भारत ने सोमवार को दुनिया के सामने उसे बदनाम करने की चाल चलने के लिए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया। पाकिस्तान के नेताओं से लेकर फौजी हुक्मरान ने भारत को बदनाम करने की साजिश की थी। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी और पाकिस्तान की फौज ने ट्वीट और बयान जारी कर आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों को सताया जा रहा है।
ज़्यादातर पाकिस्तानी नेताओं में इस बात की होड़ मची हुई थी कि भारत के सत्तारुढ़ दल बीजेपी के 2 प्रवक्ताओं के बयान के बहाने कौन कितने ज्यादा तल्ख शब्दों में भारत पर निशाना साध सकता है। बीजेपी ने पहले ही पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए अपनी प्रवक्ता नुपूर शर्मा को सस्पेंड कर दिया, और एक अन्य प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। नुपूर शर्मा ने बाद में बिना शर्त अपना बयान वापस ले लिया और माफी भी मांग ली।
खाड़ी के देश, जिन्होंने बीजेपी प्रवक्ता के बयान पर नाराज़गी ज़ाहिर की थी, भारत सरकार की प्रतिक्रिया से संतुष्ट थे, लेकिन पाकिस्तान ने इसी मौके का फायदा उठाते हुए भारत में मुसलमानों के उत्पीड़न के बारे में झूठे आरोप लगा दिए । पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने ट्वीट किया, ‘इन अपमानजनक और विवादित बयानों ने दुनियाभर के सभी मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया है। मोदी की नफरत भरी हिंदुत्व की फिलॉसफी के तहत भारत अपने यहां के सभी अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को रौंद रहा है और उनका उत्पीड़न कर रहा है।’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं अपने प्यारे नबी के बारे में भारत के बीजेपी नेताओं के आहत करने वाले बयानों की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। मैंने यह बार-बार कहा है कि भारत की मौजूदा सरकार धार्मिक स्वतंत्रता और विशेष रूप से मुसलमानों के अधिकारों को कुचल रही है। दुनिया को इस पर ध्यान देना चाहिए और भारत को कड़ी फटकार लगानी चाहिए। हम पैगंबर से सबसे ज्यादा मोहब्बत करते हैं। सभी मुसलमान अपने नबी की मोहब्बत और इज्जत के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर सकते हैं।’
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्वीट किया, ‘हम अपने प्यारे पैगंबर मोहम्मद के बारे में बीजेपी प्रवक्ताओं की अपमानजनक टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। दुनियाभर के करोड़ों मुसलमानों के जज़्बात को ठेस पहुंचाने को स्वीकार नहीं किया जा सकता। अब वक्त आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत में ‘हिंदुत्व’ से प्रेरित इस्लामोफोबिया को रोके।’
पाकिस्तानी सेना भी इस मामले में पीछे नहीं रही। सेना के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘पाकिस्तान की फौज भारतीय अधिकारियों के ईशनिंदा वाले बयानों की कड़ी निंदा करती है। इस अपमानजनक हरकत से गहरा आघात पहुंचा है और यह साफतौर पर भारत में मुसलमानों और अन्य धर्मों के खिलाफ अत्यधिक नफरत की ओर इशारा करती है।’
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया: ‘हमारे प्यारे नबी पर यह हमला मुसलमानों के लिए सबसे दर्दनाक चीज है, जो कि उनके प्रति बहुत प्रेम और श्रद्धा रखते हैं। OIC को चाहिए कि वह मोदी के भारत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे क्योंकि दुख की बात है कि अब तक भारत को अपनी इस्लाम-विरोधी नीतियों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।’
पाकिस्तानी नेताओं के इन शातिराना ट्वीट्स का भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया इस बातकी गवाह रही है कि पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, अहमदिया सहित अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का सुनियोजित तरीके से उत्पीड़न हो रहा है। भारत सरकार सभी धर्मों के प्रति सर्वोच्च सम्मान का भाव रखती है, जबकि पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की न सिर्फ सराहना की जाती है बल्कि उनके सम्मान में स्मारक बनाए जाते हैं। बजाय इसके कि पाकिस्तान डर पैदा करने वाले प्रॉपेगैंडा में शामिल हो और भारत में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करे, ये बेहतर होगा कि वह अपने यहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एवं कुशलता पर ज़्यादा ध्यान दे।’
यह बात सही है कि नूपुर शर्मा के बयान से पाकिस्तान को एक बहाना मिल गया। नूपुर को हज़रत मोहम्मद साहब के बारे में इस तरह की बात नहीं कहनी चाहिए थी। लेकिन यह भी सही है कि बीजेपी ने तत्काल कार्रवाई की और नूपुर ने अपना बयान वापस ले लिया, खेद जताया। इसके बावजूद पाकिस्तान पिछले दो दिनों से मुस्लिम देशों में भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने में लगा है। पाकिस्तान को कभी-कभी ही ऐसा मौका मिलता है, इसलिए शहबाज शरीफ से लेकर इमरान खान तक सब मैदान में उतर गए।
हमारे विदेश मंत्रालय की यह बात सही है कि पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झाकंकर देखना चाहिए। अगर मैं यह गिनाने लगूंगा कि पाकिस्तान में अकलियतों पर किस कदर जुर्म होते हैं, यह बताना शुरू करूंगा कि हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और अहमदियों का हाल कितना बुरा है, तो घंटो लग जाएंगे।
वैसे भी पाकिस्तान के डबल स्टैंडर्ड को सारी दुनिया जानती है। अपने पड़ोस में चीन में उइगर मुसलमानों के साथ कैसा वहशियाना सलूक होता है, यह पाकिस्तान को दिखाई नहीं देता, या फिर वह सब कुछ देखकर भी अनजान बना रहता है। पाकिस्तान की परेशानी इस बात को लेकर भी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता बहुत से मुस्लिम मुल्कों में भी बढ़ी है, और हाल के वर्षों में मध्य पूर्व के देशों के साथ भारत के रिश्ते काफी बेहतर हुए हैं।