बारह दिन की बमबारी के बाद ईरान और इज़रायल के बीच जंग रुक गई. तेहरान, तेल अवीव और दूसरे तमाम शहरों में लोग बंकरों से बाहर निकल आए. न ईज़रायल के विमान बम बरसा रहे हैं, और न ईरान मिसाइलों की बौछार कर रहा है. मध्य पूर्व में एयर स्पेस अब खुल गए हैं. अन्तरराष्ट्रीय विमान सेवाएं फिर से शुरु हो गई हैं.
जंग के कारण मध्य पूर्व पर जो खतरा मंडरा रहा था, वो अब टल गया है. इस युद्धविराम का पूरा श्रेय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लिया. ईरान और इजराइल दोनों को थैक्यू कहा लेकिन जंगबंदी के एलान के बाद ईरान इजराइल युद्ध को लेकर कई सवाल उठे हैं.
युद्धविराम के ऐलान से ठीक पहले ईरान ने क़तर में अमेरिकी एयरबेस पर हमला क्यों किया? इस हमले से पहले ईरान ने अमेरिका को जानकारी क्यों दी? इसके लिए ट्रंप ने ईरान को शुक्रिया क्य़ों कहा?
अब सवाल ये भी है कि अमेरिका ने ईरान के तीन ऐटमी ठिकानों को निशाना बनाया लेकिन ईरान का कहना है कि उसके enriched uranium को कोई नुकसान नहीं हुआ. उसका दावा है उसने इन ठिकानों से एटमी बम ग्रेड वाले यूरेनियम को पहले ही हटा लिया था.
इसी तरह जब ईरान ने अमेरिकी बेस पर हमला किया तो अमेरिका ने 13 की 13 मिसाइल्स को हवा में मार गिराया क्योंकि उसके पास पहले से सूचना थी. तो क्या दोनों के बीच मैच फिक्स था? सिर्फ posturing हो रही थी?
एक और सवाल ये भी हैं कि युद्धविराम को एलान हो गया तो ट्रंप ने ये क्यों कहा कि सीजफायर छह घंटे के बाद लागू होगा? क्या वह ईरान और इजराइल दोनों को हिसाब बराबर करने का मौका देना चाहते थे? एक प्रश्न ये भी उठा. ट्रंप ने इजराल के रुख पर नाराजगी जाहिर क्यों की? ईरान और इजरायल दोनों पर युद्धविराम के उल्लंघन का इल्जाम क्यों लगाया? क्या ये सब ड्रामा था?
ईरान में सत्ता परिवर्तन की संभावना के सवाल पर ट्रंप ने फिर यू-टर्न लिया. कल तक ट्रंप दावा कर रहे थे मिडिल ईस्ट में शान्ति के लिए ईरान में सत्ता परिवर्तन को जरूरी बता रहे थे, लेकिन मंगलवार को ट्रंप ने कहा कि ईरान में हुकूमत बदलने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है, इससे अशान्ति पैदा होगी. ट्रंप ने कहा कि अब ईरान कभी परमाणु बम नहीं बना सकता, अमेरिका ने ईरान के परमाणु प्रोग्राम को खत्म कर दिया है, अब ईरान बड़ा ट्रेडिंग पावर बनेगा, इसलिए ईरान में सत्ता परिर्तन की कोई जरूरत नहीं है.
पिछले बारह दिनों में ट्रंप ने जिस तरह बार-बार यू टर्न लिया, उससे क्या ये नहीं लगता कि अमेरिका के ईरान पर हमले की स्क्रिप्ट पहले से लिख ली गई थी? ईरान का क़तर में अमेरिका के बेस पर हमला भी स्क्रिप्टेड था.
इजरायल खुश कि अमेरिका ने ईरान के यूरेनियम को तबाह कर दिया. ईरान खुश कि उसने अमेरिका के बेस पर हमला करके बदला ले लिया. अमेरिका खुश कि उसके कहने पर इज़रायल और ईरान ने सीज़फायर कर दिया, लेकिन इस हैप्पी एंडिंग फिल्म के कुछ सीन सवाल उठाते हैं.
