Rajat Sharma

देश में कोरोना की तीसरी लहर, अत्यंत सावधान रहें

akbनए साल 2022 की शुरुआत कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के खतरे से हुई है। पिछले साल कोरोना के जिस दुश्मन को हम सबने मिलकर हराया था, नए साल में वह वायरस फिर सिर उठाने लगा है। एक बार फिर से कोरोना की रफ्तार बहुत तेज हो गई है। पांच दिन पहले तक देश में हर दिन 10 हजार से कम केस मिल रहे थे, लेकिन सोमवार को कोरोना के करीब 34 हजार नए मामले सामने आए। कई शहरों में पॉजिटिविटी की दर 5 फीसदी के स्तर को पार कर गई है, जिसे खतरनाक माना जा रहा है। राजधानी दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 6 प्रतिशत से ज्यादा है, मुंबई में यह 8 प्रतिशत से ज्यादा और गोवा में 11 प्रतिशत है। यानि अगर सौ लोगों के टेस्ट हो रहे हैं तो उनमें से 11 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।

यह हाल तब है जब बहुत से लोग खांसी, जुकाम, बुखार को सामान्य वायरल फीवर मानकर आरटी-पीसीआर टेस्ट ही नहीं करा रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में कोरोना के मरीजों की संख्या, रिपोर्ट हो रही संख्या से कहीं ज्यादा है। अब तक देश में कोरोना के करीब डेढ़ लाख एक्टिव केस हैं और इनमें से ओमिक्रॉन वैरिएन्ट के मामले सिर्फ 17 सौ हैं।

जिस तेजी से कोरोना के मामले रफ्तार पकड़ रहे हैं, वह हैरान करनेवाला है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान देश में कोरोना के 33 हज़ार 750 नए केस सामने आए और 123 लोगों की मौत हो गई। चिंता की बात यह है कि कोरोना की रफ्तार सिर्फ दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में ही नहीं बढ़ी बल्कि भोपाल, लखनऊ, जयपुर, पटना, अहमदाबाद, हैदराबाद, सूरत, गांधीनगर, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, चंड़ीगढ़, हर शहर में कोरोना की स्पीड खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। यह वायरस तेजी से लोगों को संक्रमण की चपेट में लेता जा रहा है। वायरस की रफ्तार का अंदाजा इसी से लगा सकता हैं कि आईआईटी खड़गपुर में 31 स्टूडेंट्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, पटना के एनएमसीएच अस्पताल में डॉक्टर्स और अन्य मेडिकल कर्मियों समेत 96 लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक अटैन्डेंस पर रोक लगा दी है, क्योंकि इन मशीनों के इस्तेमाल से वायरस का संक्रमण तेजी से फैल सकता है। केंद्र और दिल्ली सरकार के दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति कम कर दी गई है।

सोमवार की रात अपने प्राइम टाइम शो ‘आज की बात’ में हमने आपको गोवा के प्रसिद्ध बागा बीच का दृश्य दिखाया जहां नए साल का जश्न मनाने के लिए भारी भीड़ जुटी थी। बागा बीच पर्यटकों के लिए गोवा का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल है। नए साल के जश्न के चक्कर में सारे लोग कोरोना के खतरे को भूल गए और हज़ारों लोग बागा बीच पहुंच गए। भीड़ में कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ गईं। दो गज की दूरी तो बहुत दूर की बात है यहां तो दो इंच की दूरी भी नहीं थी। ठीक इसके बाद गोवा में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे। इसी तरह करीब दो हजार से ज्यादा लोगों को लेकर मुंबई से गोवा पहुंचे कॉर्डेलिया लग्जरी क्रूज शिप के मुसाफिरों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस क्रूज में सवार कई लोग कोविड पॉजिटिव पाए गए। ठीक इसी तरह पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार कार्यक्रम से जुड़े कई कर्मचारियों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मच गया।

मुंबई भी फिर से कोरोना महामारी का एपीसेंटर बन गया है। पिछले 24 घंटे के दौरान यहां कोरोना के 8 हजार 82 नए मामले सामने आए हैं। कोरोना के करीब 500 मरीज विभिन्न अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, इनमें से करीब 56 मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। जॉन अब्राहम और प्रेम चोपड़ा सहित कई फिल्मी सितारे भी कोरोना की चपेट में आए हैं। इन फिल्मी सितारों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़कर 4,099 हो गए हैं। यहां कोरोना के 84 प्रतिशत मामलों में ओमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया। दिल्ली में 11 हजार से ज्यादा एक्टिव मामले हैं जबकि सिर्फ 202 लोगों को ही अस्पताल में भर्ती करना पड़ा है।

कोरोना महामारी की तीसरी लहर जिस रफ्तार से बढ़ रही है वह चिंताजनक है। महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना के केसेज की सुनामी आ सकती है। वहीं दिल्ली में भी रोज 50 हजार तक नए मामले आने की आशंका है। केन्द्र सरकार का अनुमान है कि जिस रफ्तार से केस बढ़ रहे हैं अगर उसी रफ्तार से बढ़ते रहे तो देश में रोजाना 14 लाख तक कोरोना के नए मामले आ सकते हैं। यह आंकड़ा कितना खतरनाक है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पिछली लहर में कोरोना के एक दिन में सबसे ज्यादा मामले पिछले साल 21 अप्रैल को आए थे। उस दिन चौबीस घंटे का आंकड़ा 4 लाख 14 हजार था। लेकिन इस बार यह संख्या कई गुना अधिक होने की आशंका है। अब जबकि केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से पाबंदियां लगाई जा रही हैं, लोगों को अलर्ट रहना होगा और भीड़ में शामिल होने से बचना होगा। फिलहाल भारत में रूस, इंग्लैंड, अमेरिका, इटली और फ्रांस जैसे देशों की तुलना में हालात नियंत्रण में है।

डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन कम खतरनाक हो सकता है, लेकिन इसके फैलने की रफ्तार बहुत तेज है। यह वेरिएंट बिजली की रफ्तार से फैलता है। चूंकि इस संक्रमण में लक्षण हल्के होते हैं इसलिए आमतौर पर लोग टेस्ट कराने से बचते हैं। कई लोगों में संक्रमण के बावजूद कोई लक्षण नहीं उभरता है। इस तरह से यह वायरस बिजली की गति से एक से दूसरे में फैल रहा है।

सावधानी ही इसकी एकमात्र दवा है क्योंकि कोरोना वायरस के इलाज की फिलहाल कोई दवा उपलब्ध नहीं हैं। सोमवार को जब 15 से 18 साल की उम्र के लोगों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई तो इस आयुवर्ग के लोगों के बीच काफी उत्साह देखा गया। करीब 40 लाख किशोरों ने वैक्सीन ली। हमें यह याद रखना चाहिए कि वैक्सीन हमारा सुरक्षा कवच है। वैक्सीन लगी होगी तो कोरोना आपको छूकर निकल जाएगा और आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा। एक बात और, जिन लोगों ने वैक्सीन लगवा ली, वे लोग लापरवाही न बरतें क्योंकि वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है।

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