Rajat Sharma

कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं ममता बनर्जी

AKBपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर गैर-बीजेपी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश शुरू कर दी है। उन्होंने सभी गैर-एनडीए मुख्यमंत्रियों और सीनियर विपक्षी नेताओं को चिट्ठी लिखी है। अपनी चिट्ठी में ममता बनर्जी ने सभी विपक्षी दलों को एक बैठक बुलाने का सुझाव दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘विपक्षी नेताओं को दबाने के इरादे से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है’। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘न्यायपालिका के एक खास वर्ग को प्रभावित करने की कोशिश की गई है।’

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी इन दिनों मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। ममता ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि वह ‘बीजेपी की बदले की राजनीति को बर्दाश्त नहीं कर सकती जिसमें चुन-चुनकर लोगों को शिकार बनाया जा रहा है।’ उन्होंने कांग्रेस समेत सभी ‘प्रगतिशील ताकतों’ से यह अपील की है कि वे एकजुट होकर ‘बीजेपी के दमनकारी शासन’ के खिलाफ लड़ाई में शामिल हों।

ममता बनर्जी ने लिखा, ‘चुनाव आने पर ही केंद्रीय एजेंसियां हरकत में आ जाती हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि बीजेपी शासित राज्यों को उनके खोखले शासन की एक गुलाबी तस्वीर दिखाने के लिए इन एजेंसियों से मुफ्त में एक पास मिल जाता है… ईडी, सीबीआई, सीवीसी और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल प्रतिशोध के तहत देश भर में राजनीतिक विरोधियों को परेशान करने और उन्हें घेरने के लिए किया जा रहा है। यह कुछ और नहीं बल्कि देश के संस्थागत लोकतंत्र के ताने-बाने पर सीधा हमला है।’

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे ममता बनर्जी की चाल बताया। उन्होंने कहा बताया कि ममता बीरभूम नरसंहार की चल रही सीबीआई जांच से ध्यान बंटाने की कोशिश कर रही हैं । बीरभूम में 9 लोगों की जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई थी। संबित ने कहा, ‘पार्टी की अंदरूनी लड़ाई में 9 लोगों की मौत से पश्चिम बंगाल में व्याप्त अराजकता एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है और ममता बनर्जी अपनी पार्टी के नेताओं द्वारा अपराधियों को खुले तौर पर दिए जा रहे संरक्षण से ध्यान बंटाने की कोशिश कर रही हैं।’

ममता बनर्जी ने भी अपनी ओर से सोमवार को आरोप लगाया कि बीरभूम हत्याकांड के पीछे एक साजिश है, इसकी जांच सीबीआई को सौंपना एक अच्छा फैसला था, लेकिन अगर सीबीआई बीजेपी के आदेश का पालन करती है तो फिर इसके विरोध में सड़कों पर उतरेंगे। इन हत्याओं को लेकर ममता बनर्जी ने कहा, ‘एक तृणमूल कार्यकर्ता की हत्या दूसरे तृणमूल कार्यकर्ता द्वारा कर दी गई लेकिन हर जगह केवल तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की जा रही है।’

ममता की कही बातें उनकी अपनी पार्टी के नेताओं की बातों से ही मेल नहीं खाते। मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायल हुआ जिसमें पंडावेश्वर विधानसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस के विधायक नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती बीजेपी समर्थकों से ‘अपने रिस्क पर मतदान करने’ की बात कह रहे हैं। दरअसल आसनसोल लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है और12 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इस वीडियो में नरेन्द्र नाथ चक्रवर्ती बीजेपी वोटर्स से कह रहे थे कि पोलिंग बूथ पर गए तो दिक्कत होगी। वीडियो में चक्रवर्ती को यह कहते हुए सुना गया, ‘हमें चुनाव जीतने के लिए हर वोट से 40 और वोट चाहिए। लोगों को वोट करने दीजिए, लेकिन आप वोट देने जाओगे तो हम समझ लेंगे कि आप बीजेपी को वोट दोगे। वोट के बाद आप कहां रहोगे ये आपका रिस्क है। और अगर वोट देने नहीं जाओगे तो हम समझ लेंगे कि आप हमारा समर्थन कर रहे हो। आप चैन से अपने घर में रहो।’

