कभी कभी सुपरस्टार होना भी महंगा पड़ जाता है. अल्लू अर्जुन इसकी नयी मिसाल हैं. दक्षिण की फिल्मों के सुपरस्टार तेलंगाना की सियासत में एक मोहरा बन गए हैं. रविवार को अचानक कुछ लोग उनके घर में घुस गए, तोड़फोड़ की, टमाटर फेंके, नारे लगाए, धमकी दी. अल्लू अर्जुन के परिवार वालों ने घबराकर उनके दो छोटे छोटे बच्चों को गाड़ी में बिठाकर पिछले दरवाजे से बाहर निकाला.
‘पुष्पा-2’ के जिस सुपरहिट किरदार से पर्दे पर सब डरते हैं, असली जिंदगी में वो अल्लू अर्जुन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं. वो राजनीति में नहीं हैं. किसी राजीतिक दल का समर्थन नहीं करते, लेकिन अल्लू अर्जुन को लेकर BRS और कांग्रेस आपस में टकरा रहे हैं, उनके घर पर हुए हमले के लिए एक दूसरे पर दोष थोप कर रहे हैं. पुलिस ने 6 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया, लेकिन हैरत की बात ये है कि उन्हें तुरंत जमानत मिल गई. इसीलिए इस बात का शक हुआ कि हमला करने वालों को किसी ना किसी का हाथ तो है.
BRS ने इल्जाम लगाया कि अल्लू अर्जुन के घर पर हमला करने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के करीबी हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि ये सब BRS की चाल है. उनका दावा है कि अल्लू अर्जुन के घर पर हमला BRS के नेताओं ने करवाया और इल्जाम कांग्रेस पर लगाया. सरकार कांग्रेस की है. पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है. लेकिन सवाल ये है कि अल्लू अर्जुन के पीछे कौन पड़ा है? वो कौन है जिसकी अल्लू अर्जुन से दुश्मनी है? ‘पुष्पा-2’ के प्रीमयर के वक्त जो भगदड़ हुई, उसमें एक महिला की मौत कोई सियासी मसला नहीं है. ये मामला कोर्ट में हैं. जिस महिला की मौत हुई उसके पति ने कह दिया कि उस हादसे में अल्लू अर्जुन की कोई गलती नहीं है. तो फिर अल्लू अर्जुन को लेकर इस तरह की सियासत क्यों हो रही है? वो कौन है जो अल्लू अर्जुन को निशाना बना रहा है? अल्लू अर्जुन के घर पर तोड़फोड़ करने वाले कौन है?
BRS ने इल्जाम लगाया कि अल्लू अर्जुन के घर पर हमला करने वाले कांग्रेसी हैं, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के करीबी हैं. BRS के दावों का BJP के नेताओं ने भी समर्थन किया, लेकिन कांग्रेस की तरफ से दावा किया गया कि अल्लू अर्जुन के घर पर हमला करने वाले उस्मानिया यूनिवर्सिटी ज्वाइंट एक्शन कमेटी से जुड़े हैं, उनका संबंध BRS से हैं. पुलिस ने कहा हंगामा करने वाले सभी 6 आरोपी उस्मानिया यूनिवर्सिटी के छात्र हैं, ये सभी यूनिवर्सिटी की ज्वाइंट एक्शन कमेटी से जुड़े हैं. कोई इसका अध्यक्ष है, कोई उपाध्यक्ष तो कोई प्रवक्ता है. लेकिन पुलिस ने ये नहीं बताया कि अल्लू अर्जुन के घर के बाहर हंगामा करने के केस में आरोपी नंबर वन रेड्डी श्रीनिवास विकाराबाद जिल में रेवंत रेड्डी के चुनावक्षेत्र का रहने वाला है. BRS के नेताओं का कहना है रेड्डी श्रीनिवास ने 2019 में कांग्रेस के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुका है. रेड्डी श्रीनिवास ने एक वीडियो 4 दिसम्बर को पोस्ट किया, जिसमें वो यूथ कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाये जाने पर पार्टी के नेताओं का शुक्रिया अदा कर रहा है. जवाब में कांग्रेस के नेताओं ने BRS के नेता के. टी. रामाराव के साथ रेड्डी श्रीनिवास की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी. .इस फोटो में रेड्डी श्रीनिवास ने BRS का गमछा डाल रखा है.
