह बगावत की तरफ इशारा कर रही थीं।