यह आरोप नहीं है। कैमरे पर धमकी देने के लिए विधायक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। अब आप सोच रहे होंगे विधायक धमकी क्यों दे रहे हैं जबकि बंगाल में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं और टीएमसी ने अपनी सत्ता बरकरार रखी है? दरअसल, आसनसोल में उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को वोटिंग होगी। ममता बनर्जी ने आसनसोल से शत्रुघ्न सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से बाबुल सुप्रियो बीजपी के टिकट पर लगातार दो चुनाव जीते थे। अब बाबुल सुप्रियो बीजेपी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और बालीगंज से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े रहे हैं।

बाबुल सुप्रियो दो बार, 2014 और 2019 में आसनसोल लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने 1 लाख 90 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। आसनसोल में बीजेपी का अच्छा जनाधार है और इसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है। लेकिन अब ममता इसे किसी भी कीमत पर जीतना चाहती हैं, इसलिए उनकी पार्टी के नेता हर तरह के दांव अपना रहे हैं। मतदाताओं को धमकी देने के आरोपों को लेकर मंगलवार को बंगाल बीजेपी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शिकायत दर्ज कराने चुनाव आयोग पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल चाहता था कि चुनाव आयोग टीएमसी विधायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।

अब मैं आपको नरेन्द्र नाथ चक्रवर्ती का बैकग्राउंड भी बता देता हूं। नरेन्द्र नाथ चक्रवर्ती के खिलाफ गंभीर आरोपों में कई केस दर्ज हैं। 2016 में नरेंद्र नाथ चक्रवर्ती को कोलकाता के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बिना लाइसेंस की लोडेड गन के साथ पकड़ा गया था। पुलिस ने उन्हें आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। नरेन्द्र नाथ चक्रवर्ती का अपने इलाके में खौफ है और लोग उनके नाम से डरते हैं।

मंगलवार को बीजेपी सांसद रूपा गांगुली ने एक चौंकाने वाली बात बताई । रूपा गांगुली ने कहा कि बंगाल में ममता ठप्पा कल्चर चला रही हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता अपनी पार्टी के कैडर का वोट भी खुद ही डालते हैं। अपनी ही पार्टी के लोगों को पोलिंग बूथ पर जाने से रोकते हैं क्योंकि उन्हें उनपर भी यकीन नहीं है।

इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकड़ ने चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राजभवन बुलाया है। बंगाल में बढ़ती हिंसा और बिगड़ती कानून व्यवस्था पर राज्यपाल मुख्यमंत्री से बात करना चाहते हैं। धनकड़ ने इस चिट्ठी में ममता बनर्जी के उस बयान पर चिंता जताई, जिसमें उन्होंने बीरभूम की घटना की सीबीआई जांच के विरोध में सड़क पर उतरने की बात कही थी। धनकड़ ने कहा कि सीबीआई जांच के आदेश हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए और हाईकोर्ट की निगरानी में ही जांच जारी है इसके बावजूद इसका विरोध किया जा रहा है। धनकड़ ने लिखा है कि बंगाल की कानून व्यवस्था कमजोर है और इस तरह के बयान माहौल को और खऱाब करते हैं।

ममता की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होती हैं। मंगलवार को ममता के लिए एक और बुरी खबर आई। ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी पर ईडी का शिकंजा और कस गया है। ईडी ने खनन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अभिषेक बनर्जी को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए। अब ईडी ने यह संकेत दिया कि सम्मन के बावजूद पेश नहीं होने पर वह अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग केस में अभिषेक और उनकी पत्नी रुजीरा सह-आरोपी हैं इसलिए दोनों को पूछताछ के लिए पेश होना पड़ता है। दोनों ने दिल्ली हाईकोर्ट से यह अनुरोध किया था कि वह ईडी को यह निर्देश दे कि उनसे दिल्ली के बजाय कोलकाता के दफ्तर में पूछताछ की जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने 11 मार्च को दोनों की याचिका खारिज कर दी। अब दोनों ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

अभिषेक बनर्जी से ईडी के अफसरों ने 21 मार्च को करीब 8 घंटे तक पूछताछ की थी और अब तीसरे दौर की पूछताछ के लिए सम्मन जारी किया है। दो दौर की पूछताछ में अभिषेक की पत्नी रुजिरा ईडी के सामने पेश नहीं हुई थीं। रिपोर्ट के मुताबिक जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में ईडी इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है।