विधानसभा में अकबरूद्दीन ओबैसी और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने अल्लू अर्जुन के खिलाफ बयानबाजी की. अकबरूद्दीन ओबैसी ने इल्जाम लगाया कि अल्लू अर्जुन को भगदड़ में महिला की मौत की जानकारी दे दी गई थी, तो वो सिनेमाहॉल से बाहर नहीं आए और यहां तक कहा कि अब पिक्चर और ज्यादा हिट होगी. अल्लू अर्जुन ने तुरंत इस आरोप का खंडन किया और इसे चरित्रहनन की कोशिश बताया.
CM रेवंत रेड्डी के करीबी लोगों ने बताया कि CM ने पीड़ित परिवार के लिए ताउम्र मदद देने का संदेश अल्लू अर्जुन तक पहुंचाया है. इसके तहत 2 करोड़ रूपये का फंड बनाकर श्री तेजा ट्रस्ट’ की स्थापना की जाएगी. इसमें अल्लू अर्जुन 1 करोड़ रूपये देंगे, निर्देशक सुकुमार 50 लाख रूपये औऱ प्रोड्यूसर मैत्री मूवीज़ 50 लाख रूपये का योगदान करेंगे. ट्रस्ट की मदद से पीड़ित परिवार को बेहतर चिकित्सा देखभाल और शिक्षा दिलवायी जाएगी.
इस समय अल्लू अर्जुन साउथ के सबसे बड़े सुपरस्टार हैं. उनकी फिल्म ‘पुष्पा 2’ ने डेढ़ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार करके सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. ऐसे सुपरस्टार से दुश्मनी कौन मोल लेगा? उनके घर पर हमला कौन करवाएगा? ये एक रहस्य है लेकिन एक बात साफ है कि अल्लू अर्जुन को पूरी प्लानिंग के साथ इस मामले में फंसाया गया. उन्हें ये समझाया गया कि पर्दे पर हीरो होना एक बात है, लेकिन असली जिंदगी में हीरो को जीरो बनाया जा सकता है.
इस पूरे मामले की क्रोनोलॉजी को समझिए. फिल्म के प्रीमियर के वक्त जो मौत हुई, वो दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन अल्लू अर्जुन का इसमें कोई सीधे सीधे कोई हाथ नही था. फिर भी घटना के एक हफ्ते के बाद अचानक हैदराबाद पुलिस सक्रिय हुई, अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया गया, लोअर कोर्ट ने उन्हें 14 दिन के लिए जेल भेजा, हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी अल्लू अर्जुन को रातभर जेल में रखा गया. इसीलिए ये साफ है कि ये मामला उतना सीधा नहीं है जितना दिखाई देता है.
विधानसभा में जिस तरह से पहले अकबरूद्दीन ओबैसी ने अल्लू अर्जुन पर महिला की हत्या का इल्जाम लगाया, जिस तरह से सीएम रेवंत रेड्डी ने अल्लू अर्जुन पर निशाना लगाया, उसने इस शक को और बढ़ा दिया. और फिर अल्लू अर्जुन के घर पर हमला हुआ, इसको लेकर भी सियासत हुई. उससे ये साफ हो गया है कि कोई तो है जो अल्लू अर्जुन से पुराना स्कोर सैटल कर रहा है.
सवाल ये है कि रेवंत रेड्डी खुलकर अल्लू अर्जुन के खिलाफ क्यों बोले? अल्लू अर्जुन पर क्रिमिनल केस क्यों हुआ? उनके घर पर हमला किसने करवाया? इन सारे मामलों में उंगलियां रेवंत रेड्डी की तरफ उठ रही हैं. ये कोई नहीं जानता कि रेवंत रेड्डी की अल्लू अर्जुन से नाराजगी क्या है, लेकिन अब लगता है कि ट्रस्ट बनने के बाद मामला सुलझ जाएगा, अल्लू अर्जुन की मुश्किलें कम होंगी. लेकिन ये सवाल बना रहेगा कि क्या वाकई में मुख्यमंत्री सुपरस्टार के पीछे पड़े हैं? क्या इसके पीछे कोई निदी दुश्मनी है? या कोई पुराना झगड़ा? कुछ तो है जिसे छुपाया जा रहा है. कुछ तो है जो पर्दे के पीछे है.