अमेरिका ने ईरान के जिन ऐटमी ठिकानों पर सबसे शक्तिशाली बम बरसाए, उसके बारे में ईरान को पहले से पता था. ईरान का दावा है कि उसने ऐटम बम बनाने का सामान पहले ही हटा दिया था. ईरान ने क़तर में अमेरिका पर जब मिसाइल फायर किए, तो हर मिसाइल को हवा में मार गिराया गया. एक मिसाइल इंटरसेप्ट नहीं हुई, वो भी वीराने में जाकर गिरी.
अमेरिका या क़तर को कोई नुकसान नहीं हुआ. ज़ाहिर है कि अमेरिका को पहले से पता था कि ईरान मिसाइल कब और कहां फायर करेगा. इसलिए अमेरिकन बेस से विमान और गोलाबारूद पहले ही हटा लिए गए थे.
अब तो ऐसा लगता है कि सीजफायर भी पहले से तय था. तो क्या सब अपने अपने मुल्क को दिखाने के लिए, अपने लोगों को बहलाने के लिए ड्रामा कर रहे थे? ये कहना बहुत मुश्किल है लेकिन जिस तरह से ये युद्ध चला और बंद हुआ, उसको लेकर बहुत सारे सवाल बाकी हैं.
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को जवाब क्यों नहीं दिया ?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया, चुनाव आयोग पर आरोप लगाए. राहुल ने गांधी ने ट्विटर पर लिखा कि नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच 8 परसेंट वोटर बढ़ गए. यहां से देवेंद्र फडणवीस चौथी बार चुनाव जीते हैं. राहुल ने लिखा कि मुख्यमंत्री की सीट पर कुछ बूथों पर वोटर्स की संख्या 20 से लेकर 50 परसेंट तक बढ़ गई. राहुल ने एक वेबसाइट की रिपोर्ट का हवाला देते हुआ आरोप लगाया कि हजारों वोटर्स ऐसे थे जिनके पते वेरिफाई नहीं हो पाए, ये वोट की चोरी है और चुनाव आयोग इस पर खामोश है.
मुख्यमंत्री फडणवीस ने राहुल गांधी को करारा जवाब देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में 25 से ज्यादा ऐसे चुनावक्षेत्र हैं जहां लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 8 परसेंट से ज्यादा वोटर बढ़े. इनमें से कई जगह विपक्ष की पार्टियों के उम्मीदवार जीते. फडनवीस ने नागपुर वेस्ट और नागपुर नॉर्थ सीट का उदाहरण दिया. कहा कि इन दोनों सीटों पर 7 परसेंट वोटर बढ़े और वहां कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई. फडणवीस ने कहा, पुणे की वड़गांव शेरी सीट में 10 परसेंट वोट बढ़ा, वहां शरद पवार की पार्टी के बापू साहेब पठारे जीते. मुंब्रा में 9 परसेंट वोटर बढ़ा, जितेंद्र आव्हाड की जीत हुई.
फडणवीस ने राहुल को सलाह दी कि ट्वीट करने से पहले उन्हें कम से कम महाराष्ट्र में अपनी पार्टी के नेताओं से बात कर लेनी चाहिए थी तो इतनी फजीहत नहीं होती. फडणवीस ने कहा कि राहुल को झूठ बोलने की आदत है, लेकिन झूठ बोले कौवा काटे, काले कौवे से डरियो.
राहुल गांधी वोटर लिस्ट में धांधली का इल्जाम पिछले डेढ़ साल से लगा रहे हैं. चुनाव आयोग तीन बार इन आरोपों का विस्तार से जबाव दे चुका है. लेकिन राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की चिट्ठी का कोई जबाव नहीं दिया. राहुल ने अब देवेन्द्र फणनवीस की सीट की वोटर लिस्ट का हवाला देकर एक बार फिर वही इल्जाम लगाए. लेकिन हकीकत ये है कि वोटर सिर्फ मुख्यमंत्री के चुनावक्षेत्र में नहीं बढ़े, उन सीटों पर भी बढ़े जहां कांग्रेस के उम्मीदवार जीते.
इसलिए ऐसा लगता है कि राहुल गांधी जानबूझ कर चुनाव आयोग पर कीचड़ उछालना चाहते हैं, लोकतन्त्र को बदनाम करना चाहते हैं, ये अच्छा नहीं हैं.