करीब 1300 करोड़ रुपये के कोयला खनन घोटाले में सीबीआई ने टीएमसी नेता विनय मिश्रा को भी आरोपी बनाया है। इस घोटाले का सरगना विनय मिश्रा इन दिनों फरार चल रहा है। विनय के खिलाफ आसनसोल की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 17 मार्च को गैर-जमानती वारंट जारी किया है। ऐसी खबरें हैं कि वह दक्षिण प्रशांत द्वीप वनातु में छिपा हुआ है। दिसंबर 2021 में विनय मिश्रा ने दुबई के दूतावास में यह कहते हुए अपना भारतीय पार्सपोर्ट सरेंडर कर दिया था कि उसे वनातु की नागरिकता मिल गई है। सीबीआई ने विनय मिश्रा के प्रत्यर्पण के लिए इंटरपोल के जरिए कार्रवाई शुरू की है।

सीबीआई सूत्रों का कहना है कि इस कोयला खनन घोटाले के बेहिसाब पैसे का एक बड़ा हिस्सा बंगाल के कुछ ताकतवार नेताओं तक पहुंचा है। विनय मिश्रा अभिषेक बनर्जी का करीबी है जबकि विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा को गिरफ्तार किया जा चुका है। सूत्रों के मुताबिक अभिषेक बनर्जी को डर है कि इस केस में उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है इसीलिए वह ईडी के सामने पेश होने से बच रहे हैं।

ममता मुसीबतों से घिर चुकी हैं और इसलिए अब उन्होंने सभी गैर-एनडीए मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ विपक्षी नेताओं को चिट्ठी भेजी है। उन्होंने बीजेपी के खिलाफ सभी विरोधी दलों से एकजुट होने की अपील की है। केवल शरद पवार ने उनकी अपील का समर्थन किया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी ममता के प्रस्तावित विपक्षी खेमे में शामिल होने के लिए अपना झुकाव दिखाया है। जबकि अन्य दलों की ओर से अभी कोई रिएक्शन नहीं आया है।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को कहा, ‘ममता बनर्जी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। उनकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। वह कभी कांग्रेस को खत्म करने की बात कहती हैं तो कभी कांग्रेस से समर्थन मांगती हैं, इसलिए ममता से दूरी ही भली।’ कांग्रेस के एक अन्य नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, ‘जब चुनाव आते हैं तो ममता मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ने की बात भूल जाती हैं और जब ममता मुसीबत में होती हैं तो उन्हें विपक्ष की एकता याद आती है।’

कुल मिलाकर कहें तो पश्चिम बंगाल में भारी बहुमत से चुनाव जीतने के बावजूद ममता बनर्जी की दिक्कतें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं। एक तरफ सीबीआई है जो बीरभूम की जांच कर रही है तो दूसरी तरफ ईडी है जो ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी की जांच कर रही है। वहीं तीसरी ओर प्रो एक्टिव गवर्नर जगदीप धनकड़ हैं जो हर वक्त ममता बनर्जी पर लगाम लगाने की कोशिश में लगे रहते हैं। बची-खुची कसर ममता की पार्टी के नेता अपनी बयानबाजी से पूरी कर देते हैं। कोई मारकाट और खून-खराबे को जायज ठहराता है तो कोई बीजेपी को वोट देने वालों को सरेआम धमकी देता है।

ममता बनर्जी इन सब चीजों को संभाल सकती हैं लेकिन इनका एक बड़ा नुकसान उनके नेशनल कैंपेन को हुआ है। बंगाल में बीजेपी को हराने के बाद ममता बनर्जी ऐसे लीडर के तौर पर उभरी थीं जो मोदी के खिलाफ सारे विरोधी दलों को लीड कर सकती हैं लेकिन अब लगता है कि पहले उन्हें बंगाल संभालना होगा। वहीं, पंजाब में जीत के बाद अब केजरीवाल को लगता है कि मोदी का नेशनल चैंलेंजर तो उन्हें होना चाहिए क्योंकि उनके पास दो-दो स्टेट है। वहीं एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने मंगलवार को यह पुष्टि की कि उन्हें ममता की चिट्ठी मिली है। उन्होंने कहा, ‘हम इस मुद्दे से जुड़े हैं। हमें बैठक के लिए जगह और तारीख तय करनी है। यह बैठक दिल्ली या मुंबई में हो सकती है।’ वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल के सुप्रीमो नवीन पटनायक ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई चिट्ठी नहीं मिली है।

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